< ଲୂକଃ 22 >

1 ଅପରଞ୍ଚ କିଣ୍ୱଶୂନ୍ୟପୂପୋତ୍ସୱସ୍ୟ କାଲ ଉପସ୍ଥିତେ
नंतर बेखमीर भाकरीचा सण ज्याला वल्हांडण म्हणतात, तो जवळ आला.
2 ପ୍ରଧାନଯାଜକା ଅଧ୍ୟାଯକାଶ୍ଚ ଯଥା ତଂ ହନ୍ତୁଂ ଶକ୍ନୁୱନ୍ତି ତଥୋପାଯାମ୍ ଅଚେଷ୍ଟନ୍ତ କିନ୍ତୁ ଲୋକେଭ୍ୟୋ ବିଭ୍ୟୁଃ|
मुख्य याजक लोक आणि नियमशास्त्राचे शिक्षक, येशूला कसे मारता येईल या बाबतीत चर्चा करीत होते कारण त्यांना लोकांची भीती वाटत होती.
3 ଏତସ୍ତିନ୍ ସମଯେ ଦ୍ୱାଦଶଶିଷ୍ୟେଷୁ ଗଣିତ ଈଷ୍କରିଯୋତୀଯରୂଢିମାନ୍ ଯୋ ଯିହୂଦାସ୍ତସ୍ୟାନ୍ତଃକରଣଂ ଶୈତାନାଶ୍ରିତତ୍ୱାତ୍
तेव्हा बारा प्रेषितांपैकी एकात, म्हणजे यहूदात इस्कर्योतामध्ये सैतान शिरला.
4 ସ ଗତ୍ୱା ଯଥା ଯୀଶୁଂ ତେଷାଂ କରେଷୁ ସମର୍ପଯିତୁଂ ଶକ୍ନୋତି ତଥା ମନ୍ତ୍ରଣାଂ ପ୍ରଧାନଯାଜକୈଃ ସେନାପତିଭିଶ୍ଚ ସହ ଚକାର|
यहूदा मुख्य याजक लोक व परमेश्वराच्या भवनाचे अधिकारी यांच्याकडे गेला आणि त्यांच्या हाती येशूला कसे धरुन देता येईल याविषयीची बोलणी केली.
5 ତେନ ତେ ତୁଷ୍ଟାସ୍ତସ୍ମୈ ମୁଦ୍ରାଂ ଦାତୁଂ ପଣଂ ଚକ୍ରୁଃ|
त्यांना फार आनंद झाला व त्यांनी त्यास पैसे देण्याचे मान्य केले.
6 ତତଃ ସୋଙ୍ଗୀକୃତ୍ୟ ଯଥା ଲୋକାନାମଗୋଚରେ ତଂ ପରକରେଷୁ ସମର୍ପଯିତୁଂ ଶକ୍ନୋତି ତଥାୱକାଶଂ ଚେଷ୍ଟିତୁମାରେଭେ|
म्हणून त्याने संमती दर्शविली आणि तो येशूला गर्दी नसेल तेव्हा धरुन त्यांच्या हाती देण्याची संधी शोधू लागला.
7 ଅଥ କିଣ୍ୱଶୂନ୍ୟପୂପୋତ୍ମୱଦିନେ, ଅର୍ଥାତ୍ ଯସ୍ମିନ୍ ଦିନେ ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱସ୍ୟ ମେଷୋ ହନ୍ତୱ୍ୟସ୍ତସ୍ମିନ୍ ଦିନେ
बेखमीर भाकरीचा सण, ज्या दिवशी वल्हांडणाचे कोकरु मारावयाचे तो दिवस आला.
8 ଯୀଶୁଃ ପିତରଂ ଯୋହନଞ୍ଚାହୂଯ ଜଗାଦ, ଯୁୱାଂ ଗତ୍ୱାସ୍ମାକଂ ଭୋଜନାର୍ଥଂ ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱସ୍ୟ ଦ୍ରୱ୍ୟାଣ୍ୟାସାଦଯତଂ|
तेव्हा त्याने पेत्र व योहान यांना सांगून पाठवले की, “जा आणि आपणासाठी वल्हांडण सणाचे भोजन तयार करा म्हणजे आपण ते खाऊ.”
9 ତଦା ତୌ ପପ୍ରଚ୍ଛତୁଃ କୁଚାସାଦଯାୱୋ ଭୱତଃ କେଚ୍ଛା?
पेत्र व योहान येशूला म्हणाले, “आम्ही त्याची तयारी कोठे करावी अशी तुमची इच्छा आहे?”
10 ତଦା ସୋୱାଦୀତ୍, ନଗରେ ପ୍ରୱିଷ୍ଟେ କଶ୍ଚିଜ୍ଜଲକୁମ୍ଭମାଦାଯ ଯୁୱାଂ ସାକ୍ଷାତ୍ କରିଷ୍ୟତି ସ ଯନ୍ନିୱେଶନଂ ପ୍ରୱିଶତି ଯୁୱାମପି ତନ୍ନିୱେଶନଂ ତତ୍ପଶ୍ଚାଦିତ୍ୱା ନିୱେଶନପତିମ୍ ଇତି ୱାକ୍ୟଂ ୱଦତଂ,
१०तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही नगरात प्रवेश कराल तेव्हा पाण्याचे भांडे घेऊन जाणारा एक मनुष्य तुम्हास भेटेल. तो ज्या घरात जाईल तेथे जा.
11 ଯତ୍ରାହଂ ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱସ୍ୟ ଭୋଜ୍ୟଂ ଶିଷ୍ୟୈଃ ସାର୍ଦ୍ଧଂ ଭୋକ୍ତୁଂ ଶକ୍ନୋମି ସାତିଥିଶାଲା କୁତ୍ର? କଥାମିମାଂ ପ୍ରଭୁସ୍ତ୍ୱାଂ ପୃଚ୍ଛତି|
११आणि त्या घरमालकास सांगा, ‘गुरुजींनी तुम्हास विचारले आहे की, माझ्या शिष्यांसह वल्हांडण सणाचे भोजन करता येईल ती पाहुण्यांची खोली कोठे आहे?’
12 ତତଃ ସ ଜନୋ ଦ୍ୱିତୀଯପ୍ରକୋଷ୍ଠୀଯମ୍ ଏକଂ ଶସ୍ତଂ କୋଷ୍ଠଂ ଦର୍ଶଯିଷ୍ୟତି ତତ୍ର ଭୋଜ୍ୟମାସାଦଯତଂ|
१२तो मनुष्य तुम्हास माडीवरील सजविलेली खोली दाखवील तेथे तयारी करा.”
13 ତତସ୍ତୌ ଗତ୍ୱା ତଦ୍ୱାକ୍ୟାନୁସାରେଣ ସର୍ୱ୍ୱଂ ଦୃଷ୍ଦ୍ୱା ତତ୍ର ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱୀଯଂ ଭୋଜ୍ୟମାସାଦଯାମାସତୁଃ|
१३तेव्हा पेत्र व योहान तेथून निघाले. जसे येशूने सांगितले तसेच सर्व घडले तेव्हा त्यांनी वल्हांडणाच्या भोजनाची तयारी केली.
14 ଅଥ କାଲ ଉପସ୍ଥିତେ ଯୀଶୁ ର୍ଦ୍ୱାଦଶଭିଃ ପ୍ରେରିତୈଃ ସହ ଭୋକ୍ତୁମୁପୱିଶ୍ୟ କଥିତୱାନ୍
१४वेळ झाली तेव्हा येशू त्याच्या प्रेषितांसह भोजनास बसला.
15 ମମ ଦୁଃଖଭୋଗାତ୍ ପୂର୍ୱ୍ୱଂ ଯୁଭାଭିଃ ସହ ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱସ୍ୟୈତସ୍ୟ ଭୋଜ୍ୟଂ ଭୋକ୍ତୁଂ ମଯାତିୱାଞ୍ଛା କୃତା|
१५तो त्यांना म्हणाला, “मी दुःख भोगण्यापूर्वी तुमच्याबरोबर वल्हांडण सणाचे भोजन घ्यावे अशी माझी फार इच्छा होती.
16 ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱଦାମି, ଯାୱତ୍କାଲମ୍ ଈଶ୍ୱରରାଜ୍ୟେ ଭୋଜନଂ ନ କରିଷ୍ୟେ ତାୱତ୍କାଲମ୍ ଇଦଂ ନ ଭୋକ୍ଷ୍ୟେ|
१६कारण मी तुम्हास सांगतो की, देवाच्या राज्यात हे परिपूर्ण होईपर्यंत मी पुन्हा हे भोजन करणार नाही.”
17 ତଦା ସ ପାନପାତ୍ରମାଦାଯ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ଗୁଣାନ୍ କୀର୍ତ୍ତଯିତ୍ୱା ତେଭ୍ୟୋ ଦତ୍ୱାୱଦତ୍, ଇଦଂ ଗୃହ୍ଲୀତ ଯୂଯଂ ୱିଭଜ୍ୟ ପିୱତ|
१७नंतर येशूने पेला घेऊन व उपकारस्तुती करून तो म्हणाला, “हा घ्या आणि आपसात याची वाटणी करा.
18 ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱଦାମି ଯାୱତ୍କାଲମ୍ ଈଶ୍ୱରରାଜତ୍ୱସ୍ୟ ସଂସ୍ଥାପନଂ ନ ଭୱତି ତାୱଦ୍ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଲରସଂ ନ ପାସ୍ୟାମି|
१८कारण मी तुम्हास सांगतो की, देवाचे राज्य येईपर्यंत यापुढे मी द्राक्षरस घेणार नाही.”
19 ତତଃ ପୂପଂ ଗୃହୀତ୍ୱା ଈଶ୍ୱରଗୁଣାନ୍ କୀର୍ତ୍ତଯିତ୍ୱା ଭଙ୍କ୍ତା ତେଭ୍ୟୋ ଦତ୍ୱାୱଦତ୍, ଯୁଷ୍ମଦର୍ଥଂ ସମର୍ପିତଂ ଯନ୍ମମ ୱପୁସ୍ତଦିଦଂ, ଏତତ୍ କର୍ମ୍ମ ମମ ସ୍ମରଣାର୍ଥଂ କୁରୁଧ୍ୱଂ|
१९नंतर त्याने भाकर घेऊन व उपकारस्तुती करून ती मोडली आणि त्यांना देऊन म्हटले, “हे माझे शरीर आहे जे तुम्हासाठी दिले जात आहे. माझ्या आठवणीसाठी हे करा.”
20 ଅଥ ଭୋଜନାନ୍ତେ ତାଦୃଶଂ ପାତ୍ରଂ ଗୃହୀତ୍ୱାୱଦତ୍, ଯୁଷ୍ମତ୍କୃତେ ପାତିତଂ ଯନ୍ମମ ରକ୍ତଂ ତେନ ନିର୍ଣୀତନୱନିଯମରୂପଂ ପାନପାତ୍ରମିଦଂ|
२०त्याचप्रमाणे त्यांचे भोजन झाल्यावर त्याने प्याला घेतला आणि म्हणाला, “हा प्याला माझ्या रक्तात नवा करार आहे, जो तुमच्यासाठी ओतला जात आहे.
21 ପଶ୍ୟତ ଯୋ ମାଂ ପରକରେଷୁ ସମର୍ପଯିଷ୍ୟତି ସ ମଯା ସହ ଭୋଜନାସନ ଉପୱିଶତି|
२१परंतु पाहा! माझा विश्वासघात करणाऱ्याचा हात माझ्याबरोबरच मेजावर आहे.
22 ଯଥା ନିରୂପିତମାସ୍ତେ ତଦନୁସାରେଣା ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ରସ୍ୟ ଗତି ର୍ଭୱିଷ୍ୟତି କିନ୍ତୁ ଯସ୍ତଂ ପରକରେଷୁ ସମର୍ପଯିଷ୍ୟତି ତସ୍ୟ ସନ୍ତାପୋ ଭୱିଷ୍ୟତି|
२२कारण मनुष्याचा पुत्र ठरल्याप्रमाणे जातो खरा पण ज्याच्या हातून तो धरून दिला जातो त्या मनुष्याची केवढी दुर्दशा होणार.”
23 ତଦା ତେଷାଂ କୋ ଜନ ଏତତ୍ କର୍ମ୍ମ କରିଷ୍ୟତି ତତ୍ ତେ ପରସ୍ପରଂ ପ୍ରଷ୍ଟୁମାରେଭିରେ|
२३आणि ते आपापसात एकमेकाला प्रश्न विचारु लागले, “हे करणारा आपणापैकी कोण असावा?”
24 ଅପରଂ ତେଷାଂ କୋ ଜନଃ ଶ୍ରେଷ୍ଠତ୍ୱେନ ଗଣଯିଷ୍ୟତେ, ଅତ୍ରାର୍ଥେ ତେଷାଂ ୱିୱାଦୋଭୱତ୍|
२४तसेच, त्यांच्यामध्ये अशासंबंधी वाद निर्माण झाला की, त्यांच्यामध्ये सर्वांत मोठा कोण आहे.
25 ଅସ୍ମାତ୍ କାରଣାତ୍ ସୋୱଦତ୍, ଅନ୍ୟଦେଶୀଯାନାଂ ରାଜାନଃ ପ୍ରଜାନାମୁପରି ପ୍ରଭୁତ୍ୱଂ କୁର୍ୱ୍ୱନ୍ତି ଦାରୁଣଶାସନଂ କୃତ୍ୱାପି ତେ ଭୂପତିତ୍ୱେନ ୱିଖ୍ୟାତା ଭୱନ୍ତି ଚ|
२५तेव्हा त्याने त्यांना म्हटले, “परराष्ट्रीयांचे राजे त्यांच्यावर प्रभूत्व करतात आणि जे त्यांच्यावर अधिकार गाजवतात त्यांना ते परोपकारी असे वाटतात.
26 କିନ୍ତୁ ଯୁଷ୍ମାକଂ ତଥା ନ ଭୱିଷ୍ୟତି, ଯୋ ଯୁଷ୍ମାକଂ ଶ୍ରେଷ୍ଠୋ ଭୱିଷ୍ୟତି ସ କନିଷ୍ଠୱଦ୍ ଭୱତୁ, ଯଶ୍ଚ ମୁଖ୍ୟୋ ଭୱିଷ୍ୟତି ସ ସେୱକୱଦ୍ଭୱତୁ|
२६परंतु तुम्ही तसे नाही. त्याऐवजी तुमच्यातील सर्वांत मोठा असलेल्याने सर्वांत लहान व्हावे व जो अधिकारी आहे त्याने सेवक व्हावे.
27 ଭୋଜନୋପୱିଷ୍ଟପରିଚାରକଯୋଃ କଃ ଶ୍ରେଷ୍ଠଃ? ଯୋ ଭୋଜନାଯୋପୱିଶତି ସ କିଂ ଶ୍ରେଷ୍ଠୋ ନ ଭୱତି? କିନ୍ତୁ ଯୁଷ୍ମାକଂ ମଧ୍ୟେଽହଂ ପରିଚାରକଇୱାସ୍ମି|
२७तेव्हा मोठा कोण जो मेजावर बसतो तो की जो सेवा करतो तो? जो मेजावर बसतो तो नाही का? परंतु मी तुम्हामध्ये सेवा करणाऱ्यासारखा आहे.
28 ଅପରଞ୍ଚ ଯୁଯଂ ମମ ପରୀକ୍ଷାକାଲେ ପ୍ରଥମମାରଭ୍ୟ ମଯା ସହ ସ୍ଥିତା
२८परंतु माझ्या परीक्षेमध्ये माझ्या पाठीशी उभे राहिलेले असे तुम्हीच आहात.
29 ଏତତ୍କାରଣାତ୍ ପିତ୍ରା ଯଥା ମଦର୍ଥଂ ରାଜ୍ୟମେକଂ ନିରୂପିତଂ ତଥାହମପି ଯୁଷ୍ମଦର୍ଥଂ ରାଜ୍ୟଂ ନିରୂପଯାମି|
२९ज्याप्रमाणे माझ्या पित्याने माझी नियुक्ती केली तशी मी तुमची नियुक्ति राज्यावर करतो.
30 ତସ୍ମାନ୍ ମମ ରାଜ୍ୟେ ଭୋଜନାସନେ ଚ ଭୋଜନପାନେ କରିଷ୍ୟଧ୍ୱେ ସିଂହାସନେଷୂପୱିଶ୍ୟ ଚେସ୍ରାଯେଲୀଯାନାଂ ଦ୍ୱାଦଶୱଂଶାନାଂ ୱିଚାରଂ କରିଷ୍ୟଧ୍ୱେ|
३०म्हणून तुम्ही माझ्या राज्यात माझ्या मेजावर खावे व प्यावे आणि आसनावर बसून इस्राएलाच्या बारा वंशाचा न्याय करावा.
31 ଅପରଂ ପ୍ରଭୁରୁୱାଚ, ହେ ଶିମୋନ୍ ପଶ୍ୟ ତିତଉନା ଧାନ୍ୟାନୀୱ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଶୈତାନ୍ ଚାଲଯିତୁମ୍ ଐଚ୍ଛତ୍,
३१शिमोना, शिमोना, ऐक! सैतानाने तुम्हास गव्हासारखे चाळावे म्हणून मागितले आहे.
32 କିନ୍ତୁ ତୱ ୱିଶ୍ୱାସସ୍ୟ ଲୋପୋ ଯଥା ନ ଭୱତି ଏତତ୍ ତ୍ୱଦର୍ଥଂ ପ୍ରାର୍ଥିତଂ ମଯା, ତ୍ୱନ୍ମନସି ପରିୱର୍ତ୍ତିତେ ଚ ଭ୍ରାତୃଣାଂ ମନାଂସି ସ୍ଥିରୀକୁରୁ|
३२परंतु शिमोना, तुझा विश्वास ढळू नये, म्हणून मी तुझ्यासाठी प्रार्थना केली आहे आणि तू पुन्हा माझ्याकडे वळलास म्हणजे तुझ्या भावांस स्थिर कर.”
33 ତଦା ସୋୱଦତ୍, ହେ ପ୍ରଭୋହଂ ତ୍ୱଯା ସାର୍ଦ୍ଧଂ କାରାଂ ମୃତିଞ୍ଚ ଯାତୁଂ ମଜ୍ଜିତୋସ୍ମି|
३३परंतु शिमोन पेत्र त्यास म्हणाला, “प्रभू, मी तुझ्याबरोबर तुरुंगात जाण्यासाठी व मरण्यासाठी तयार आहे.”
34 ତତଃ ସ ଉୱାଚ, ହେ ପିତର ତ୍ୱାଂ ୱଦାମି, ଅଦ୍ୟ କୁକ୍କୁଟରୱାତ୍ ପୂର୍ୱ୍ୱଂ ତ୍ୱଂ ମତ୍ପରିଚଯଂ ୱାରତ୍ରଯମ୍ ଅପହ୍ୱୋଷ୍ୟସେ|
३४पण येशू म्हणाला, “पेत्रा, मी तुला सांगतो, तू मला ओळखतोस हे तीन वेळा नाकारशील तोपर्यंत आज कोंबडा आरवणार नाही.”
35 ଅପରଂ ସ ପପ୍ରଚ୍ଛ, ଯଦା ମୁଦ୍ରାସମ୍ପୁଟଂ ଖାଦ୍ୟପାତ୍ରଂ ପାଦୁକାଞ୍ଚ ୱିନା ଯୁଷ୍ମାନ୍ ପ୍ରାହିଣୱଂ ତଦା ଯୁଷ୍ମାକଂ କସ୍ୟାପି ନ୍ୟୂନତାସୀତ୍? ତେ ପ୍ରୋଚୁଃ କସ୍ୟାପି ନ|
३५येशू शिष्यांना म्हणाला, “जेव्हा मी तुम्हास थैली, पिशवी व वहाणांशिवाय पाठवले, तेव्हा तुम्हास काही कमी पडले का?” ते म्हणाले, “काहीही नाही.”
36 ତଦା ସୋୱଦତ୍ କିନ୍ତ୍ୱିଦାନୀଂ ମୁଦ୍ରାସମ୍ପୁଟଂ ଖାଦ୍ୟପାତ୍ରଂ ୱା ଯସ୍ୟାସ୍ତି ତେନ ତଦ୍ଗ୍ରହୀତୱ୍ୟଂ, ଯସ୍ୟ ଚ କୃପାଣୋ ନାସ୍ତି ତେନ ସ୍ୱୱସ୍ତ୍ରଂ ୱିକ୍ରୀଯ ସ କ୍ରେତୱ୍ୟଃ|
३६तो त्यांना म्हणाला, “पण आता, ज्याच्याजवळ थैली आहे त्याने ती घ्यावी व त्याने पिशवीसुद्धा घ्यावी आणि ज्याच्याजवळ तलवार नाही त्याने आपला झगा विकावा आणि ती विकत घ्यावी.
37 ଯତୋ ଯୁଷ୍ମାନହଂ ୱଦାମି, ଅପରାଧିଜନୈଃ ସାର୍ଦ୍ଧଂ ଗଣିତଃ ସ ଭୱିଷ୍ୟତି| ଇଦଂ ଯଚ୍ଛାସ୍ତ୍ରୀଯଂ ୱଚନଂ ଲିଖିତମସ୍ତି ତନ୍ମଯି ଫଲିଷ୍ୟତି ଯତୋ ମମ ସମ୍ବନ୍ଧୀଯଂ ସର୍ୱ୍ୱଂ ସେତ୍ସ୍ୟତି|
३७मी तुम्हास सांगतो, तो अपराध्यांत गणलेला होता, असा जो शास्त्रलेख आहे तो माझ्याठायी पूर्ण झाला पाहिजे कारण माझ्या विषयीच्या गोष्टी पूर्ण होत आहेत.”
38 ତଦା ତେ ପ୍ରୋଚୁଃ ପ୍ରଭୋ ପଶ୍ୟ ଇମୌ କୃପାଣୌ| ତତଃ ସୋୱଦଦ୍ ଏତୌ ଯଥେଷ୍ଟୌ|
३८ते म्हणाले, “प्रभू, पहा, येथे दोन तलवारी आहेत.” तो त्यांना म्हणाला, “तेवढे पुरे!”
39 ଅଥ ସ ତସ୍ମାଦ୍ୱହି ର୍ଗତ୍ୱା ସ୍ୱାଚାରାନୁସାରେଣ ଜୈତୁନନାମାଦ୍ରିଂ ଜଗାମ ଶିଷ୍ୟାଶ୍ଚ ତତ୍ପଶ୍ଚାଦ୍ ଯଯୁଃ|
३९मग तो निघून आपल्या रीतीप्रमाणे जैतूनाच्या डोंगराकडे गेला व शिष्यही त्याच्या मागोमाग गेले.
40 ତତ୍ରୋପସ୍ଥାଯ ସ ତାନୁୱାଚ, ଯଥା ପରୀକ୍ଷାଯାଂ ନ ପତଥ ତଦର୍ଥଂ ପ୍ରାର୍ଥଯଧ୍ୱଂ|
४०तेव्हा त्याठिकाणी आल्यावर त्याने त्यांना म्हटले, “तुम्ही परीक्षेत पडू नये म्हणून प्रार्थना करा.”
41 ପଶ୍ଚାତ୍ ସ ତସ୍ମାଦ୍ ଏକଶରକ୍ଷେପାଦ୍ ବହି ର୍ଗତ୍ୱା ଜାନୁନୀ ପାତଯିତ୍ୱା ଏତତ୍ ପ୍ରାର୍ଥଯାଞ୍ଚକ୍ରେ,
४१तो त्यांच्यापासून दगडाच्या टप्प्याइतका दूर गेल्यानंतर त्याने गुडघे टेकले आणि अशी प्रार्थना केली,
42 ହେ ପିତ ର୍ୟଦି ଭୱାନ୍ ସମ୍ମନ୍ୟତେ ତର୍ହି କଂସମେନଂ ମମାନ୍ତିକାଦ୍ ଦୂରଯ କିନ୍ତୁ ମଦିଚ୍ଛାନୁରୂପଂ ନ ତ୍ୱଦିଚ୍ଛାନୁରୂପଂ ଭୱତୁ|
४२“पित्या, जर तुझी इच्छा असेल तर हा प्याला माझ्यापासून दूर कर. तरी माझ्या इच्छेप्रमाणे नाही तर तुझ्या इच्छेप्रमाणे होऊ दे.”
43 ତଦା ତସ୍ମୈ ଶକ୍ତିଂ ଦାତୁଂ ସ୍ୱର୍ଗୀଯଦୂତୋ ଦର୍ଶନଂ ଦଦୌ|
४३स्वर्गातून एक देवदूत आला व तो त्यास सामर्थ्य देत राहिला
44 ପଶ୍ଚାତ୍ ସୋତ୍ୟନ୍ତଂ ଯାତନଯା ୱ୍ୟାକୁଲୋ ଭୂତ୍ୱା ପୁନର୍ଦୃଢଂ ପ୍ରାର୍ଥଯାଞ୍ଚକ୍ରେ, ତସ୍ମାଦ୍ ବୃହଚ୍ଛୋଣିତବିନ୍ଦୱ ଇୱ ତସ୍ୟ ସ୍ୱେଦବିନ୍ଦୱଃ ପୃଥିୱ୍ୟାଂ ପତିତୁମାରେଭିରେ|
४४दु: खाने ग्रासलेला असतांना त्याने अधिक कळकळीने प्रार्थना केली आणि त्याचा घाम रक्ताच्या थेंबासारखा जमिनीवर पडत होता.
45 ଅଥ ପ୍ରାର୍ଥନାତ ଉତ୍ଥାଯ ଶିଷ୍ୟାଣାଂ ସମୀପମେତ୍ୟ ତାନ୍ ମନୋଦୁଃଖିନୋ ନିଦ୍ରିତାନ୍ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱାୱଦତ୍
४५आणि जेव्हा प्रार्थना करून तो उठला आणि शिष्यांकडे आला तो पाहा ते खिन्न झाल्यामुळे झोपी गेलेले त्यास आढळले.
46 କୁତୋ ନିଦ୍ରାଥ? ପରୀକ୍ଷାଯାମ୍ ଅପତନାର୍ଥଂ ପ୍ରର୍ଥଯଧ୍ୱଂ|
४६तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही का झोपत आहात? उठा आणि परीक्षेत पडू नये म्हणून प्रार्थना करा.”
47 ଏତତ୍କଥାଯାଃ କଥନକାଲେ ଦ୍ୱାଦଶଶିଷ୍ୟାଣାଂ ମଧ୍ୟେ ଗଣିତୋ ଯିହୂଦାନାମା ଜନତାସହିତସ୍ତେଷାମ୍ ଅଗ୍ରେ ଚଲିତ୍ୱା ଯୀଶୋଶ୍ଚୁମ୍ବନାର୍ଥଂ ତଦନ୍ତିକମ୍ ଆଯଯୌ|
४७तो बोलत असतांनाच लोकांचा जमाव आला व बारा शिष्यातील यहूदा इस्कर्योत म्हटलेला एकजण त्यांच्यापुढे चालत होता. येशूचे चुंबन घेण्यासाठी तो त्याच्याजवळ आला.
48 ତଦା ଯୀଶୁରୁୱାଚ, ହେ ଯିହୂଦା କିଂ ଚୁମ୍ବନେନ ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ରଂ ପରକରେଷୁ ସମର୍ପଯସି?
४८परंतु येशू त्यास म्हणाला, “यहूदा, चुंबन घेऊन मनुष्याच्या पुत्राचा विश्वासघात करतोस काय?”
49 ତଦା ଯଦ୍ୟଦ୍ ଘଟିଷ୍ୟତେ ତଦନୁମାଯ ସଙ୍ଗିଭିରୁକ୍ତଂ, ହେ ପ୍ରଭୋ ୱଯଂ କି ଖଙ୍ଗେନ ଘାତଯିଷ୍ୟାମଃ?
४९त्याच्याभोवती जे होते ते काय होणार हे ओळखून त्यास म्हणाले, “प्रभू, आम्ही तलवार चालवावी काय?”
50 ତତ ଏକଃ କରୱାଲେନାହତ୍ୟ ପ୍ରଧାନଯାଜକସ୍ୟ ଦାସସ୍ୟ ଦକ୍ଷିଣଂ କର୍ଣଂ ଚିଚ୍ଛେଦ|
५०त्यांच्यापैकी एकाने महायाजकाच्या नोकरावर वार केला आणि त्याचा उजवा कान कापला.
51 ଅଧୂନା ନିୱର୍ତ୍ତସ୍ୱ ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ଯୀଶୁସ୍ତସ୍ୟ ଶ୍ରୁତିଂ ସ୍ପୃଷ୍ଟ୍ୱା ସ୍ୱସ୍ୟଂ ଚକାର|
५१येशूने उत्तर दिले, “हे पुरेसे असू द्या.” आणि त्याने त्याच्या कानाला स्पर्श केला व त्यास बरे केले.
52 ପଶ୍ଚାଦ୍ ଯୀଶୁଃ ସମୀପସ୍ଥାନ୍ ପ୍ରଧାନଯାଜକାନ୍ ମନ୍ଦିରସ୍ୟ ସେନାପତୀନ୍ ପ୍ରାଚୀନାଂଶ୍ଚ ଜଗାଦ, ଯୂଯଂ କୃପାଣାନ୍ ଯଷ୍ଟୀଂଶ୍ଚ ଗୃହୀତ୍ୱା ମାଂ କିଂ ଚୋରଂ ଧର୍ତ୍ତୁମାଯାତାଃ?
५२नंतर येशू मुख्य याजक लोक, परमेश्वराच्या भवनाचे मुख्य अधिकारी आणि वडील जे त्याच्यावर चालून आले होते, त्यांना म्हणाला, “तुम्ही तलवारी आणि सोटे घेऊन माझ्यावर चालून आलात, जसा काय मी लुटारु आहे.
53 ଯଦାହଂ ଯୁଷ୍ମାଭିଃ ସହ ପ୍ରତିଦିନଂ ମନ୍ଦିରେଽତିଷ୍ଠଂ ତଦା ମାଂ ଧର୍ତ୍ତଂ ନ ପ୍ରୱୃତ୍ତାଃ, କିନ୍ତ୍ୱିଦାନୀଂ ଯୁଷ୍ମାକଂ ସମଯୋନ୍ଧକାରସ୍ୟ ଚାଧିପତ୍ୟମସ୍ତି|
५३मी तर तुम्हाबरोबर दररोज परमेश्वराच्या भवनात असे आणि तुम्ही माझ्यावर हात टाकला नाही. परंतु ही तुमची वेळ आणि अंधाराची सत्ता आहे.”
54 ଅଥ ତେ ତଂ ଧୃତ୍ୱା ମହାଯାଜକସ୍ୟ ନିୱେଶନଂ ନିନ୍ୟୁଃ| ତତଃ ପିତରୋ ଦୂରେ ଦୂରେ ପଶ୍ଚାଦିତ୍ୱା
५४त्यांनी त्यास अटक केली व ते त्यास महायाजकाच्या घरी घेऊन गेले. पेत्र दुरून त्यांच्यामागे चालला.
55 ବୃହତ୍କୋଷ୍ଠସ୍ୟ ମଧ୍ୟେ ଯତ୍ରାଗ୍ନିଂ ଜ୍ୱାଲଯିତ୍ୱା ଲୋକାଃ ସମେତ୍ୟୋପୱିଷ୍ଟାସ୍ତତ୍ର ତୈଃ ସାର୍ଦ୍ଧମ୍ ଉପୱିୱେଶ|
५५त्यांनी अंगणाच्या मध्यभागी विस्तव पेटविला आणि त्याच्याभोवती बसले व पेत्रही त्यांच्यात बसला.
56 ଅଥ ୱହ୍ନିସନ୍ନିଧୌ ସମୁପୱେଶକାଲେ କାଚିଦ୍ଦାସୀ ମନୋ ନିୱିଶ୍ୟ ତଂ ନିରୀକ୍ଷ୍ୟାୱଦତ୍ ପୁମାନଯଂ ତସ୍ୟ ସଙ୍ଗେଽସ୍ଥାତ୍|
५६तेव्हा कोणाएका दासीने तेथे त्यास विस्तवाच्या उजेडात बसलेले पाहिले. तिने त्याच्याकडे निरखून पाहिले आणि ती म्हणाली, “हा मनुष्यही त्याच्याबरोबर होता.”
57 କିନ୍ତୁ ସ ତଦ୍ ଅପହ୍ନୁତ୍ୟାୱାଦୀତ୍ ହେ ନାରି ତମହଂ ନ ପରିଚିନୋମି|
५७पेत्र ते नाकारुन म्हणाला, “बाई, मी त्यास ओळखत नाही.”
58 କ୍ଷଣାନ୍ତରେଽନ୍ୟଜନସ୍ତଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱାବ୍ରୱୀତ୍ ତ୍ୱମପି ତେଷାଂ ନିକରସ୍ୟୈକଜନୋସି| ପିତରଃ ପ୍ରତ୍ୟୁୱାଚ ହେ ନର ନାହମସ୍ମି|
५८थोड्या वेळानंतर दुसऱ्या मनुष्याने त्यास पाहिले आणि म्हणाला, “तू सुद्धा त्यांच्यापैकी एक आहेस!” पण पेत्र म्हणाला, “गृहस्था, मी नाही!”
59 ତତଃ ସାର୍ଦ୍ଧଦଣ୍ଡଦ୍ୱଯାତ୍ ପରଂ ପୁନରନ୍ୟୋ ଜନୋ ନିଶ୍ଚିତ୍ୟ ବଭାଷେ, ଏଷ ତସ୍ୟ ସଙ୍ଗୀତି ସତ୍ୟଂ ଯତୋଯଂ ଗାଲୀଲୀଯୋ ଲୋକଃ|
५९नंतर सुमारे एक तास झाल्यावर आणखी एकजण ठामपणे म्हणाला, “खात्रीने हा मनुष्यसुद्धा त्याच्याबरोबर होता, कारण हा गालील प्रांताचा आहे.”
60 ତଦା ପିତର ଉୱାଚ ହେ ନର ତ୍ୱଂ ଯଦ୍ ୱଦମି ତଦହଂ ବୋଦ୍ଧୁଂ ନ ଶକ୍ନୋମି, ଇତି ୱାକ୍ୟେ କଥିତମାତ୍ରେ କୁକ୍କୁଟୋ ରୁରାୱ|
६०परंतु पेत्र म्हणाला, “गृहस्था तू काय बोलतोस ते मला कळत नाही!” तो बोलत असतांना त्याच क्षणी कोंबडा आरवला.
61 ତଦା ପ୍ରଭୁଣା ୱ୍ୟାଧୁଟ୍ୟ ପିତରେ ନିରୀକ୍ଷିତେ କୃକୱାକୁରୱାତ୍ ପୂର୍ୱ୍ୱଂ ମାଂ ତ୍ରିରପହ୍ନୋଷ୍ୟସେ ଇତି ପୂର୍ୱ୍ୱୋକ୍ତଂ ତସ୍ୟ ୱାକ୍ୟଂ ପିତରଃ ସ୍ମୃତ୍ୱା
६१आणि प्रभूने वळून पेत्राकडे पाहिले तेव्हा पेत्राला प्रभूने उच्चारिलेले वाक्य आठवले, “आज कोंबडा आरवण्यापूर्वी तू तीन वेळा मला नाकारशील,” असे सांगितलेले त्यास आठवले.
62 ବହିର୍ଗତ୍ୱା ମହାଖେଦେନ ଚକ୍ରନ୍ଦ|
६२मग तो बाहेर जाऊन मोठ्या दुःखाने रडला.
63 ତଦା ଯୈ ର୍ୟୀଶୁର୍ଧୃତସ୍ତେ ତମୁପହସ୍ୟ ପ୍ରହର୍ତ୍ତୁମାରେଭିରେ|
६३येशूवर पहारा देणाऱ्या लोकांनी त्याचा उपहास करायला व त्यास मारायला सुरुवात केली.
64 ୱସ୍ତ୍ରେଣ ତସ୍ୟ ଦୃଶୌ ବଦ୍ଧ୍ୱା କପୋଲେ ଚପେଟାଘାତଂ କୃତ୍ୱା ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ, କସ୍ତେ କପୋଲେ ଚପେଟାଘାତଂ କୃତୱାନ? ଗଣଯିତ୍ୱା ତଦ୍ ୱଦ|
६४त्यांनी त्याचे डोळे बांधले व त्यास प्रश्न विचारु लागले. ते म्हणाले, “ओळख बघू! तुला कोणी मारले?”
65 ତଦନ୍ୟତ୍ ତଦ୍ୱିରୁଦ୍ଧଂ ବହୁନିନ୍ଦାୱାକ୍ୟଂ ୱକ୍ତୁମାରେଭିରେ|
६५आणि ते त्याची निंदा करण्यासाठी आणखी पुष्कळ काही बोलले.
66 ଅଥ ପ୍ରଭାତେ ସତି ଲୋକପ୍ରାଞ୍ଚଃ ପ୍ରଧାନଯାଜକା ଅଧ୍ୟାପକାଶ୍ଚ ସଭାଂ କୃତ୍ୱା ମଧ୍ୟେସଭଂ ଯୀଶୁମାନୀଯ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ, ତ୍ୱମ୍ ଅଭିଷିକତୋସି ନ ୱାସ୍ମାନ୍ ୱଦ|
६६दिवस उगवला तेव्हा वडील लोकांची म्हणजे त्यामध्ये दोन्ही प्रकारचे लोक, मुख्य याजक लोक व नियमशास्त्राचे शिक्षक यांची सभा भरली आणि ते त्यास त्यांच्या सभेत घेऊन गेले.
67 ସ ପ୍ରତ୍ୟୁୱାଚ, ମଯା ତସ୍ମିନ୍ନୁକ୍ତେଽପି ଯୂଯଂ ନ ୱିଶ୍ୱସିଷ୍ୟଥ|
६७ते म्हणाले, “जर तू ख्रिस्त आहेस तर आम्हास सांग” येशू त्यांना म्हणाला, जरी “मी तुम्हास सांगितले तरी तुम्ही माझ्यावर विश्वास ठेवणार नाही.
68 କସ୍ମିଂଶ୍ଚିଦ୍ୱାକ୍ୟେ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ପୃଷ୍ଟେଽପି ମାଂ ନ ତଦୁତ୍ତରଂ ୱକ୍ଷ୍ୟଥ ନ ମାଂ ତ୍ୟକ୍ଷ୍ୟଥ ଚ|
६८आणि जरी मी तुम्हास प्रश्न विचारला तरी तुम्ही उत्तर देणार नाही.
69 କିନ୍ତ୍ୱିତଃ ପରଂ ମନୁଜସୁତଃ ସର୍ୱ୍ୱଶକ୍ତିମତ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ଦକ୍ଷିଣେ ପାର୍ଶ୍ୱେ ସମୁପୱେକ୍ଷ୍ୟତି|
६९पण आतापासून मनुष्याचा पुत्र सर्वसमर्थ देवाच्या उजवीकडे बसलेला असेल.”
70 ତତସ୍ତେ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ, ର୍ତିହ ତ୍ୱମୀଶ୍ୱରସ୍ୟ ପୁତ୍ରଃ? ସ କଥଯାମାସ, ଯୂଯଂ ଯଥାର୍ଥଂ ୱଦଥ ସ ଏୱାହଂ|
७०ते सर्व म्हणाले, तर मग तू देवाचा पुत्र आहेस काय? त्याने त्यांना उत्तर दिले, “तुम्ही म्हणता की, मी आहे.”
71 ତଦା ତେ ସର୍ୱ୍ୱେ କଥଯାମାସୁଃ, ର୍ତିହ ସାକ୍ଷ୍ୟେଽନ୍ସସ୍ମିନ୍ ଅସ୍ମାକଂ କିଂ ପ୍ରଯୋଜନଂ? ଅସ୍ୟ ସ୍ୱମୁଖାଦେୱ ସାକ୍ଷ୍ୟଂ ପ୍ରାପ୍ତମ୍|
७१मग ते म्हणाले, “आता आपल्याला आणखी साक्षीची काय गरज आहे? आपण स्वतः त्याच्या तोंडचे शब्द ऐकले आहेत.”

< ଲୂକଃ 22 >