< 1 तवा 20 >

1 फिर नए साल के शुरू' में जब बादशाह जंग के लिए निकलते हैं, योआब ने ताक़तवर लश्कर ले जाकर बनी 'अम्मून के मुल्क को उजाड़ डाला और आकर रब्बा को घेर लिया; लेकिन दाऊद येरूशलेम में रह गया था, और योआब ने रब्बा को घेर करके उसे ढा दिया। 2 और दाऊद ने उनके बादशाह के ताज को उसके सिर पर से उतार लिया, और उसका वज़न एक क़िन्तार सोना पाया, और उसमें बेशक़ीमत जवाहर जड़े थे; इसलिए वह दाऊद के सिर पर रखा गया, और वह उस शहर में से बहुत सा लूट का माल निकाल लाया। 3 उसने उन लोगों को जो उसमें थे, बाहर निकाल कर आरों और लोहे के हींगों और कुल्हाड़ों से काटा, और दाऊद ने बनी 'अम्मून के सब शहरों से ऐसा ही किया। तब दाऊद और सब लोग येरूशलेम को लौट आए। 4 इसके बाद जज़र में फ़िलिस्तियों से जंग हुई; तब हूसाती सिब्बकी ने सफ़्फ़ी को जो पहलवान के बेटों में से एक था क़त्ल किया, और फ़िलिस्ती मग़लूब हुए। 5 और फ़िलिस्तियों से फिर जंग हुई; तब य'ऊर के बेटे इल्हनान ने जाती जूलियत के भाई लहमी को, जिसके भाले की छड़ जुलाहे के शहतीर के बराबर थी, मार डाला। 6 फिर जात में एक और जंग हुई जहाँ एक बड़ा क़दआवर आदमी था जिसके चौबीस उंगलियाँ, या'नी हाथों में छ: छ: और पाँव में छ: छ: थीं, और वह भी उसी पहलवान का बेटा था। 7 जब उसने इस्राईल की फ़ज़ीहत की तो दाऊद के भाई सिमआ के बेटे योनतन ने उसको मार डाला। 8 यह जात में उस पहलवान से पैदा हुए थे, और दाऊद और उसके ख़ादिमों के हाथ से क़त्ल हुए।

< 1 तवा 20 >