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I understand that the Aionian Bible republishes public domain and Creative Commons Bible texts and that volunteers may be needed to present the original text accurately. I also understand that apocryphal text is removed and most variant verse numbering is mapped to the English standard. I have entered my corrections under the verse(s) below. Proposed corrections to the Hindi Bible, Psalms Chapter 33 https://www.AionianBible.org/Bibles/Hindi---Hindi-Bible/Psalms/33 1 १) हे धर्मियों, यहोवा के कारण जयजयकार करो। क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करना शोभा देता है। 2 २) वीणा बजा-बजाकर यहोवा का धन्यवाद करो, दस तारवाली सारंगी बजा-बजाकर उसका भजन गाओ। 3 ३) उसके लिये नया गीत गाओ, जयजयकार के साथ भली भाँति बजाओ। 4 ४) क्योंकि यहोवा का वचन सीधा है; और उसका सब काम निष्पक्षता से होता है। 5 ५) वह धार्मिकता और न्याय से प्रीति रखता है; यहोवा की करुणा से पृथ्वी भरपूर है। 6 ६) आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुँह की श्वास से बने। 7 ७) वह समुद्र का जल ढेर के समान इकट्ठा करता; वह गहरे सागर को अपने भण्डार में रखता है। 8 ८) सारी पृथ्वी के लोग यहोवा से डरें, जगत के सब निवासी उसका भय मानें! 9 ९) क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया। 10 १०) यहोवा जाति-जाति की युक्ति को व्यर्थ कर देता है; वह देश-देश के लोगों की कल्पनाओं को निष्फल करता है। 11 ११) यहोवा की योजना सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी। 12 १२) क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्वर यहोवा है, और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग होने के लिये चुन लिया हो! 13 १३) यहोवा स्वर्ग से दृष्टि करता है, वह सब मनुष्यों को निहारता है; 14 १४) अपने निवास के स्थान से वह पृथ्वी के सब रहनेवालों को देखता है, 15 १५) वही जो उन सभी के हृदयों को गढ़ता, और उनके सब कामों का विचार करता है। 16 १६) कोई ऐसा राजा नहीं, जो सेना की बहुतायत के कारण बच सके; वीर अपनी बड़ी शक्ति के कारण छूट नहीं जाता। 17 १७) विजय पाने के लिए घोड़ा व्यर्थ सुरक्षा है, वह अपने बड़े बल के द्वारा किसी को नहीं बचा सकता है। 18 १८) देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है, 19 १९) कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, और अकाल के समय उनको जीवित रखे। 20 २०) हम यहोवा की बाट जोहते हैं; वह हमारा सहायक और हमारी ढाल ठहरा है। 21 २१) हमारा हृदय उसके कारण आनन्दित होगा, क्योंकि हमने उसके पवित्र नाम का भरोसा रखा है। 22 २२) हे यहोवा, जैसी तुझ पर हमारी आशा है, वैसी ही तेरी करुणा भी हम पर हो। Additional comments?
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