< आमाल 20 >

1 जब बवाल कम हो गया तो पौलुस ने ईमानदारों को बुलवा कर नसीहत की, और उन से रुख़्सत हो कर मकिदुनिया को रवाना हुआ।
ᎤᏓᏑᏰᏛᏃ ᎠᎾᎵᏖᎸᎲᏍᎬ ᎤᎵᏙᎯᏍᏔᏅ, ᏉᎳ ᏫᏚᏯᏅᎲᎩ ᎠᏃᎯᏳᎲᏍᎩ, ᏚᏲᎵᎸᏃ, ᎤᏂᎩᏒᎩ ᏑᏏᏙᏂ ᎤᏪᏅᏍᏗᏱ ᎤᏰᎸᏅᎩ.
2 और उस इलाक़े से गुज़र कर और उन्हें बहुत नसीहत करके यूनान में आया।
ᎾᎿᎭᏃ ᎤᏪᏙᏅ ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᏚᏪᏁᏔᏅ, ᎠᏂᎪᎢ ᎤᎾᏤᎵᎪᎯ ᏭᎷᏨᎩ.
3 जब तीन महीने रह कर सूरिया की तरफ़ जहाज़ पर रवाना होने को था, तो यहूदियों ने उस के बरख़िलाफ़ साज़िश की, फिर उसकी ये सलाह हुई कि मकिदुनिया होकर वापस जाए।
ᎾᎿᎭᏃ ᏦᎢ ᎢᏯᏅᏙ ᎤᏪᏙᎸ, ᎠᎴ ᎠᏂᏧᏏ ᏧᏄᎪᏔᏅ ᎪᎱᏍᏗ ᎬᏩᏁᏗᏱ, ᏏᎵᏱ ᏓᏰᏏᏒᎩ ᏥᏳᎯ ᏛᏣᏂᏒᎩ, ᎤᏓᏅᏖᎸᎩ ᏛᎤᏨᏍᏗᏱ ᎼᏏᏙᏂ ᏭᎶᎯᏍᏗᏱ.
4 और पुरुस का बेटा सोपत्रुस जो बिरिया कसबे का था, और थिस्सलुनीकियों में से अरिस्तरख़ुस और सिकुन्दुस और गयुस जो दिरबे शहर का था, और तीमुथियुस और आसिया का तुख़िकुस और त्रुफ़िमुस आसिया तक उसके साथ गए।
ᎡᏏᏱᏃ ᎬᏗᏍᎩ ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏒᎩ ᏐᏇᏓ ᏈᎵᏱ ᎡᎯ, ᏕᏏᎶᏂᎦᏃ ᎠᏁᎯ ᎡᎵᏍᏓᎦ ᎠᎴ ᏏᎬᏓ, ᎦᏯᏃ ᏓᏈ ᎡᎯ, ᏗᎹᏗᏃ, ᎡᏏᏱᏃ ᎠᏁᎯ ᏗᎩᎦ ᎠᎴ ᏠᏆᎹ.
5 ये आगे जा कर त्रोआस में हमारी राह देखते रहे।
ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎢᎬᏱ ᏄᏁᏅᏒᎩ ᏠᎠᏏ ᏓᎪᎩᏚᏘᏴᎩ.
6 और ईद — ए — फ़तीर के दिनों के बाद हम फ़िलिप्पी से जहाज़ पर रवाना होकर पाँच दिन के बाद त्रोआस में उन के पास पहुँचे और सात दिन वहीं रहे।
ᎾᎪᏔᏅᎾᏃ ᎦᏚ ᎠᎩᏍᏗᏱ ᎨᏒ ᎤᎶᏐᏅ, ᏈᎵᎩᏱ ᏥᏳᎯ ᎣᎦᏣᏅᎩ, ᎯᏍᎩᏃ ᏫᏄᏒᎸ ᏠᎠᏏ ᏫᏙᏥᏩᏛᎲᎩ; ᎾᎿᎭᏃ ᎦᎵᏉᎩ ᏧᏒᎯᏛ ᎣᎨᏙᎸᎩ.
7 सबत की शाम जब हम रोटी तोड़ने के लिए जमा हुए, तो पौलुस ने दूसरे दिन रवाना होने का इरादा करके उन से बातें कीं और आधी रात तक कलाम करता रहा।
ᎢᎬᏱᏱᏃ ᎢᎦ ᏑᎾᏙᏓᏆᏍᏗ ᎨᏒᎢ ᎦᏚ ᎠᎬᎭᎷᏯᏍᏗᏱ ᎤᎬᏩᎵ ᎠᏃᎯᏳᎲᏍᎩ ᎤᎾᏓᏟᏌᏅ, ᏉᎳ ᏚᎵᏥᏙᏁᎸᎩ, ᎤᎩᏨᏛᏉ ᎤᏪᏅᏍᏗ ᎨᏒᎢ; ᎠᎴ ᎡᏃᏱ ᎠᏰᎵ ᏫᎬᏩᏛᏅᎩ ᎦᏬᏂᏍᎬᎩ.
8 जिस बालाख़ाने पर हम जमा थे, उस में बहुत से चराग़ जल रहे थे।
ᎠᎴ ᎤᏣᏛᎩ ᏓᏨᏍᏛᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᎾᎿᎭᏓᏂᎳᏫᎥᎢ.
9 और यूतुख़ुस नाम एक जवान खिड़की में बैठा था, उस पर नींद का बड़ा ग़ल्बा था, और जब पौलुस ज़्यादा देर तक बातें करता रहा तो वो नींद के ग़ल्बे में तीसरी मंज़िल से गिर पड़ा, और उठाया गया तो मुर्दा था।
ᎩᎶᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏫᏄᏣ ᏳᏘᎦ ᏧᏙᎢᏛ ᎠᏦᎳᏅ ᎤᏬᎸᎩ, ᎠᏍᏓᏯ ᎦᎵᎲᎩ; ᏉᎳᏃ ᎪᎯᏗᏳ ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎬ ᎢᏳᏍᏗ, ᎦᎵᎲ ᎤᏪᏇᏴᏒᎩ ᎠᎴ ᏦᎢᏁ ᏗᏲᏓᏝᎲ ᏓᏳᏙᎣᏒᎩ, ᎠᎴ ᎠᏥᏁᏒᎩ ᎤᏲᎱᏒᎯ ᎨᏒᎩ.
10 पौलुस उतर कर उस से लिपट गया, और गले लगा कर कहा, घबराओ नहीं इस में जान है।
ᏉᎳᏃ ᎤᏠᎣᏒ ᎤᎵᏢᏅᎩ, ᎠᎴ ᎤᏄᎶᎸ ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᏞᏍᏗ ᏱᏣᏕᏯᏔᏁᎴᏍᏗ, ᎬᏅᏰᏃ ᎠᏏᏉ ᎠᏯᎠ.
11 फिर ऊपर जा कर रोटी तोड़ी और खा कर इतनी देर तक बातें करता रहा कि सुबह हो गई, फिर वो रवाना हो गया।
ᏔᎵᏁᏃ ᎢᎤᎩᎳᏫᏒ, ᎠᎴ ᎤᎬᎭᎷᏴ ᎦᏚ, ᎠᎴ ᎤᎬ, ᎠᎴ ᎪᎯᏛ ᎤᏬᏂᏒ, ᎤᎩᏨᏕᏱ ᎬᏗᏍᎩ, ᎿᎭᏉ ᎤᏂᎩᏒᎩ.
12 और वो उस लड़के को ज़िंदा लाए और उनको बड़ा इत्मीनान हुआ।
ᎤᎾᏘᎿᎭᏫᏛᎲᎩᏃ ᎠᏫᏄᏣ ᎬᏃᏛ, ᎠᎴ ᎥᏝ ᎤᏍᏗᏉ ᎣᏍᏛ ᏳᎾᏓᏅᏓᏕᎢ.
13 हम जहाज़ तक आगे जाकर इस इरादा से अस्सुस शहर को रवाना हुए कि वहाँ पहुँच कर पौलुस को चढ़ा लें, क्यूँकि उस ने पैदल जाने का इरादा करके यही तज्वीज़ की थी।
ᎠᎴ ᎠᏴ ᎢᎬᏱ ᏃᎨᏅᏒᎩ ᏥᏳ ᏗᏔᎸᎢ, ᎠᎴ ᎣᎦᏣᏅ, ᎡᏐᏏ ᏬᎩᎶᏒᎩ; ᎾᎿᎭᏉᎳ ᎣᏥᏲᏗᏱ ᎣᎩᏰᎸᏒᎩ, ᎾᏍᎩᏰᏃ ᎢᏳᏪᏛ ᎨᏒᎩ, ᎤᏩᏒ ᎡᎳᏗᏉ ᏭᎶᎯᏍᏗᏱ ᎤᏰᎸᏒᎩ.
14 पस, जब वो अस्सुस में हमें मिला तो हम उसे चढ़ा कर मितुलेने शहर में आए।
ᎡᏐᏏᏃ ᎣᎩᏩᏛᎲ ᎣᏥᏴᏔᏅᎩ, ᎠᎴ ᎻᏗᎵᏂ ᏬᎩᎷᏨᎩ;
15 वहाँ से जहाज़ पर रवाना होकर दूसरे दिन ख़ियुस टापू के सामने पहुँचे और तीसरे दिन सामुस टापू तक आए और अगले दिन मिलेतुस शहर में आ गए।
ᎾᎿᎭᏃ ᏫᏱᎦᏣᏅ ᎤᎩᏨᏛ ᎦᏲᏏ ᏧᏳᎪᏗ ᎣᏥᏂᏒᎩ. ᎤᎩᏨᏛᏃ ᏎᎼᏏ ᏬᎩᎷᏨᎩ; ᏠᏥᎵᏯᏃ ᎣᎩᏒᎸ ᎤᎩᏨᏛ ᎹᎵᏔ ᏬᎩᎷᏨᎩ.
16 क्यूँकि पौलुस ने ये ठान लिया था, कि इफ़िसुस के पास से गुज़रे, ऐसा न हो कि उसे आसिया में देर लगे; इसलिए कि वो जल्दी करता था, कि अगर हो सके तो पिन्तेकुस्त के दिन येरूशलेम में हो।
ᏉᎳᏰᏃ ᏧᏭᎪᏔᏅᎯ ᎨᏒᎩ ᎤᎶᎯᏍᏗᏱᏉ ᎡᏈᏌ, ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬᎩ ᏄᏚᎵᏍᎬᎾ ᎨᏒ ᎡᏏᏱ ᎤᏪᏓᏍᏗᏱ; ᎤᏩᏅᎬᎩᏰᏃ, ᎢᏳᏃ ᏰᎵ ᎾᏍᎩ ᎢᎬᏩᏛᏁᏗ ᏱᎩ, ᏥᎷᏏᎵᎻ ᏭᎷᎯᏍᏗᏱ ᎯᏍᎦᏍᎪᎯᏁ ᎢᎦ ᎠᏍᏆᎵᏍᎬᎢ.
17 और उस ने मिलेतुस से इफ़िसुस में कहला भेजा, और कलीसिया के बुज़ुर्गों को बुलाया।
ᎹᎵᏔᏃ ᎤᏓᏅᏒᎩ ᎡᏈᏌ ᏫᏚᏯᏅᎲᎩ ᏗᎨᎦᏁᎶᏗ ᏧᎾᏁᎶᏗ ᎤᎾᏓᏡᎬᎢ.
18 जब वो उस के पास आए तो उन से कहा, तुम ख़ुद जानते हो कि पहले ही दिन से कि मैंने आसिया में क़दम रख्खा हर वक़्त तुम्हारे साथ किस तरह रहा।
ᎬᏩᎷᏤᎸᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎢᏥᎦᏔᎭ ᎢᎬᏱᏱ ᎢᎦ ᎡᏏᏱ ᏣᎩᎾᏄᎪᏥᎸᎩ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ, ᏄᏍᏛ ᎠᏆᎵᏂᏙᎸ ᎢᏤᎲ ᏂᎪᎯᎸᎢ.
19 या'नी कमाल फ़रोतनी से और आँसू बहा बहा कर और उन आज़माइशों में जो यहूदियों की साज़िश की वजह से मुझ पर वा'के हुई ख़ुदावन्द की ख़िदमत करता रहा।
ᏕᏥᎧᎿᎭᏩᏛᎡᎲ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏂᎦᎥ ᎪᎱᏍᏗ ᎾᏆᎵᏍᎦᏍᏛᎾ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᏕᏥᎦᏌᏬᎢᎲᎢ, ᎠᎴ ᎠᎩᎪᎵᏰᏍᎩ ᎠᏆᎵᏩᏛᎡᎲᎢ, ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬ ᎠᏂᏧᏏ ᎪᎱᏍᏗ ᎬᏋᏁᏗᏱ ᏚᏄᎪᏔᏅᎢ.
20 और जो जो बातें तुम्हारे फ़ाइदे की थीं उनके बयान करने और एलानिया और घर घर सिखाने से कभी न झिझका।
[ ᎠᎴ ᎢᏥᎦᏔᎭ ] ᎪᎱᏍᏗ ᎢᏣᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎠᏋᏍᎦᎳᏅᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ, ᎢᏨᎾᏄᎪᏫᏎᎸᏉᏍᎩᏂ ᎠᎴ ᏕᏨᏰᏲᏅ ᏕᎦᎳᏫᎥᎢ ᎠᎴ ᏓᏓᏁᎳᏗᏒᎢ,
21 बल्कि यहूदियों और यूनानियों के रू — ब — रू गवाही देता रहा कि ख़ुदा के सामने तौबा करना और हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह पर ईमान लाना चाहिए।
ᎬᏂᎨᏒ ᏂᎦᏥᏴᏁᎲ ᎠᏂᏧᏏ ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎠᏂᎪᎢ ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎦᏁᏟᏴᎡᏗ ᎨᏒ ᎣᏓᏅᏛᎢ, ᎠᎴ ᎪᎯᏳᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᎦᏤᎵ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ.
22 और अब देखो में रूह में बँधा हुआ येरूशलेम को जाता हूँ, और न मा'लूम कि वहाँ मुझ पर क्या क्या गुज़रे।
ᎿᎭᏉᏃ ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏆᏓᏅᏛ ᎦᎸᎢᏛ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᏫᏥᎦᏘ, ᏂᏥᎦᏔᎲᎾ ᏅᏗᏆᎵᏍᏓᏁᎵᏒ ᎾᎿᎭᏂ,
23 सिवा इसके कि रूह — उल — क़ुद्दूस हर शहर में गवाही दे दे कर मुझ से कहता है। कि क़ैद और मुसीबतें तेरे लिए तैयार हैं।
ᎦᎸᏉᏗᏳᏍᎩᏂᏃᏅ ᎠᏓᏅᏙ ᎬᏂᎨᏒ ᏂᎬᏁᎭ ᏕᎦᏚᏩᏗᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᎬᎩᎦᏘᏴ ᎥᏆᎸᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎤᏲ ᎢᏯᏆᎵᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒᎢ.
24 लेकिन मैं अपनी जान को अज़ीज़ नहीं समझता कि उस की कुछ क़द्र करूँ; बावजूद इसके कि अपना दौर और वो ख़िदमत जो ख़ुदावन्द ईसा से पाई है, पूरी करूँ। या'नी ख़ुदा के फ़ज़ल की ख़ुशख़बरी की गवाही दूँ।
ᎠᏎᏃ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎥᏝ ᎪᎱᏍᏗ ᏯᎩᏖᎸᎲᏍᎦ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎬᏅ ᎥᏝ ᎤᏣᏘ ᏯᎩᎸᏉᏗ, ᎢᏳᏃ ᎤᎵᎮᎵᏍᏗ ᏯᏆᏓᏅᏔ ᏯᎩᏍᏆᏛ ᎦᎴᏂᏙᎲᎢ, ᎠᎴ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ ᎠᎩᏁᎸᎯ ᏗᎦᎸᏫᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒᎢ, ᎬᏂᎨᏒ ᏂᎬᏁᎲ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎧᏃᎮᏍᎩ.
25 और अब देखो मैं जानता हूँ कि तुम सब जिनके दर्मियान मैं बादशाही का एलान करता फिरा, मेरा मुँह फिर न देखोगे।
ᎿᎭᏉᏃ ᎬᏂᏳᏉ ᏥᎦᏔᎭ ᏂᎯ ᏂᏥᎥᎢ, ᎢᏨᏰᎳᏗᏙᎸᎯ ᎦᎵᏥᏙᎲᏍᎬ ᏥᏃᎮᏍᎬ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎪᎯ, ᎠᏆᎧᏛ ᎿᎭᏉ ᎢᏥᎪᏩᏛᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ.
26 पस, मैं आज के दिन तुम्हें क़तई कहता हूँ कि सब आदमियों के ख़ून से पाक हूँ।
ᎾᏍᎩᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎪᎯ ᎢᎦ ᎢᏥᎦᏔᎯ ᏂᏨᏴᎦ, ᎩᎶ ᎤᏂᎩᎬ ᎾᏆᏓᏅᎦᎸᎾ ᎨᏒᎢ.
27 क्यूँकि मैं ख़ुदा की सारी मर्ज़ी तुम से पूरे तौर से बयान करने से न झिझका।
ᎥᏝᏰᏃ ᎠᎩᏍᎦᎸᎯ ᏱᎩ ᎬᏂᎨᏒ ᎢᏨᏴᏁᏗᏱ ᏂᎦᎥ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏓᏅᏖᎸᎢ.
28 पस, अपनी और उस सारे गल्ले की ख़बरदारी करो जिसका रूह — उल क़ुद्दूस ने तुम्हें निगहबान ठहराया ताकि ख़ुदा की कलीसिया की गल्ले कि रख वाली करो, जिसे उस ने ख़ास अपने ख़ून से ख़रीद लिया।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏣᏓᎦᏌᏯᏍᏕᏍᏗ ᎢᏨᏒ, ᎠᎴ ᏕᏥᎦᏌᏯᏍᏕᏍᏗ ᏂᎦᏛ ᏑᎾᏓᏡᎩ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᏗᏥᎦᏘᏯ ᎢᏨᏁᎸᎯ ᏥᎩ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ, ᏗᏤᎳᏍᏗᏱ ᏧᎾᏁᎶᏗ ᎤᎾᏓᏡᎬ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏧᏤᎵᎦ, ᎾᏍᎩ ᎤᏩᏒ ᎤᎩᎬ ᏧᎫᏴᏔᏅᎯ ᏥᎩ.
29 मैं ये जानता हूँ कि मेरे जाने के बाद फाड़ने वाले भेड़िये तुम में आएंगे जिन्हें गल्ले पर कुछ तरस न आएगा;
ᎯᎠᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᏥᎦᏔᎭ, ᎿᎭᏉ ᎠᎩᏁᎴᏍᏗ, ᎤᏂᎬᎥᏍᎩ ᏩᏯ ᏓᎨᏣᏓᏑᏴᏂ, ᏂᏓᏂᏙᎵᎬᎾ ᎨᏎᏍᏗ ᏑᎾᏓᏡᎩ ᎨᏒᎢ.
30 आप के बीच से भी आदमी उठ कर सच्चाई को तोड़ — मरोड़ कर बयान करेंगे ताकि शागिर्दों को अपने पीछे लगा लें।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎢᏨᏒ ᎢᏣᏓᏡᎬ ᏛᏂᎾᏄᎪᏥ ᎠᏂᏍᎦᏯ ᎤᏣᏘᏂ ᎾᏂᏪᏍᎨᏍᏗ ᎠᏂᏬᏂᏍᎨᏍᏗ, ᎠᏃᎯᏳᎲᏍᎩ ᏧᎾᏘᎿᎭᏫᏛᏗᏱ ᎤᏂᏰᎸᏎᏍᏗ.
31 इसलिए जागते रहो, और याद रखो कि मैं तीन बरस तक रात दिन आँसू बहा बहा कर हर एक को समझाने से बा'ज़ न आया।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏥᏯᏫᏍᎨᏍᏗ, ᎠᎴ ᎢᏣᏅᏖᏍᏗ ᏦᎢ ᏧᏕᏘᏴᏛ ᏂᏥᏑᎵᎪᎬᎾ ᏒᏃᏱ ᎠᎴ ᎢᎦ ᏗᎦᏥᎦᏌᏬᎢᎯ ᎢᏥᏏᏴᏫᎭ ᎢᏨᏰᏯᏔᏅᎢ.
32 अब मैं तुम्हें ख़ुदा और उसके फ़ज़ल के कलाम के सुपुर्द करता हूँ, जो तुम्हारी तरक़्क़ी कर सकता है, और तमाम मुक़द्दसों में शरीक करके मीरास दे सकता है।
Ꭷ, ᎢᏓᏓᏅᏟ, ᎿᎭᏉ ᏕᏨᏲᎯ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎢᏥᏙᎵᏍᏗᏱ, ᎤᏮᏙᏗᏱ, ᎧᏃᎮᏛ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎧᏃᎮᏍᎩ, ᎾᏍᎩ ᏰᎵ ᎨᏣᏁᏍᎨᏗ ᏥᎩ, ᎠᎴ ᎢᏣᏤᎵ ᏰᎵ ᎢᎨᏨᏁᏗ ᏥᎩ ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏛ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᎢᎨᎬᏁᎸᎯ ᎤᎾᏤᎵ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗ ᎨᏒᎢ.
33 मैंने किसी के पैसे या कपड़े का लालच नहीं किया।
ᎥᏝ ᎩᎶ ᏥᏯᏚᎸᎡᎸᎯ ᏱᎩ ᎠᏕᎸ ᎤᏁᎬ ᎠᎴ ᎠᏕᎸ ᏓᎶᏂᎨ ᎠᎴ ᏗᏄᏬ.
34 तुम आप जानते हो कि इन्हीं हाथों ने मेरी और मेरे साथियों की हाजतपूरी कीं।
ᎢᏨᏒᏰᏃ ᎢᏥᎦᏔᎭ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏗᏉᏰᏂ ᏓᏋᏔᏅᎯ ᎠᎩᏩᏛᎲ ᎠᎩᏂᎬᏎᎲ ᎠᏋᏒ ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎣᏤᎯ.
35 मैंने तुम को सब बातें करके दिखा दीं कि इस तरह मेहनत करके कमज़ोरों को संभालना और ख़ुदावन्द ईसा की बातें याद रखना चाहिए, उस ने ख़ुद कहा, “देना लेने से मुबारिक़ है।”
ᏂᎦᏛ ᎬᏂᎨᏒ ᏂᏨᏴᏁᎸ ᎾᏍᎩ ᎢᏣᏛᏁᏗᏱ ᏕᏥᎸᏫᏍᏓᏁᎲ ᏗᏥᏍᏕᎸᏗᏱ ᏗᏂᏩᎾᎦᎳᎢ, ᎠᎴ ᎢᏣᏅᏓᏗᏍᏗᏱ ᏧᏁᏤ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ, ᎯᎠ ᏥᏄᏪᏎᎢ, “ᎤᏟ ᎣᏏᏳ ᎠᏓᏅᏓᏗᏍᏗ ᏴᏓᏁᎭ, ᎡᏍᎦᏉ ᏴᏓᏗᏁᎭ.”
36 उस ने ये कह कर घुटने टेके और उन सब के साथ दुआ की।
ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏒ, ᏚᎵᏂᏆᏅᏅᎩ ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎠᏂᎦᏔᎲ ᎤᏓᏙᎵᏍᏔᏅᎩ.
37 और वो सब बहुत रोए और पौलुस के गले लग लगकर उसके बोसे लिए।
ᎾᎦᏛᏃ ᎤᏣᏘ ᏚᎾᏠᏱᎸᎩ, ᎠᎴ ᏉᎳ ᎠᎩᎵᎨᏂ ᎤᏂᏯᎸᏨ ᎬᏩᏔᏪᏙᏅᎩ.
38 और ख़ास कर इस बात पर ग़मगीन थे, जो उस ने कही थी, कि तुम फिर मेरा मुँह न देखोगे फिर उसे जहाज़ तक पहुँचाया।
ᎤᏲ ᎤᏂᏰᎸᏒᎩ Ꮀ ᎤᎬᏫᏳᏒ ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬ ᎤᏁᏨ ᎾᏍᎩ ᎤᎧᏛ ᎿᎭᏉ ᎤᏂᎪᏩᏛᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ. ᏥᏳᏃ ᏗᏔᎸᎢ ᏫᎬᏪᎧᏅᎩ.

< आमाल 20 >