< मरकुस 9 >

1 और उसने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो यहाँ खड़े हैं, उनमें से कोई ऐसे हैं, कि जब तक परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य सहित आता हुआ न देख लें, तब तक मृत्यु का स्वाद कदापि न चखेंगे।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ବୋର୍ସାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଆଜିର୍ତାଞନ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଗିଜେଞ୍ଜି ଜାୟ୍‌ ତେନ୍ନେ ଆତନଙନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ, ରନବୁନ୍‌ ଏର୍‌ମନାୟ୍‌ମାଜନ୍‌ ଡକୋତଞ୍ଜି ।”
2 छः दिन के बाद यीशु ने पतरस और याकूब और यूहन्ना को साथ लिया, और एकान्त में किसी ऊँचे पहाड़ पर ले गया; और उनके सामने उसका रूप बदल गया।
ତୁଡ୍ରୁ ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ପିତ୍ରନ୍‌, ଜାକୁବନ୍‌ ଡ ଜନନ୍‌ ଆନ୍ନାଡାଲେ ଜିସୁନ୍‌ କେନ୍‌ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଡେଙ୍ଗା ବରୁନ୍‌ ଆ ତୋଣ୍ଡୋ ଓରୋଙେଞ୍ଜି ।
3 और उसका वस्त्र ऐसा चमकने लगा और यहाँ तक अति उज्‍ज्वल हुआ, कि पृथ्वी पर कोई धोबी भी वैसा उज्‍ज्वल नहीं कर सकता।
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଆତେମଡଞ୍ଜି ବାଙ୍‌ସାୟ୍‌ଲନେ, ଆ ସିନ୍‌ରିନ୍‌ ଏତ୍ତେଲେ ଆ ସାଆର୍‌ ଆରି ଏତ୍ତେଲେ ଆ ଜେଏ ଡେଏନ୍‌ ଡ, ପୁର୍ତିନ୍‌ ଅନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ତୋବ୍‌କାବ୍‌ମର୍‌ ଏତ୍ତେଲେ, ଅବ୍‌ଜେଏଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଏ ।
4 और उन्हें मूसा के साथ एलिय्याह दिखाई दिया; और वे यीशु के साथ बातें करते थे।
ଆରି, ମୋସାନ୍‌ ଡ ଏଲିଅନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଆକ୍ରଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଗିଜେଞ୍ଜି ।
5 इस पर पतरस ने यीशु से कहा, “हे रब्बी, हमारा यहाँ रहना अच्छा है: इसलिए हम तीन मण्डप बनाएँ; एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये।”
ସିଲତ୍ତେ ପିତ୍ରନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଏ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି କେନ୍‌ତେନ୍ନେ ଡକୋ ତିଆସନ୍‌ ବୟ୍‌ଲେଙ୍‌, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ୟାଗି ଅନ୍‌ସିଙନ୍‌ ଏଗୁତାୟ୍‌, ଆମନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌, ମୋସାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆରି ଏଲିଅନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ।”
6 क्योंकि वह न जानता था कि क्या उत्तर दे, इसलिए कि वे बहुत डर गए थे।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଆକ୍ରାନ୍‌ ବତଙେଞ୍ଜି । ତିଆସନ୍‌ ପିତ୍ରନ୍‌ ଇନି ଗାମ୍‌ଲେ ଜାଲଙେ ତିଆତେ ଆନିନ୍‌ ଅଃଜ୍ଜନାଲୋ ।
7 तब एक बादल ने उन्हें छा लिया, और उस बादल में से यह शब्द निकला, “यह मेरा प्रिय पुत्र है; इसकी सुनो।”
ଆରି, ବକୋପ୍ପା ମେଗନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ରୁବେଜି, ଆରି ତି ଆ ମେଗଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଅଡ଼ୋଲାୟ୍‌, “କେନ୍‌ଆନିନ୍‌ ଡନୁଙ୍‌ୟମ୍‌ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ଞେନ୍‌, କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ବା ।”
8 तब उन्होंने एकाएक चारों ओर दृष्टि की, और यीशु को छोड़ अपने साथ और किसी को न देखा।
ଆରି, ଏରବ୍ବୋମଙ୍‌ଡାଗୋ ଏର୍ରେ ଆମଙଞ୍ଜି ଆରାଙାଙେଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତୁମ୍‌ ଗିଜେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନ୍ନିଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃଗିୟ୍‌ଲଜି ।
9 पहाड़ से उतरते हुए, उसने उन्हें आज्ञा दी, कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से जी न उठे, तब तक जो कुछ तुम ने देखा है वह किसी से न कहना।
ଆନିଞ୍ଜି ବରୁନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆପ୍ରଡ୍‌ଲନାଞଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନିଜି ଇନିଜି ଏଗିଜେନ୍‌ ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌, ଆରବୁମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ୟର୍ମେଙେନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଏବର୍‌ଡଙେ ।”
10 १० उन्होंने इस बात को स्मरण रखा; और आपस में वाद-विवाद करने लगे, “मरे हुओं में से जी उठने का क्या अर्थ है?”
ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ତି ଆ ବର୍ନେ ଞମ୍‌ଲେ ଆରବୁମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ୟନର୍ମେଙନ୍‌ ଇନି? ତି ଆ ବର୍ନେଲୋଙ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି ।
11 ११ और उन्होंने उससे पूछा, “शास्त्री क्यों कहते हैं, कि एलिय्याह का पहले आना अवश्य है?”
ଆରି, ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଏଲିଅନ୍‌ ରୟ୍‌ ଜିର୍ତାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ, ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଇନିବା ବର୍ତଞ୍ଜି?”
12 १२ उसने उन्हें उत्तर दिया, “एलिय्याह सचमुच पहले आकर सब कुछ सुधारेगा, परन्तु मनुष्य के पुत्र के विषय में यह क्यों लिखा है, कि वह बहुत दुःख उठाएगा, और तुच्छ गिना जाएगा?
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଏଲିଅନ୍‌ ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ାଜି ଅନବ୍‌ଜାଡାନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଆଜାଡ଼ିନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଜବ୍ର ପରାନ୍‌ଡଣ୍ଡନ୍‌ ଡେତେ ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବାସ୍ସେତଜି, କେନ୍‌ଆତେ ଏଙ୍ଗାଲେ ଆ ବର୍ନେନ୍‌ ଆଇଡିଡନ୍‌ ଡକୋ?
13 १३ परन्तु मैं तुम से कहता हूँ, कि एलिय्याह तो आ चुका, और जैसा उसके विषय में लिखा है, उन्होंने जो कुछ चाहा उसके साथ किया।”
ବନ୍‌ଡ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଏଲିଅନ୍‌ ଜିର୍ରାୟ୍‌ନି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଆଇଡିଡନ୍‌ ଡକୋ, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ମା ଆନିଞ୍ଜି ଏଙ୍ଗାଲେ ଲଡଜେଞ୍ଜି, ତିଆତେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଏତ୍ତେଏଞ୍ଜି ।”
14 १४ और जब वह चेलों के पास आया, तो देखा कि उनके चारों ओर बड़ी भीड़ लगी है और शास्त्री उनके साथ विवाद कर रहे हैं।
ତିକ୍କି ଆନିଞ୍ଜି ଆନ୍ନା ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ ଗିଜେଞ୍ଜି, ଏର୍ରେ ଆମଙଞ୍ଜି ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆରି ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜି ବୟନ୍‌ ଅଲ୍‌ଡୁଲ୍‌ବାୟ୍‌ତଜି ।
15 १५ और उसे देखते ही सब बहुत ही आश्चर्य करने लगे, और उसकी ओर दौड़कर उसे नमस्कार किया।
ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଆକ୍ରାନ୍‌ ସାନ୍ନି ଡେଏଞ୍ଜି ଆରି ଇର୍ରାଜି କି ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଲୋମେଜି ।
16 १६ उसने उनसे पूछा, “तुम इनसे क्या विवाद कर रहे हो?”
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନିବା ଆନିଞ୍ଜି ବୟନ୍‌ ଏଲ୍‌ଡୁଲ୍‌ବାୟ୍‌ତେ?”
17 १७ भीड़ में से एक ने उसे उत्तर दिया, “हे गुरु, मैं अपने पुत्र को, जिसमें गूँगी आत्मा समाई है, तेरे पास लाया था।
ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଏ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଞେନ୍‌ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ଞେନ୍‌ ଅମଙ୍‌ନମ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲାୟ୍‌ବନ୍‌, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆ ଜାଡ୍ଡା ବୁତନ୍‌ ସୁମେନ୍‌,
18 १८ जहाँ कहीं वह उसे पकड़ती है, वहीं पटक देती है; और वह मुँह में फेन भर लाता, और दाँत पीसता, और सूखता जाता है। और मैंने तेरे चेलों से कहा, कि वे उसे निकाल दें, परन्तु वे निकाल न सके।”
ତି ବୁତନ୍‌, ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଞମ୍‌ତେ, ତେତ୍ତେ ପସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାୟ୍‌ତାନ୍‌ ଅବ୍‌ସେଡ୍‌ତେ ଆରି ଆ ତଅଡ୍‌ଗଡନ୍‌ ପୋନ୍‌ସେରାନ୍‌ ଡୁଙ୍‌ତନାୟ୍‌, ରମ୍‌ରମ୍‌ଜିତନେ, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଅସର୍‌ତେ, ତି ଆ ବୁତ ଗଙ୍ଗଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ନମ୍‌ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ରାଜି, ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଅଃର୍ରପ୍ତିଲଜି ।”
19 १९ यह सुनकर उसने उनसे उत्तर देके कहा, “हे अविश्वासी लोगों, मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा? और कब तक तुम्हारी सहूँगा? उसे मेरे पास लाओ।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଏ ଏର୍‌ଡର୍ନେ କେଜ୍ଜାଜି, ଡିଅଙ୍ଗା ଡିନ୍ନା ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଡକୋନାୟ୍‌? ଡିଅଙ୍ଗା ଡିନ୍ନା ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍‌ବେଞ୍ଜି ଞେନ୍‌ ସଏଆୟ୍‌? ତି ଓବ୍ବାସିଜନ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଓରୋଙାୟ୍‌ବା ।”
20 २० तब वे उसे उसके पास ले आए। और जब उसने उसे देखा, तो उस आत्मा ने तुरन्त उसे मरोड़ा, और वह भूमि पर गिरा, और मुँह से फेन बहाते हुए लोटने लगा।
ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ଓବ୍ବାସିଜନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ମୁକ୍କାବା ଓରୋଙ୍‌ଲାଜି । ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆଗ୍ରିଜେନ୍‌ ସିଲତ୍ତେମା ତି ବୁତନ୍‌ ଓବ୍ବାସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବବରନ୍ତଙନ୍‌ ପଡ୍ଡେଡେନ୍‌ ଆରି ଆନିନ୍‌ ଲବଲୋଙନ୍‌ ଅସେଡ୍‌ଡାଲେ ଆ ତଅଡ୍‌ଗଡନ୍‌ ପୋନ୍‌ସେରାନ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙ୍‌ଡାଲେ ଗଡ଼ାୟ୍‌ ଗଡ଼ାୟ୍‌ଲନେ ।
21 २१ उसने उसके पिता से पूछा, “इसकी यह दशा कब से है?” और उसने कहा, “बचपन से।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ପସିଜନ୍‌ ଆ ବାପାଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଡିଅଙ୍ଗା ଡିନ୍ନା ଡେଏନ୍‌ କେନ୍‌ଆନିନ୍‌ ଏନ୍ନେଗୋ ଡେତେ?” ଆନିନ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଆ ସନ୍ନା ଇଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ।”
22 २२ उसने इसे नाश करने के लिये कभी आग और कभी पानी में गिराया; परन्तु यदि तू कुछ कर सके, तो हम पर तरस खाकर हमारा उपकार कर।”
“ବୁତନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବବେଡ଼ାନ୍‌ କି ବବେଡ଼ାନ୍‌ ତଗୋଲୋଙନ୍‌ ଡ ଡାଆଲୋଙନ୍‌ ଗବ୍‌ଲୋତେ, ତିଆସନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଲୁମ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସାୟୁମ୍‌ଡାଲେ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଲୁମା ।”
23 २३ यीशु ने उससे कहा, “यदि तू कर सकता है! यह क्या बात है? विश्वास करनेवाले के लिये सब कुछ हो सकता है।”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଇନି ଗାମେନ୍‌? ଲୁମ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଏନ୍‌ ଡେନ୍‌! ଡର୍ନେମରନ୍‌ ଆ ଡନେଲୋଙ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଡେଆୟ୍‌ତେ ।”
24 २४ बालक के पिता ने तुरन्त पुकारकर कहा, “हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूँ; मेरे अविश्वास का उपाय कर।”
ସିଲତ୍ତେମା ପସିଜନ୍‌ ଆ ବାପା ସୋଡ଼ା ସର୍ରଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍‌ ଡର୍ତନାୟ୍‌, ଏଙ୍ଗାଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ଡର୍ନାୟ୍‌ ତିଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସାୟୁମିଁୟ୍‌ ।”
25 २५ जब यीशु ने देखा, कि लोग दौड़कर भीड़ लगा रहे हैं, तो उसने अशुद्ध आत्मा को यह कहकर डाँटा, कि “हे गूँगी और बहरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूँ, उसमें से निकल आ, और उसमें फिर कभी प्रवेश न करना।”
ତିକ୍କି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ରୁକ୍କୁଲନ୍‌ ଆଜିର୍ରାଞଞ୍ଜି ଗିୟ୍‌ଲେ, ଜିସୁନ୍‌ ତି ଏର୍‌ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବବ୍‌ତଙ୍‌ଲେ ବର୍ରନେ, “ଏ ଆକାଲାନ୍‌ ଆରି ଆଜାଡ୍ଡାନ୍‌ ଆ ପୁରାଡ଼ା, ଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବର୍ତମ୍‌, କେନ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରା, ଆରି ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ଜା କେନ୍‌ ଆ ଅମ୍ମନ୍‌ ଗନ୍‌ଡଙେ ।”
26 २६ तब वह चिल्लाकर, और उसे बहुत मरोड़कर, निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया, यहाँ तक कि बहुत लोग कहने लगे, कि वह मर गया।
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ସଜିର୍‌ଡାଲେ ଓବ୍ବାସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ପଡ୍ଡେଃଡାଲେ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରେନ୍‌, ଆରି ପସିଜନ୍‌ ଆରବୁଗୋ ଡେଏନ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଆନିନ୍‌ ରବୁଏନ୍‌ ।”
27 २७ परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया, और वह खड़ा हो गया।
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଞମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ଡୋଏନ୍‌, ଆରି ଆନିନ୍‌ ତନଙେନ୍‌ ।
28 २८ जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उससे पूछा, “हम उसे क्यों न निकाल सके?”
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ଆଜିର୍ରାଞନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଜନା ବରେଞ୍ଜି, “ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଇନିବା ତି ଆ ବୁତ ଗଙ୍‌ଲେ ଏଃର୍ରପ୍ତିଲାୟ୍‌?”
29 २९ उसने उनसे कहा, “यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ପାର୍ତନାନ୍‌ ତୁମ୍‌ ବାତ୍ତେ ଏନ୍ନେଗନ୍‌ ଆ ବୁତ ରପ୍ତି ଗଙ୍‌ତନେ ।”
30 ३० फिर वे वहाँ से चले, और गलील में होकर जा रहे थे, वह नहीं चाहता था कि कोई जाने,
ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଜିର୍ରେ ଗାଲିଲିଗଡ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି । ଆରି ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଜନାଡଙେଜି ତଡ୍‌ ଗାମେନ୍‌ ।
31 ३१ क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता और उनसे कहता था, “मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा, और वे उसे मार डालेंगे; और वह मरने के तीन दिन बाद जी उठेगा।”
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ବର୍ରନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି, “ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆସିଲୋଙ୍‌ ସୋରୋପ୍ପାୟ୍‌ତନେ, ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରବ୍ବୁତଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ରବୁଏନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ୟର୍ମେଙ୍‌ତେ ।”
32 ३२ पर यह बात उनकी समझ में नहीं आई, और वे उससे पूछने से डरते थे।
ବନ୍‌ଡ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ତି ଆ ବର୍ନେ ଅଃଗନ୍‌ଲୁଡ୍‌ଲଜି ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବନରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବତଙେଞ୍ଜି ।
33 ३३ फिर वे कफरनहूम में आए; और घर में आकर उसने उनसे पूछा, “रास्ते में तुम किस बात पर विवाद कर रहे थे?”
ତିକ୍କି ଆନିଞ୍ଜି କପର୍ନାଉମନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି । ଜିସୁନ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ତୁଙ୍‌ଲେ, ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ତଙରନ୍‌ ଇନି ଏଲ୍‌ଡୁଲ୍‌ବାଞେନ୍‌?”
34 ३४ वे चुप रहे क्योंकि, मार्ग में उन्होंने आपस में यह वाद-विवाद किया था, कि हम में से बड़ा कौन है?
ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ରିଙ୍‌ଲନ୍‌ ଡକୋଲଞ୍ଜି, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନା ସତଙ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ ତଙର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଅଲ୍‌ଡୁଲ୍‌ବାଞେଞ୍ଜି ।
35 ३५ तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया, और उनसे कहा, “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सबसे छोटा और सब का सेवक बने।”
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ତଙ୍କୁମ୍‌ଡାଲେ ବାରଜଣଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆନା ସବ୍‌ତଙ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସାୟ୍‌ତେ, ଆନିନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ ଅବ୍‌ସନ୍ନାନେତୋ ଆରି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଆ କମ୍ୱାରିମର୍‌ ଡେଏତୋ ।”
36 ३६ और उसने एक बालक को लेकर उनके बीच में खड़ा किया, और उसको गोद में लेकर उनसे कहा,
ଆରି ଜିସୁନ୍‌, ଅବୟ୍‌ ସନ୍ନାସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆ ମୁକ୍କାବା ତବ୍‌ନଙେନ୍‌ କି ତି ପସିଜନ୍‌ କୋଣ୍ଡୋଡାଲେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି,
37 ३७ “जो कोई मेरे नाम से ऐसे बालकों में से किसी एक को भी ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता, वह मुझे नहीं, वरन् मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है।”
“ଆନା ଅଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ଞେନ୍‌ କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ସନ୍ନାସିଜଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଜାତେ, ଆନିନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାତେ, ଆନା ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାତେ, ଆନିନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତୁମ୍‌ ଅଃଜ୍ଜାଏ, ଆର୍ପାୟ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆରାପ୍ପାୟ୍‌ଲିଞନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଆଡଙ୍‌ ନିୟ୍‌ ଜାତେ ।”
38 ३८ तब यूहन्ना ने उससे कहा, “हे गुरु, हमने एक मनुष्य को तेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालते देखा और हम उसे मना करने लगे, क्योंकि वह हमारे पीछे नहीं हो लेता था।”
ଜନନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଏ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଅଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ବୁତନ୍‌ ଆଗ୍ରଙେନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ଏଗିୟ୍‌ଲାୟ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ଏରଙ୍‌ଲାୟ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ମରାୟ୍‌ନେଲେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ତଡ୍‌ ।”
39 ३९ यीशु ने कहा, “उसको मना मत करो; क्योंकि ऐसा कोई नहीं जो मेरे नाम से सामर्थ्य का काम करे, और आगे मेरी निन्दा करे,
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଏରଙ୍‌ଡଙ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଅଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ଞେନ୍‌ ବୋର୍ସା କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଲୁମ୍‌ତେ, ଆନିନ୍‌ ଏରବ୍ବୋମଙ୍‌ଡାଗୋ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃବ୍ବର୍ଡୋଙିଁୟ୍‌ ।
40 ४० क्योंकि जो हमारे विरोध में नहीं, वह हमारी ओर है।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନା ବିରୁଦମର୍‌ଲେନ୍‌ ତଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡନେମର୍‌ଲେନ୍‌ ।
41 ४१ जो कोई एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिए पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह अपना प्रतिफल किसी तरह से न खोएगा।”
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନା ଅଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବଗିନା ଡାଆନ୍‌ ଗାଡାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତିୟ୍‌ତବେନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେଜନଙ୍‌ ଆ ବର୍ତନ୍ନାନ୍‌ ଅଃନ୍ନବ୍‌ଅଡ଼ଜେ ।”
42 ४२ “जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं, किसी को ठोकर खिलाए तो उसके लिये भला यह है कि एक बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाए और वह समुद्र में डाल दिया जाए।
ଜିସୁନ୍‌ ଆରି ବର୍ରନେ, “ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଆଡର୍ତନେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ, ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଗବ୍‌ଲୋତେ, ତି ଆ ମନ୍‌ରା ଆ ସଙ୍କାଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସୋଡ଼ା ଗୋର୍ନାଅରନ୍‌ ୟୋଡ୍‌ଲୋଙ୍‌ ୟୋଡ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଆ ସେଡ୍‌ସେଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ ଡେତେ ବନ୍‌ ।
43 ४३ यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna g1067)
ଆରି, ଅସିବେନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଗବ୍‌ଲୋଲବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତିଆତେ ଗଡ୍‌ଲେ ସେଡ୍‌ବା, ବାର୍ସିନ୍‌ ଅଃପ୍ପଞିଡେନ୍‌ ଆ ତଗୋସିଂଲୋଙ୍‌ ଜନିରନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆମୋଡ୍ଡେୟ୍‌ସିନ୍‌ ଅନମେଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଗଙ୍ଗନନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ । (Geenna g1067)
44 ४४ जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତଗୋସିଙନ୍‌ ଆ ବୋବ୍ବୋଡ୍‌ଜି ଅଃର୍ରବୁଏଜି, ଆରି ତଗୋନ୍‌ ଅଃପ୍ପଞିଡେ ।
45 ४५ और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
ଆରି, ତାଲ୍‌ଜଙ୍‌ବେନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଗବ୍‌ଲୋଲବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତିଆତେ ଗଡ୍‌ଲେ ସେଡ୍‌ବା, ବାର୍ଜଙନ୍‌ ତଗୋସିଂଲୋଙନ୍‌ ଆରସେଡ୍‌ତବେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆସୋତ୍ତାନ୍‌ ଅନମେଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଗଙ୍ଗନନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ । (Geenna g1067)
46 ४६ जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତଗୋସିଙନ୍‌ ଆ ବୋବ୍ବୋଡ୍‌ଜି ଅଃର୍ରବୁଏଜି, ଆରି ତଗୋନ୍‌ ଅଃପ୍ପଞିଡେ ।
47 ४७ और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
ଆରି, ଅମଡ୍‌ବେନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଗବ୍‌ଲୋଲବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତିଆତେ ତବ୍‌ଲେ ସେଡ୍‌ବା, ବାର୍ମଡନ୍‌ ତଗୋସିଂଲୋଙନ୍‌ ଏରସେଡ୍‌ତେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆମିୟ୍‌ମଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍‌ ଗଙ୍ଗନନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ । (Geenna g1067)
48 ४८ जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତଗୋସିଙନ୍‌ ଆ ବୋବ୍ବୋଡ୍‌ଜି ଅଃର୍ରବୁଏଜି, ଆରି ତଗୋନ୍‌ ଅଃପ୍ପଞିଡେ ।”
49 ४९ क्योंकि हर एक जन आग से नमकीन किया जाएगा।
“ଅନମଙନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ବସିଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ ମନବ୍‌ନଙନ୍‌ ଡେତେ, ଏତ୍ତେଲେ ଅଡ଼୍‌କୋ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ତଗୋନ୍‌ ବାତ୍ତେ ମନବ୍‌ନଙନ୍‌ ଡେତେ ।”
50 ५० नमक अच्छा है, पर यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो उसे किस से नमकीन करोगे? अपने में नमक रखो, और आपस में मेल मिलाप से रहो।”
“ବସିଡନ୍‌ ମନଙ୍‌, ବନ୍‌ଡ ତିଆତେ ମରେଡ୍‌ ତଡ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତିଆତେ ଏଙ୍ଗାଲେ ମବ୍‌ରେଡ୍‌ତବୋ? ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ବସିଡନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଡେବା, ଆରି ତର୍ଡମ୍‌ ସୟୁ ଗାମ୍‌ଲେ ଡକୋନାବା ।”

< मरकुस 9 >