< 2 पतरस 3 >

1 ऐ 'अज़ीज़ो! अब मैं तुम्हें ये दूसरा ख़त लिखता हूँ, और याद दिलाने के तौर पर दोनों ख़तों से तुम्हारे साफ़ दिलों को उभारता हूँ,
ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏔᎵᏁ ᎪᏪᎵ ᎿᎭᏉ ᎢᏨᏲᏪᎳᏏ ᎢᏨᎨᏳᎢ; ᎾᏍᎩ ᎾᎿᎭᏕᏨᏰᏍᏓᏁ ᎤᏠᎾᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏕᏣᏓᏅᏛ ᎾᏍᎩ ᎢᏨᏯᏅᏓᏗᏍᏗᏍᎬᎢ,
2 कि तुम उन बातों को जो पाक नबियों ने पहले कहीं, और ख़ुदावन्द और मुन्जी के उस हुक्म को याद रख्खो जो तुम्हारे रसूलों की ज़रिए आया था।
ᎾᏍᎩ ᎢᏣᏅᏓᏗᏍᏗᏱ ᎧᏃᎮᏛ ᎢᎸᎯᏳ ᎤᏂᏃᎮᏛ ᎨᏥᎸᏉᏗ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ, ᎠᎴ ᎠᏴ ᏦᎦᏕᏲᏅᎯ ᎣᎩᏅᏏᏛ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎠᎴ ᏗᏍᏕᎵᏍᎩ.
3 और पहले जान लो कि आख़िरी दिनों में ऐसी हँसी ठठ्ठा करनेवाले आएँगे जो अपनी ख़्वाहिशों के मुवाफ़िक़ चलेंगे,
ᎯᎠ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᎢᎬᏱ ᎢᏣᏅᏖᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎤᎵᏍᏆᏅᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏂᎷᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏂᏐᏢᎢᏍᏗᏍᎩ ᎤᏅᏒ ᎤᎾᏚᎸᏅᎥᏍᎬ ᎠᏂᏍᏓᏩᏕᎩ,
4 और कहेंगे, “उसके आने का वा'दा कहाँ गया? क्यूँकि जब से बाप — दादा सोए हैं, उस वक़्त से अब तक सब कुछ वैसा ही है जैसा दुनिया के शुरू' से था।”
ᎠᎴ ᎯᎠ ᎢᏯᏂᏪᏍᎩ, ᎦᏙ ᎤᎵᏍᏔᏅ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ ᎤᏚᎢᏍᏔᏅᎢ? ᎠᏂᎦᏴᎵᎨᏰᏃ ᎬᏩᏂᎵᏅᏨᎯ ᏅᏓᎬᏩᎴᏅᏛ, ᏅᏩᏍᏗᏉ ᏂᎦᎥ ᎪᎱᏍᏗ ᏥᏄᏍᏛᏉ ᏧᏓᎴᏅᎲ ᎤᏬᏢᏅᏅ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ.
5 वो तो जानबूझ कर ये भूल गए कि ख़ुदा के कलाम के ज़रिए से आसमान पहले से मौजूद है, और ज़मीन पानी में से बनी और पानी में क़ाईम है;
ᎯᎠᏰᏃ ᎤᏅᏒ ᎤᎾᏚᎸᏛ ᎾᏂᎦᏔᎲᎾ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏁᏨ ᏅᏧᎵᏍᏙᏔᏅ ᎦᎸᎶ ᎢᎸᎯᏳ ᏥᎨᏎᎢ ᎠᎴ ᎡᎶᎯ ᎠᎹᏱ ᎦᏚ ᏧᎦᏚᏕᎢ, ᎠᎴ ᎠᏭᎯ ᏥᎦᏙᎨᎢ;
6 इन ही के ज़रिए से उस ज़माने की दुनिया डूब कर हलाक हुई।
ᎾᏍᎩ ᎡᎶᎯ ᎾᎯᏳ ᏥᎨᏎ ᎠᎹᏱᎭ ᏥᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎤᏲᏤᎢ.
7 मगर इस वक़्त के आसमान और ज़मीन उसी कलाम के ज़रिए से इसलिए रख्खे हैं कि जलाए जाएँ; और वो बेदीन आदमियों की 'अदालत और हलाकत के दिन तक महफ़ूज़ रहेंगे
ᎠᏎᏃ ᎦᎸᎶᎢ ᎠᎴ ᎡᎶᎯ ᎪᎯ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩᏉ ᎤᏁᏨ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏓᏍᏆᏂᎪᏗ, ᎠᏥᎸᏱ ᏭᎾᎵᏰᎢᎶᎯᏍᏗᏱ ᏓᏍᏆᏂᎪᏗ ᎬᏂ ᏗᎫᎪᏙᏗᏱ ᎢᎦ ᎨᏎᏍᏗ ᎠᎴ ᎨᏥᏛᏙᏗᏱ ᎠᏂᏍᎦᏯ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏂᏚᎾᏁᎶᏛᎾ.
8 ऐ 'अज़ीज़ो! ये ख़ास बात तुम पर पोशीदा न रहे कि ख़ुदावन्द के नज़दीक एक दिन हज़ार बरस के बराबर है, और हज़ार बरस एक दिन के बराबर।
ᎠᏎᏃ ᎢᏨᎨᏳᎢ, ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏑᏓᎴᎩ ᏞᏍᏗ ᏂᏥᎦᏔᎲᎾᏉ ᏱᎨᏎᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᏌᏉ ᎢᎦ ᎨᏒ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏙᏗᎧᏂᏍᎬ ᏌᏉ ᎢᏯᎦᏴᎵ ᎢᏧᏕᏘᏴᏛ ᎤᏠᏱ, ᏌᏉᏃ ᎢᏯᎦᏴᎵ ᎢᏧᏕᏘᏴᏛ ᏌᏉ ᎢᎦ ᎨᏒ ᎤᏠᏱ.
9 ख़ुदावन्द अपने वा'दे में देर नहीं करता, जैसी देर कुछ लोग समझते है; बल्कि तुम्हारे बारे में हलाकत नहीं चाहता बल्कि ये चाहता है कि सबकी तौबा तक नौबत पहुँचे।
ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎥᏝ ᎤᏍᎦᏃᎵᏳ ᏱᎩ ᏄᏍᏛ ᎤᏚᎢᏍᏔᏅ ᎢᏳᏛᏁᏗᏱ, ᎾᏍᎩ ᎩᎶ ᎾᏍᎦᏃᎳ ᏣᏁᎵᎭ, ᎬᏂᏗᏳᏍᎩᏂ ᎠᏴ ᎢᎩᎦᏘᏴᎢ, ᏄᏚᎵᏍᎬᎾ ᎨᏒ ᎩᎶ ᎤᏲᎱᎯᏍᏗᏱ, ᏂᎦᏗᏳᏍᎩᏂ ᎤᏂᎷᎯᏍᏗᏱ ᎦᏁᏟᏴᏍᏗ ᎨᏒ ᎣᏓᏅᏛᎢ.
10 लेकिन ख़ुदावन्द का दिन चोर की तरह आ जाएगा, उस दिन आसमान बड़े शोर — ओ — ग़ुल के साथ बरबाद हो जाएँगे, और अजराम — ए — फ़लक हरारत की शिद्दत से पिघल जाएँगे, और ज़मीन और उस पर के काम जल जाएँगे।
ᎤᎬᏫᏳᎯᏍᎩᏂ ᎤᏤᎵ ᎢᎦ ᎠᏎ ᏓᎦᎷᏥ ᎾᏍᎩᏯ ᎦᏃᏍᎩᏍᎩ ᏒᏃᏱ ᏥᎦᎷᎪᎢ, ᎾᎯᏳ ᎦᎸᎶᎢ ᏓᎦᎶᏐᏂ ᎤᏣᏘ ᎤᏃᏴᎨᏍᏗ, ᎪᏢᏔᏅᎯᏃ ᎠᏓᏪᎵᎩᏍᎬ ᏛᎪᏂ, ᎠᎴ ᎡᎶᎯ ᎾᎿᎭᏃ ᎪᏢᏅᏅᎯ ᎨᏒ ᎠᎪᎲᏍᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
11 जब ये सब चीज़ें इस तरह पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पाक चाल — चलन और दीनदारी में कैसे कुछ होना चाहिए,
ᎾᏍᎩᏃ ᏂᎦᏗᏳ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎤᏗᏒᎲᏍᏗ ᏥᎩ, ᏂᎦᎥ ᏂᏥᏍᎦᏅᎾ ᏱᎩ ᎢᏣᎴᏂᏙᎲᎢ ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎦᎾᏰᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎢᏤᎲᎢ!
12 और ख़ुदा की 'अदालत के दिन के आने का कैसा कुछ मुन्तज़िर और मुश्ताक़ रहना चाहिए, जिसके ज़रिए आसमान आग से पिघल जाएँगे, और अजराम — ए — फ़लक हरारत की शिद्दत से गल जाएँगे।
ᏱᏥᎦᏖᏃᎭ ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᏱᏣᏚᎵᎭ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵ ᎢᎦ, ᎾᎯᏳ ᎦᎸᎶ ᎤᏥᏍᏢ ᏨᏛᏗᏒᏂ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎪᏢᏔᏅᎯ ᎠᏓᏪᎵᎩᏍᎬ ᏛᏗᏌᏂ.
13 लेकिन उसके वादे के मुवाफ़िक़ हम नए आसमान और नई ज़मीन का इन्तज़ार करते हैं, जिनमें रास्तबाज़ी बसी रहेगी।
ᎠᏎᏃ ᎾᏍᎩᏯ ᏄᏍᏛ ᎤᏚᎢᏍᏔᏅ ᎢᏗᎦᏖᏃᎭ ᎢᏤ ᎦᎸᎶᎢ ᎠᎴ ᎢᏤ ᎡᎶᎯ ᎾᎿᎭᎡᎲ ᏚᏳᎪᏛ ᎨᏒᎢ.
14 पस ऐ 'अज़ीज़ो! चूँकि तुम इन बातों के मुन्तज़िर हो, इसलिए उसके सामने इत्मीनान की हालत में बेदाग़ और बे — ऐब निकलने की कोशिश करो,
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ, ᎢᏨᎨᏳᎢ, ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏥᏥᎦᏖᏃᎭ, ᎢᏣᏟᏂᎬᏏ ᎾᏍᎩ ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᎢᏨᏓᏅᏛ ᎢᏥᏩᏛᏗᏱ ᏄᏓᏓᎸᎾ ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏁᏤᎵᏎᎲᎾ.
15 और हमारे ख़ुदावन्द के तहम्मील को नजात समझो, चुनाँचे हमारे प्यारे भाई पौलुस ने भी उस हिक्मत के मुवाफ़िक़ जो उसे 'इनायत हुई, तुम्हें यही लिखा है
ᎾᏍᎩᏃ ᎬᏂᏗᏳ ᎨᏒ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᎦᏤᎵᎦ ᎠᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎢᏥᏰᎸᏎᏍᏗ; ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᎡᏗᎨᏳᎢ ᎢᏓᎵᏅᏟ ᏉᎳ ᎬᏗᏍᎬ ᎠᎦᏙᎥᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏥᏁᎸ ᏥᏦᏪᎳᏁᎸ;
16 और अपने सब ख़तों में इन बातों का ज़िक्र किया है, जिनमें कुछ बातें ऐसी हैं जिनका समझना मुश्किल है, और जाहिल और बे — क़याम लोग उनके मा'नों को और सहीफ़ों की तरह खींच तान कर अपने लिए हलाकत पैदा करते हैं।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏂᎦᏛ ᎾᏍᎩ ᏧᏬᏪᎳᏅᎯ ᎾᏍᎩ ᏂᏕᎬᏁᎰ ᎧᏁᎢᏍᏗᏍᎪ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏧᏓᎴᏅᏛ; ᎾᎿᎭᎤᏓᏑᏯ ᎢᎦᏛ ᎠᏍᏓᏱᏳ ᎪᎵᏍᏗᏱ, ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏂᏭᎾᏕᎶᏆᎥᎾ ᎠᎴ ᏗᏂᏩᎾᎦᎳ ᏓᏂᏁᏟᏴᎭ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏗᏐᎢ ᎪᏪᎵ ᏂᏓᏅᏁᎲᎢ, ᎤᏅᏒᏉ ᎤᏂᏛᏗᏍᎩ ᎨᏒᎢ.
17 पस ऐ 'अज़ीज़ो! चूँकि तुम पहले से आगाह हो, इसलिए होशियार रहो, ताकि बे — दीनों की गुमराही की तरफ़ खिंच कर अपनी मज़बूती को छोड़ न दो।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏂᎯ ᎢᏨᎨᏳᎢ, ᎾᏍᎩ ᎦᏳᎳ ᏥᏥᎦᏔᎭ, ᎢᏤᏯᏔᎮᏍᏗ, ᏞᏍᏗ ᎠᏂᎾᎦᎾ ᎤᏂᎵᏓᏍᏔᏅ ᏕᏣᏘᏂᏒ ᏗᏥᏅᏨᎩ ᏗᏥᏲᏒᎩ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᏂᏣᏛᏅᎢ.
18 बल्कि हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह के फ़ज़ल और 'इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की बड़ाई अब भी हो, और हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
ᎢᏥᏁᏉᎨᏍᏗᏍᎩᏂ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ ᎠᎴ ᎡᏥᎦᏙᎥᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᎦᏤᎵ ᎠᎴ ᎢᎩᏍᏕᎵᏍᎩ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ; ᎾᏍᎩ ᎦᎸᏉᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎪᎯ ᎨᏒ, ᎠᎴ ᎤᎵᏍᏆᏗᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ. ᎡᎺᏅ. (aiōn g165)

< 2 पतरस 3 >

The Great Flood
The Great Flood