< मरकुस 9 >

1 और उसने उनसे कहा' “मै तुम से सच कहता हूँ, जो यहाँ खड़े हैं उन में से कुछ ऐसे हैं जब तक ख़ुदा की बादशाही को क़ुदरत के साथ आया हुआ देख न लें मौत का मज़ा हरगिज़ न चखेंगे।”
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎾᏍᎩ ᎩᎶ ᎠᏂ ᏥᏓᏂᏙᎦ, ᎥᏝ ᏴᏛᎾᏙᎴᎰᏏ ᎠᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ, ᎬᏂ ᎤᏂᎪᎲᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᎦᎷᏨᎭ.
2 छ: दिन के बाद ईसा ने पतरस और या'क़ूब यूहन्ना को अपने साथ लिया और उनको अलग एक ऊँचे पहाड़ पर तन्हाई में ले गया और उनके सामने उसकी सूरत बदल गई।
ᏑᏓᎵᏃ ᏫᏄᏒᎸ ᏥᏌ ᏚᏘᏅᏎ ᏈᏓ, ᎠᎴ ᏥᎻ, ᎠᎴ ᏣᏂ, ᎢᏅᏃ ᎢᎦᏘ ᎣᏓᎸ ᏚᎿᎭᎷᏔᏁ ᎢᏴᏛ ᎤᏅᏒ ᎨᏒᎢ; ᎠᎴ ᎤᏓᏁᏟᏴᏎ ᎠᏂᎦᏔᎲᎢ.
3 उसकी पोशाक ऐसी नूरानी और निहायत सफ़ेद हो गई, कि दुनिया में कोई धोबी वैसी सफ़ेद नहीं कर सकता।
ᏧᏄᏬᏃ ᏚᏔᎷᎩᏍᎨᎢ, ᎤᏣᏘ ᏧᏁᎩᏳ ᎨᏎᎢ ᎥᏃᏥ ᏥᏄᏁᎩᏴ ᎾᏍᎩᏯᎢ; ᎾᏍᎩ ᎥᏝ ᎩᎶ ᏗᎬᎩᎶᏍᎩ ᎠᏂ ᎡᎶᎯ ᎡᎯ ᎾᏍᎩ ᎢᏧᏁᎬ ᏱᏂᏙᎦᎬᎦ.
4 और एलियाह मूसा के साथ उनको दिखाई दिया, और वो ईसा से बातें करते थे।
ᎬᏂᎨᏒᏃ ᏂᎬᏩᎾᏛᏁᎴ ᎢᎳᏯ ᎠᎴ ᎼᏏ; ᏥᏌᏃ ᎬᏩᎵᏃᎮᏗᏍᎨᎢ.
5 पतरस ने ईसा से कहा “रब्बी हमारा यहाँ रहना अच्छा है पस हम तीन तम्बू बनाएँ एक तेरे लिए एक मूसा के लिए, और एक एलियाह के लिए।”
ᏈᏓᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏥᏌ, ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᎣᏏᏳ ᎠᏂ ᏥᏕᏙᎭ; ᎠᎴ ᏦᎢ ᏫᏙᏥᎵᏦᏛᎦ; ᏌᏉ ᏂᎯ ᏣᏤᎵᎦ, ᏌᏉᏃ ᎼᏏ ᎤᏤᎵᎦ, ᏌᏉᏃ ᎢᎳᏯ ᎤᏤᎵᎦ.
6 क्यूँकि वो जानता न था कि क्या कहे इसलिए कि वो बहुत डर गए थे।
ᎥᏝᏰᏃ ᏯᎦᏔᎮ ᎢᏳᏪᏍᏗᏱ; ᎤᏣᏘᏰᏃ ᎠᏂᏍᎦᎢᎮᎢ.
7 फिर एक बादल ने उन पर साया कर लिया और उस बादल में से आवाज़ आई “ये मेरा प्यारा बेटा है; इसकी सुनो।”
ᎤᎶᎩᎸᏃ ᎤᏄᏢᏔᏁᎢ; ᎧᏁᎬᏃ ᎤᎶᎩᎸ ᏧᎾᏄᎪᏤᎢ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ, ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏥᎨᏳᎢ ᎠᏇᏥ; ᎾᏍᎩ ᎡᏣᏛᏓᏍᏓᏏ.
8 और उन्हों ने यकायक जो चारों तरफ़ नज़र की तो ईसा के सिवा और किसी को अपने साथ न देखा।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏚᎾᎧᎿᎭᏂᏙᎸ, ᎥᏝ ᎿᎭᏉ ᎩᎶ ᏳᏂᎪᎮᎢ, ᏥᏌ ᎤᏩᏒ, ᎠᎴ ᎤᏅᏒ.
9 जब वो पहाड़ से उतर रहे थे तो उसने उनको हुक्म दिया कि “जब तक इबने आदम मुर्दों में से जी न उठे जो कुछ तुम ने देखा है किसी से न कहना।”
ᏧᏂᎦᏐᎠᏏᏗᏒᏃ ᎣᏓᎸᎢ, ᏚᏁᏤᎴ ᎾᏍᎩ ᎩᎶ ᎤᏂᏃᏁᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ ᏄᏍᏛ ᎤᏂᎪᎲᎢ, ᎬᏂ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᏲᎱᏒ ᏧᎴᎯᏌᏅᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᏚᏬᏎᎴᎢ.
10 उन्होंने इस कलाम को याद रखा और वो आपस में बहस करते थे, कि मुर्दों में से जी उठने के क्या मतलब हैं।
ᎾᏍᎩᏃ ᏄᏪᏒ ᎤᎾᎦᏌᏯᏍᏔᏁᎢ, ᏓᎾᏓᏛᏛᎲᏍᎨ ᎦᏛᎬ ᎠᏲᎱᏒ ᏗᎴᎯᏐᏗ ᎨᏒᎢ.
11 फिर उन्हों ने उस से ये पूछा, “आलिम क्यूँ कहते हैं कि एलियाह का पहले आना ज़रूर है?”
ᎬᏩᏛᏛᏁᏃ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ, ᎦᏙᏃ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᎢᎳᏯ ᎢᎬᏱ ᏓᎦᎷᏥ ᏣᎾᏗᏍᎪᎢ?
12 उसने उनसे कहा, “एलियाह अलबत्ता पहले आकर सब कुछ बहाल करेगा मगर क्या वजह है कि इबने आदम के हक़ में लिखा है कि वो बहुत से दु: ख उठाएगा और ज़लील किया जाएगा?
ᎤᏁᏨᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎢᎳᏯ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎢᎬᏱ ᎤᎷᎯᏍᏗ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎤᏬᏢᎯᏐᏗ; ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎯᎠ ᏂᎬᏅᎪᏪᎳ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬᎢ, ᎾᏍᎩ ᎤᏣᏘ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎤᎩᎵᏲᎢᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᎠᏎᏉ ᏓᏰᏥᏰᎸᏂ.
13 लेकिन मै तुम से कहता हूँ, कि एलियाह तो आ चुका और जैसा उसके हक़ में लिखा है उन्होंने जो कुछ चाहा उसके साथ किया।”
ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎢᎳᏯ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎤᎷᏨ, ᎠᎴ ᏄᏍᏛ ᎤᎾᏚᎵᏍᎬ ᏂᎬᏩᏁᎸ, ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎬᏅ ᎪᏪᎸ ᎾᏍᎩ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬᎢ.
14 जब वो शागिर्दों के पास आए तो देखा कि उनके चारों तरफ़ बड़ी भीड़ है, और आलिम लोग उनसे बहस कर रहे हैं।
ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎠᏁᏙᎲ ᎤᎷᏨ, ᎤᏂᏣᏘ ᏚᎪᎮ ᎬᏩᎾᏓᏡᏫᏍᏕᎢ, ᎠᎴ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᎬᏩᎾᏛᏛᎮᎸᎢᏍᎨᎢ.
15 और फ़ौरन सारी भीड़ उसे देख कर निहायत हैरान हुई और उसकी तरफ़ दौड़ कर उसे सलाम करने लगे।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏂᎦᏛ ᏴᏫ, ᎬᏩᎪᎲ, ᎤᏣᏘ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ; ᎬᏩᏗᏝᎣᎮᎸᏃ ᎬᏩᏲᎵᎴᎢ.
16 उसने उनसे पूछा, “तुम उन से क्या बहस करते हो?”
ᏚᏛᏛᏁᏃ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ, ᎦᏙ ᏕᏣᏛᏛᎮᎸᎥᏍᎦ ᏚᏬᏎᎴᎢ?
17 और भीड़ में से एक ने उसे जवाब दिया, ऐ उस्ताद! मै अपने बेटे को जिसमें गूँगी रूह है तेरे पास लाया था।
ᎠᏏᏴᏫᏃ ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏣᏘ ᎨᏒ ᎨᎳ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᎬᏯᏘᏃᎯᏏ ᎠᏇᏥ, ᎤᏩᎨᏫ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏪᎢ;
18 वो जहाँ उसे पकड़ती है, पटक देती है; और वो क़फ़ भर लाता और दाँत पीसता और सूखता जाता है। मैने तेरे शागिर्दों से कहा था, “वो उसे निकाल दें मगर वो न निकाल सके।”
ᎢᎸᎯᏢᏃ ᎤᏱᎶᎯᏏ ᎤᎩᎸᏍᎪᎢ; ᎠᎴ ᏓᎭᏬᎢᎰᎢ, ᎠᎴ ᏕᎦᎸᏓᎩᏍᎪ ᏕᎦᏄᏙᎬᎢ, ᎠᎴ ᎤᎸᏕᎯᎰᎢ; ᎨᏣᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎦᏥᏔᏲᏎᎸ ᎤᏂᏄᎪᏫᏍᏗᏱ; ᎠᏎᏃ ᎤᏂᏄᎸᏅᏉ.
19 उसने जवाब में उनसे कहा, “ऐ बेऐ'तिक़ाद क़ौम! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा? कब तक तुम्हारी बर्दाश्त करूँगा उसे मेरे पास लाओ।”
ᎤᏁᏤᎸᏃ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, Ᏺ! ᏂᏦᎯᏳᏒᎾ ᎪᎯ ᏥᏤᎭ! ᎢᎳᎪ ᎢᎪᎯᏛ ᎢᏨᏰᎳᏗᏙᎮᏍᏗ? ᎢᎳᎪ ᎢᎪᎯᏛ ᎤᏁᎳᎩ ᎢᏨᏰᎵᏎᎮᏍᏗ? ᎠᏂ ᎯᏯᏘᏃᎦ.
20 पस वो उसे उसके पास लाए, और जब उसने उसे देखा तो फ़ौरन रूह ने उसे मरोड़ा और वो ज़मीन पर गिरा और क़फ़ भर लाकर लोटने लगा।
ᎤᎾᏘᏃᎮᎴᏃ; ᎤᎪᎲᏃ ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᎩᎸᏁᎢ; ᎡᎳᏗᏃ ᎤᏅᏤᎢ, ᎠᎴ ᏓᎭᏬᎢᎲ ᎠᎵᏗᏒᏂᎮᎢ.
21 उसने उसके बाप से पूछा “ये इस को कितनी मुद्दत से है?” उसने कहा “बचपन ही से।
ᎤᏛᏛᏁᏃ ᎤᏙᏓ, ᎢᎳᎪ ᏂᎪᎯᎩ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎢᎬᏩᎵᏍᏓᏁᎸᎯ? ᎤᏬᏎᎴᎢ. ᎠᏲᎵᏉ ᎨᏒᎢ, ᎤᏛᏁᎢ;
22 और उसने उसे अक्सर आग और पानी में डाला ताकि उसे हलाक करे लेकिन अगर तू कुछ कर सकता है तो हम पर तरस खाकर हमारी मदद कर।”
ᏯᏃᎩᏳᏃ ᎠᏥᎸᏱ ᎠᎴ ᎠᏑᏱ ᎤᏓᎡᎪᎢ, ᎾᏍᎩ ᎤᎯᏍᏗᏱ; ᎢᏳᏍᎩᏂᏃᏅ ᎪᎱᏍᏗ ᎨᏣᏛᏁᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᏍᎩᏍᏙᎵᎩ, ᎠᎴ ᏍᎩᏍᏕᎸ.
23 ईसा ने उस से कहा “क्या जो तू कर सकता है जो ऐ'तिक़ाद रखता है? उस के लिए सब कुछ हो सकता है।”
ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎢᏳᏃ ᎨᏦᎯᏳᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᏂᎦᏗᏳ ᎪᎱᏍᏗ ᎢᎦᏰᎦᏛᏁᏗ ᎪᎯᏳᎲᏍᎩ.
24 उस लड़के के बाप ने फ़ौरन चिल्लाकर कहा. “मैं ऐ'तिक़ाद रखता हूँ, मेरी बे ऐ'तिक़ादी का इलाज कर।”
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎠᏲᎵ ᎤᏙᏓ ᎤᏪᎷᏁᎢ, ᎠᎴ ᏗᎬᎦᏌᏬᎢᎯ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᎪᎢᏳᎲᏍᎦ; ᏍᎩᏍᏕᎸᏏ ᎾᏉᎯᏳᏒᎾ ᎨᏒᎢ.
25 जब ईसा ने देखा कि लोग दौड़ दौड़ कर जमा हो रहे हैं, तो उस बद रूह को झिड़क कर कहा, “मै तुझ से कहता हूँ, इस में से बाहर आ और इस में फिर दाख़िल न होना।”
ᏥᏌᏃ ᎤᎪᎲ ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᎾᏁᎷᎩᏍᎬ ᎠᎾᏓᏟᏏᏍᎬᎢ, ᎤᏍᎦᏤ ᎦᏓᎭ ᎠᏓᏅᏙ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏨᎨᏩ ᎠᎴ ᏗᏣᎵᎡᎾ ᎠᏓᏅᏙ, ᎬᏁᏤᎭ, ᎡᎯᏄᎪᎢ, ᎠᎴ ᏞᏍᏗ ᎿᎭᏉ ᎢᎸᎯᏳ ᏥᎯᏴᎵ.
26 वो चिल्लाकर और उसे बहुत मरोड़ कर निकल आई और वो मुर्दा सा हो गया “ऐसा कि अक्सरों ने कहा कि वो मर गया।”
[ ᎠᏓᏅᏙᏃ ] ᎤᏪᎷᏅ, ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᎤᎩᎸᏅ, ᎤᏄᎪᏤᎢ; ᎠᎴ ᎤᏲᎱᏒᎯᏉ ᎾᏍᎩᏯ ᎨᏎᎢ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᏂᏣᏖ, ᎠᏲᎱᎯ, ᎠᎾᏗᏍᎨᎢ.
27 मगर ईसा ने उसका हाथ पकड़कर उसे उठाया और वो उठ खड़ा हुआ।
ᎠᏎᏃ ᏥᏌ ᎤᏬᏯᏁᏒ, ᏚᎴᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᏚᎴᏁᎢ.
28 जब वो घर में आया तो उसके शागिर्दों ने तन्हाई में उस से पूछा “हम उसे क्यूँ न निकाल सके?”
ᎦᎵᏦᏕᏃ ᏫᎤᏴᎸ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎤᏅᏒ ᎨᏒ ᎬᏩᏛᏛᏁᎢ, ᎦᏙᏃ ᎠᏴ ᎥᏝ ᎦᏲᏥᏄᎪᏫᏍᏗ ᏱᎨᏎᎢ? ᎤᎾᏛᏁᎢ.
29 उसने उनसे कहा, “ये सिर्फ़ दुआ के सिवा और किसी तरह नहीं निकल सकती।”
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎥᏝ ᏴᎦᏰᎦᏄᎪᏩ, ᎬᏂ ᎠᏓᏙᎵᏍᏔᏅᎯ ᎠᎴ ᎠᎹᏟ ᎬᏅᎯ ᏥᎨᏐᎢ.
30 फिर वहाँ से रवाना हुए और गलील से हो कर गुज़रे और वो न चाहता था कि कोई जाने।
ᎤᎾᏂᎩᏒᏃ ᎾᎿᎭᏂ, ᎨᎵᎵ ᎠᏰᎵ ᎤᏂᎶᏎᎢ; ᎥᏝᏃ ᏳᏚᎵᏍᎨ ᎩᎶ ᎤᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ.
31 इसलिए कि वो अपने शागिर्दों को ता'लीम देता और उनसे कहता था, “इब्न — ए आदम आदमियों के हवाले किया जाएगा और वो उसे क़त्ल करेंगे और वो क़त्ल होने के तीन दिन बाद जी उठेगा।”
ᏚᏪᏲᏁᏰᏃ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᏓᏥᏲᎯ ᏕᎨᏥᏲᎯᏏ ᏴᏫ. ᎠᎴ ᏓᎬᏩᎵ; ᎠᎴ ᎣᏂ ᎿᎭᏉ ᎠᏥᎸᎯ ᎨᏎᏍᏗ, ᏙᏛᎠᎴᎯᏌᏂ ᏦᎢᏁ ᎢᎦ.
32 लेकिन वो इस बात को समझते न थे, और उस से पूछते हुए डरते थे।
ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏳᏃᎵᏤ ᎾᏍᎩ ᏄᏪᏒ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎢᎮ ᎤᎾᏛᏛᏗᏱ.
33 फिर वो कफ़रनहूम में आए और जब वो घर में था तो उसने उनसे पूछा, “तुम रास्ते में क्या बहस करते थे?”
ᎨᏆᏂᏃ ᎤᎷᏥᎴᎢ; ᎦᎵᏦᎦᏃ ᎠᏯᎥ ᏚᏛᏛᏁ, ᎦᏙ ᎾᏍᎩ ᏥᏥᏃᎮᏍᎬ ᎢᏨᏒ ᎨᏒ Ꭰ ᏗᏓᎢᏒᎢ.
34 वो चुप रहे क्यूँकि उन्होंने रास्ते में एक दूसरे से ये बहस की थी कि बड़ा कौन है?
ᎠᏎᏃ ᎡᎳᏪᏱᏉ ᎤᏅᏎᎢ; ᏗᎾᎢᏒᏃ ᎠᏂᏃᎮᏍᎨ ᎤᏅᏒ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᎤᏟ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎨᏒᎢ.
35 फिर उसने बैठ कर उन बारह को बुलाया और उनसे कहा “अगर कोई अव्वल होना चाहे तो वो सब से पिछला और सब का ख़ादिम बने।”
ᎤᏪᏅᏃ, ᏔᎳᏚ ᎢᏯᏂᏛ ᏫᏚᏯᏅᎮᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᎢᎬᏱ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎤᏚᎵᏍᎨᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎣᏂᏱ ᎠᎦᎴᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎾᏂᎥᎢ, ᎠᎴ ᎾᏂᎥ ᎬᏩᏅᏏᏙᎯ ᎨᏎᏍᏗ.
36 और एक बच्चे को लेकर उन के बीच में खड़ा किया फिर उसे गोद में लेकर उनसे कहा।
ᎠᏲᎵᏃ ᏭᏯᏅᎲ, ᎠᏂᏅ ᎠᏰᎵ ᎤᏪᎧᏁᎢ; ᎤᏄᎶᎸᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ,
37 “जो कोई मेरे नाम पर ऐसे बच्चों में से एक को क़बूल करता है वो मुझे क़बूल करता है और जो कोई मुझे क़बूल करता है वो मुझे नहीं बल्कि उसे जिस ने मुझे भेजा है क़बूल करता है।”
ᎩᎶ ᎠᏏᏴᏫ ᎯᎠ ᎢᏳᎾᏍᏗ ᏗᏂᏲᎵ ᏓᏓᏂᎸᎨᏍᏗ ᎠᏴ ᎠᏴ ᏓᏆᏙᎥ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎠᏴ ᏓᏆᏓᏂᎸᎨᏍᏗ; ᎩᎶᏃ ᎠᏴ ᏓᏆᏓᏂᎸᎨᏍᏗ, ᎥᏝ ᎠᏴ ᏱᏓᏆᏓᏂᎸᎨᏍᏗ, ᏅᏛᎩᏅᏏᏛᏍᎩᏂ ᏓᏓᏂᎸᎨᏍᏗ.
38 यूहन्ना ने उस से कहा “ऐ उस्ताद हम ने एक शख़्स को तेरे नाम से बदरूहों को निकालते देखा और हम उसे मनह करने लगे क्यूँकि वो हमारी पैरवी नहीं करता था।”
ᏣᏂᏃ ᎤᏁᏤᎴᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᎣᏥᎪᎲᎩ ᎠᏏᏴᏫ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏕᎦᏄᎪᏫᏍᎬᎩ ᏕᏣᏙᎥ ᎬᏗᏍᎬᎩ; ᎥᏝᏃ ᏱᎩᏍᏓᏩᏗᏙᎭ; ᎣᏥᏅᏍᏓᏕᎸᎩᏃ ᏂᎩᏍᏓᏩᏕᎬᎾ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ.
39 लेकिन ईसा ने कहा “उसे मनह न करना क्यूँकि ऐसा कोई नहीं जो मेरे नाम से मोजिज़े दिखाए और मुझे जल्द बुरा कह सके।
ᎠᏎᏃ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏞᏍᏗ ᎡᏥᏅᏍᏓᏕᎸᎩ; ᎥᏝᏰᏃ ᏰᎭ ᎩᎶ ᏓᏆᏙᎥ ᎬᏗᏍᎩ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᏧᎸᏫᏍᏓᏁᎯ, ᎾᏍᎩ ᎢᎬᏪᏅᏛ ᎤᏐᏅ ᎬᎩᏁᎢᏍᏙᏗ.
40 क्यूँकि जो हमारे ख़िलाफ़ नहीं वो हमारी तरफ़ है।
ᎩᎶᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏡᏗᏍᎬᎾ ᏥᎨᏐ, ᎾᏍᎩ ᎢᎦᎵᎪᏁᎯ ᎨᏐᎢ.
41 जो कोई एक प्याला पानी तुम को इसलिए पिलाए कि तुम मसीह के हो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वो अपना अज्र हरगिज़ न खोएगा।”
ᎩᎶᏰᏃ ᎠᎹ ᎤᎵᏍᏈᏗ ᎠᎧᎵᎢ ᎢᏣᏗᏔᏍᏗ ᎢᏥᏁᏁᎯ ᎠᏴ ᏓᏆᏙᎥ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎦᎶᏁᏛ ᎡᏣᏤᎵ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ, ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎢᏨᏲᏎᎭ, ᎥᏝ ᎤᏲᎱᏎᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ ᎠᎦᎫᏴᎡᏗ ᎨᏒᎢ.
42 “और जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर ईमान लाए हैं किसी को ठोकर खिलाए, उसके लिए ये बेहतर है कि एक बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाए और वो समुन्दर में फेंक दिया जाए।
ᎠᎴ ᎩᎶ ᎠᏏᏴᏫ ᎯᎠ ᏧᎾᏍᏗ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᏥᎬᏉᎯᏳᎲᏍᎦ ᏙᎪᏕᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎤᏟ ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎵᏍᏓᏁᏗ ᎠᏍᏙᏍᎩ ᏅᏯ ᏯᏥᏯᏝᏅ, ᎠᎴ ᎠᎺᏉᎯ ᏱᏩᎦᏓᎢᏅ.
43 अगर तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो हाथ होते जहन्नुम के बीच उस आग में जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna g1067)
ᎢᏳ ᎠᎴ ᏦᏰᏂ ᏕᏦᏕᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎯᏍᏆᎵᏍᎨᏍᏗ; ᎤᏟ ᎣᏏᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏣᎪᎳᏂ ᎬᏂᏛ ᏗᎨᏒ ᏱᏫᏣᏴᎸ, ᎠᏃ ᎢᏧᎳ ᏗᎨᎰᏯᏗ ᏨᏍᎩᏃ ᏱᏫᏣᏴᎸ, ᎾᎿᎭᎠᏥᎸᏱ ᎦᎬᏜᏓᏗᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ; (Geenna g1067)
44 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ᎾᎿᎭᎤᎾᏤᎵ ᏥᏍᎪᏴ ᏂᎦᎵᏬᎬᎾ ᏗᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎠᏥᎸ ᏂᎬᏠᏍᎬᎾ ᏗᎨᏒᎢ.
45 और अगर तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल लंगड़ा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो पाँव होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna g1067)
ᎢᏳ ᎠᎴ ᏣᎳᏏᏕᏂ ᏙᏦᏕᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎯᏍᏆᎵᏍᎨᏍᏗ; ᎤᏟᏰᏃ ᎣᏏᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᎯᏲᎤᎵ ᎬᏂᏛ ᏗᎨᏒ ᏱᏫᏣᏴᎸ, ᎠᏃ ᎢᏧᎳ ᏗᎨᏣᎳᏍᎩ ᏨᏍᎩᏃ ᏱᏪᏣᏓᎢᏅ, ᎾᎿᎭᎠᏥᎸᏱ ᎦᎬ ᏜᏓᏗᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ; (Geenna g1067)
46 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ᎾᎿᎭᎤᎾᏤᎵ ᏥᏍᎪᏴ ᏂᎦᎵᏬᎬᎾ ᏗᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎠᏥᎸ ᏂᎬᏠᏍᎬᎾ.
47 और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna g1067)
ᎢᏳ ᎠᎴ ᎯᎦᏙᎵ ᏙᏦᏕᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎭᏓᎦᏖᏙᎢᏍᎨᏍᏗ; ᎤᏟᏰᏃ ᎣᏏᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏌᏉᏉ ᏱᎧᏅ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᏱᏫᏣᏴᎸ ᎠᏃ ᎢᏧᎳ ᏱᏘᎧᏅ ᏨᏍᎩᏃ ᎠᏥᎸᏱ ᏱᏪᏣᏓᎢᏅ; (Geenna g1067)
48 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ᎾᎿᎭᎤᎾᏤᎵ ᏥᏍᎪᏴ ᏂᎦᎵᏬᎬᎾ ᏗᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎠᏥᎸ ᏂᎬᏠᏍᎬᎾ ᏗᎨᏒᎢ.
49 क्यूँकि हर शख़्स आग से नमकीन किया जाएगा [और हर एक क़ुर्बानी नमक से नमकीन की जाएगी]।
ᎾᏂᎥᏰᏃ ᎠᏥᎸ ᎬᏗ ¯ ᎠᎹ ᎨᏥᏅᏝᏰᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᎠᏥᎸ-ᎨᎳᏍᏗ ¯ ᎠᎹ ᎦᏅᎵᏰᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
50 नमक अच्छा है लेकिन अगर नमक की नमकीनी जाती रहे तो उसको किस चीज़ से मज़ेदार करोगे? अपने में नमक रख्खो और एक दूसरे के साथ मेल मिलाप से रहो।”
ᎠᎹ ᎣᏏᏳ; ᎠᏎᏃ ¯ ᎠᎹ ᏳᏥᏍᎪᎸ ᎦᏙ ᏱᏨᎦ ᏄᏥᏍᎪᎸᎾ ᏱᏂᏨᎦ? ¯ ᎠᎹ ᎢᏥᎶᏨᎯ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᏙᎯᏱ ᏂᏨᏁᏍᏗ ᎢᏤᎲᎢ.

< मरकुस 9 >