< मरकुस 1 >

1 ईसा मसीह इब्न — ए ख़ुदा की ख़ुशख़बरी की शुरुआत।
ᎠᏓᎴᏂᏍᎬ ᏱᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ, ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏪᏥ ᎤᏤᎵᎦ.
2 जैसा यसायाह नबी की किताब में लिखा है: “देखो, मैं अपना पैग़म्बर पहले भेजता हूँ, जो तुम्हारे लिए रास्ता तैयार करेगा।
ᎾᏍᎩᏯ ᎯᎠ ᏥᏂᎬᏅ ᏥᎪᏪᎳ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩᏱ; ᎬᏂᏳᏉ, ᏥᏅᎵ ᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᏣᎧᏛ ᎢᎬᏱᏗᏢ, ᎾᏍᎩ ᏓᏣᏛᏅᎢᏍᏓᏁᎵ ᏣᎶᎯᏍᏗᏱ ᎢᎬᏱᏗᏢ.
3 वीराने में पूकारने वाले की आवाज़ आती है कि ख़ुदावन्द के लिए राह तैयार करो, और उसके रास्ते सीधे बनाओ।”
ᎤᏪᎷᎦ ᎩᎶ ᎢᎾᎨᎢ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᎭ; ᎡᏣᏛᏅᎢᏍᏓᏏ ᏱᎰᏩ ᎤᎶᎯᏍᏗᏱ, ᏚᏅᏅ ᏗᏥᏥᏃᎯᏍᏓ.
4 यूहन्ना आया और वीरानों में बपतिस्मा देता और गुनाहों की मुआफ़ी। के लिए तौबा के बपतिस्मे का ऐलान करता था
ᏣᏂ ᏓᏓᏬᏍᎨ ᎢᎾᎨᎢ, ᎠᎴ ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎨ ᎧᏃᎮᏍᎨ ᏗᏓᏪᏍᏗ ᎨᏒ ᎦᏁᏟᏴᏍᏗᏱ ᎣᏓᏅᏛ ᎤᎬᏩᎵ ᎾᏍᎩ ᎦᏴᏓᏘᏁᏗᏱ ᎠᏍᎦᏅᏨᎢ.
5 और यहूदिया के मुल्क के सब लोग, और येरूशलेम के सब रहनेवाले निकल कर उस के पास गए, और उन्होंने अपने गुनाहों को क़ुबूल करके दरिया — ए — यर्दन में उससे बपतिस्मा लिया।
ᎠᎴ ᏫᎬᏩᎷᏤᎴ ᏂᎬᎾᏛ ᏧᏗᏱ ᎠᎴ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᎠᏁᎯ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎾᏍᎩ ᏚᎾᏬᎡ ᏦᏓᏂ ᎤᏪᏴᎢ, ᎤᏂᏍᎦᏅᏨ ᎠᏂᏃᎲᏍᎨᎢ.
6 ये यूहन्ना ऊँटों के बालों से बनी पोशाक पहनता और चमड़े का पटटा अपनी कमर से बाँधे रहता था। और वो टिड्डियाँ और जंगली शहद खाता था।
ᏣᏂᏃ ᎤᏄᏪ ᎨᎻᎵ ᎤᏍᏗᏰᏅᎯ, ᎦᏃᏥᏃ ᎤᏓᏠᏍᏕᎢ; ᎥᎴᏃ ᎠᎴ ᏩᏚᎵᏏ ᎢᎾᎨ ᎡᎯ ᎠᎵᏍᏓᏴᏗᏍᎨᎢ.
7 और ये ऐलान करता था, “कि मेरे बाद वो शख़्स आनेवाला है जो मुझ से ताक़तवर है मैं इस लायक़ नहीं कि झुक कर उसकी जूतियों का फ़ीता खोलूँ।
ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎨᏃ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᎤᏟ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎡᏍᎦᏉ ᎠᏴ ᎣᏂ ᏓᏯᎢ, ᎾᏍᎩ ᏧᎳᏑᎶᎩᎯ ᏓᎧᏁᏌᏛ ᎥᏝ ᏰᎵ ᏱᏂᎪᎢ ᎠᏆᏗᏌᏓᏗᏍᏗᏱ ᎠᎴ ᏗᎩᎧᏁᏴᏗᏱ.
8 मैंने तो तुम को पानी से बपतिस्मा दिया मगर वो तुम को रूह — उल — क़ुद्दूस से बपतिस्मा देगा।”
ᎠᏴ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎠᎹ ᏕᏨᏯᏬᏍᏔᏅ, ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᏙᏓᏣᏬᏍᏔᏂ.
9 उन दिनों में ऐसा हुआ कि ईसा ने गलील के नासरत नाम कि जगह से आकर यरदन नदी में यहून्ना से बपतिस्मा लिया।
ᎾᎯᏳᏃ ᎯᎠ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᏥᏌ ᎾᏎᎵᏗ ᏧᎶᏎ ᎾᏍᎩ ᎨᎵᎵ ᏥᎦᏚᎭ, ᎠᎴ ᏣᏂ ᎤᏓᏬᎡ ᏦᏓᏂ.
10 और जब वो पानी से निकल कर ऊपर आया तो फ़ौरन उसने आसमान को खुलते और रूह को कबूतर की तरह अपने ऊपर आते देखा।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏧᎿᎭᎷᏒ ᎠᎹᏱ ᏧᏓᏅᏒ, ᎤᎪᎮ ᎦᎸᎶᎢ ᎤᎵᏍᏚᎢᏛ ᎨᏎᎢ, ᎠᎴ ᎠᏓᏅᏙ ᎫᎴᏗᏍᎪᏂᎯ ᎾᏍᎩᏯᎢ, ᏧᏠᎠᏏᏗᏎ ᎾᏍᎩ ᎤᏪᏯᎸᏤᎢ.
11 और आसमान से ये आवाज़ आई, “तू मेरा प्यारा बेटा है, तुझ से मैं ख़ुश हूँ।”
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏅᏧᏪᏎ ᎦᎸᎳᏗ, ᏂᎯ ᎬᎨᏳᎢ ᎠᏇᏥ, ᎾᏍᎩ ᎣᏏᏳ ᎬᏰᎸᎢ ᏥᎩ.
12 और उसके बाद रूह ने उसे वीराने में भेज दिया।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎠᏓᏅᏙ ᎢᎾᎨ ᏭᏘᏅᏍᏔᏁᎢ.
13 और वो उस सूनसान जगह में चालीस दिन तक शैतान के ज़रिए आज़माया गया, और वह जंगली जानवरों के साथ रहा किया और फ़रिश्ते उसकी ख़िदमत करते रहे।
ᎾᎿᎭᏃ ᎢᎾᎨ ᎡᏙᎮ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏧᏒᎯᏛ, ᏎᏓᏂ ᎤᎪᎵᏰᏍᎨᎢ; ᎠᎴ ᎢᎾᎨ ᎡᎿᎭᎢ ᏕᎨᎳᏗᏙᎮᎢ; ᎠᎴ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎬᏩᏍᏕᎸᎯᏙᎮᎢ.
14 फिर यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद ईसा गलील में आया और ख़ुदा की ख़ुशख़बरी का ऐलान करने लगा।
ᏣᏂᏃ ᏗᏓᏍᏚᏗᏱ ᎾᏥᏴᏔᏁᎢ, ᏥᏌ ᎨᎵᎵ ᎤᎷᏤᎢ, ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎨ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ,
15 और उसने कहा कि “वक़्त पूरा हो गया है और ख़ुदा की बादशाही नज़दीक आ गई है, तौबा करो और ख़ुशख़बरी पर ईमान लाओ।”
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ, ᎿᎭᏉ ᎠᎵᏱᎶᎦ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎡᏍᎦᏂᏳ ᏓᏯᎢ; ᏗᏥᏁᏟᏴᎾ ᏕᏣᏓᏅᏛᎢ, ᎠᎴ ᎢᏦᎯᏳᎲᎦ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ.
16 गलील की झील के किनारे — किनारे जाते हुए, शमौन और शमौन के भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते हुए देखा; क्यूँकि वो मछली पकड़ने वाले थे।
ᎨᎵᎵᏃ ᎥᏓᎵ ᎤᎶᏗ ᎠᎢᏒᎢ, ᏚᎪᎮ ᏌᏩᏂ ᎠᎴ ᎡᏂᏗ ᎾᏍᎩ ᏗᎾᏓᏅᏟ, ᎥᏓᎵ ᎠᏂᎦᏯᎷᎥᏍᎨᎢ; ᎠᏂᎦᏯᎷᎥᏍᎩᏰᏃ ᎨᏎᎢ.
17 और ईसा ने उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को आदमी पकड़ने वाला बनाऊँगा।”
ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᏍᎩᏂᏍᏓᏩᏚᎦ, ᏴᏫᏃ ᏗᏍᏗᎦᏯᎷᎥᏍᎩ ᏅᏓᏍᏛᏴᏁᎵ.
18 वो फ़ौरन जाल छोड़ कर उस के पीछे हो लिए।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏚᏂᏲᏎ ᏧᏂᎦᏯᎷᏗ, ᎠᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
19 और थोड़ी दूर जाकर कर उसने ज़ब्दी के बेटे याक़ूब और उसके भाई यूहन्ना को नाव पर जालों की मरम्मत करते देखा।
ᎾᎿᎭᏃ ᏫᎤᏪᏅ ᎤᏍᏗᎩᏛ, ᏚᎪᎮ ᏥᎻ, ᏤᏈᏗ ᎤᏪᏥ, ᏣᏂᏃ ᎾᏍᎩ ᏗᎾᏓᏅᏟ, ᎾᏍᎩᏃ ᎾᏍᏉ ᎤᎾᏣᎡ ᏥᏳᎯ ᏓᏃᏢᎯᏏᏍᎨ ᏧᏂᎦᏯᎷᏗ.
20 उसने फ़ौरन उनको अपने पास बुलाया, और वो अपने बाप ज़ब्दी को नाव पर मज़दूरों के साथ छोड़ कर उसके पीछे हो लिए।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎾᏍᎩ ᏫᏚᏯᏅᎮᎢ; ᎤᏅᏕᏨᏃ ᎤᏂᏙᏓ ᏤᏈᏗ ᎨᎦᎫᏴᎡᎯ ᏧᏂᏅᏏᏓᏍᏗ ᎢᏧᎳᎭ ᏥᏳᎯ ᎤᎾᏣᎥᎢ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
21 फिर वो कफ़रनहूम में दाख़िल हुए, और वो फ़ौरन सबत के दिन इबादतख़ाने में जाकर ता'लीम देने लगा।
ᎨᏆᏂᏃ ᏭᏂᏴᎴᎢ; ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᏭᏴᎸ ᏚᏕᏲᏁ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᎦ.
22 और लोग उसकी ता'लीम से हैरान हुए, क्यूँकि वो उनको आलिमों की तरह नहीं बल्कि इख़्तियार के साथ ता'लीम देता था।
ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᏃ ᏄᏍᏛ ᏓᏕᏲᎲᏍᎬᎢ, ᏚᏕᏲᏁᏰᏃ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᏧᎰ ᎾᏍᎩᏯᎢ, ᎥᏝᏃ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᏓᎾᏕᏲᎲᏍᎬ ᎾᏍᎩᏯ ᏱᎨᏎᎢ.
23 और फ़ौरन उनके इबादतख़ाने में एक आदमी ऐसा मिला जिस के अंदर बदरूह थी वो यूँ कह कर पुकार उठा।
ᏧᏂᎳᏫᎢᏍᏗᏱᏃ ᎠᏯᎡ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏓᎭ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏯᎢ, ᎠᎴ ᎤᏪᎷᏁ,
24 “ऐ ईसा नासरी हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें तबाह करने आया है में तुझको जानता हूँ कि तू कौन है? ख़ुदा का क़ुद्दूस है।”
ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎣᎦᏁᎳᎩ; ᎦᏙ ᏗᎦᏓᏛᏙᏗ ᏂᎯ, ᏥᏌ, ᎾᏎᎵᏗ ᎮᎯ? ᏥᎪ ᏍᎩᏛᏔᏂᎸ? ᎬᎦᏔᎭ, ᏂᎯ ᎾᏍᎩ ᎨᏒᎢ; ᎾᏍᎩ ᎠᏥᎸᏉᏗ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ.
25 ईसा ने उसे झिड़क कर कहा, “चुप रह, और इस में से निकल जा!।”
ᏥᏌᏃ ᎤᏍᎦᏤᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎡᎳᏪ ᎲᎾ, ᎠᎴ ᎯᏄᎪᎢ.
26 तब वो बदरूह उसे मरोड़ कर बड़ी आवाज़ से चिल्ला कर उस में से निकल गई।
ᎦᏓᎭᏃ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᎸᏕᏍᏔᏅ, ᎠᎴ ᎠᏍᏓᏯ ᎤᏪᎷᏅ, ᎤᏄᎪᏤᎢ.
27 और सब लोग हैरान हुए और आपस में ये कह कर बहस करने लगे “ये कौन है। ये तो नई ता'लीम है? वो बदरूहों को भी इख़्तियार के साथ हुक्म देता है, और वो उसका हुक्म मानती हैं।”
ᏂᎦᏛᏃ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ; ᎠᎴ ᎤᏅᏒ ᎨᏒ ᏚᎾᏓᏛᏛᏁᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᎦᏙ ᎤᏰᎸᏗ ᎯᎠ? ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎯᎠ ᎢᏤ ᏗᏕᏲᏗ ᎨᏒᎢ? ᎤᎵᏂᎩᏛᏰᏃ ᎤᎲ ᎬᏗ ᏕᎧᏁᏤᎰ ᎠᏂᎦᏓᎭ ᏗᏓᏅᏙ, ᎠᎴ ᎬᏬᎯᏳᎲᏍᎪᎢ.
28 और फ़ौरन उसकी शोहरत गलील के आस पास में हर जगह फैल गई।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎾᏍᎩ ᏕᎦᏃᏣᎸ ᏚᏰᎵᏎ ᎨᎵᎵ ᎾᎿᎭᎬᏩᏚᏫᏛ ᎨᏒᎢ.
29 और वो फ़ौरन इबादतख़ाने से निकल कर शमौन और अन्द्रियास के घर आए।
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᏧᏂᏄᎪᏨ, ᏌᏩᏂ ᎠᎴ ᎡᏂᏗ ᎠᏂᏁᎸ ᏭᏂᏴᎴᎢ, ᎠᏁᎮ ᏥᎻ ᎠᎴ ᏣᏂ.
30 शमौन की सास बुख़ार में पड़ी थी, और उन्होंने फ़ौरन उसकी ख़बर उसे दी।
ᏌᏩᏂᏃ ᎤᏓᎵᎢ ᎤᏥ ᎦᏅᎨ ᎤᏢᎨ ᎤᏗᎴᎲᏍᎨᎢ; ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎬᏩᏃᏁᎴᎢ.
31 उसने पास जाकर और उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाया, और बुख़ार उस पर से उतर गया, और वो उठकर उसकी ख़िदमत करने लगी।
ᎤᎷᏨᏃ ᎠᎴ ᎤᏬᏯᏁᏒ, ᏚᎴᏔᏁᎢ; ᎤᏗᎴᎲᏍᎬᏃ ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎤᏗᏩᏎᎢ, ᎠᎴ ᏚᏍᏕᎸᎯᏙᎴᎢ.
32 शाम को सूरज डूबने के बाद लोग बहुत से बीमारों को उसके पास लाए।
ᎤᏒᏃ ᎿᎭᏉ ᏅᏙ ᏭᏕᎵᏨ, ᏕᎬᏩᏘᏃᎮᎴ ᏂᎦᏛ ᏧᏂᏢᎩ, ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏗᎬᏩᏂᏯᎢ;
33 और सारे शहर के लोग दरवाज़े पर जमा हो गए।
ᏂᎦᏛᏃ ᎦᏚᎲ ᎠᏁᎯ ᎤᎾᏓᏟᏌᎮ ᎦᎶᎯᏍᏗᏱ.
34 और उसने बहुतों को जो तरह — तरह की बीमारियों में गिरफ़्तार थे, अच्छा किया और बहुत सी बदरूहों को निकाला और बदरूहों को बोलने न दिया, क्यूँकि वो उसे पहचानती थीं।
ᎤᏂᏣᏘᏃ ᏕᎤᏅᏩᏁ ᏧᏂᏢᎩ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎥᏳᎩ ᎤᏁᎯ; ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏚᏄᎪᏫᏎᎢ; ᎠᎴ ᎥᏝ ᏩᏂᏁᎩ ᏱᏕᎵᏎᎮ ᎠᏂᏍᎩᎾ, ᎤᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨ ᎬᏬᎵᎬᎢ.
35 और सुबह होने से बहुत पहले वो उठा, और एक वीरान जगह में गया, और वहाँ दुआ की।
ᏑᎾᎴᏃ, ᎠᏏ ᎪᎯᏗᏳ ᎬᏩᎩᏨᏗ ᎨᏒ ᎤᏗᏛᎮ ᎤᏄᎪᏤᎢ, ᎠᎴ ᎢᎾᎨ ᏭᎶᏎᎢ, ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎤᏓᏙᎵᏍᏔᏁᎢ.
36 और शमौन और उसके साथी उसके पीछे गए।
ᏌᏩᏂᏃ ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏁᎯ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
37 और जब वो मिला तो उन्होंने उससे कहा, “सब लोग तुझे ढूँड रहे हैं!”
ᏫᎬᏩᏩᏛᎲᏃ, ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ, ᏂᎦᏛᏉ ᏴᏫ ᎨᏣᏲᏎ.
38 उसने उनसे कहा “आओ हम और कहीं आस पास के शहरों में चलें ताकि में वहाँ भी ऐलान करूँ, क्यूँकि में इसी लिए निकला हूँ।”
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏗᏐᎢ ᏙᏗᎦᏚᎲ ᏫᏗᎶᎯ, ᎾᎿᎭᎾᏍᏉ ᎦᎵᏥᏙᏂᏙᎸᎭ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᎩᎷᏥᎸ.
39 और वो पूरे गलील में उनके इबादतख़ाने में जा जाकर ऐलान करता और बदरूहों को निकालता रहा।
ᎠᎵᏥᏙᏂᏙᎮᏃ ᏧᏂᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᏂᎬᎾᏛ ᎨᎵᎵ, ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏕᎦᏄᎪᏫᏍᎨᎢ.
40 और एक कौढ़ी ने उस के पास आकर उसकी मिन्नत की और उसके सामने घुटने टेक कर उस से कहा “अगर तू चाहे तो मुझे पाक साफ़ कर सकता है।”
ᎠᏓᏰᏍᎩᏃ ᎤᏢᎩ ᎤᎷᏤᎴᎢ, ᎤᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎴ ᏚᎵᏂᏆᏅᏁᎴᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎢᏳᏃ ᎣᏏᏳ ᏱᏣᏰᎸᏅ, ᏰᎵᏉ ᏱᏍᎩᏅᎦᎸ.
41 उसने उसपर तरस खाकर हाथ बढ़ाया और उसे छूकर उस से कहा। “मैं चाहता हूँ, तू पाक साफ़ हो जा।”
ᏥᏌᏃ, ᎦᏙᎵᎬ ᎤᏙᏯᏅᎯᏕᎢ, ᎠᎴ ᎤᏒᏂᎴᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎣᏏᏳ ᏥᏰᎸᏅ; ᏣᏓᏅᎦᎸᏛ ᎨᏎᏍᏗ.
42 और फ़ौरन उसका कौढ़ जाता रहा और वो पाक साफ़ हो गया।
ᎤᏁᏨᏉᏃ ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎠᏓᏰᏍᎩ ᎤᏢᎬ ᎤᎵᏛᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᎤᏓᏅᎦᎸᏛ ᎨᏎᎢ.
43 और उसने उसे हिदायत कर के फ़ौरन रुख़्सत किया।
ᎤᎵᏂᎩᏛᏃ ᎤᏁᏤᎸ, ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎤᏁᏤᎴ ᎤᏓᏅᏍᏗᏱ;
44 और उससे कहा “ख़बरदार! किसी से कुछ न कहना जाकर अपने आप को इमामों को दिखा, और अपने पाक साफ़ हो जाने के बारे में उन चीज़ों को जो मूसा ने मुक़र्रर की हैं नज़्र गुज़ार ताकि उनके लिए गवाही हो।”
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎮᏯᏔᎮᏍᏗ ᏞᏍᏗ ᎩᎶ ᎪᎱᏍᏗ ᏥᎯᏃᏁᎵ; ᎮᎾᏉᏍᎩᏂ, ᎬᏂᎨᏒ ᏫᏂᏯᏛᏂᏏ ᎠᏥᎸᎨᎶᎯ, ᎠᎴ ᏩᎵᏍᎪᎸᏓ ᏣᏓᏅᎦᎸᎲ ᎤᎬᏩᎵ, ᎾᏍᎩ ᎼᏏ ᎤᏁᏨ ᎠᎵᏍᎪᎸᏙᏗᏱ, ᎾᏍᎩ ᎤᎾᏙᎯᏳᎾᏁᏗᏱ.
45 लेकिन वो बाहर जाकर बहुत चर्चा करने लगा, और इस बात को इस क़दर मशहूर किया कि ईसा शहर में फिर खुलेआम दाख़िल न हो सका; बल्कि बाहर वीरान मुक़ामों में रहा, और लोग चारों तरफ़ से उसके पास आते थे।
ᎠᏎᏃ ᎤᏄᎪᏨ, ᎤᎴᏅᎮ ᎤᏣᏘ ᏚᏰᎵᎯᏍᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᏚᏃᏣᎳᏁ ᎾᏍᎩ, ᎾᏍᎩᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᏥᏌ ᎥᏝ ᎿᎭᏉ ᎬᏂᎨᏒ ᏫᎬᏩᏴᏍᏗ ᏱᎨᏎ ᎦᏚᎲᎢ, ᏙᏱᏗᏢᏉᏍᎩᏂ ᎢᎾᎨ ᏕᎨᏌᏗᏒ ᎡᏙᎮᎢ; ᏂᎬᎾᏛᏉᏃ ᏂᏙᏓᏳᏂᎶᏒᎯ ᎬᏩᎷᏤᎮᎢ.

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