< ܡܪܩܘܣ 1 >

ܪܫܐ ܕܐܘܢܓܠܝܘܢ ܕܝܫܘܥ ܡܫܝܚܐ ܒܪܗ ܕܐܠܗܐ 1
परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ।
ܐܝܟ ܕܟܬܝܒ ܒܐܫܥܝܐ ܢܒܝܐ ܗܐ ܡܫܕܪ ܐܢܐ ܡܠܐܟܝ ܩܕܡ ܦܪܨܘܦܟ ܕܢܬܩܢ ܐܘܪܚܟ 2
जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक में लिखा है: “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा।
ܩܠܐ ܕܩܪܐ ܒܡܕܒܪܐ ܛܝܒܘ ܐܘܪܚܗ ܕܡܪܝܐ ܘܐܫܘܘ ܫܒܝܠܘܗܝ 3
जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उसकी सड़कें सीधी करो।”
ܗܘܐ ܝܘܚܢܢ ܒܡܕܒܪܐ ܡܥܡܕ ܘܡܟܪܙ ܡܥܡܘܕܝܬܐ ܕܬܝܒܘܬܐ ܠܫܘܒܩܢܐ ܕܚܛܗܐ 4
यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था।
ܘܢܦܩܐ ܗܘܬ ܠܘܬܗ ܟܠܗ ܟܘܪ ܕܝܗܘܕ ܘܟܠܗܘܢ ܒܢܝ ܐܘܪܫܠܡ ܘܡܥܡܕ ܗܘܐ ܠܗܘܢ ܒܝܘܪܕܢܢ ܟܕ ܡܘܕܝܢ ܒܚܛܗܝܗܘܢ 5
सारे यहूदिया के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए, और अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उससे बपतिस्मा लिया।
ܗܘ ܕܝܢ ܝܘܚܢܢ ܠܒܝܫ ܗܘܐ ܠܒܘܫܐ ܕܤܥܪܐ ܕܓܡܠܐ ܘܐܤܝܪ ܗܘܐ ܥܪܩܬܐ ܕܡܫܟܐ ܒܚܨܘܗܝ ܘܡܐܟܘܠܬܗ ܐܝܬܝܗ ܗܘܬ ܩܡܨܐ ܘܕܒܫܐ ܕܒܪܐ 6
यूहन्ना ऊँट के रोम का वस्त्र पहने और अपनी कमर में चमड़े का कमरबन्द बाँधे रहता था और टिड्डियाँ और वनमधु खाया करता था।
ܘܡܟܪܙ ܗܘܐ ܘܐܡܪ ܗܐ ܐܬܐ ܒܬܪܝ ܕܚܝܠܬܢ ܡܢܝ ܗܘ ܕܠܐ ܫܘܐ ܐܢܐ ܕܐܓܗܢ ܐܫܪܐ ܥܪܩܐ ܕܡܤܢܘܗܝ 7
और यह प्रचार करता था, “मेरे बाद वह आनेवाला है, जो मुझसे शक्तिशाली है; मैं इस योग्य नहीं कि झुककर उसके जूतों का फीता खोलूँ।
ܐܢܐ ܐܥܡܕܬܟܘܢ ܒܡܝܐ ܗܘ ܕܝܢ ܢܥܡܕܟܘܢ ܒܪܘܚܐ ܕܩܘܕܫܐ 8
मैंने तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।”
ܘܗܘܐ ܒܝܘܡܬܐ ܗܢܘܢ ܐܬܐ ܝܫܘܥ ܡܢ ܢܨܪܬ ܕܓܠܝܠܐ ܘܐܬܥܡܕ ܒܝܘܪܕܢܢ ܡܢ ܝܘܚܢܢ 9
उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।
ܘܡܚܕܐ ܕܤܠܩ ܡܢ ܡܝܐ ܚܙܐ ܕܐܤܬܕܩܘ ܫܡܝܐ ܘܪܘܚܐ ܐܝܟ ܝܘܢܐ ܕܢܚܬܬ ܥܠܘܗܝ 10
१०और जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उसने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर के रूप में अपने ऊपर उतरते देखा।
ܘܩܠܐ ܗܘܐ ܡܢ ܫܡܝܐ ܐܢܬ ܗܘ ܒܪܝ ܚܒܝܒܐ ܒܟ ܐܨܛܒܝܬ 11
११और यह आकाशवाणी हुई, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझ से मैं प्रसन्न हूँ।”
ܘܡܚܕܐ ܐܦܩܬܗ ܪܘܚܐ ܠܡܕܒܪܐ 12
१२तब आत्मा ने तुरन्त उसको जंगल की ओर भेजा।
ܘܗܘܐ ܬܡܢ ܒܡܕܒܪܐ ܝܘܡܬܐ ܐܪܒܥܝܢ ܟܕ ܡܬܢܤܐ ܡܢ ܤܛܢܐ ܘܐܝܬܘܗܝ ܗܘܐ ܥܡ ܚܝܘܬܐ ܘܡܫܡܫܝܢ ܗܘܘ ܠܗ ܡܠܐܟܐ 13
१३और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उसकी परीक्षा की; और वह वन-पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उसकी सेवा करते रहे।
ܒܬܪ ܕܐܫܬܠܡ ܕܝܢ ܝܘܚܢܢ ܐܬܐ ܠܗ ܝܫܘܥ ܠܓܠܝܠܐ ܘܡܟܪܙ ܗܘܐ ܤܒܪܬܐ ܕܡܠܟܘܬܗ ܕܐܠܗܐ 14
१४यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार किया।
ܘܐܡܪ ܫܠܡ ܠܗ ܙܒܢܐ ܘܡܛܬ ܡܠܟܘܬܐ ܕܐܠܗܐ ܬܘܒܘ ܘܗܝܡܢܘ ܒܤܒܪܬܐ 15
१५और कहा, “समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो।”
ܘܟܕ ܡܗܠܟ ܚܕܪܝ ܝܡܐ ܕܓܠܝܠܐ ܚܙܐ ܠܫܡܥܘܢ ܘܠܐܢܕܪܐܘܤ ܐܚܘܗܝ ܕܪܡܝܢ ܡܨܝܕܬܐ ܒܝܡܐ ܐܝܬܝܗܘܢ ܗܘܘ ܓܝܪ ܨܝܕܐ 16
१६गलील की झील के किनारे-किनारे जाते हुए, उसने शमौन और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुए थे।
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܝܫܘܥ ܬܘ ܒܬܪܝ ܘܐܥܒܕܟܘܢ ܨܝܕܐ ܕܒܢܝ ܐܢܫܐ 17
१७और यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे चले आओ; मैं तुम को मनुष्यों के पकड़नेवाले बनाऊँगा।”
ܘܡܚܕܐ ܫܒܩܘ ܡܨܝܕܬܗܘܢ ܘܐܙܠܘ ܒܬܪܗ 18
१८वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
ܘܟܕ ܥܒܪ ܩܠܝܠ ܚܙܐ ܠܝܥܩܘܒ ܒܪ ܙܒܕܝ ܘܠܝܘܚܢܢ ܐܚܘܗܝ ܘܐܦ ܠܗܘܢ ܒܤܦܝܢܬܐ ܕܡܬܩܢܝܢ ܡܨܝܕܬܗܘܢ 19
१९और कुछ आगे बढ़कर, उसने जब्दी के पुत्र याकूब, और उसके भाई यूहन्ना को, नाव पर जालों को सुधारते देखा।
ܘܩܪܐ ܐܢܘܢ ܘܡܚܕܐ ܫܒܩܘ ܠܙܒܕܝ ܐܒܘܗܘܢ ܒܤܦܝܢܬܐ ܥܡ ܐܓܝܪܐ ܘܐܙܠܘ ܒܬܪܗ 20
२०उसने तुरन्त उन्हें बुलाया; और वे अपने पिता जब्दी को मजदूरों के साथ नाव पर छोड़कर, उसके पीछे हो लिए।
ܘܟܕ ܥܠܘ ܠܟܦܪܢܚܘܡ ܡܚܕܐ ܡܠܦ ܗܘܐ ܒܫܒܐ ܒܟܢܘܫܬܗܘܢ 21
२१और वे कफरनहूम में आए, और वह तुरन्त सब्त के दिन आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा।
ܘܬܡܝܗܝܢ ܗܘܘ ܒܝܘܠܦܢܗ ܡܠܦ ܗܘܐ ܠܗܘܢ ܓܝܪ ܐܝܟ ܡܫܠܛܐ ܘܠܐ ܐܝܟ ܤܦܪܝܗܘܢ 22
२२और लोग उसके उपदेश से चकित हुए; क्योंकि वह उन्हें शास्त्रियों की तरह नहीं, परन्तु अधिकार के साथ उपदेश देता था।
ܘܐܝܬ ܗܘܐ ܒܟܢܘܫܬܗܘܢ ܓܒܪܐ ܕܐܝܬ ܒܗ ܪܘܚܐ ܛܡܐܬܐ ܘܩܥܐ 23
२३और उसी समय, उनके आराधनालय में एक मनुष्य था, जिसमें एक अशुद्ध आत्मा थी।
ܘܐܡܪ ܡܐ ܠܢ ܘܠܟ ܝܫܘܥ ܢܨܪܝܐ ܐܬܝܬ ܠܡܘܒܕܘܬܢ ܝܕܥ ܐܢܐ ܠܟ ܡܢ ܐܢܬ ܩܕܝܫܗ ܕܐܠܗܐ 24
२४उसने चिल्लाकर कहा, “हे यीशु नासरी, हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नाश करने आया है? मैं तुझे जानता हूँ, तू कौन है? परमेश्वर का पवित्र जन!”
ܘܟܐܐ ܒܗ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܤܟܘܪ ܦܘܡܟ ܘܦܘܩ ܡܢܗ 25
२५यीशु ने उसे डाँटकर कहा, “चुप रह; और उसमें से बाहर निकल जा।”
ܘܫܕܬܗ ܪܘܚܐ ܛܢܦܬܐ ܘܩܥܬ ܒܩܠܐ ܪܡܐ ܘܢܦܩܬ ܡܢܗ 26
२६तब अशुद्ध आत्मा उसको मरोड़कर, और बड़े शब्द से चिल्लाकर उसमें से निकल गई।
ܘܐܬܕܡܪܘ ܟܠܗܘܢ ܘܒܥܝܢ ܗܘܘ ܚܕ ܥܡ ܚܕ ܘܐܡܪܝܢ ܕܡܢܐ ܗܝ ܗܕܐ ܘܡܢܘ ܝܘܠܦܢܐ ܗܢܐ ܚܕܬܐ ܕܒܫܘܠܛܢܐ ܘܐܦ ܠܪܘܚܐ ܛܢܦܬܐ ܦܩܕ ܘܡܫܬܡܥܢ ܠܗ 27
२७इस पर सब लोग आश्चर्य करते हुए आपस में वाद-विवाद करने लगे “यह क्या बात है? यह तो कोई नया उपदेश है! वह अधिकार के साथ अशुद्ध आत्माओं को भी आज्ञा देता है, और वे उसकी आज्ञा मानती हैं।”
ܘܡܚܕܐ ܢܦܩ ܛܒܗ ܒܟܠܗ ܐܬܪܐ ܕܓܠܝܠܐ 28
२८और उसका नाम तुरन्त गलील के आस-पास के सारे प्रदेश में फैल गया।
ܘܢܦܩܘ ܡܢ ܟܢܘܫܬܐ ܘܐܬܘ ܠܒܝܬܗ ܕܫܡܥܘܢ ܘܕܐܢܕܪܐܘܤ ܥܡ ܝܥܩܘܒ ܘܝܘܚܢܢ 29
२९और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया।
ܘܚܡܬܗ ܕܫܡܥܘܢ ܪܡܝܐ ܗܘܬ ܒܐܫܬܐ ܘܐܡܪܘ ܠܗ ܥܠܝܗ 30
३०और शमौन की सास तेज बुखार से पीड़ित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उससे कहा।
ܘܩܪܒ ܐܚܕܗ ܒܐܝܕܗ ܘܐܩܝܡܗ ܘܡܚܕܐ ܫܒܩܬܗ ܐܫܬܗ ܘܡܫܡܫܐ ܗܘܬ ܠܗܘܢ 31
३१तब उसने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका बुखार उस पर से उतर गया, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगी।
ܒܪܡܫܐ ܕܝܢ ܒܡܥܪܒܝ ܫܡܫܐ ܐܝܬܝܘ ܠܘܬܗ ܟܠܗܘܢ ܐܝܠܝܢ ܕܒܝܫܐܝܬ ܥܒܝܕܝܢ ܘܕܝܘܢܐ 32
३२संध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें, जिनमें दुष्टात्माएँ थीं, उसके पास लाए।
ܘܡܕܝܢܬܐ ܟܠܗ ܟܢܝܫܐ ܗܘܬ ܥܠ ܬܪܥܐ 33
३३और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ।
ܘܐܤܝ ܠܤܓܝܐܐ ܕܒܝܫܐܝܬ ܥܒܝܕܝܢ ܗܘܘ ܒܟܘܪܗܢܐ ܡܫܚܠܦܐ ܘܕܝܘܐ ܤܓܝܐܐ ܐܦܩ ܘܠܐ ܫܒܩ ܗܘܐ ܠܗܘܢ ܠܕܝܘܐ ܕܢܡܠܠܘܢ ܡܛܠ ܕܝܕܥܝܢ ܗܘܘ ܠܗ 34
३४और उसने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुःखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं।
ܘܒܨܦܪܐ ܩܕܡ ܩܡ ܛܒ ܘܐܙܠ ܠܐܬܪܐ ܚܘܪܒܐ ܘܬܡܢ ܡܨܠܐ ܗܘܐ 35
३५और भोर को दिन निकलने से बहुत पहले, वह उठकर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहाँ प्रार्थना करने लगा।
ܘܒܥܝܢ ܗܘܘ ܠܗ ܫܡܥܘܢ ܘܕܥܡܗ 36
३६तब शमौन और उसके साथी उसकी खोज में गए।
ܘܟܕ ܐܫܟܚܘܗܝ ܐܡܪܝܢ ܠܗ ܟܠܗܘܢ ܐܢܫܐ ܒܥܝܢ ܠܟ 37
३७जब वह मिला, तो उससे कहा; “सब लोग तुझे ढूँढ़ रहे हैं।”
ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܗܠܟܘ ܠܩܘܪܝܐ ܘܠܡܕܝܢܬܐ ܕܩܪܝܒܢ ܕܐܦ ܬܡܢ ܐܟܪܙ ܠܗܕܐ ܓܝܪ ܐܬܝܬ 38
३८यीशु ने उनसे कहा, “आओ; हम और कहीं आस-पास की बस्तियों में जाएँ, कि मैं वहाँ भी प्रचार करूँ, क्योंकि मैं इसलिए निकला हूँ।”
ܘܡܟܪܙ ܗܘܐ ܒܟܠܗܝܢ ܟܢܘܫܬܗܘܢ ܒܟܠܗ ܓܠܝܠܐ ܘܡܦܩ ܫܐܕܐ 39
३९और वह सारे गलील में उनके आराधनालयों में जा जाकर प्रचार करता और दुष्टात्माओं को निकालता रहा।
ܘܐܬܐ ܠܘܬܗ ܓܪܒܐ ܘܢܦܠ ܥܠ ܪܓܠܘܗܝ ܘܒܥܐ ܗܘܐ ܡܢܗ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܢ ܨܒܐ ܐܢܬ ܡܫܟܚ ܐܢܬ ܠܡܕܟܝܘܬܝ 40
४०एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उससे विनती की, और उसके सामने घुटने टेककर, उससे कहा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।”
ܗܘ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܐܬܪܚܡ ܥܠܘܗܝ ܘܦܫܛ ܐܝܕܗ ܩܪܒ ܠܗ ܘܐܡܪ ܨܒܐ ܐܢܐ ܐܬܕܟܐ 41
४१उसने उस पर तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर कहा, “मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा।”
ܘܒܗ ܒܫܥܬܐ ܐܙܠ ܓܪܒܗ ܡܢܗ ܘܐܬܕܟܝ 42
४२और तुरन्त उसका कोढ़ जाता रहा, और वह शुद्ध हो गया।
ܘܟܐܐ ܒܗ ܘܐܦܩܗ 43
४३तब उसने उसे कड़ी चेतावनी देकर तुरन्त विदा किया,
ܘܐܡܪ ܠܗ ܚܙܝ ܠܡܐ ܠܐܢܫ ܐܡܪ ܐܢܬ ܐܠܐ ܙܠ ܚܘܐ ܢܦܫܟ ܠܟܗܢܐ ܘܩܪܒ ܩܘܪܒܢܐ ܚܠܦ ܬܕܟܝܬܟ ܐܝܟܢܐ ܕܦܩܕ ܡܘܫܐ ܠܤܗܕܘܬܗܘܢ 44
४४और उससे कहा, “देख, किसी से कुछ मत कहना, परन्तु जाकर अपने आपको याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है उसे भेंट चढ़ा, कि उन पर गवाही हो।”
ܗܘ ܕܝܢ ܟܕ ܢܦܩ ܫܪܝ ܗܘܐ ܡܟܪܙ ܤܓܝ ܘܐܛܒܗ ܠܡܠܬܐ ܐܝܟܢܐ ܕܠܐ ܢܫܟܚ ܗܘܐ ܝܫܘܥ ܓܠܝܐܝܬ ܕܢܥܘܠ ܠܡܕܝܢܬܐ ܐܠܐ ܠܒܪ ܗܘܐ ܒܐܬܪܐ ܚܘܪܒܐ ܘܐܬܝܢ ܗܘܘ ܠܘܬܗ ܡܢ ܟܠ ܕܘܟܐ 45
४५परन्तु वह बाहर जाकर इस बात को बहुत प्रचार करने और यहाँ तक फैलाने लगा, कि यीशु फिर खुल्लमखुल्ला नगर में न जा सका, परन्तु बाहर जंगली स्थानों में रहा; और चारों ओर से लोग उसके पास आते रहे।

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