< يَشُوع 17 >

وَكَانَتِ ٱلْقُرْعَةُ لِسِبْطِ مَنَسَّى، لِأَنَّهُ هُوَ بِكْرُ يُوسُفَ. لِمَاكِيرَ بِكْرِ مَنَسَّى أَبِي جِلْعَادَ، لِأَنَّهُ كَانَ رَجُلَ حَرْبٍ، وَكَانَتْ جِلْعَادُ وَبَاشَانُ لَهُ. ١ 1
और मनस्सी के क़बीले का हिस्सा पर्ची डालकर यह ठहरा। क्यूँकि वह यूसुफ़ का पहलौठा था, और चूँकि मनस्सी का पहलौठा बेटा मकीर जो जिल'आद का बाप था जंगी मर्द था इसलिए उस को जिल'आद और बसन मिले।
وَكَانَتْ لِبَنِي مَنَسَّى ٱلْبَاقِينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ. لِبَنِي أَبِيعَزَرَ وَلِبَنِي حَالَقَ، وَلِبَنِي أَسْرِيئِيلَ، وَلِبَنِي شَكَمَ، وَلِبَنِي حَافَرَ، وَلِبَنِي شَمِيدَاعَ، هَؤُلَاءِ هُمْ بَنُو مَنَسَّى بْنِ يُوسُفَ، ٱلذُّكُورُ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ. ٢ 2
इसलिए यह हिस्सा बनी मनस्सी के बाक़ी लोगों के लिए उनके घरानों के मुताबिक़ था या'नी बनी अबी'अएज़र और बनी ख़लक़ और बनी इसरीएल और बनी सिकम और बनी हिफ़्र और बनी समीदा' के लिए, यूसुफ़ के बेटे मनस्सी के फ़र्ज़न्द — ए — नरीना अपने अपने घराने के मुताबिक़ यही थे।
وَأَمَّا صَلُفْحَادُ بْنُ حَافَرَ بْنِ جِلْعَادَ بْنِ مَاكِيرَ بْنِ مَنَسَّى فَلَمْ يَكُنْ لَهُ بَنُونَ بَلْ بَنَاتٌ. وَهَذِهِ أَسْمَاءُ بَنَاتِهِ: مَحْلَةُ وَنُوعَةُ وَحُجْلَةُ وَمِلْكَةُ وَتِرْصَةُ. ٣ 3
और सिलाफ़िहाद बिन हिफ्र बिन जिल'आद बिन मकीर बिन मनस्सी के बेटे नहीं बल्कि बेटियाँ थी और उसकी बेटियों के नाम यह हैं, महलाह और नू'आह और हुजला और मिलकाह और तिरज़ाह।
فَتَقَدَّمْنَ أَمَامَ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ وَأَمَامَ يَشُوعَ بْنِ نُونَ وَأَمَامَ ٱلرُّؤَسَاءِ وَقُلْنَ: «ٱلرَّبُّ أَمَرَ مُوسَى أَنْ يُعْطِيَنَا نَصِيبًا بَيْنَ إِخْوَتِنَا». فَأَعْطَاهُنَّ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ نَصِيبًا بَيْنَ إِخْوَةِ أَبِيهِنَّ. ٤ 4
इसलिए वह इली'एलियाज़र काहिन और नून के बेटे यशू'अ और सरदारों के आगे आकर कहने लगीं कि ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था कि वह हमको हमारे भाईयों के बीच मीरास दे चुनाँचे ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ उस ने उनके भाईयों के बीच उनको विरासत दी।
فَأَصَابَ مَنَسَّى عَشَرُ حِصَصٍ، مَا عَدَا أَرْضَ جِلْعَادَ وَبَاشَانَ ٱلَّتِي فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ. ٥ 5
इसलिए मनस्सी को जिल'आद और बसन के मुल्क को छोड़ कर जो यरदन के उस पार है दस हिस्से और मिले।
لِأَنَّ بَنَاتِ مَنَسَّى أَخَذْنَ نَصِيبًا بَيْنَ بَنِيهِ، وَكَانَتْ أَرْضُ جِلْعَادَ لِبَنِي مَنَسَّى ٱلْبَاقِينَ. ٦ 6
क्यूँकि मनस्सी की बेटियों ने भी बेटों के साथ मीरास पाई और मनस्सी के बेटों को जिल'आद का मुल्क मिला।
وَكَانَ تُخْمُ مَنَسَّى مِنْ أَشِيرَ إِلَى ٱلْمَكْمَتَةِ ٱلَّتِي مُقَابِلَ شَكِيمَ، وَٱمْتَدَّ ٱلتُّخْمُ نَحْوَ ٱلْيَمِينِ إِلَى سُكَّانِ عَيْنِ تَفُّوحَ. ٧ 7
और आशर से लेकर मिकमताह तक जो सिकम के मुक़ाबिल है मनस्सी की हद थी, और वही हद दहने हाथ पर, 'ऐन तफ़्फ़ूह के बाशिन्दों तक चली गयी।
كَانَ لِمَنَسَّى أَرْضُ تَفُّوحَ. وَأَمَّا تَفُّوحُ إِلَى تُخْمِ مَنَسَّى هِيَ لِبَنِي أَفْرَايِمَ. ٨ 8
यूँ तफ़ूह की ज़मीन तो मनस्सी की हुई लेकिन तफ़्फ़ूह शहर जो मनस्सी की सरहद पर था बनी इफ़्राईम का हिस्सा ठहरा,
وَنَزَلَ ٱلتُّخْمُ إِلَى وَادِي قَانَةَ جَنُوبِيَّ ٱلْوَادِي. هَذِهِ مُدُنُ أَفْرَايِمَ بَيْنَ مُدُنِ مَنَسَّى. وَتُخْمُ مَنَسَّى شِمَالِيُّ ٱلْوَادِي، وَكَانَتْ مَخَارِجُهُ عِنْدَ ٱلْبَحْرِ. ٩ 9
फिर वहाँ से वह हद क़ानाह के नाले को उतर कर उसके दख्खिन की तरफ़ पहुँची, यह शहर जो मनस्सी के शहरों के बीच हैं इफ़्राईम के ठहरे और मनस्सी की हद उस नाले के उत्तर की तरफ़ से होकर समन्दर पर ख़त्म हुई।
مِنَ ٱلْجَنُوبِ لِأَفْرَايِمَ، وَمِنَ ٱلشِّمَالِ لِمَنَسَّى. وَكَانَ ٱلْبَحْرُ تُخْمَهُ. وَوَصَلَ إِلَى أَشِيرَ شِمَالًا، وَإِلَى يَسَّاكَرَ نَحْوَ ٱلشُّرُوقِ. ١٠ 10
इसलिए दख्खिन की तरफ़ इफ़्राईम की और उत्तर की तरफ़ मनस्सी की मीरास पड़ी और उसकी सरहद समन्दर थी यूँ वह दोनों उत्तर की तरफ़ आशर से और पूरब की तरफ़ इश्कार से जा मिलीं।
وَكَانَ لِمَنَسَّى فِي يَسَّاكَرَ وَفِي أَشِيرَ بَيْتُ شَانَ وَقُرَاهَا، وَيَبْلَعَامُ وَقُرَاهَا، وَسُكَّانُ دُوَرٍ وَقُرَاهَا، وَسُكَّانُ عَيْنِ دُوَرٍ وَقُرَاهَا، وَسُكَّانُ تَعْنَكَ وَقُرَاهَا، وَسُكَّانُ مَجِدُّو وَقُرَاهَا ٱلْمُرْتَفَعَاتُ ٱلثَّلَاثُ. ١١ 11
और इश्कार और आशर की हद में बैत शान और उसके क़स्बे और इबली'आम और उसके क़स्बे और अहल — ए — दोर और उसके क़स्बे और अहल — ए — 'ऐन दोर और उसके क़स्बे और अहल — ए — ता'नक और उसके क़स्बे और अहल — ए — मजिद्दो और उसके क़स्बे बल्कि तीनों मुर्तफ़ा' मक़ामात मनस्सी को मिले।
وَلَمْ يَقْدِرْ بَنُو مَنَسَّى أَنْ يَمْلِكُوا هَذِهِ ٱلْمُدُنَ، فَعَزَمَ ٱلْكَنْعَانِيُّونَ عَلَى ٱلسَّكَنِ فِي تِلْكَ ٱلْأَرْضِ. ١٢ 12
तो भी बनी मनस्सी उन शहरों के रहने वालों को निकाल न सके बल्कि उस मुल्क में कना'नी बसे ही रहे,
وَكَانَ لَمَّا تَشَدَّدَ بَنُو إِسْرَائِيلَ أَنَّهُمْ جَعَلُوا ٱلْكَنْعَانِيِّينَ تَحْتَ ٱلْجِزْيَةِ، وَلَمْ يَطْرُدُوهُمْ طَرْدًا. ١٣ 13
और जब बनी इस्राईल ताक़तवर हो गये तो उन्होंने कना'नियों से बेगार का काम लिया और उनको बिल्कुल निकाल बाहर न किया।
وَكَلَّمَ بَنُو يُوسُفَ يَشُوعَ قَائِلِينَ: «لِمَاذَا أَعْطَيْتَنِي قُرْعَةً وَاحِدَةً وَحِصَّةً وَاحِدَةً نَصِيبًا وَأَنَا شَعْبٌ عَظِيمٌ، لِأَنَّهُ إِلَى ٱلْآنَ قَدْ بَارَكَنِيَ ٱلرَّبُّ؟» ١٤ 14
बनी यूसुफ़ ने यशू'अ से कहा कि तूने क्यूँ पर्ची डालकर हम को सिर्फ़ एक ही हिस्सा मीरास के लिए दिया अगरचे हम बड़ी क़ौम हैं क्यूँकि ख़ुदावन्द ने हम को बरकत दी है?
فَقَالَ لَهُمْ يَشُوعُ: «إِنْ كُنْتَ شَعْبًا عَظِيمًا، فَٱصْعَدْ إِلَى ٱلْوَعْرِ وَٱقْطَعْ لِنَفْسِكَ هُنَاكَ فِي أَرْضِ ٱلْفِرِزِّيِّينَ وَٱلرَّفَائِيِّينَ، إِذَا ضَاقَ عَلَيْكَ جَبَلُ أَفْرَايِمَ». ١٥ 15
यशू'अ ने उनको जवाब दिया कि अगर तुम बड़ी क़ौम हो तो जंगल में जाओ, और वहाँ फ़रिज़्ज़ीयों और रिफ़ाईम के मुल्क को अपने लिए काट कर साफ़ कर लो क्यूँकि इफ़्राईम का पहाड़ी मुल्क तुम्हारे लिए बहुत तंग है।
فَقَالَ بَنُو يُوسُفَ: «لَا يَكْفِينَا ٱلْجَبَلُ. وَلِجَمِيعِ ٱلْكَنْعَانِيِّينَ ٱلسَّاكِنِينَ فِي أَرْضِ ٱلْوَادِي مَرْكَبَاتُ حَدِيدٍ. لِلَّذِينَ فِي بَيْتِ شَانٍ وَقُرَاهَا، وَلِلَّذِينَ فِي وَادِي يَزْرَعِيلَ». ١٦ 16
बनी यूसुफ़ ने कहा कि यह पहाड़ी मुल्क हमारे लिए काफ़ी नहीं है और सब कना'नियों के पास जो नशेब के मुल्क में रहते हैं या'नी वह जो बैत शान और उसके क़स्बों में और वह जो यज़र'एल की वादी में रहते हैं दोनों के पास लोहे के रथ हैं।
فَكَلَّمَ يَشُوعُ بَيْتَ يُوسُفَ، أَفْرَايِمَ وَمَنَسَّى، قَائِلًا: «أَنْتَ شَعْبٌ عَظِيمٌ وَلَكَ قُوَّةٌ عَظِيمَةٌ، لَا تَكُونُ لَكَ قُرْعَةٌ وَاحِدَةٌ. ١٧ 17
यशू'अ ने बनी यूसुफ़ या'नी इफ़्राईम और मनस्सी से कहा कि तुम बड़ी क़ौम हो और बड़े ज़ोर रखते हो, इसलिए तुम्हारे लिए सिर्फ़ एक ही हिस्सा न होगा।
بَلْ يَكُونُ لَكَ ٱلْجَبَلُ لِأَنَّهُ وَعْرٌ، فَتَقْطَعُهُ وَتَكُونُ لَكَ مَخَارِجُهُ. فَتَطْرُدُ ٱلْكَنْعَانِيِّينَ لِأَنَّ لَهُمْ مَرْكَبَاتِ حَدِيدٍ لِأَنَّهُمْ أَشِدَّاءُ». ١٨ 18
बल्कि यह पहाड़ी मुल्क भी तुम्हारा होगा क्यूँकि अगरचे वह जंगल है तुम उसे काट कर साफ़ कर डालना और उसके मख़ारिज भी तुम्हारे ही ठहरेंगे क्यूँकि तुम कना'नियों को निकाल दोगे अगरचे उनके पास लोहे के रथ हैं और वह ताक़तवर भी हैं।

< يَشُوع 17 >