< लूका 5 >

1 जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी और ख़ुदा का कलाम सुनती थी, और वो गनेसरत की झील के किनारे खड़ा था तो ऐसा हुआ कि
ויהי כאשר נדחק המון העם לשמע את דבר האלהים והוא עמד על יד ים גניסר׃
2 उसने झील के किनारे दो नाव लगी देखीं, लेकिन मछली पकड़ने वाले उन पर से उतर कर जाल धो रहे थे
וירא שתי אניות עמדות על יד הים והדיגים יצאו מהן וידיחו את המכמרות׃
3 और उसने उस नावों में से एक पर चढ़कर जो शमौन की थी, उससे दरख़्वास्त की कि किनारे से ज़रा हटा ले चल और वो बैठकर लोगों को नाव पर से ता'लीम देने लगा।
וירד אל אחת מן האניות אשר היא לשמעון ויבקש ממנו להוליכו מעט מן היבשה אל הים וישב וילמד את העם מתוך האניה׃
4 जब कलाम कर चुका तो शमौन से कहा, “गहरे में ले चल, और तुम शिकार के लिए अपने जाल डालो।”
ויכל לדבר ויאמר אל שמעון הוליכה אל עמק הים והורידו את מכמרותיכם לצוד׃
5 शमौन ने जवाब में कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! हम ने रात भर मेहनत की और कुछ हाथ न आया, मगर तेरे कहने से जाल डालता हूँ।”
ויען שמעון ויאמר אליו מורה כל הלילה יגענו ולא לכדנו מאומה אך על פי דברך אוריד את המכמרת׃
6 ये किया और वो मछलियों का बड़ा घेर लाए, और उनके जाल फ़टने लगे।
ויעשו כן וילכדו דגים הרבה מאד ותקרע מכמרתם׃
7 और उन्होंने अपने साथियों को जो दूसरी नाव पर थे इशारा किया कि आओ हमारी मदद करो। पस उन्होंने आकर दोनों नावें यहाँ तक भर दीं कि डूबने लगीं।
ויניפו יד אל חבריהם אשר באמיה השנית לבוא אליהם ולעזרם ויבאו וימלאו את שתי האניות עד כי שקעו׃
8 शमौन पतरस ये देखकर ईसा के पाँव में गिरा और कहा, ऐ ख़ुदावन्द! मेरे पास से चला जा, क्यूँकि मैं गुनहगार आदमी हूँ।”
ויהי כראות שמעון פטרוס את זאת ויפל לברכי ישוע ויאמר אדני צא נא מעמי כי איש חוטא אנכי׃
9 क्यूँकि मछलियों के इस शिकार से जो उन्होंने किया, वो और उसके सब साथी बहुत हैरान हुए।
כי שמה החזיקה אותו ואת כל אשר אתו על ציד הדגים אשר צדו׃
10 और वैसे ही ज़ब्दी के बेटे या'क़ूब और यूहन्ना भी जो शमौन के साथी थे, हैरान हुए। ईसा ने शमौन से कहा, “ख़ौफ़ न कर, अब से तू आदमियों का शिकार करेगा।“
וכן גם את יעקב ואת יוחנן בני זבדי אשר התחברו עם שמעון ויאמר ישוע אל שמעון אל תירא מעתה צוד תצוד אנשים׃
11 वो नावों को किनारे पर ले आए और सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
ויוליכו את האניות אל היבשה ויעזבו את הכל וילכו אחריו׃
12 जब वो एक शहर में था, तो देखो, कौढ़ से भरा हुआ एक आदमी ईसा को देखकर मुँह के बल गिरा और उसकी मिन्नत करके कहने लगा, “ऐ ख़ुदावन्द, अगर तू चाहे तो मुझे पाक साफ़ कर सकता है।”
ויהי בהיותו באחת הערים והנה איש מלא צרעת וירא את ישוע ויפל על פניו ויתחנן אליו לאמר אדני אם תחפץ תוכל לטהרני׃
13 उसने हाथ बढ़ा कर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ, तू पाक साफ़ हो जा।” और फ़ौरन उसका कौढ़ जाता रहा।
וישלח את ידו ויגע בו ויאמר חפץ אנכי טהר ופתאם סרה ממנו הצרעת׃
14 और उसने उसे ताकीद की, “किसी से न कहना बल्कि जाकर अपने आपको काहिन को दिखा। और जैसा मूसा ने मुक़र्रर किया है अपने पाक साफ़ हो जाने के बारे में गुज़रान ताकि उनके लिए गवाही हो।”
ויעד בו לבלתי ספר לאיש כי אם לך והראה אל הכהן והקרב קרבן על טהרתך כאשר צוה משה לעדות להם׃
15 लेकिन उसकी चर्चा ज़्यादा फ़ैली और बहुत से लोग जमा हुए कि उसकी सुनें और अपनी बीमारियों से शिफ़ा पाएँ
ושמעו הולך הלוך וגדל ויקבצו עם רב לשמוע ולהרפא בידו מתחלואיהם׃
16 मगर वो जंगलों में अलग जाकर दुआ किया करता था।
והוא סר אל המדברות ויתפלל׃
17 और एक दिन ऐसा हुआ कि वो ता'लीम दे रहा था और फ़रीसी और शरा' के मु'अल्लिम वहाँ बैठे हुए थे जो गलील के हर गाँव और यहूदिया और येरूशलेम से आए थे। और ख़ुदावन्द की क़ुदरत शिफ़ा बख़्शने को उसके साथ थी।
ויהי באחד הימים והוא מלמד וישבו שם פרושים ומורי התורה אשר באו מכל כפרי הגליל ומיהודה וירושלים וגבורת יהוה היתה בו לרפוא׃
18 और देखो, कोई मर्द एक आदमी को जो फ़ालिज का मारा था चारपाई पर लाए और कोशिश की कि उसे अन्दर लाकर उसके आगे रख्खें।
והנה אנשים נושאים איש במטה והוא נכה אברים ויבקשו להביאו הביתה ולשום לפניו׃
19 और जब भीड़ की वजह से उसको अन्दर ले जाने की राह न पाई तो छत पर चढ़ कर खपरैल में से उसको खटोले समेत बीच में ईसा के सामने उतार दिया।
ולא מצאו דרך להכניסו מרב העם ויעלו הגגה ויורידהו ואת ערשו בין הרעפים לתוך הבית לפני ישוע׃
20 उसने उनका ईमान देखकर कहा, “ऐ आदमी! तेरे गुनाह मु'आफ़ हुए!”
וירא את אמונתם ויאמר אליו בן אדם נסלחו לך חטאתיך׃
21 इस पर फ़क़ीह और फ़रीसी सोचने लगे, “ये कौन है जो कुफ़्र बकता है? ख़ुदा के सिवा और कौन गुनाह मु'आफ़ कर सकता है?”
ויחלו הסופרים והפרושים לחשב מחשבות לאמר מי הוא זה המדבר גדופים מי יוכל לסלח חטאים מבלעדי האלהים לבדו׃
22 ईसा ने उनके ख़यालों को मा'लूम करके जवाब में उनसे कहा, “तुम अपने दिलों में क्या सोचते हो?
וידע ישוע את מחשבותם ויען ויאמר אליהם מה אתם חשבים בלבבכם׃
23 आसान क्या है? ये कहना कि 'तेरे गुनाह मु'आफ़ हुए' या ये कहना कि 'उठ और चल फिर'?
מה הוא הנקל האמר נסלחו לך חטאתיך אם אמר קום והתהלך׃
24 लेकिन इसलिए कि तुम जानो कि इब्न — ए — आदम को ज़मीन पर गुनाह मु'आफ़ करने का इख़्तियार है;” (उसने मफ़्लूज से कहा) मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी चारपाई उठाकर अपने घर जा।”
אך למען תדעון כי בן האדם יש לו השלטן בארץ לסלח חטאים ויאמר אל נכה האברים אמר אני אליך קום ושא את ערשך ולך לך אל ביתך׃
25 वो उसी दम उनके सामने उठा और जिस पर पड़ा था उसे उठाकर ख़ुदा की तम्जीद करता हुआ अपने घर चला गया।
וימהר ויקם לעיניהם וישא את משכבו וילך לו אל ביתו מהלל את האלהים וישא את משכבו וילך לו אל ביתו מהלל את האלהים׃
26 वो सब के सब बहुत हैरान हुए और ख़ुदा की तम्जीद करने लगे, और बहुत डर गए और कहने लगे, “आज हम ने अजीब बातें देखीं!”
ושמה החזיקה את כלם ויברכו את האלהים וימלאו יראה ויאמרו כי נפלאות ראינו היום׃
27 इन बातों के बाद वो बाहर गया और लावी नाम के एक महसूल लेनेवाले को महसूल की चौकी पर बैठे देखा और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
ויהי אחרי כן ויצא וירא מוכס ושמו לוי יושב בבית המכס ויאמר אליו לכה אחרי׃
28 वो सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
ויעזב את הכל ויקם וילך אחריו׃
29 फिर लावी ने अपने घर में उसकी बड़ी ज़ियाफ़त की; और महसूल लेनेवालों और औरों की जो उनके साथ खाना खाने बैठे थे, बड़ी भीड़' थी।
ויעש לו לוי משתה גדול בביתו ועם רב של מוכסים ואנשים אחרים היו מסבים עמהם׃
30 और फ़रीसी और उनके आलिम उसके शागिर्दों से ये कहकर बुदबुदाने लगे, “तुम क्यूँ महसूल लेनेवालों और गुनाहगारों के साथ खाते — पीते हो?”
וילונו הסופרים אשר בהם והפרושים על תלמידיו ויאמרו למה אתם אכלים אליהם הבריאים אינם צריכים לרפא כי אם החלים׃
31 ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “तन्दरुस्तों को हकीम की ज़रूरत नहीं है बल्कि बीमारों को।
32 मैं रास्तबाज़ों को नहीं बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ।”
לא באתי לקרוא הצדיקים כי אם החטאים לתשובה׃
33 और उन्होंने उससे कहा, “युहन्ना के शागिर्द अक्सर रोज़ा रखते और दु'आएँ किया करते हैं, और इसी तरह फ़रीसियों के भी; मगर तेरे शागिर्द खाते पीते है।”
ויאמרו אליו הן תלמידי יוחנן צמים הרבה ואמרים תחנות וגם תלמידי הפרושים עשים כן ותלמידיך אכלים ושתים׃
34 ईसा ने उनसे कहा, “क्या तुम बरातियों से, जब तक दुल्हा उनके साथ है, रोज़ा रखवा सकते हो?
ויאמר אליהם התוכלו אנס בני החפה לצום והחתן עוד עמהם׃
35 मगर वो दिन आएँगे; और जब दुल्हा उनसे जुदा किया जाएगा तब उन दिनों में वो रोज़ा रख्खेंगे।”
ואולם ימים באים ולקח מאתם החתן אז יצומו בימים ההמה׃
36 और उसने उनसे एक मिसाल भी कही: “कोई आदमी नई पोशाक में से फाड़कर पुरानी में पैवन्द नहीं लगाता, वर्ना नई भी फटेगी और उसका पैवन्द पुरानी में मेल भी न खाएगा।
וידבר אליהם גם אם המשל הזה אין איש מעלה מטלית של בגד חדש על בגד בלוי כי אז גם החדש יקרע וגם לא תשוה מטלית החדש לבלוי׃
37 और कोई शख़्स नई मय पूरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नई मय मशकों को फाड़ कर ख़ुद भी बह जाएगी और मशकें भी बरबाद हो जाएँगी।
ואין איש נתן יין חדש בנאדות בלים כי אז היין החדש יבקע את הנאדות והוא ישפך והנאדות יאבדו׃
38 बल्कि नई मय नई मशकों में भरना चाहिए।
אך יתן היין החדש בנאדות חדשים ושניהם יחדו ישמרו׃
39 और कोई आदमी पुरानी मय पीकर नई की ख़्वाहिश नहीं करता, क्यूँकि कहता है कि पुरानी ही अच्छी है।“
ואשר שתה יין ישן איננו חפץ עוד ביין חדש כי יאמר הישן הוא נעים ממנו׃

< लूका 5 >