< غزل غزلها 1 >

غزل غزلها که از آن سلیمان است. ۱ 1
सुलेमान की ग़ज़ल — उल — ग़ज़लात।
او مرا به بوسه های دهان خود ببوسد زیرا که محبت تو از شراب نیکوتر است. ۲ 2
वह अपने मुँह के लबों से मुझे चूमे, क्यूँकि तेरा इश्क़ मय से बेहतर है।
عطرهای توبوی خوش دارد و اسم تو مثل عطر ریخته شده می‌باشد. بنابراین دوشیزگان، تو را دوست می‌دارند. ۳ 3
तेरे 'इत्र की खु़श्बू ख़ुशगवार है तेरा नाम 'इत्र रेख़्ता है; इसीलिए कुँवारियाँ तुझ पर आशिक़ हैं।
مرا بکش تا در عقب تو بدویم. پادشاه مرا به حجله های خود آورد. از تو وجد و شادی خواهیم کرد. محبت تو را از شراب زیاده ذکرخواهیم نمود. تو را از روی خلوص دوست می‌دارند. ۴ 4
मुझे खींच ले, हम तेरे पीछे दौड़ेंगी। बादशाह मुझे अपने महल में ले आया। हम तुझ में शादमान और मसरूर होंगी, हम तेरे 'इश्क़ का बयान मय से ज़्यादा करेंगी। वह सच्चे दिल से तुझ पर 'आशिक़ हैं।
‌ای دختران اورشلیم، من سیه فام اماجمیل هستم، مثل خیمه های قیدار و مانندپرده های سلیمان. ۵ 5
ऐ येरूशलेम की बेटियो, मैं सियाहफ़ाम लेकिन खू़बसूरत हूँ क़ीदार के खे़मों और सुलेमान के पर्दों की तरह।
بر من نگاه نکنید چونکه سیه فام هستم، زیرا که آفتاب مرا سوخته است. پسران مادرم بر من خشم نموده، مرا ناطورتاکستانها ساختند، اما تاکستان خود را دیده بانی ننمودم. ۶ 6
मुझे मत देखो कि मैं सियाहफ़ाम हूँ, क्यूँकि मैं धूप की जली हूँ। मेरी माँ के बेटे मुझ से नाख़ुश थे, उन्होंने मुझ से खजूर के बाग़ों की निगाहबानी कराई; लेकिन मैंने अपने खजूर के बाग़ की निगहबानी नहीं की
‌ای حبیب جان من، مرا خبر ده که کجامی چرانی و در وقت ظهر گله را کجا می‌خوابانی؟ زیرا چرا نزد گله های رفیقانت مثل آواره گردم. ۷ 7
ऐ मेरी जान के प्यारे! मुझे बता, तू अपने ग़ल्ले को कहाँ चराता है, और दोपहर के वक़्त कहाँ बिठाता है? क्यूँकि मैं तेरे दोस्तों के ग़ल्लों के पास क्यूँ मारी — मारी फिरूँ?
‌ای جمیل تر از زنان، اگر نمی دانی، در اثرگله‌ها بیرون رو و بزغاله هایت را نزد مسکن های شبانان بچران. ۸ 8
ऐ 'औरतों में सब से ख़ूबसूरत, अगर तू नहीं जानती तो ग़ल्ले के नक़्श — ए — क़दम पर चली जा, और अपने बुज़ग़ालों को चरवाहों के खे़मों के पास पास चरा।
‌ای محبوبه من، تو را به اسبی که در ارابه فرعون باشد تشبیه داده‌ام. ۹ 9
ऐ मेरी प्यारी, मैंने तुझे फ़िर'औन के रथ की घोड़ियों में से एक के साथ मिसाल दी है।
رخسارهایت به جواهرها و گردنت به گردن بندها چه بسیار جمیل است. ۱۰ 10
तेरे गाल लगातार जु़ल्फ़ों में खु़शनुमाँ हैं, और तेरी गर्दन मोतियों के हारों में।
زنجیرهای طلا با حبه های نقره برای توخواهیم ساخت. ۱۱ 11
हम तेरे लिए सोने के तौक़ बनाएँगे, और उनमें चाँदी के फूल जड़ेंगे।
چون پادشاه بر سفره خودمی نشیند، سنبل من بوی خود را می‌دهد. ۱۲ 12
जब तक बादशाह तनावुल फ़रमाता रहा, मेरे सुम्बुल की महक उड़ती रही।
محبوب من، مرا مثل طبله مر است که در میان پستانهای من می‌خوابد. ۱۳ 13
मेरा महबूब मेरे लिए दस्ता — ए — मुर है, जो रात भर मेरी सीने के बीच पड़ा रहता है।
محبوب من، برایم مثل خوشه بان درباغهای عین جدی می‌باشد. ۱۴ 14
मेरा महबूब मेरे लिए ऐनजदी के अंगूरिस्तान से मेहन्दी के फूलों का गुच्छा है।
اینک تو زیباهستی‌ای محبوبه من، اینک تو زیبا هستی وچشمانت مثل چشمان کبوتر است. ۱۵ 15
देख, तू खू़बसूरत है ऐ मेरी प्यारी, देख तू ख़ूबसूरत है। तेरी आँखें दो कबूतर हैं।
اینک تو زیبا و شیرین هستی‌ای محبوب من و تخت ما هم سبز است. ۱۶ 16
देख, तू ही खू़बसूरत है ऐ मेरे महबूब, बल्कि दिल पसन्द है; हमारा पलंग भी सब्ज़ है।
تیرهای خانه ما از سرو آزاد است و سقف ما از چوب صنوبر. ۱۷ 17
हमारे घर के शहतीर देवदार के और हमारी कड़ियाँ सनोबर की हैं।

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