< मत्ती 9 >

1 फिर वो नाव पर चढ़ कर पार गया; और अपने शहर में आया।
ᏥᏳᎯᏃ ᎤᏣᏅ, ᏚᏪᏐᏤᎢ, ᎤᏩᏒᏃ ᎤᏪᏚᎲ ᏭᎷᏤᎢ.
2 और देखो, लोग एक फ़ालिज के मारे हुए को जो चारपाई पर पड़ा हुआ था उसके पास लाए; ईसा ने उसका ईमान देखकर मफ़्लूज से कहा “बेटा, इत्मीनान रख। तेरे गुनाह मुआफ़ हुए।”
ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎬᏩᏘᏃᎮᎴ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏢᎩ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ ᎦᏅᎨ ᎠᏤᏍᏙᎩᎯ; ᏥᏌᏃ ᎤᏙᎴᎰᏒ ᎠᏃᎯᏳᎲᏍᎬᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ; ᎠᏇᏥ, ᎤᎦᎵᏍᏗᏳᏉ ᎭᏓᏅᏓᏓ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ.
3 और देखो कुछ आलिमों ने अपने दिल में कहा, “ये कुफ़्र बकता है”
ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎢᎦᏛ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎ ᏚᎾᏓᏅᏛᎢ; ᎯᎠ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎠᏐᏢᎢᏍᏗᎭ.
4 ईसा ने उनके ख़याल मा'लूम करके कहा, “तुम क्यूँ अपने दिल में बुरे ख़याल लाते हो?
ᏥᏌᏃ ᎠᎦᏔᎮ ᏄᏍᏛ ᎠᎾᏓᏅᏖᏍᎬᎢ, ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙᏃ ᎤᏲ ᎢᏣᏓᏅᏖᎭ ᏗᏥᎾᏫᏱ?
5 आसान क्या है? ये कहना तेरे गुनाह मु'आफ़ हुए; या ये कहना; उठ और चल फिर।
ᎦᏙᎨ ᎤᏍᏗ ᎤᏟ ᎠᎯᏗᏳ ᎧᏁᎢᏍᏗᏱ, ᏥᎪ ᎯᎠ ᏱᎾᎦᏪᎠ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ? ᎯᎠᎨ ᏱᎾᎦᏪᎠ, ᏔᎴᎲᎦ ᎠᎴ ᎨᏓ?
6 लेकिन इसलिए कि तुम जान लो कि इबने आदम को ज़मीन पर गुनाह मु'आफ़ करने का इख़्तियार है,” उसने फ़ालिज का मारे हुए से कहा, “उठ, अपनी चारपाई उठा और अपने घर चला जा।”
ᎠᏗᎾ ᎢᏣᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎠᏍᎦᏅᏨ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏂ ᎡᎶᎯ, ᎿᎭᏉ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ; ᏔᎴᎲᎦ, ᏣᏤᏍᏙ ᎯᎾᎩ, ᎠᎴ ᏗᏤᏅᏒ ᎮᎾ.
7 वो उठ कर अपने घर चला गया।
ᏚᎴᏅᏃ ᏧᏪᏅᏒ ᏭᎶᏎᎢ.
8 लोग ये देख कर डर गए; और ख़ुदा की बड़ाई करने लगे; जिसने आदमियों को ऐसा इख़्तियार बख़्शा।
ᎤᏂᏣᏘᏃ ᎤᏂᎪᎲ, ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏂᎸᏉᏔᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎾᏍᎩ ᏧᎵᏍᎪᎸᏓᏁᎸᎯ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᏗᏱ ᏴᏫ.
9 ईसा ने वहाँ से आगे बढ़कर मत्ती नाम एक शख़्स को महसूल की चौकी पर बैठे देखा; और उस से कहा, “मेरे पीछे हो ले।” वो उठ कर उसके पीछे हो लिया।
ᏥᏌᏃ ᎾᎿᎭᎤᏓᏅᏒ, ᎤᎪᎲᎩ ᎠᏍᎦᏯ ᎹᏚ ᏧᏙᎢᏛ, ᎤᏬᎸᎩ ᎠᏰᎵ ᎠᎫᏴᏗᏱ. ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎸᎩ; ᏍᎩᏍᏓᏩᏚᎦ. ᏚᎴᏅᏃ ᎤᏍᏓᏩᏛᏒᎩ.
10 जब वो घर में खाना खाने बैठा; तो ऐसा हुआ कि बहुत से महसूल लेने वाले और गुनहगार आकर ईसा और उसके शागिर्दों के साथ खाना खाने बैठे।
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏅᎩ, ᎦᏅᎬ [ ᎠᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬ ] ᎦᎵᏦᏕ, ᎬᏂᏳᏉ ᎤᏂᏣᏛᎩ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾ ᎤᏂᎷᏨ ᎤᎾᏂᏢᏅᎩ ᎠᏂᏅᏜᏓᎥ ᏥᏌ ᎠᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ.
11 फ़रीसियों ने ये देख कर उसके शागिर्दों से कहा, “तुम्हारा उस्ताद महसूल लेने वालों और गुनहगारों के साथ क्यूँ खाता है?”
ᎠᏂᏆᎵᏏᏃ ᎤᎾᏙᎴᎰᏒ, ᎯᎠ ᏂᏚ ᏂᏪᏎᎸ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ; ᎦᏙᏃ ᏗᏤᏲᎲᏍᎩ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾ ᎢᏧᎳᎭ ᎢᎠᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎦ?
12 उसने ये सुनकर कहा, “तन्दरुस्तों को हकीम की ज़रुरत नहीं बल्कि बीमारों को।
ᏥᏌᏃ ᎤᏛᎦᏅ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᏂᏚᏂᏢᎬᎾ ᎥᏝ ᎤᏚᎸᏗ ᏱᏄᎾᎵᏍᏓᏁᎰ ᏗᏓᏅᏫᏍᎩ, ᏧᏂᏢᎩᏍᎩᏂ.
13 मगर तुम जाकर उसके मा'ने मा'लूम करो: मैं क़ुर्बानी नहीं बल्कि रहम पसन्द करता हूँ। क्यूँकि मैं रास्तबाज़ों को नहीं बल्कि गुनाहगारों को बुलाने आया हूँ।”
ᎢᏤᎾᏍᎩᏂ, ᏫᏣᏕᎶᏆ ᎦᏛᎬ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏥᏂᎦᏪᎭ; ᎠᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏆᏚᎵᎭ, ᎥᏝᏃ ᎠᏥᎸ-ᎨᎳᏍᏗᏱ ᎨᏒᎢ. ᎥᏝᏰᏃ ᎾᏂᏍᎦᏅᎾ ᏱᏗᏥᏯᏅᎯᎸ, ᎠᏂᏍᎦᎾᏍᎩᏂ ᏧᏂᏁᏟᏴᏍᏗᏱ ᏚᎾᏓᏅᏛᎢ.
14 उस वक़्त यूहन्ना के शागिर्दों ने उसके पास आकर कहा, “क्या वजह है कि हम और फ़रीसी तो अक्सर रोज़ा रखते हैं, और तेरे शागिर्द रोज़ा नहीं रखते?”
ᎿᎭᏉᏃ ᏣᏂ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ [ ᏥᏌ ] ᎬᏩᎷᏤᎸᎩ, ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎸᎩ; ᎦᏙᏃ ᎠᏴ ᎠᏂᏆᎵᏏᏃ ᏯᏃ ᎠᎹᏟ ᏦᏨᏍᎦ, ᏂᎯᏃ ᎨᏣᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎹᏟ ᎾᏅᏍᎬᎾ ᏥᎩ?
15 ईसा ने उस से कहा, “क्या बाराती जब तक दुल्हा उनके साथ है, मातम कर सकते हैं? मगर वो दिन आएँगे; कि दुल्हा उनसे जुदा किया जाएगा; उस वक़्त वो रोज़ा रखेंगे।
ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᏥᎪ ᏰᎵ ᏕᎨᎦᏨᏍᏗᏍᎬ ᎠᏂᎦᏔᎯ ᏱᏓᎾᏠᏱᎦ ᎠᏏᏉ ᎤᏕᏒᏂᎸᎯ ᎤᏁᎳᏗᏙᎲᎢ? ᎠᏎᏃ ᎢᎦ ᏛᎵᏱᎶᎵ ᏓᎨᏥᏯᏅᎡᎵ ᎤᏕᏒᏂᎸᎯ, ᎩᎳ ᎿᎭᏉ ᎠᎹᏟ ᏛᏅᏂ.
16 कोरे कपड़े का पैवन्द पुरानी पोशाक में कोई नहीं लगाता क्यूँकि वो पैवन्द पोशाक में से कुछ खींच लेता है और वो ज़्यादा फट जाती है।
ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎢᏤ ᏱᎦᎳᏍᏢᏗᏍᎪ ᎤᏪᏘ ᎠᏄᏬᎩᎯ, ᎦᎳᏍᏢᏛᏰᏃ ᏴᎦᏣᎦᎸᏓ ᎠᏄᏬ, ᎤᏓᏣᎦᎸᎲᏃ ᎤᏟ ᎡᏉᎯᏳ ᏱᏂᎦᎵᏍᏓ.
17 और नई मय पुरानी मश्कों में नहीं भरते वर्ना मश्कें फट जाती हैं; और मय बह जाती है, और मश्कें बरबाद हो जाती हैं; बल्कि नई मय नई मश्कों में भरते हैं; और वो दोनों बची रहती हैं।”
ᎥᏝ ᎠᎴ ᎢᏤ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏧᏪᏘ ᏗᏑᏢᏛ ᏱᏓᏂᏟᏍᏗᏍᎪᎢ; ᏗᏑᏢᏛᏰᏃ ᏱᏓᏓᏣᎦᎸ, ᎠᎴ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏯᏤᏬᎩ, ᏗᏑᏢᏛᏃ ᏱᏓᏲᎩ. ᎢᏤᏍᎩᏂ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏗᏤ ᏗᏑᏢᏛ ᏓᏂᏟᏍᏗᏍᎪᎢ, ᎢᏧᎳᏃ ᏚᏂᏍᏆᏂᎪᏙᎢ.
18 वो उन से ये बातें कह ही रहा था, कि देखो एक सरदार ने आकर उसे सज्दा किया और कहा, “मेरी बेटी अभी मरी है लेकिन तू चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वो ज़िन्दा हो जाएगी।”
ᎠᏏᏉ ᎾᏍᎩ ᏂᏕᎦᏪᏎᎲᎩ, ᎬᏂᏳᏉ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᏄᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎤᎷᏨ ᎤᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎠᏇᏥ ᎠᎨᏳᏣ ᎦᏳᎳ ᎤᏲᎱᏏᏕᎾ. ᎠᏗᎾ ᎮᎾ, ᎯᏯᏒᏂᎸᎭ, ᎠᎭ ᏛᎠᏛᏂᏗᏉ.
19 ईसा उठ कर अपने शागिर्दों समेत उस के पीछे हो लिया।
ᏥᏌᏃ ᏚᎴᏅ ᎤᏍᏓᏩᏛᏒᎩ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ.
20 और देखो; एक 'औरत ने जिसके बारह बरस से ख़ून जारी था; उसके पीछे आकर उस की पोशाक का किनारा छुआ।
ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎠᎨᏴ ᎤᏢᎩ ᎩᎬ ᎤᏪᏅᎡᎯ ᏔᎳᏚ ᏧᏕᏘᏴᏓ ᎢᎬᏩᎵᏍᏔᏅᎯ, ᎣᏂᏗᏢ ᎤᎷᎯᏍᏓᏁᎸᎩ, ᎦᏓᎷᏯᏛ ᎤᏄᏩᎥ ᎤᏒᏁᎸᎩ.
21 क्यूँकि वो अपने जी में कहती थी; अगर सिर्फ़ उसकी पोशाक ही छू लूँगी “तो अच्छी हो जाऊँगी।”
ᎯᎠᏰᏃ ᏄᏪᏎ ᎤᏓᏅᏛᎢ; ᎢᏳᏃ ᎤᏄᏩᎥᏉ ᏯᏆᏒᏂᎸ, ᎠᏎ ᏯᏆᏗᏫ.
22 ईसा ने फिर कर उसे देखा और कहा, “बेटी, इत्मीनान रख! तेरे ईमान ने तुझे अच्छा कर दिया।” पस वो 'औरत उसी घड़ी अच्छी हो गई।
ᏥᏌᏃ ᎤᎦᏔᎲᏒ ᎠᎴ ᎤᎪᎲ, ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎠᏇᏥ, ᎤᎦᎵᏍᏗᏉ ᎭᏓᏅᏓᏓ. ᏦᎯᏳᏒ ᏣᏗᏫᏍᏓ. ᎠᎨᏴᏃ ᎾᎯᏳᏉ ᎤᏗᏩᏒᎩ.
23 जब ईसा सरदार के घर में आया और बाँसुरी बजाने वालों को और भीड़ को शोर मचाते देखा।
ᏥᏌᏃ ᏄᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎦᏁᎸ ᎤᎷᏨ, ᎠᎴ ᏚᎪᎲ ᏗᏂᏤᎷᎯᏍᎩ, ᎠᎴ ᏴᏫ ᏓᏂᏴᎬᎢ,
24 तो कहा, “हट जाओ! क्यूँकि लड़की मरी नहीं बल्कि सोती है।” वो उस पर हँसने लगे।
ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎢᏣᏓᏅᎾ, ᎾᎪᏃ ᎤᏲᎱᏒᎯ ᏱᎩ ᎠᎨᏳᏣ; ᎦᎵᎭᏉᏍᎩᏂ. ᎥᎬᏩᏰᏣᏍᏔᏅᏉᏃ.
25 मगर जब भीड़ निकाल दी गई तो उस ने अन्दर जाकर उसका हाथ पकड़ा और लड़की उठी।
ᎨᏥᏄᎪᏫᏒᏃ ᏴᏫ, ᎤᏴᎸᎩ ᎤᏬᏰᏂ ᎤᏂᏴᎲᎩ, ᎠᎨᏳᏣᏃ ᏚᎴᏅᎩ.
26 और इस बात की शोहरत उस तमाम इलाक़े में फैल गई।
ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏚᏃᏣᎶᏥᏙᎸᎢ ᎾᎿᎭᏂᎬᎾᏛ ᏚᏰᎵᏏᏙᎸᎩ.
27 जब ईसा वहाँ से आगे बढ़ा तो दो अन्धे उसके पीछे ये पुकारते हुए चले “ऐ इब्न — ए — दाऊद, हम पर रहम कर।”
ᏥᏌᏃ ᎾᎿᎭᎤᏓᏅᏒ, ᎠᏂᏔᎵ ᏗᏂᎨᏫ ᎠᏂᏍᎦᏯ ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏒᎩ, ᎤᏁᎷᎬᎩ ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎬᎩ, ᏍᎩᏂᏙᎵᎩ ᏂᎯ ᏕᏫ ᎤᏪᏥ.
28 जब वो घर में पहुँचा तो वो अन्धे उसके पास आए और 'ईसा ने उनसे कहा “क्या तुम को यक़ीन है कि मैं ये कर सकता हूँ?” उन्हों ने उस से कहा “हाँ ख़ुदावन्द।”
ᎦᎵᏦᏕᏃ ᎤᏴᎸ, ᏗᏂᎨᏫ ᎬᏩᎷᏤᎸᎩ, ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎢᏍᏙᎯᏳᎲᏍᎦᏍᎪ ᏰᎵ ᎾᏍᎩ ᎢᎬᏆᏛᏁᏗ ᎨᏒᎢ? ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎸᎩ; ᎥᎥ, ᏣᎬᏫᏳᎯ.
29 फिर उस ने उन की आँखें छू कर कहा, “तुम्हारे यक़ीन के मुताबिक़ तुम्हारे लिए हो।”
ᎿᎭᏉᏃ ᏚᏒᏁᎸ ᏗᏂᎦᏙᎵ, ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᏄᏍᏛ ᎢᏍᏙᎯᏳᎲᏍᎬ ᎾᏍᎩᏯ ᏂᏍᏓᎵᏍᏓᏏ.
30 और उन की आँखें खुल गईं और ईसा ने उनको ताकीद करके कहा, “ख़बरदार, कोई इस बात को न जाने!”
ᏗᏂᎦᏙᎵᏃ ᏚᎵᏍᏚᎩᏒᎩ. ᏥᏌᏃ ᏚᏅᏍᏓᏕᎸᎩ, ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᏞᏍᏗ ᎩᎶ ᎤᏙᎴᎰᏒᎩ.
31 मगर उन्होंने निकल कर उस तमाम इलाक़े में उसकी शोहरत फैला दी।
ᎠᏎᏃ ᎤᎾᏓᏅᏒᏉ ᏚᏂᏃᏣᎳᏅᎩ ᎾᎿᎭᏂᎬᎾᏛᎢ.
32 जब वो बाहर जा रहे थे, तो देखो लोग एक गूँगे को जिस में बदरूह थी उसके पास लाए।
ᎿᎭᏉᏃ ᎠᏂᏄᎪᎬᎢ ᎬᏂᏳᏉ ᎩᎶ ᎬᏩᏘᏃᎮᎸᎩ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏩᎨᏫ, ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏯᎢ.
33 और जब वो बदरूह निकाल दी गई तो गूँगा बोलने लगा; और लोगों ने ता'अज्जुब करके कहा, “इस्राईल में ऐसा कभी नहीं देखा गया।”
ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎠᏥᏄᎪᏫᏒ ᎤᏩᎨᏫ ᎤᏬᏂᏒᎩ. ᎤᏂᏣᏘᏃ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏒᎩ, ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏒᎩ; ᎥᏝ ᎢᎸᎯᏳ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᎪᎲᎯ ᏱᎩ ᎢᏏᎵᏱ.
34 मगर फ़रीसियों ने कहा, “ये तो बदरूहों के सरदार की मदद से बदरूहों को निकालता है।”
ᎠᏎᏃ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏒᎩ; ᎠᏂᏍᎩᎾ ᎤᎾᏤᎵ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎬᏗᎭ ᏥᏕᎦᏄᎪᏫᏍᎦ ᎠᏂᏍᎩᎾ.
35 ईसा सब शहरों और गाँव में फिरता रहा, और उनके इबादतख़ानों में ता'लीम देता और बादशाही की ख़ुशख़बरी का एलान करता और — और हर तरह की बीमारी और हर तरह की कमज़ोरी दूर करता रहा।
ᏥᏌᏃ ᏂᎦᎥ ᏧᏛᎾ ᏕᎦᏚᎲ ᎠᎴ ᏧᏍᏗ ᏕᎦᏚᎲ ᎤᏪᏙᎸᎩ, ᏓᏕᏲᎲᏍᎬᎩ ᏧᏂᎳᏫᎢᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎬᎩ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎧᏃᎮᏍᎬᎩ, ᎠᎴ ᏕᎧᏅᏫᏍᎬ ᏂᎦᎥ ᏚᏂᏢᎬ ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᎥᏳᎩ ᏴᏫ ᎤᏂᏱᎵᏕᎲᎢ.
36 और जब उसने भीड़ को देखा तो उस को लोगों पर तरस आया; क्यूँकि वो उन भेड़ों की तरह थे जिनका चरवाहा न हो बुरी हालत में पड़े थे।
ᏚᎪᎲᏃ ᎤᏂᏣᏘ ᏴᏫ, ᏚᏪᏙᎵᏨᎩ, ᎤᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬᎩ ᏩᎾᏉ ᏓᏂᎶᎬᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᏗᎦᎴᏲᏨᎯ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᎠᏫ ᎤᏂᏃᏕᎾ ᏁᎲᎾ ᏥᎨᏐ ᎤᏂᎦᏘᏯ.
37 उस ने अपने शागिर्दों से कहा, “फ़सल बहुत है, लेकिन मज़दूर थोड़े हैं।
ᎿᎭᏉ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᎭᎸ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ; ᎡᏉᎯᏳ ᏠᎨᏏ ᎤᎦᏛᎾᏨᎯ, ᎠᏎᏃ ᎠᏂᎦᏲᎵᏳ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯ.
38 पस फ़सल के मालिक से मिन्नत करो कि वो अपनी फ़सल काटने के लिए मज़दूर भेज दे।”
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᏥᏔᏲᏏ ᎤᎶᎨᏛ ᏧᏅᏍᏗᏱ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯ ᎤᎦᏛᎾᏤᎸᎢ.

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