< 1 थिस्सलुनीकियों 1 >

1 पौलुस और सिलास और तीमुथियुस की तरफ़ से थिस्सलुनीकियों शहर की कलीसिया के नाम ख़त, जो ख़ुदा बाप और ख़ुदा वन्द ईसा मसीह में है, फ़ज़ल और इत्मीनान तुम्हें हासिल होता रहे। 2 तुम सब के बारे में हम ख़ुदा का शुक्र बजा लाते हैं और अपनी दु'आओं में तुम्हें याद करते हैं। 3 और अपने ख़ुदा और बाप के हज़ूर तुम्हारे ईमान के काम और मुहब्बत की मेहनत और उस उम्मीद के सब्र को बिला नाग़ा याद करते हैं जो हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह की वजह से है। 4 और ऐ भाइयों! ख़ुदा के प्यारों हम को मा'लूम है; कि तुम चुने हुए हो। 5 इसलिए कि हमारी ख़ुशख़बरी तुम्हारे पास न फ़क़त लफ़ज़ी तौर पर पहुँची बल्कि क़ुदरत और रूह — उल — क़ुद्दूस और पूरे यक़ीन के साथ भी चुनाँचे तुम जानते हो कि हम तुम्हारी ख़ातिर तुम में कैसे बन गए थे। 6 और तुम कलाम को बड़ी मुसीबत में रूह — उल — क़ुद्दूस की ख़ुशी के साथ क़ुबूल करके हमारी और ख़ुदावन्द की मानिन्द बने। 7 यहाँ तक कि मकिदुनिया और अख़िया के सब ईमानदारों के लिए नमूना बने। 8 क्यूँकि तुम्हारे हाँ से न फ़क़त मकिदुनिया और अख़िया में ख़ुदावन्द के कलाम का चर्चा फैला है, बल्कि तुम्हारा ईमान जो ख़ुदा पर है हर जगह ऐसा मशहूर हो गया है कि हमारे कहने की कुछ ज़रुरत नहीं। 9 इसलिए कि वो आप हमारा ज़िक्र करते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ और तुम बुतों से फिर कर ख़ुदा की तरफ़ मुख़ातिब हुए ताकि ज़िन्दा और हक़ीक़ी ख़ुदा की बन्दगी करो। 10 और उसके बेटे के आसमान पर से आने के इन्तिज़ार में रहो, जिसे उस ने मुर्दों में से जिलाया या'नी ईसा मसीह के जो हम को आने वाले ग़ज़ब से बचाता है।

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