< मरकुस 8 >

1 उन दिनों में, जब फिर बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई, और उनके पास कुछ खाने को न था, तो उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उनसे कहा,
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ରୁକ୍କୁଲଞ୍ଜି, ଆରି ଆମଙଞ୍ଜି ଜନୋମ୍‌ଜୋମନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ତଡନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେଞ୍ଜି,
2 “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं।
“ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଞେନ୍‌ ଇର୍ସୋୟମ୍‌ଡାତିଁୟ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ଆନିଞ୍ଜି ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଡେଏନ୍ନି ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଡକୋଜି ଆରି କେନ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଜନୋମ୍‌ଜୋମ୍‌ ତଡ୍‌ ।
3 यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूँ, तो मार्ग में थककर रह जाएँगे; क्योंकि इनमें से कोई-कोई दूर से आए हैं।”
ଞେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଡୋଲେଜନ୍‌ ଆସିଙଞ୍ଜି ଆପ୍ପାୟ୍‌ଲାଜି ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତଙରନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଇୟ୍‌ତେ ରାଇଡେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ସଙାୟ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିର୍ରାଜି ।”
4 उसके चेलों ने उसको उत्तर दिया, “यहाँ जंगल में इतनी रोटी कोई कहाँ से लाए कि ये तृप्त हों?”
ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ତେନ୍ନେ କେନ୍‌ ଆରିଙ୍‌ରିଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆନା ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ କେନ୍‌ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅବ୍ବୋଓଲେ ରପ୍ତିଏଜି?”
5 उसने उनसे पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने कहा, “सात।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ରୁଟିନ୍‌ ଡକୋ?” ଆନିଞ୍ଜି ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ସାତଟା ।”
6 तब उसने लोगों को भूमि पर बैठने की आज्ञा दी, और वे सात रोटियाँ लीं, और धन्यवाद करके तोड़ीं, और अपने चेलों को देता गया कि उनके आगे रखें, और उन्होंने लोगों के आगे परोस दिया।
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଲବଲୋଙନ୍‌ ତନଙ୍କୁମନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି, ଆନିନ୍‌ ତି ସାତଟା ରୁଟିନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସନେନ୍‌ସେନନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେ, ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ରେବ୍‌ଲେ ବନନ୍ତାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ତିଆତେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବନ୍ତାଏଞ୍ଜି ।
7 उनके पास थोड़ी सी छोटी मछलियाँ भी थीं; और उसने धन्यवाद करके उन्हें भी लोगों के आगे रखने की आज्ञा दी।
ଆରି, ଆମଙଞ୍ଜି ଅସୋୟ୍‌ ସନ୍ନାରା ଅୟନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌, ତିଆତେଜି ଆସନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସନେନ୍‌ସେନନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେ ବନନ୍ତାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି ।
8 अतः वे खाकर तृप्त हो गए और शेष टुकड़ों के सात टोकरे भरकर उठाए।
ଆନିଞ୍ଜି ଜୋମେଞ୍ଜି କି ଅବୋଏଞ୍ଜି ଆରି ଆଲଗା ରୁଟିନ୍‌ ସାତ ଗୁରୁଲ୍ଲି ବବ୍‌ରିୟ୍‌ଲେ ଡକ୍କୋଏଞ୍ଜି ।
9 और लोग चार हजार के लगभग थे, और उसने उनको विदा किया।
ତେତ୍ତେ ଉଞ୍ଜି ଅଜାର ଡେତେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଡକୋଏଞ୍ଜି ।
10 १० और वह तुरन्त अपने चेलों के साथ नाव पर चढ़कर दलमनूता देश को चला गया।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟ୍‌ଡାଲେ ସିଲତ୍ତେମା ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ଦଲ୍‌ମନୁଆରେଙନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି ।
11 ११ फिर फरीसी आकर उससे वाद-विवाद करने लगे, और उसे जाँचने के लिये उससे कोई स्वर्गीय चिन्ह माँगा।
ତିକ୍କି ପାରୁସିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଅଲ୍‌ଡୁଲ୍‌ବାଞେଜି ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ମନାଲ୍‌ମାଲନ୍‌ ଆସନ୍‌ ରୁଆଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅରମ୍ମଡନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବେଡେଜି ।
12 १२ उसने अपनी आत्मा में भरकर कहा, “इस समय के लोग क्यों चिन्ह ढूँढ़ते हैं? मैं तुम से सच कहता हूँ, कि इस समय के लोगों को कोई चिन्ह नहीं दिया जाएगा।”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ଆରୁୟମ୍‌ଡାଲନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ନମିଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଇନିବା ଅରମ୍ମଡନ୍‌ ସାୟ୍‌ତଜି? ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ନମିଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅରମ୍ମଡନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଅଃଡ୍ଡେଏ ।”
13 १३ और वह उन्हें छोड़कर फिर नाव पर चढ़ गया, और पार चला गया।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ଡାଲେ ଆରି ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଆ ଅଡିଗଡ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
14 १४ और वे रोटी लेना भूल गए थे, और नाव में उनके पास एक ही रोटी थी।
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ରୁଟିନ୍‌ ଆପନାଙ୍‌ ଆସନ୍‌ କରୋଡାଏଞ୍ଜି, ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ଆବୟନ୍‌ ତୁମ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌ ।
15 १५ और उसने उन्हें चेतावनी दी, “देखो, फरीसियों के ख़मीर और हेरोदेस के ख़मीर से सावधान रहो।”
ତିଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆବ୍ବୟ୍‌ଡମ୍‌ନାବା, କମିରନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌, ପାରୁସିଞ୍ଜି ଡ ଏରୋଦନ୍‌ ଆ କଣ୍ଡାୟ୍‌ ଞନଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଗିୟ୍‌ଡମ୍‌ନାବା ।”
16 १६ वे आपस में विचार करके कहने लगे, “हमारे पास तो रोटी नहीं है।”
ସିଲତ୍ତେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍‌ଲେନ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ତଡ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ତନେ ।”
17 १७ यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “तुम क्यों आपस में विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है?
ଜିସୁନ୍‌ ତିଆତେ ଜନାଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ରୁଟି ଅବୟ୍‌ ତଡ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଇନିବା ତର୍ଡମ୍‌ ଏକଡାଡ଼ିତନ୍‌? ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନି ନମିନ୍ତାନ୍‌ ଅଃଜ୍ଜନାବେନ୍‌ କି ଅଃଗନ୍‌ଲୁଡ୍‌ବେନ୍‌ ପଙ୍‌? ଉଗର୍‌ବେନ୍‌ ଇନି ଆ କବୁଙ୍‌ ପଙ୍‌?
18 १८ क्या आँखें रखते हुए भी नहीं देखते, और कान रखते हुए भी नहीं सुनते? और तुम्हें स्मरण नहीं?
ଅମଡନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଏଃଗିଜେ ପଙ୍‌? ଆରି, ଅଲୁଡନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଏଃନ୍ନମ୍‌ଡଙେ ପଙ୍‌? ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍ନେଲେ ଏଃର୍ରପ୍ତିଏ ପଙ୍‌?”
19 १९ कि जब मैंने पाँच हजार के लिये पाँच रोटी तोड़ी थीं तो तुम ने टुकड़ों की कितनी टोकरियाँ भरकर उठाईं?” उन्होंने उससे कहा, “बारह टोकरियाँ।”
“ଞେନ୍‌ ଆଙ୍ଗା, ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ରେବ୍‌ଲେ ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ଅଜାର ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାଗାନେନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲାଜି, ତିଆଡିଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡିଅଙ୍ଗା ଗୁରୁଲ୍ଲିଲୋଙ୍‌ ଆରେବ୍‌ରେବ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଏବବ୍‌ରିଜେନ୍‌, ତିଆତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି କରୋଡାଲବେନ୍‌ ପଙ୍‌?” ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ବାର ଗୁରୁଲ୍ଲି ।”
20 २० उसने उनसे कहा, “और जब चार हजार के लिए सात रोटियाँ थीं तो तुम ने टुकड़ों के कितने टोकरे भरकर उठाए थे?” उन्होंने उससे कहा, “सात टोकरे।”
“ଆରି, ଞେନ୍‌ ଆଙ୍ଗା, ସାତଟା ରୁଟିନ୍‌ ରେବ୍‌ଲେ, ଉଞ୍ଜି ଅଜାର ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବନ୍ତାଲାୟ୍‌, ତିଆଡିଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡିଅଙ୍ଗା ଗୁରୁଲ୍ଲିଲୋଙ୍‌ ଆରେବ୍‌ରେବ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଏବବ୍‌ରିଜେନ୍‌?” ଆନିଞ୍ଜି ଗାମେଞ୍ଜି “ସାତ ଗୁରୁଲ୍ଲି ।”
21 २१ उसने उनसे कहा, “क्या तुम अब तक नहीं समझते?”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନି ନମିନ୍ତାନ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଗନ୍‌ଲୁଡ୍‌ବେନ୍‌ ପଙ୍‌?”
22 २२ और वे बैतसैदा में आए; और लोग एक अंधे को उसके पास ले आए और उससे विनती की कि उसको छूए।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ବେତ୍‌ସାଇଦାନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି । ଆରି, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଅବୟ୍‌ କାଡ଼ୁମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସୁଙେଡାଲେ ମନବ୍‌ନଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ କାକୁର୍ତିନେଜି ।
23 २३ वह उस अंधे का हाथ पकड़कर उसे गाँव के बाहर ले गया। और उसकी आँखों में थूककर उस पर हाथ रखे, और उससे पूछा, “क्या तू कुछ देखता है?”
ତିଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ କାଡ଼ୁମରନ୍‌ ଆସି ଞମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସାଇନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙ୍‌ଲେ ଓରୋଙେନ୍‌, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆମଡ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ବିଜଲେନ୍‌ କି ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଡାଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଆମନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ତେ ପଙ୍‌?”
24 २४ उसने आँख उठाकर कहा, “मैं मनुष्यों को देखता हूँ; क्योंकि वे मुझे चलते हुए दिखाई देते हैं, जैसे पेड़।”
ଆନିନ୍‌ ଆଙାଙ୍‌ଡାଲନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଗିୟ୍‌ତାଜି ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଅରାନୁବଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଗିୟ୍‌ତାଡାଲେ ଆତ୍ରଙିୟ୍‌ତନେଞ୍ଜି ଞେନ୍‌ ଗିୟ୍‌ତାଜି ।”
25 २५ तब उसने फिर दोबारा उसकी आँखों पर हाथ रखे, और उसने ध्यान से देखा। और चंगा हो गया, और सब कुछ साफ-साफ देखने लगा।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆରି ଆମଡ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଏନ୍‌, ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ରେୟ୍‌ଲଙ୍‌ ଗିଜେନ୍‌ ଆରି ମନଙ୍‌ଡାଲେ ଆବଗନିଜନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଗିଜେନ୍‌ ।
26 २६ और उसने उसे यह कहकर घर भेजा, “इस गाँव के भीतर पाँव भी न रखना।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟ୍‌ଡାଲେ ବରେନ୍‌, “କେନ୍‌ ଆ ସାଇ ଇୟ୍‌ଡଙ୍‌ଗନେ, ଅସିଂନମ୍‌ ଜିରା ।”
27 २७ यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी के गाँवों में चले गए; और मार्ग में उसने अपने चेलों से पूछा, “लोग मुझे क्या कहते हैं?”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି କାଇସରିଆ ପିଲିପିରେଙନ୍‌ ଆ ସାଇରେଙ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି, ଆରି ତଙର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍‌ ଆନା ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଇନି ଗାମ୍‌ତଜି?”
28 २८ उन्होंने उत्तर दिया, “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला; पर कोई-कोई, एलिय्याह; और कोई-कोई, भविष्यद्वक्ताओं में से एक भी कहते हैं।”
ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌,” ଆରି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ “ଏଲିଅ, ବନ୍‌ଡ ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ଗାମ୍‌ତଜି, ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ।”
29 २९ उसने उनसे पूछा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने उसको उत्तर दिया, “तू मसीह है।”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି, ଞେନ୍‌ ଆନା ଏଗାମ୍‌ତିଁୟ୍‌?” ପିତ୍ରନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଆମନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆରାପ୍ପାୟ୍‌ଲମନ୍‌ ଆ କ୍ରିସ୍ଟ ।”
30 ३० तब उसने उन्हें चिताकर कहा कि “मेरे विषय में यह किसी से न कहना।”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆମଙ୍‌ ବର୍ନେଞେନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଏବର୍‌ଡଙ୍‌ନେ ।”
31 ३१ और वह उन्हें सिखाने लगा, कि मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें और वह तीन दिन के बाद जी उठे।
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଉଲନେ, “ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ପରାନ୍‌ଡଣ୍ଡନ୍‌ ଡେତେ ଆରି ପାପୁର୍‌ମରଞ୍ଜି, ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବାସ୍ସେତଜି ଆରି ରବ୍ବୁତଜି ବନ୍‌ଡ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ଆନିନ୍‌ ୟର୍ମେଙ୍‌ଲେ ଡୋତନେ ।”
32 ३२ उसने यह बात उनसे साफ-साफ कह दी। इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर डाँटने लगा।
କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଆନିନ୍‌ ରେୟ୍‌ଲଙ୍‌ ବର୍ରନେ । ସିଲତ୍ତେ ପିତ୍ରନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବ ଅନେଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଇୟ୍‌ଲେ କଞେ ।
33 ३३ परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को डाँटकर कहा, “हे शैतान, मेरे सामने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है।”
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆୟର୍‌ଗୁଡ଼ିଃଲନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ, ପିତ୍ରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କଁୟ୍‌ଲେ ବରେନ୍‌, “ସନୁମ୍‌, ମୁକ୍କାବାଞେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ସବ୍‌ଙାୟ୍‌ନା, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଏର୍‌ନିଃୟମନ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଇୟମ୍‌ତେ ।”
34 ३४ उसने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उनसे कहा, “जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आप से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले।
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେଞ୍ଜି, “ଆନା ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସନଣ୍ଡୋଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଲଡୟ୍‌ତେ, ତି ଆ ମନ୍‌ରା, ଆନିନ୍‌ଡମ୍‌ ମୁର୍ସେଡମ୍‌ନେତୋ, ଆରି ଆଅକ୍କାଡଙନ୍‌ ବୋୟ୍‌ଲେ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙିୟ୍‌ତୋ ।
35 ३५ क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଡୋବ୍‌ଡୋବନ୍‌ ସାୟ୍‌ତେ, ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍‌ତେ, ବନ୍‌ଡ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆରି ମନଙ୍‌ବରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍‌ତେ, ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଡୋବ୍‌ତେ ।
36 ३६ यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?
ଆରି ମନ୍‌ରାନ୍‌ ପୁର୍ତିନ୍‌ଆତେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଞାଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଞାଙ୍‌ଲେ, ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଅବ୍ବଡ଼ଜେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇନି ଆ ଲାବ?
37 ३७ और मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा?
ଆରି ମନ୍‌ରାନ୍‌, ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଞନାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆ ପାଲ୍‌ତେଙନ୍‌ ଇନି ତିୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଏ?
38 ३८ जो कोई इस व्यभिचारी और पापी जाति के बीच मुझसे और मेरी बातों से लजाएगा, मनुष्य का पुत्र भी जब वह पवित्र स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा सहित आएगा, तब उससे भी लजाएगा।”
ତିଆସନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା କେନ୍‌ ନମି ଆ ଜୋଗା ଡାରିନେମରଞ୍ଜି ଡ ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌, ଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆରି ବର୍ନେଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଗବ୍‌ରୟ୍‌ତନେ, ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ମଡ଼ିର୍‌ ପାଙ୍‌ଲଙ୍‌ବର୍‌ମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଆପେୟନ୍‌ ଆ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଜିର୍ତାୟ୍‌, ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଆନିନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ଗବ୍‌ରୟ୍‌ତନେ ।”

< मरकुस 8 >