< लूका 4 >

1 फिर ईसा रूह — उल — क़ुद्दूस से भरा हुआ यरदन से लौटा, और चालीस दिन तक रूह की हिदायत से वीराने में फिरता रहा;
ᏥᏌᏃ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎨᏎ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᏦᏓᏂ ᏗᎤᏨᏎᎢ, ᎠᎴ ᎠᏓᏅᏙ ᎢᎾᎨ ᏭᏘᏅᏍᏔᏁᎢ,
2 और शैतान उसे आज़माता रहा। उन दिनों में उसने कुछ न खाया, जब वो दिन पुरे हो गए तो उसे भूख लगी।
ᎠᎴ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏧᏒᎯᏛ ᎤᎪᎵᏰᏍᎨ ᎠᏍᎩᎾ. ᎾᏍᎩᏃ ᎢᎪᎯᏛ ᎥᏝ ᎪᎱᏍᏗ ᏳᏎᎢ ᎾᏍᎩᏃ ᎤᎵᏍᏆᏛ ᎩᎳ ᎤᏲᏏᏌᏁᎢ.
3 और शैतान ने उससे कहा, “अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो इस पत्थर से कह कि रोटी बन जाए।”
ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎢᏳᏃ ᏂᎯ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏪᏥ ᎨᏎᏍᏗ, ᎯᏁᎩ ᎯᎠ ᏅᏯ ᎦᏚ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ.
4 ईसा ने उसको जवाब दिया, “कलाम में लिखा है कि, आदमी सिर्फ़ रोटी ही से जीता न रहेगा।”
ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏤᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎯᎠ ᏂᎬᏅ ᎪᏪᎳ; ᏴᏫ ᎥᏝ ᎦᏚᏉ ᎤᏩᏒ ᏱᎬᎿᎭᏗᏍᏕᏍᏗ, ᏂᎦᎥᏍᎩᏂ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏁᏨᎢ.
5 और शैतान ने उसे ऊँचे पर ले जाकर दुनिया की सब सल्तनतें पल भर में दिखाईं।
ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎤᏘᏅᏎ ᎤᎿᎭᎷᏔᏁ ᎢᏅᎢᎦᏘ ᎣᏓᎸᎢ, ᎠᎴ ᏚᏎᎮᎴ ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎢᎪᎯᏛ ᏂᎦᎥ ᎠᏰᎵ ᏕᎪᏢᏩᏗᏒ ᎡᎶᎯ.
6 और उससे कहा, “ये सारा इख़्तियार और उनकी शान — ओ — शौकत मैं तुझे दे दूँगा, क्यूँकि ये मेरे सुपुर्द है और जिसको चाहता हूँ देता हूँ।
ᎠᎴ ᎠᏍᎩᎾ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏛ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᏱᏕᎬᏲᎯᏏ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏒᎢ; ᎠᏴᏰᏃ ᏛᎩᏲᎯᏎᎸ, ᎠᎴ ᎩᎶ ᏥᎥᏏ ᎨᎳ ᏥᏁᎰᎢ.
7 पस अगर तू मेरे आगे सज्दा करे, तो ये सब तेरा होगा।”
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏳᏃ ᏱᏍᏆᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎸ, ᏂᎦᏗᏳ ᏂᎯ ᏣᏤᎵ ᎨᏎᏍᏗ.
8 ईसा ने जवाब में उससे कहा, “लिखा है कि, तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को सिज्दा कर और सिर्फ़ उसकी इबादत कर।”
ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏤ ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏆᏐᎭᏛ ᎭᎴᏓ ᏎᏓᏂ; ᎯᎠᏰᏃ ᏂᎬᏅ ᎪᏪᎳ; ᏱᎰᏩ ᏣᏁᎳᏅᎯ ᎯᏯᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎮᏍᏗ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏩᏒᎯᏳ ᏕᎯᏯᏁᎶᏕᏍᏗ.
9 और वो उसे येरूशलेम में ले गया और हैकल के कंगूरे पर खड़ा करके उससे कहा, अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो अपने आपको यहाँ से नीचे गिरा दे।
ᎠᎴ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᎤᏘᏃᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᏛᎾ-ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᎤᏍᎪᎵ ᎤᎩᎸᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎢᏳᏃ ᏂᎯ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏪᏥ ᎨᏎᏍᏗ, ᏨᏒ ᎭᏓᎶᎥᏓ ᎠᏂ;
10 क्यूँकि लिखा है कि, वो तेरे बारे में अपने फ़रिश्तों को हुक्म देगा कि तेरी हिफ़ाज़त करें।
ᎯᎠᏰᏃ ᏂᎬᏅ ᎢᎪᏪᎳ; ᏧᏤᎵ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᏙᏓᎧᏁᏤᎵ ᏗᎨᏣᎧᎾᏩᏗᏓᏍᏗᏱ ᎨᏣᏍᏆᏂᎪᏙᏗᏱ;
11 और ये भी कि वो तुझे हाथों पर उठा लेंगे, क़ाश की तेरे पाँव को पत्थर से ठेस लगे।
ᎠᎴ ᏧᏃᏰᏂ ᎨᏣᏌᎳᏙᏗᏕᎨᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎢᎸᎯᏳ ᏅᏲᎯ ᏣᎾᏍᏆᎶᏍᏙᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ.
12 ईसा ने जवाब में उससे कहा, “फ़रमाया गया है कि, तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आज़माइश न कर।”
ᏥᏌᏃ ᏧᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᎠ ᎢᎦᏪᏛ ᎢᎩ; ᏞᏍᏗ ᏱᎰᏩ ᏣᏁᎳᏅᎯ ᎯᎪᎵᏰᎥᎩ.
13 जब इब्लीस तमाम आज़माइशें कर चूका तो कुछ अर्से के लिए उससे जुदा हुआ।
ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎤᏍᏆᏛ ᏂᎦᏛ ᎤᎪᎵᏰᏍᎬᎢ, ᎤᏓᏅᎡᎴ ᎢᎸᏍᎩ ᎢᎪᎯᏛ.
14 फिर ईसा पाक रूह की क़ुव्वत से भरा हुआ गलील को लौटा और आसपास में उसकी शोहरत फैल गई।
ᏥᏌᏃ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏘᏂᏙᎲ ᎨᎵᎵ ᎢᎤᎷᏤᎢ; ᏕᎦᏃᏣᎸᏃ ᎾᎿᎭᎬᏩᏚᏫᏛ ᏚᏰᎵᏏᏙᎴᎢ.
15 और वो उनके 'इबादतख़ानों में ता'लीम देता रहा और सब उसकी बड़ाई करते रहे।
ᎠᎴ ᏓᏕᏲᎲᏍᎨ ᏧᏂᎳᏫᎢᏍᏗᏱ, ᎾᏂᎥᏃ ᎬᏩᎸᏉᏗᏳ ᎨᏎᎢ.
16 और वो नासरत में आया जहाँ उसने परवरिश पाई थी और अपने दस्तूर के मुवाफ़िक़ सबत के दिन 'इबादतख़ाने में गया और पढ़ने को खड़ा हुआ।
ᎾᏎᎵᏗᏃ ᎤᎷᏤ ᎾᎿᎭᎠᎦᏛᎯᏍᏔᏅᎢ; ᎢᏳᏛᏁᏗᏃ ᎨᏒ ᏄᏛᏁᎴ ᏭᏴᎴ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᎦ, ᎠᎴ ᏚᎴᏁ ᏧᎪᎵᏰᏗᏱ ᎪᏪᎵ.
17 और यसायाह नबी की किताब उसको दी गई, और किताब खोलकर उसने वो वर्क़ा खोला जहाँ ये लिखा था:
ᎠᏥᏅᏁᎴᏃ ᎪᏪᎵ ᎢᏌᏯ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ. ᎤᏍᏚᎢᏒᏃ ᎪᏪᎵ ᎤᏩᏛᎮ ᎯᎠ ᏂᎬᏅ ᎪᏪᎸᎢ;
18 “ख़ुदावन्द का रूह मुझ पर है, इसलिए कि उसने मुझे ग़रीबों को ख़ुशख़बरी देने के लिए मसह किया; उसने मुझे भेजा है क़ैदियों को रिहाई और अन्धों को बीनाई पाने की ख़बर सूनाऊँ, कुचले हुओं को आज़ाद करूँ।
ᎠᏓᏅᏙ ᏱᎰᏩ ᎤᏤᎵ ᏔᎵ ᎠᏆᏛᏓᏁᎵᏕᎦ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗ ᏣᎩᎶᏁᎥ ᎦᏥᏯᎵᏥᏙᏁᏗᏱ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᏲ ᎢᏳᎾᏛᎿᎭᏕᎩ; ᏗᎩᏅᏒ ᏗᎦᏥᏅᏬᏗᏱ ᎤᏲ ᎤᎾᏓᏅᏔᏩᏕᎩ, ᎦᏥᏃᏁᏗᏱ ᎠᏂᏴᎩ ᎬᏩᎾᏚᏓᎴᏍᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᏗᏂᎨᏫ ᎬᏩᏂᎪᏩᏛᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᏗᎦᏥᏯᎪᏗᏱ ᏗᎨᏥᏂᏆᎶᏔᏅᎯ,
19 और ख़ुदावन्द के साल — ए — मक़बूल का ऐलान करूँ।”
ᎠᎩᏃᎮᎵᏓᏍᏗᏱ ᎠᏕᏘᏱᏍᎬ ᏱᎰᏩ ᏧᏓᏂᎸᎢᏍᏗ ᎨᏒᎢ.
20 फिर वो किताब बन्द करके और ख़ादिम को वापस देकर बैठ गया; जितने 'इबादतख़ाने में थे सबकी आँखें उस पर लगी थीं।
ᎤᏍᏚᏁᏃ ᎪᏪᎵ ᎠᎴ ᏫᎤᏅᏁᎴ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ, ᎠᎴ ᎤᏪᏁᎢ. ᏂᎦᏛᏃ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᎠᏂᏯᎢ ᎤᏯᏅᏒᎯ ᏕᎬᏩᎧᎿᎭᏁᎢ.
21 वो उनसे कहने लगा, “आज ये लिखा हुआ तुम्हारे सामने पूरा हुआ।”
ᎠᎴ ᎤᎴᏅᎮ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎪᎯ ᎢᎦ ᏥᎩ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎪᏪᎸ ᎠᏙᎯᏳᎲᎦ ᎢᏣᏛᎩᏍᎬᎢ.
22 और सबने उस पर गवाही दी और उन पुर फ़ज़ल बातों पर जो उसके मुँह से निकली थी, ता'ज्जुब करके कहने लगे, “क्या ये यूसुफ़ का बेटा नहीं?”
ᏂᎦᏗᏳᏃ ᎬᏩᎸᏉᏗᏍᎨᎢ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᏆᏂᎪᏍᎨ ᎾᏍᎩ ᏃᏒ ᎤᏬᏂᏒᎢ. ᎯᎠᏃ ᏄᏂᏪᏎᎢ, ᏝᏍᎪ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏦᏩ ᎤᏪᏥ ᏱᎩ?
23 उसने उनसे कहा “तुम अलबत्ता ये मिसाल मुझ पर कहोगे कि, 'ऐ हकीम, अपने आप को तो अच्छा कर! जो कुछ हम ने सुना है कि कफ़रनहूम में किया गया, यहाँ अपने वतन में भी कर'।”
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏎ ᏓᏍᎩᏁᎢᏍᏓᏁᎵ ᎯᎠ ᎢᎦᏪᏍᏗ ᏥᎩ; ᏔᏓᏅᏫᏍᎩ, ᏨᏒ ᎭᏓᏅᏮᎦ; ᏂᎦᎥ ᏄᏍᏛ ᎣᎦᏛᎦᏅ ᏕᏣᎸᏫᏍᏓᏁᎸ ᎨᏆᏂ, ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᎿᎭᏛᎦ ᎠᏂ ᏣᏤᎵᎪᎯ.
24 और उसने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि कोई नबी अपने वतन में मक़बूल नहीं होता।
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ; ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎥᏝ ᏱᏓᎦᏓᏂᎸᎪ ᎤᏩᏒ ᎤᏤᎵᎪᎯ.
25 और मैं तुम से कहता हूँ, कि एलियाह के दिनों में जब साढ़े तीन बरस आसमान बन्द रहा, यहाँ तक कि सारे मुल्क में सख़्त काल पड़ा, बहुत सी बेवाएँ इस्राईल में थीं।
ᎠᏎᏃ ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᎤᏂᏣᏖ ᏧᏃᏑᎶᏨᎯ ᎢᏏᎵᏱ ᎾᎯᏳ ᎢᎳᏯ ᏤᎮᎢ, ᎦᎸᎶᎢ ᏧᎵᏍᏚᎯ ᏦᎢ ᏧᏕᏘᏴᏛ ᏑᏓᎵᏃ ᎢᏯᏅᏙ, ᎾᎯᏳ ᎤᏣᏘ ᏥᏚᎪᏄᎶᎭ ᏂᎬᎾᏛᎢ.
26 लेकिन एलियाह उनमें से किसी के पास न भेजा गया, मगर मुल्क — ए — सैदा के शहर सारपत में एक बेवा के पास
ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎢᎳᏯ ᏯᏥᏅᏎ ᎩᎶ ᏭᎷᏤᏗᏱ, ᎠᎨᏴ ᎤᏬᏑᎶᏨᎯ ᎤᏩᏒ, ᏌᎴᏓ ᎾᏍᎩ ᏌᏙᏂ ᎦᏚᎲ ᎦᏁᎳ.
27 और इलिशा नबी के वक़्त में इस्राईल के बीच बहुत से कौढ़ी थे, लेकिन उनमें से कोई पाक साफ़ न किया गया मगर ना'मान सूरयानी।”
ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏖ ᎠᏁᎮ ᎠᏓᏰᏍᎩ ᏧᏂᏢᎩ ᎢᏏᎵᏱ ᎾᎯᏳ ᎢᎳᏏᏯ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᏤᎮᎢ; ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎩᎶ ᏯᏥᏅᎦᎸᎡ, ᏁᎹᏂ ᏏᎵᏱ ᎡᎯ ᎤᏩᏒ.
28 जितने 'इबादतख़ाने में थे, इन बातों को सुनते ही ग़ुस्से से भर गए,
ᏂᎦᏛᏃ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᎠᏂᏯᎢ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎤᎾᏛᎦᏅ ᎤᏂᎧᎵᏤ ᎤᏂᏔᎳᏬᏍᎬᎢ.
29 और उठकर उस को बाहर निकाले और उस पहाड़ की चोटी पर ले गए जिस पर उनका शहर आबाद था, ताकि उसको सिर के बल गिरा दें।
ᏚᎾᎴᏁᏃ ᎠᎴ ᎬᏩᏄᎪᏫᏎ ᎦᏚᎲᎢ, ᎠᎴ ᏭᏩᏝᎥ ᎤᏌᎯᎸ ᏫᎬᏩᏘᏅᏍᏔ ᎾᎿᎭᎤᏂᏚᎲ ᎦᎧᎲᎢ, ᏗᎬᏩᎶᎥᏔᏂᏎᎢ
30 मगर वो उनके बीच में से निकलकर चला गया।
ᎠᏎᏃ ᎤᎦᏛᎴᏎ ᎠᏰᎵ ᎠᏂᏙᎾᎥ ᎢᎬᏪᏅᏍᏔᏁᏉ;
31 फिर वो गलील के शहर कफ़रनहूम को गया और सबत के दिन उन्हें ता'लीम दे रहा था।
ᎠᎴ ᎨᏆᏂ ᏭᎷᏤ ᎾᏍᎩ ᎨᎵᎵ ᎦᏚᎲᎢ, ᎠᎴ ᏕᎨᏲᎲᏍᎨ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᎦ ᏓᏍᏆᎸᎮᎬᎢ.
32 और लोग उसकी ता'लीम से हैरान थे क्यूँकि उसका कलाम इख़्तियार के साथ था।
ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᏃ ᏄᏍᏛ ᏓᏕᏲᎲᏍᎬᎢ, ᎤᎵᏂᎩᏗᏳᏰᏃ ᎧᏁᎨᎢ.
33 इबादतख़ाने में एक आदमी था, जिसमें बदरूह थी। वो बड़ी आवाज़ से चिल्ला उठा कि,
ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱᏃ ᎠᏯᎡ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏓᎭ ᎠᏓᏅᏙ ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏯᎢ, ᎠᎴ ᎠᏍᏓᏇ ᎤᏪᎷᏁᎢ,
34 “ऐ ईसा नासरी हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें हलाक करने आया है? मैं तुझे जानता हूँ कि तू कौन है — ख़ुदा का क़ुद्दूस है।”
ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ, ᎣᎦᏁᎳᎩ; ᎦᏙ ᏗᎦᏓᏛᏙᏗ ᏂᎯ ᏥᏌ ᎾᏎᎵᏗ ᎮᎯ? ᏍᎩᏛᏔᏂᏄᏧ? ᎬᎦᏔᎭ ᏂᎯ ᎾᏍᎩ ᎨᏒᎢ-ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ ᎨᏒᎢ
35 ईसा ने उसे झिड़क कर कहा, “चुप रह और उसमें से निकल जा।” इस पर बदरूह उसे बीच में पटक कर बग़ैर नुक़्सान पहूँचाए उसमें से निकल गई।
ᏥᏌᏃ ᎤᏍᎦᏤᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎡᎳᏪ ᎲᎾ, ᎠᎴ ᎯᏄᎪᎢ ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎠᏂᏅ ᎠᏰᎵ ᎤᏍᏢᏂᏍᏔᏅ ᎤᏄᎪᏤ ᎠᏍᎦᏲᎯ, ᎠᎴ ᎥᏝ ᎪᎱᏍᏗ ᏳᏩᏁᎴᎢ.
36 और सब हैरान होकर आपस में कहने लगे, “ये कैसा कलाम है? क्यूँकि वो इख़्तियार और क़ुदरत से नापाक रूहों को हुक्म देता है और वो निकल जाती हैं।”
ᏂᎦᏛᏃ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᎵᏃᎮᎴ ᎤᏅᏒ ᎨᏒ ᎯᎠ ᏂᏚᎾᏓᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎧᏁᎢᏍᏗ ᎯᎠ? ᎤᏤᎵᎦᏯᏰᏃ ᎠᎴ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᎨᏒ ᏕᎬᏗᎭ ᏕᎧᏁᏤ ᎠᏂᎦᏓᎭ ᏗᏓᏅᏙ, ᎠᎴ ᎠᏂᏄᎪᎦ.
37 और आस पास में हर जगह उसकी धूम मच गई।
ᏕᎦᏃᏣᎸᏃ ᎾᎿᎭᏂᎬᎾᏛ ᏚᏰᎵᏏᏙᎴᎢ.
38 फिर वो 'इबादतख़ाने से उठकर शमौन के घर में दाख़िल हुआ और शमौन की सास जो बुख़ार में पड़ी हुई थी और उन्होंने उस के लिए उससे 'अर्ज़ की।
ᏚᎴᏅᏃ ᎤᏄᎪᏤ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ, ᏌᏩᏂᏃ ᎦᏁᎸ ᏭᏴᎴᎢ. ᏌᏩᏂᏃ ᎤᏓᎵᎢ ᎤᏥ ᎤᏣᏘ ᎤᏗᎴᎲᏍᎨᎢ; ᎬᏩᏔᏲᏎᎴᏃ ᎤᏍᏕᎸᏗᏱ.
39 वो खड़ा होकर उसकी तरफ़ झुका और बुख़ार को झिड़का तो वो उतर गया, वो उसी दम उठकर उनकी ख़िदमत करने लगी।
ᎦᏅᎬᏃ ᎾᎥ ᎤᎴᏁ, ᎠᎴ ᎤᏍᎦᏤ ᎤᏗᎴᎲᏍᎬᎢ, ᎤᏙᎣᎴᏃ ᎤᏗᎴᎲᏍᎬᎢ, ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎤᏗᏛᎮ, ᎠᎴ ᏚᏍᏕᎸᎪᏙᎴᎢ.
40 और सूरज के डूबते वक़्त वो सब लोग जिनके यहाँ तरह — तरह की बीमारियों के मरीज़ थे, उन्हें उसके पास लाए और उसने उनमें से हर एक पर हाथ रख कर उन्हें अच्छा किया।
ᎠᎴ ᎿᎭᏉ ᏭᏕᎵᎨ ᏅᏙ ᏂᎦᏛ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏧᏂᏢᎩ ᏧᏁᎯ ᏕᎬᏩᏘᏃᎮᎴᎢ, ᎠᎴ ᎠᏂᏏᏴᏫᎭ ᏚᏏᏔᏕ ᎠᎴ ᏚᏅᏩᏁᎢ
41 और बदरूहें भी चिल्लाकर और ये कहकर कि, “तू ख़ुदा का बेटा है” बहुतों में से निकल गई, और वो उन्हें झिड़कता और बोलने न देता था, क्यूँकि वो जानती थीं के ये मसीह है।
ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᎾᏍᏉ ᎬᏩᏂᏄᎪᎨ ᎤᏂᏣᏖᎢ, ᎠᏁᎷᎲᏍᎨ ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᏂᎯ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏪᏥ. ᏚᏍᎦᏤᏃ ᏚᏅᏍᏓᏕᎴ ᎤᏂᏁᎢᏍᏗᏱ; ᎠᏂᎦᏔᎮᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᎦᎶᏁᏛ ᎨᏒᎢ.
42 जब दिन हुआ तो वो निकल कर एक वीरान जगह में गया, और भीड़ की भीड़ उसको ढूँडती हुई उसके पास आई, और उसको रोकने लगी कि हमारे पास से न जा।
ᎠᎴ ᎿᎭᏉ ᎤᎩᏨᏅ ᎤᏂᎨᏎ ᎠᎴ ᎢᎾᎨ ᏭᎶᏎᎢ; ᎤᏂᏣᏘᏃ ᎬᏩᏲᎴᎢ, ᎠᎴ ᎬᏩᎷᏤᎴᎢ, ᎠᎴ ᎬᏩᏗᎩᏯᏍᎨᎢ, ᏞᏍᏗ ᏍᎩᏯᏓᏅᎡᎸᎩ ᎬᏬᏎᎮᎢ.
43 उसने उनसे कहा, “मुझे और शहरों में भी ख़ुदा की बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाना ज़रूर है, क्यूँकि मैं इसी लिए भेजा गया हूँ।”
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏎ ᎾᏍᏉ ᏗᏐᎢ ᏕᎦᏚᏩᏗᏒ ᎦᏥᏯᎵᏥᏙᏁᏗ ᎠᎩᏃᎮᏗ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒᎢ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᎢᏯᏆᏛᏁᏗᏱ ᏨᎩᏅᏒ.
44 और वो गलील के 'इबाद्तखानों में एलान करता रहा।
ᎠᎴ ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎨ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᏓᏓᏁᎸ ᎨᎵᎵ.

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