< ܝܘܚܢܢ 3 >

ܐܝܬ ܗܘܐ ܕܝܢ ܬܡܢ ܚܕ ܓܒܪܐ ܡܢ ܦܪܝܫܐ ܢܝܩܕܡܘܤ ܫܡܗ ܗܘܐ ܐܪܟܘܢܐ ܕܝܗܘܕܝܐ 1
फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम का एक मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था।
ܗܢܐ ܐܬܐ ܠܘܬ ܝܫܘܥ ܒܠܠܝܐ ܘܐܡܪ ܠܗ ܪܒܝ ܝܕܥܝܢܢ ܕܡܢ ܐܠܗܐ ܐܫܬܕܪܬ ܡܠܦܢܐ ܠܐ ܓܝܪ ܐܢܫ ܡܫܟܚ ܗܠܝܢ ܐܬܘܬܐ ܠܡܥܒܕ ܕܐܢܬ ܥܒܕ ܐܢܬ ܐܠܐ ܡܢ ܕܐܠܗܐ ܥܡܗ 2
उसने रात को यीशु के पास आकर उससे कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं, कि तू परमेश्वर की ओर से गुरु होकर आया है; क्योंकि कोई इन चिन्हों को जो तू दिखाता है, यदि परमेश्वर उसके साथ न हो, तो नहीं दिखा सकता।”
ܥܢܐ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܡܝܢ ܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟ ܕܐܢ ܐܢܫ ܠܐ ܡܬܝܠܕ ܡܢ ܕܪܝܫ ܠܐ ܡܫܟܚ ܕܢܚܙܐ ܡܠܟܘܬܗ ܕܐܠܗܐ 3
यीशु ने उसको उत्तर दिया, “मैं तुझ से सच-सच कहता हूँ, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।”
ܐܡܪ ܠܗ ܢܝܩܕܡܘܤ ܐܝܟܢܐ ܡܫܟܚ ܕܢܬܝܠܕ ܓܒܪܐ ܤܒܐ ܕܠܡܐ ܡܫܟܚ ܬܘܒ ܠܟܪܤܐ ܕܐܡܗ ܕܬܪܬܝܢ ܙܒܢܝܢ ܠܡܥܠ ܘܢܬܝܠܕ 4
नीकुदेमुस ने उससे कहा, “मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो कैसे जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश करके जन्म ले सकता है?”
ܥܢܐ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܡܝܢ ܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟ ܕܐܢ ܐܢܫ ܠܐ ܡܬܝܠܕ ܡܢ ܡܝܐ ܘܪܘܚܐ ܠܐ ܡܫܟܚ ܕܢܥܘܠ ܠܡܠܟܘܬܐ ܕܐܠܗܐ 5
यीशु ने उत्तर दिया, “मैं तुझ से सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मेतो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
ܡܕܡ ܕܝܠܝܕ ܡܢ ܒܤܪܐ ܒܤܪܐ ܗܘ ܘܡܕܡ ܕܝܠܝܕ ܡܢ ܪܘܚܐ ܪܘܚܐ ܗܘ 6
क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।
ܠܐ ܬܬܕܡܪ ܕܐܡܪܬ ܠܟ ܕܘܠܐ ܠܟܘܢ ܠܡܬܝܠܕܘ ܡܢ ܕܪܝܫ 7
अचम्भा न कर, कि मैंने तुझ से कहा, ‘तुझे नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है।’
ܪܘܚܐ ܐܬܪ ܕܨܒܝܐ ܢܫܒܐ ܘܩܠܗ ܫܡܥ ܐܢܬ ܐܠܐ ܠܐ ܝܕܥ ܐܢܬ ܐܝܡܟܐ ܐܬܝܐ ܘܠܐܝܟܐ ܐܙܠܐ ܗܟܢܐ ܐܝܬܘܗܝ ܟܠܢܫ ܕܝܠܝܕ ܡܢ ܪܘܚܐ 8
हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसकी आवाज सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहाँ से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।”
ܥܢܐ ܢܝܩܕܡܘܤ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܝܟܢܐ ܡܫܟܚܢ ܗܠܝܢ ܠܡܗܘܐ 9
नीकुदेमुस ने उसको उत्तर दिया, “ये बातें कैसे हो सकती हैं?”
ܥܢܐ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܢܬ ܗܘ ܡܠܦܢܗ ܕܐܝܤܪܝܠ ܘܗܠܝܢ ܠܐ ܝܕܥ ܐܢܬ 10
१०यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “तू इस्राएलियों का गुरु होकर भी क्या इन बातों को नहीं समझता?
ܐܡܝܢ ܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟ ܕܡܕܡ ܕܝܕܥܝܢ ܚܢܢ ܡܡܠܠܝܢ ܚܢܢ ܘܡܕܡ ܕܚܙܝܢ ܡܤܗܕܝܢ ܐܢܚܢܢ ܘܤܗܕܘܬܢ ܠܐ ܡܩܒܠܝܢ ܐܢܬܘܢ 11
११मैं तुझ से सच-सच कहता हूँ कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हमने देखा है उसकी गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते।
ܐܢ ܕܒܐܪܥܐ ܐܡܪܬ ܠܟܘܢ ܘܠܐ ܡܗܝܡܢܝܢ ܐܢܬܘܢ ܐܝܟܢܐ ܐܢ ܐܡܪ ܠܟܘܢ ܕܒܫܡܝܐ ܬܗܝܡܢܘܢܢܝ 12
१२जब मैंने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम विश्वास नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूँ, तो फिर क्यों विश्वास करोगे?
ܘܠܐ ܐܢܫ ܤܠܩ ܠܫܡܝܐ ܐܠܐ ܗܘ ܕܢܚܬ ܡܢ ܫܡܝܐ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ ܗܘ ܕܐܝܬܘܗܝ ܒܫܡܝܐ 13
१३कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात् मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है।
ܘܐܝܟܢܐ ܕܐܪܝܡ ܡܘܫܐ ܚܘܝܐ ܒܡܕܒܪܐ ܗܟܢܐ ܥܬܝܕ ܠܡܬܬܪܡܘ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ 14
१४और जिस तरह से मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए।
ܕܟܠ ܐܢܫ ܕܡܗܝܡܢ ܒܗ ܠܐ ܢܐܒܕ ܐܠܐ ܢܗܘܘܢ ܠܗ ܚܝܐ ܕܠܥܠܡ (aiōnios g166) 15
१५ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
ܗܟܢܐ ܓܝܪ ܐܚܒ ܐܠܗܐ ܠܥܠܡܐ ܐܝܟܢܐ ܕܠܒܪܗ ܝܚܝܕܝܐ ܢܬܠ ܕܟܠ ܡܢ ܕܡܗܝܡܢ ܒܗ ܠܐ ܢܐܒܕ ܐܠܐ ܢܗܘܘܢ ܠܗ ܚܝܐ ܕܠܥܠܡ (aiōnios g166) 16
१६“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
ܠܐ ܓܝܪ ܫܕܪ ܐܠܗܐ ܠܒܪܗ ܠܥܠܡܐ ܕܢܕܘܢܝܘܗܝ ܠܥܠܡܐ ܐܠܐ ܕܢܚܐ ܠܥܠܡܐ ܒܐܝܕܗ 17
१७परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा, कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
ܡܢ ܕܡܗܝܡܢ ܒܗ ܠܐ ܡܬܬܕܝܢ ܘܡܢ ܕܠܐ ܡܗܝܡܢ ܡܢ ܟܕܘ ܕܝܢ ܗܘ ܕܠܐ ܗܝܡܢ ܒܫܡܗ ܕܝܚܝܕܝܐ ܒܪܗ ܕܐܠܗܐ 18
१८जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; इसलिए कि उसने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।
ܗܢܘ ܕܝܢ ܕܝܢܐ ܕܢܘܗܪܐ ܐܬܐ ܠܥܠܡܐ ܘܐܚܒܘ ܒܢܝܢܫܐ ܠܚܫܘܟܐ ܝܬܝܪ ܡܢ ܕܠܢܘܗܪܐ ܐܝܬܝܗܘܢ ܗܘܘ ܓܝܪ ܥܒܕܝܗܘܢ ܒܝܫܐ 19
१९और दण्ड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अंधकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे।
ܟܠ ܓܝܪ ܕܤܢܝܬܐ ܥܒܕ ܤܢܐ ܠܢܘܗܪܐ ܘܠܐ ܐܬܐ ܠܢܘܗܪܐ ܕܠܐ ܢܬܟܤܤܘܢ ܥܒܕܘܗܝ 20
२०क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए।
ܗܘ ܕܝܢ ܕܥܒܕ ܫܪܪܐ ܐܬܐ ܠܘܬ ܢܘܗܪܐ ܕܢܬܝܕܥܘܢ ܥܒܕܘܗܝ ܕܒܐܠܗܐ ܥܒܝܕܝܢ 21
२१परन्तु जो सच्चाई पर चलता है, वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों कि वह परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।”
ܒܬܪ ܗܠܝܢ ܐܬܐ ܝܫܘܥ ܘܬܠܡܝܕܘܗܝ ܠܐܪܥܐ ܕܝܗܘܕ ܘܬܡܢ ܡܬܗܦܟ ܗܘܐ ܥܡܗܘܢ ܘܡܥܡܕ 22
२२इसके बाद यीशु और उसके चेले यहूदिया देश में आए; और वह वहाँ उनके साथ रहकर बपतिस्मा देने लगा।
ܐܦ ܝܘܚܢܢ ܕܝܢ ܡܥܡܕ ܗܘܐ ܒܥܝܢ ܝܘܢ ܕܥܠ ܓܢܒ ܫܠܝܡ ܡܛܠ ܕܡܝܐ ܐܝܬ ܗܘܘ ܬܡܢ ܤܓܝܐܐ ܘܐܬܝܢ ܗܘܘ ܘܥܡܕܝܢ 23
२३और यूहन्ना भी सालेम के निकट ऐनोन में बपतिस्मा देता था। क्योंकि वहाँ बहुत जल था, और लोग आकर बपतिस्मा लेते थे।
ܠܐ ܓܝܪ ܥܕܟܝܠ ܢܦܠ ܗܘܐ ܝܘܚܢܢ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ 24
२४क्योंकि यूहन्ना उस समय तक जेलखाने में नहीं डाला गया था।
ܗܘܬ ܗܘܬ ܕܝܢ ܒܥܬܐ ܠܚܕ ܡܢ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܕܝܘܚܢܢ ܥܡ ܝܗܘܕܝܐ ܚܕ ܥܠ ܬܕܟܝܬܐ 25
२५वहाँ यूहन्ना के चेलों का किसी यहूदी के साथ शुद्धि के विषय में वाद-विवाद हुआ।
ܘܐܬܘ ܠܘܬ ܝܘܚܢܢ ܘܐܡܪܘ ܠܗ ܪܒܢ ܗܘ ܕܥܡܟ ܗܘܐ ܒܥܒܪܐ ܕܝܘܪܕܢܢ ܕܐܢܬ ܤܗܕܬ ܥܠܘܗܝ ܗܐ ܐܦ ܗܘ ܡܥܡܕ ܘܤܓܝܐܐ ܐܬܝܢ ܠܘܬܗ 26
२६और उन्होंने यूहन्ना के पास आकर उससे कहा, “हे रब्बी, जो व्यक्ति यरदन के पार तेरे साथ था, और जिसकी तूने गवाही दी है; देख, वह बपतिस्मा देता है, और सब उसके पास आते हैं।”
ܥܢܐ ܝܘܚܢܢ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܠܐ ܡܫܟܚ ܒܪܢܫܐ ܠܡܤܒ ܡܢ ܨܒܘܬ ܢܦܫܗ ܡܕܡ ܐܠܐ ܐܢ ܐܬܝܗܒ ܠܗ ܡܢ ܫܡܝܐ 27
२७यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए, तब तक वह कुछ नहीं पा सकता।
ܐܢܬܘܢ ܤܗܕܝܢ ܐܢܬܘܢ ܠܝ ܕܐܡܪܬ ܕܐܢܐ ܠܐ ܗܘܝܬ ܡܫܝܚܐ ܐܠܐ ܫܠܝܚܐ ܐܢܐ ܕܩܕܡܘܗܝ 28
२८तुम तो आप ही मेरे गवाह हो, कि मैंने कहा, ‘मैं मसीह नहीं, परन्तु उसके आगे भेजा गया हूँ।’
ܡܢ ܕܐܝܬ ܠܗ ܟܠܬܐ ܚܬܢܐ ܗܘ ܪܚܡܗ ܕܝܢ ܕܚܬܢܐ ܗܘ ܕܩܐܡ ܘܨܐܬ ܠܗ ܚܕܘܬܐ ܪܒܬܐ ܚܕܐ ܡܛܠ ܩܠܗ ܕܚܬܢܐ ܗܕܐ ܗܟܝܠ ܚܕܘܬܐ ܕܝܠܝ ܗܐ ܡܡܠܝܐ 29
२९जिसकी दुल्हन है, वही दूल्हा है: परन्तु दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उसकी सुनता है, दूल्हे के शब्द से बहुत हर्षित होता है; अब मेरा यह हर्ष पूरा हुआ है।
ܠܗܘ ܗܘ ܘܠܐ ܠܡܪܒܐ ܘܠܝ ܠܡܒܨܪ 30
३०अवश्य है कि वह बढ़े और मैं घटूँ।
ܗܘ ܓܝܪ ܕܡܢ ܠܥܠ ܐܬܐ ܠܥܠ ܡܢ ܟܠ ܗܘ ܘܗܘ ܕܡܢ ܐܪܥܐ ܡܢ ܐܪܥܐ ܗܘ ܘܡܢ ܐܪܥܐ ܡܡܠܠ ܗܘ ܕܡܢ ܫܡܝܐ ܐܬܐ ܠܥܠ ܡܢ ܟܠ ܗܘ 31
३१“जो ऊपर से आता है, वह सर्वोत्तम है, जो पृथ्वी से आता है वह पृथ्वी का है; और पृथ्वी की ही बातें कहता है: जो स्वर्ग से आता है, वह सब के ऊपर है।
ܘܡܕܡ ܕܚܙܐ ܘܫܡܥ ܡܤܗܕ ܘܤܗܕܘܬܗ ܠܐ ܐܢܫ ܡܩܒܠ 32
३२जो कुछ उसने देखा, और सुना है, उसी की गवाही देता है; और कोई उसकी गवाही ग्रहण नहीं करता।
ܗܘ ܕܝܢ ܕܩܒܠ ܤܗܕܘܬܗ ܚܬܡ ܕܐܠܗܐ ܫܪܝܪܐ ܗܘ 33
३३जिसने उसकी गवाही ग्रहण कर ली उसने इस बात पर छाप दे दी कि परमेश्वर सच्चा है।
ܐܝܢܐ ܓܝܪ ܕܐܠܗܐ ܫܕܪܗ ܡܠܐ ܗܘ ܕܐܠܗܐ ܡܡܠܠ ܠܐ ܗܘܐ ܓܝܪ ܒܟܝܠܐ ܝܗܒ ܐܠܗܐ ܪܘܚܐ 34
३४क्योंकि जिसे परमेश्वर ने भेजा है, वह परमेश्वर की बातें कहता है: क्योंकि वह आत्मा नाप नापकर नहीं देता।
ܐܒܐ ܡܚܒ ܠܒܪܐ ܘܟܠ ܡܕܡ ܝܗܒ ܒܐܝܕܘܗܝ 35
३५पिता पुत्र से प्रेम रखता है, और उसने सब वस्तुएँ उसके हाथ में दे दी हैं।
ܡܢ ܕܡܗܝܡܢ ܒܒܪܐ ܐܝܬ ܠܗ ܚܝܐ ܕܠܥܠܡ ܘܡܢ ܕܠܐ ܡܬܛܦܝܤ ܠܒܪܐ ܠܐ ܢܚܙܐ ܚܝܐ ܐܠܐ ܪܘܓܙܗ ܕܐܠܗܐ ܢܩܘܐ ܥܠܘܗܝ (aiōnios g166) 36
३६जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।” (aiōnios g166)

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