< داوران 17 >
و از کوهستان افرایم شخصی بود که میخا نام داشت. | ۱ 1 |
एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में मीकाह नामक एक व्यक्ति था.
و به مادر خود گفت: «آن هزار و یکصد مثقال نقرهای که از تو گرفته شد، و درباره آن لعنت کردی و در گوشهای من نیز سخن گفتی، اینک آن نقره نزد من است، من آن را گرفتم.» مادرش گفت: «خداوند پسر مرا برکت دهد.» | ۲ 2 |
उसने अपनी माता को बताया, “जो ग्यारह सौ चांदी के सिक्के मैंने आपसे लिए थे, जिनके कारण आपने मुझे सुनाकर शाप दिया था, देख लीजिए, वे मेरे पास हैं—उन्हें मैंने ही लिये थे.” उसकी माता ने कहा, “याहवेह मेरे पुत्र को आशीषित करें!”
پس آن هزار و یکصد مثقال نقره را به مادرش رد نمود و مادرش گفت: «این نقره را برای خداوند از دست خود به جهت پسرم بالکل وقف میکنم تا تمثال تراشیده و تمثال ریخته شدهای ساخته شود، پس الان آن را به تو باز میدهم.» | ۳ 3 |
उसने ग्यारह सौ सिक्के अपनी माता को लौटा दिए. उसकी माता ने कहा, “मैं ये सारे सिक्के अपने हाथों से अपनी पुत्र के लिए याहवेह को भेंट में दे देती हूं, कि इनसे एक खोदी हुई और चांदी से ढाली गई मूर्ति बनाई जाए. इस काम के लिए अब मैं ये तुम्हें ही सौंप रही हूं.”
وچون نقره را به مادر خود رد نمود، مادرش دویست مثقال نقره گرفته، آن را به زرگری داد که او تمثال تراشیده، و تمثال ریخته شدهای ساخت و آنها در خانه میخا بود. | ۴ 4 |
जब उसने अपनी माता को सिक्के लौटाए, उसकी माता ने दो सौ सिक्के लेकर सुनार को दे दिए, कि वह उनसे खोदी हुई और चांदी ढाली हुई मूर्ति को बनाए. उस स्त्री ने इसे मीकाह के घर में स्थापित कर दिया.
و میخا خانه خدایان داشت، و ایفود و ترافیم ساخت، و یکی از پسران خود را تخصیص نمود تا کاهن او بشود. | ۵ 5 |
इस व्यक्ति मीकाह ने एक वेदी बनाकर रखी थी. उसने एफ़ोद तथा परिवार से संबंधित मूर्तियों को बनाया. उसने अपने एक पुत्र को पुरोहित पद पर प्रतिष्ठित किया.
و در آن ایام در اسرائیل پادشاهی نبود و هر کس آنچه درنظرش پسند میآمد، میکرد. | ۶ 6 |
उन दिनों में इस्राएल देश में राजा नहीं होता था. हर एक व्यक्ति वही करता था, जो उसे सही लगता था.
و جوانی از بیت لحم یهودا از قبیله یهودا و ازلاویان بود که در آنجا ماوا گزید. | ۷ 7 |
यहूदाह गोत्र के यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर में एक जवान लेवी रह रहा था.
و آن شخص ازشهر خود، یعنی از بیت لحم یهودا روانه شد، تاهر جایی که بیابد ماوا گزیند، و چون سیر میکردبه کوهستان افرایم به خانه میخا رسید. | ۸ 8 |
यह व्यक्ति यहूदिया के बेथलेहेम को छोड़कर, रहने के लायक जगह को खोजने निकल पड़ा. खोजते हुए वह एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में मीकाह के घर तक पहुंच गया.
و میخا اورا گفت: «از کجا آمدهای؟» او در جواب وی گفت: «من لاوی هستم از بیت لحم یهودا، ومی روم تا هر جایی که بیابم ماوا گزینم.» | ۹ 9 |
मीकाह ने उससे पूछा, “आप कहां से आ रहे हैं?” उसने उत्तर दिया, “मैं लेवी हूं, और मैं यहूदिया के बेथलेहेम से आ रहा हूं. जहां कहीं मुझे सही जगह मिलेगी, मैं वहीं बस जाऊंगा.”
میخااو را گفت: «نزد من ساکن شو و برایم پدر و کاهن باش، و من تو را هر سال ده مثقال نقره و یک دست لباس و معاش میدهم.» پس آن لاوی داخل شد. | ۱۰ 10 |
मीकाह ने उसके सामने प्रस्ताव रखा, “आप मेरे यहां रह सकते हैं; आप मेरे लिए पिता और पुरोहित की भूमिका भी कर सकते हैं. मैं आपको वार्षिक दर से दस चांदी के सिक्के, एक जोड़ा कपड़ा और भोजन दिया करूंगा.”
و آن لاوی راضی شد که با او ساکن شود، و آن جوان نزد او مثل یکی از پسرانش بود. | ۱۱ 11 |
लेवी इस पर सहमत हो गया. जवान लेवी मीकाह के लिए उसके पुत्रों में से एक के समान हो गया.
و میخاآن لاوی را تخصیص نمود و آن جوان کاهن اوشد، و در خانه میخا میبود. | ۱۲ 12 |
तब मीकाह ने लेवी को शुद्ध किया, जवान लेवी उसके लिए पुरोहित बन गया तथा वह मीकाह के ही घर में रहने लगा.
و میخا گفت: «الان دانستم که خداوند به من احسان خواهد نمود زیرالاویای را کاهن خود دارم.» | ۱۳ 13 |
मीकाह ने कहा, “अब मुझे यह विश्वास हो गया है कि याहवेह मुझे धनी बना देंगे; क्योंकि एक लेवी मेरे लिए पुरोहित हो गया है.”