< লূকঃ 9 >

1 ততঃ পরং স দ্ৱাদশশিষ্যানাহূয ভূতান্ ত্যাজযিতুং রোগান্ প্রতিকর্ত্তুঞ্চ তেভ্যঃ শক্তিমাধিপত্যঞ্চ দদৌ|
फिर उसने उन बारह को बुलाकर उन्हें सब बदरूहों पर इख़्तियार बख़्शा और बीमारियों को दूर करने की क़ुदरत दी।
2 অপরঞ্চ ঈশ্ৱরীযরাজ্যস্য সুসংৱাদং প্রকাশযিতুম্ রোগিণামারোগ্যং কর্ত্তুঞ্চ প্রেরণকালে তান্ জগাদ|
और उन्हें ख़ुदा की बादशाही का ऐलान करने और बीमारों को अच्छा करने के लिए भेजा,
3 যাত্রার্থং যষ্টি র্ৱস্ত্রপুটকং ভক্ষ্যং মুদ্রা দ্ৱিতীযৱস্ত্রম্, এষাং কিমপি মা গৃহ্লীত|
और उनसे कहा, “राह के लिए कुछ न लेना, न लाठी, न झोली, न रोटी, न रुपए, न दो दो कुरते रखना।
4 যূযঞ্চ যন্নিৱেশনং প্রৱিশথ নগরত্যাগপর্য্যনতং তন্নিৱেশনে তিষ্ঠত|
और जिस घर में दाख़िल हो वहीं रहना और वहीं से रवाना होना;
5 তত্র যদি কস্যচিৎ পুরস্য লোকা যুষ্মাকমাতিথ্যং ন কুর্ৱ্ৱন্তি তর্হি তস্মান্নগরাদ্ গমনকালে তেষাং ৱিরুদ্ধং সাক্ষ্যার্থং যুষ্মাকং পদধূলীঃ সম্পাতযত|
और जिस शहर के लोग तुम्हें क़ुबूल ना करें, उस शहर से निकलते वक़्त अपने पाँव की धूल झाड़ देना ताकि उन पर गवाही हो।”
6 অথ তে প্রস্থায সর্ৱ্ৱত্র সুসংৱাদং প্রচারযিতুং পীডিতান্ স্ৱস্থান্ কর্ত্তুঞ্চ গ্রামেষু ভ্রমিতুং প্রারেভিরে|
पस वो रवाना होकर गाँव गाँव ख़ुशख़बरी सुनाते और हर जगह शिफ़ा देते फिरे।
7 এতর্হি হেরোদ্ রাজা যীশোঃ সর্ৱ্ৱকর্ম্মণাং ৱার্ত্তাং শ্রুৎৱা ভৃশমুদ্ৱিৱিজে
चौथाई मुल्क का हाकिम हेरोदेस सब अहवाल सुन कर घबरा गया, इसलिए कि कुछ ये कहते थे कि युहन्ना मुर्दों में से जी उठा है,
8 যতঃ কেচিদূচুর্যোহন্ শ্মশানাদুদতিষ্ঠৎ| কেচিদূচুঃ, এলিযো দর্শনং দত্তৱান্; এৱমন্যলোকা ঊচুঃ পূর্ৱ্ৱীযঃ কশ্চিদ্ ভৱিষ্যদ্ৱাদী সমুত্থিতঃ|
और कुछ ये कि एलियाह ज़ाहिर हुआ, और कुछ ये कि क़दीम नबियों में से कोई जी उठा है।
9 কিন্তু হেরোদুৱাচ যোহনঃ শিরোঽহমছিনদম্ ইদানীং যস্যেদৃক্কর্ম্মণাং ৱার্ত্তাং প্রাপ্নোমি স কঃ? অথ স তং দ্রষ্টুম্ ঐচ্ছৎ|
मगर हेरोदेस ने कहा, “युहन्ना का तो मैं ने सिर कटवा दिया, अब ये कौन जिसके बारे में ऐसी बातें सुनता हूँ?” पस उसे देखने की कोशिश में रहा।
10 ১০ অনন্তরং প্রেরিতাঃ প্রত্যাগত্য যানি যানি কর্ম্মাণি চক্রুস্তানি যীশৱে কথযামাসুঃ ততঃ স তান্ বৈৎসৈদানামকনগরস্য ৱিজনং স্থানং নীৎৱা গুপ্তং জগাম|
फिर रसूलों ने जो कुछ किया था लौटकर उससे बयान किया; और वो उनको अलग लेकर बैतसैदा नाम एक शहर को चला गया।
11 ১১ পশ্চাল্ লোকাস্তদ্ ৱিদিৎৱা তস্য পশ্চাদ্ যযুঃ; ততঃ স তান্ নযন্ ঈশ্ৱরীযরাজ্যস্য প্রসঙ্গমুক্তৱান্, যেষাং চিকিৎসযা প্রযোজনম্ আসীৎ তান্ স্ৱস্থান্ চকার চ|
ये जानकर भीड़ उसके पीछे गई और वो ख़ुशी के साथ उनसे मिला और उनसे ख़ुदा की बादशाही की बातें करने लगा, और जो शिफ़ा पाने के मुहताज थे उन्हें शिफ़ा बख़्शी।
12 ১২ অপরঞ্চ দিৱাৱসন্নে সতি দ্ৱাদশশিষ্যা যীশোরন্তিকম্ এত্য কথযামাসুঃ, ৱযমত্র প্রান্তরস্থানে তিষ্ঠামঃ, ততো নগরাণি গ্রামাণি গৎৱা ৱাসস্থানানি প্রাপ্য ভক্ষ্যদ্রৱ্যাণি ক্রেতুং জননিৱহং ভৱান্ ৱিসৃজতু|
जब दिन ढलने लगा तो उन बारह ने आकर उससे कहा, “भीड़ को रुख़्सत कर के चारों तरफ़ के गाँव और बस्तियों में जा टिकें और खाने का इन्तिज़ाम करें।” क्यूँकि हम यहाँ वीरान जगह में हैं।
13 ১৩ তদা স উৱাচ, যূযমেৱ তান্ ভেজযধ্ৱং; ততস্তে প্রোচুরস্মাকং নিকটে কেৱলং পঞ্চ পূপা দ্ৱৌ মৎস্যৌ চ ৱিদ্যন্তে, অতএৱ স্থানান্তরম্ ইৎৱা নিমিত্তমেতেষাং ভক্ষ্যদ্রৱ্যেষু ন ক্রীতেষু ন ভৱতি|
उसने उनसे कहा, “तुम ही उन्हें खाने को दो,” उन्होंने कहा, “हमारे पास सिर्फ़ पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ है, मगर हाँ हम जा जाकर इन सब लोगों के लिए खाना मोल ले आएँ।”
14 ১৪ তত্র প্রাযেণ পঞ্চসহস্রাণি পুরুষা আসন্|
क्यूँकि वो पाँच हज़ार मर्द के क़रीब थे। उसने अपने शागिर्दों से कहा, “उनको तक़रीबन पचास — पचास की क़तारों में बिठाओ।”
15 ১৫ তদা স শিষ্যান্ জগাদ পঞ্চাশৎ পঞ্চাশজ্জনৈঃ পংক্তীকৃত্য তানুপৱেশযত, তস্মাৎ তে তদনুসারেণ সর্ৱ্ৱলোকানুপৱেশযাপাসুঃ|
उन्होंने उसी तरह किया और सब को बिठाया।
16 ১৬ ততঃ স তান্ পঞ্চ পূপান্ মীনদ্ৱযঞ্চ গৃহীৎৱা স্ৱর্গং ৱিলোক্যেশ্ৱরগুণান্ কীর্ত্তযাঞ্চক্রে ভঙ্ক্তা চ লোকেভ্যঃ পরিৱেষণার্থং শিষ্যেষু সমর্পযাম্বভূৱ|
फिर उसने वो पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं और आसमान की तरफ़ देख कर उन पर बर्क़त बख़्शी, और तोड़कर अपने शागिर्दों को देता गया कि लोगों के आगे रख्खें।
17 ১৭ ততঃ সর্ৱ্ৱে ভুক্ত্ৱা তৃপ্তিং গতা অৱশিষ্টানাঞ্চ দ্ৱাদশ ডল্লকান্ সংজগৃহুঃ|
उन्होंने खाया और सब सेर हो गए, और उनके बचे हुए बे इस्तेमाल खाने की बारह टोकरियाँ उठाई गईं।
18 ১৮ অথৈকদা নির্জনে শিষ্যৈঃ সহ প্রার্থনাকালে তান্ পপ্রচ্ছ, লোকা মাং কং ৱদন্তি?
जब वो तन्हाई में दुआ कर रहा था और शागिर्द उसके पास थे, तो ऐसा हुआ कि उसने उनसे पूछा, “लोग मुझे क्या कहते हैं?”
19 ১৯ ততস্তে প্রাচুঃ, ৎৱাং যোহন্মজ্জকং ৱদন্তি; কেচিৎ ৎৱাম্ এলিযং ৱদন্তি, পূর্ৱ্ৱকালিকঃ কশ্চিদ্ ভৱিষ্যদ্ৱাদী শ্মশানাদ্ উদতিষ্ঠদ্ ইত্যপি কেচিদ্ ৱদন্তি|
उन्होंने जवाब में कहा, “युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला और कुछ एलियाह कहते हैं, और कुछ ये कि पुराने नबियों में से कोई जी उठा है।”
20 ২০ তদা স উৱাচ, যূযং মাং কং ৱদথ? ততঃ পিতর উক্তৱান্ ৎৱম্ ঈশ্ৱরাভিষিক্তঃ পুরুষঃ|
उसने उनसे कहा, “लेकिन तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने जवाब में कहा, “ख़ुदावन्द का मसीह।”
21 ২১ তদা স তান্ দৃঢমাদিদেশ, কথামেতাং কস্মৈচিদপি মা কথযত|
उसने उनको हिदायत करके हुक्म दिया कि ये किसी से न कहना,
22 ২২ স পুনরুৱাচ, মনুষ্যপুত্রেণ ৱহুযাতনা ভোক্তৱ্যাঃ প্রাচীনলোকৈঃ প্রধানযাজকৈরধ্যাপকৈশ্চ সোৱজ্ঞায হন্তৱ্যঃ কিন্তু তৃতীযদিৱসে শ্মশানাৎ তেনোত্থাতৱ্যম্|
और कहा, “ज़रूर है इब्न — ए — आदम बहुत दुःख उठाए और बुज़ुर्ग और सरदार काहिन और आलिम उसे रद्द करें और वो क़त्ल किया जाए और तीसरे दिन जी उठे।”
23 ২৩ অপরং স সর্ৱ্ৱানুৱাচ, কশ্চিদ্ যদি মম পশ্চাদ্ গন্তুং ৱাঞ্ছতি তর্হি স স্ৱং দাম্যতু, দিনে দিনে ক্রুশং গৃহীৎৱা চ মম পশ্চাদাগচ্ছতু|
और उसने सब से कहा, “अगर कोई मेरे पीछे आना चाहे तो अपने आप से इनकार करे और हर रोज़ अपनी सलीब उठाए और मेरे पीछे हो ले।
24 ২৪ যতো যঃ কশ্চিৎ স্ৱপ্রাণান্ রিরক্ষিষতি স তান্ হারযিষ্যতি, যঃ কশ্চিন্ মদর্থং প্রাণান্ হারযিষ্যতি স তান্ রক্ষিষ্যতি|
क्यूँकि जो कोई अपनी जान बचाना चाहे, वो उसे खोएगा और जो कोई मेरी ख़ातिर अपनी जान खोए वही उसे बचाएगा।
25 ২৫ কশ্চিদ্ যদি সর্ৱ্ৱং জগৎ প্রাপ্নোতি কিন্তু স্ৱপ্রাণান্ হারযতি স্ৱযং ৱিনশ্যতি চ তর্হি তস্য কো লাভঃ?
और आदमी अगर सारी दुनिया को हासिल करे और अपनी जान को खो दे या नुक़्सान उठाए तो उसे क्या फ़ाइदा होगा?
26 ২৬ পুন র্যঃ কশ্চিন্ মাং মম ৱাক্যং ৱা লজ্জাস্পদং জানাতি মনুষ্যপুত্রো যদা স্ৱস্য পিতুশ্চ পৱিত্রাণাং দূতানাঞ্চ তেজোভিঃ পরিৱেষ্টিত আগমিষ্যতি তদা সোপি তং লজ্জাস্পদং জ্ঞাস্যতি|
क्यूँकि जो कोई मुझ से और मेरी बातों से शरमाएगा, इब्न — ए — आदम भी जब अपने और अपने बाप के और पाक फ़रिश्तों के जलाल में आएगा तो उस से शरमाएगा।
27 ২৭ কিন্তু যুষ্মানহং যথার্থং ৱদামি, ঈশ্ৱরীযরাজৎৱং ন দৃষ্টৱা মৃত্যুং নাস্ৱাদিষ্যন্তে, এতাদৃশাঃ কিযন্তো লোকা অত্র স্থনেঽপি দণ্ডাযমানাঃ সন্তি|
लेकिन मैं तुम से सच कहता हूँ कि उनमें से जो यहाँ खड़े हैं कुछ ऐसे हैं कि जब तक ख़ुदा की बादशाही को देख न लें मौत का मज़ा हरगिज़ न चखेंगे।”
28 ২৮ এতদাখ্যানকথনাৎ পরং প্রাযেণাষ্টসু দিনেষু গতেষু স পিতরং যোহনং যাকূবঞ্চ গৃহীৎৱা প্রার্থযিতুং পর্ৱ্ৱতমেকং সমারুরোহ|
फिर इन बातों के कोई आठ रोज़ बाद ऐसा हुआ, कि वो पतरस और यूहन्ना और या'क़ूब को साथ लेकर पहाड़ पर दुआ करने गया।
29 ২৯ অথ তস্য প্রার্থনকালে তস্য মুখাকৃতিরন্যরূপা জাতা, তদীযং ৱস্ত্রমুজ্জ্ৱলশুক্লং জাতং|
जब वो दुआ कर रहा था, तो ऐसा हुआ कि उसके चेहरे की सूरत बदल गई, और उसकी पोशाक सफ़ेद बर्राक़ हो गई।
30 ৩০ অপরঞ্চ মূসা এলিযশ্চোভৌ তেজস্ৱিনৌ দৃষ্টৌ
और देखो, दो शख़्स या'नी मूसा और एलियाह उससे बातें कर रहे थे।
31 ৩১ তৌ তেন যিরূশালম্পুরে যো মৃত্যুঃ সাধিষ্যতে তদীযাং কথাং তেন সার্দ্ধং কথযিতুম্ আরেভাতে|
ये जलाल में दिखाई दिए और उसके इन्तक़ाल का ज़िक्र करते थे, जो येरूशलेम में वाक़े' होने को था।
32 ৩২ তদা পিতরাদযঃ স্ৱস্য সঙ্গিনো নিদ্রযাকৃষ্টা আসন্ কিন্তু জাগরিৎৱা তস্য তেজস্তেন সার্দ্ধম্ উত্তিষ্ঠন্তৌ জনৌ চ দদৃশুঃ|
मगर पतरस और उसके साथी नींद में पड़े थे और जब अच्छी तरह जागे, तो उसके जलाल को और उन दो शख़्सों को देखा जो उसके साथ खड़े थे।
33 ৩৩ অথ তযোরুভযো র্গমনকালে পিতরো যীশুং বভাষে, হে গুরোঽস্মাকং স্থানেঽস্মিন্ স্থিতিঃ শুভা, তত একা ৎৱদর্থা, একা মূসার্থা, একা এলিযার্থা, ইতি তিস্রঃ কুট্যোস্মাভি র্নির্ম্মীযন্তাং, ইমাং কথাং স ন ৱিৱিচ্য কথযামাস|
जब वो उससे जुदा होने लगे तो ऐसा हुआ कि पतरस ने ईसा से कहा, “ऐ उस्ताद! हमारा यहाँ रहना अच्छा है: पस हम तीन डेरे बनाएँ, एक तेरे लिए एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।” लेकिन वो जानता न था कि क्या कहता है।
34 ৩৪ অপরঞ্চ তদ্ৱাক্যৱদনকালে পযোদ এক আগত্য তেষামুপরি ছাযাং চকার, ততস্তন্মধ্যে তযোঃ প্রৱেশাৎ তে শশঙ্কিরে|
वो ये कहता ही था कि बादल ने आकर उन पर साया कर लिया, और जब वो बादल में घिरने लगे तो डर गए।
35 ৩৫ তদা তস্মাৎ পযোদাদ্ ইযমাকাশীযা ৱাণী নির্জগাম, মমাযং প্রিযঃ পুত্র এতস্য কথাযাং মনো নিধত্ত|
और बादल में से एक आवाज़ आई, “ये मेरा चुना हुआ बेटा है, इसकी सुनो।”
36 ৩৬ ইতি শব্দে জাতে তে যীশুমেকাকিনং দদৃশুঃ কিন্তু তে তদানীং তস্য দর্শনস্য ৱাচমেকামপি নোক্ত্ৱা মনঃসু স্থাপযামাসুঃ|
ये आवाज़ आते ही ईसा अकेला दिखाई दिया; और वो चुप रहे, और जो बातें देखी थीं उन दिनों में किसी को उनकी कुछ ख़बर न दी।
37 ৩৭ পরেঽহনি তেষু তস্মাচ্ছৈলাদ্ অৱরূঢেষু তং সাক্ষাৎ কর্ত্তুং বহৱো লোকা আজগ্মুঃ|
दूसरे दिन जब वो पहाड़ से उतरे थे, तो ऐसा हुआ कि एक बड़ी भीड़ उससे आ मिली।
38 ৩৮ তেষাং মধ্যাদ্ একো জন উচ্চৈরুৱাচ, হে গুরো অহং ৱিনযং করোমি মম পুত্রং প্রতি কৃপাদৃষ্টিং করোতু, মম স এৱৈকঃ পুত্রঃ|
और देखो एक आदमी ने भीड़ में से चिल्लाकर कहा, “ऐ उस्ताद! मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि मेरे बेटे पर नज़र कर; क्यूँकि वो मेरा इकलौता है।
39 ৩৯ ভূতেন ধৃতঃ সন্ সং প্রসভং চীচ্ছব্দং করোতি তন্মুখাৎ ফেণা নির্গচ্ছন্তি চ, ভূত ইত্থং ৱিদার্য্য ক্লিষ্ট্ৱা প্রাযশস্তং ন ত্যজতি|
और देखो, एक रूह उसे पकड़ लेती है, और वो यकायक चीख़ उठता है; और उसको ऐसा मरोड़ती है कि क़फ़ भर लाता है, और उसको कुचल कर मुश्किल से छोड़ती है।
40 ৪০ তস্মাৎ তং ভূতং ত্যাজযিতুং তৱ শিষ্যসমীপে ন্যৱেদযং কিন্তু তে ন শেকুঃ|
मैंने तेरे शागिर्दों की मिन्नत की कि उसे निकाल दें, लेकिन वो न निकाल सके।”
41 ৪১ তদা যীশুরৱাদীৎ, রে আৱিশ্ৱাসিন্ ৱিপথগামিন্ ৱংশ কতিকালান্ যুষ্মাভিঃ সহ স্থাস্যাম্যহং যুষ্মাকম্ আচরণানি চ সহিষ্যে? তৱ পুত্রমিহানয|
ईसा ने जवाब में कहा, “ऐ कम ईमान वालों मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा और तुम्हारी बर्दाश्त करूँगा? अपने बेटे को ले आ।”
42 ৪২ ততস্তস্মিন্নাগতমাত্রে ভূতস্তং ভূমৌ পাতযিৎৱা ৱিদদার; তদা যীশুস্তমমেধ্যং ভূতং তর্জযিৎৱা বালকং স্ৱস্থং কৃৎৱা তস্য পিতরি সমর্পযামাস|
वो आता ही था कि बदरूह ने उसे पटक कर मरोड़ा और ईसा ने उस नापाक रूह को झिड़का और लड़के को अच्छा करके उसके बाप को दे दिया।
43 ৪৩ ঈশ্ৱরস্য মহাশক্তিম্ ইমাং ৱিলোক্য সর্ৱ্ৱে চমচ্চক্রুঃ; ইত্থং যীশোঃ সর্ৱ্ৱাভিঃ ক্রিযাভিঃ সর্ৱ্ৱৈর্লোকৈরাশ্চর্য্যে মন্যমানে সতি স শিষ্যান্ বভাষে,
और सब लोग ख़ुदा की शान देखकर हैरान हुए। लेकिन जिस वक़्त सब लोग उन सब कामों पर जो वो करता था ता'ज्जुब कर रहे थे, उसने अपने शागिर्दों से कहा,
44 ৪৪ কথেযং যুষ্মাকং কর্ণেষু প্রৱিশতু, মনুষ্যপুত্রো মনুষ্যাণাং করেষু সমর্পযিষ্যতে|
“तुम्हारे कानों में ये बातें पड़ी रहें, क्यूँकि इब्न — ए — आदम आदमियों के हवाले किए जाने को है।”
45 ৪৫ কিন্তু তে তাং কথাং ন বুবুধিরে, স্পষ্টৎৱাভাৱাৎ তস্যা অভিপ্রাযস্তেষাং বোধগম্যো ন বভূৱ; তস্যা আশযঃ ক ইত্যপি তে ভযাৎ প্রষ্টুং ন শেকুঃ|
लेकिन वो इस बात को समझते न थे, बल्कि ये उनसे छिपाई गई ताकि उसे मा'लूम न करें; और इस बात के बारे में उससे पूछते हुए डरते थे।
46 ৪৬ তদনন্তরং তেষাং মধ্যে কঃ শ্রেষ্ঠঃ কথামেতাং গৃহীৎৱা তে মিথো ৱিৱাদং চক্রুঃ|
फिर उनमें ये बहस शुरू' हुई, कि हम में से बड़ा कौन है?
47 ৪৭ ততো যীশুস্তেষাং মনোভিপ্রাযং ৱিদিৎৱা বালকমেকং গৃহীৎৱা স্ৱস্য নিকটে স্থাপযিৎৱা তান্ জগাদ,
लेकिन ईसा ने उनके दिलों का ख़याल मा'लूम करके एक बच्चे को लिया, और अपने पास खड़ा करके उनसे कहा,
48 ৪৮ যো জনো মম নাম্নাস্য বালাস্যাতিথ্যং ৱিদধাতি স মমাতিথ্যং ৱিদধাতি, যশ্চ মমাতিথ্যং ৱিদধাতি স মম প্রেরকস্যাতিথ্যং ৱিদধাতি, যুষ্মাকং মধ্যেযঃ স্ৱং সর্ৱ্ৱস্মাৎ ক্ষুদ্রং জানীতে স এৱ শ্রেষ্ঠো ভৱিষ্যতি|
“जो कोई इस बच्चे को मेरे नाम से क़ुबूल करता है, वो मुझे क़ुबूल करता है; और जो मुझे क़ुबूल करता है, वो मेरे भेजनेवाले को क़ुबूल करता है; क्यूँकि जो तुम में सब से छोटा है वही बड़ा है”
49 ৪৯ অপরঞ্চ যোহন্ ৱ্যাজহার হে প্রভে তৱ নাম্না ভূতান্ ত্যাজযন্তং মানুষম্ একং দৃষ্টৱন্তো ৱযং, কিন্ত্ৱস্মাকম্ অপশ্চাদ্ গামিৎৱাৎ তং ন্যষেধাম্| তদানীং যীশুরুৱাচ,
यूहन्ना ने जवाब में कहा, “ऐ उस्ताद! हम ने एक शख़्स को तेरे नाम से बदरूह निकालते देखा, और उसको मनह' करने लगे, क्यूँकि वो हमारे साथ तेरी पैरवी नहीं करता।”
50 ৫০ তং মা নিষেধত, যতো যো জনোস্মাকং ন ৱিপক্ষঃ স এৱাস্মাকং সপক্ষো ভৱতি|
लेकिन ईसा ने उससे कहा, “उसे मनह' न करना, क्यूँकि जो तुम्हारे ख़िलाफ़ नहीं वो तुम्हारी तरफ़ है।”
51 ৫১ অনন্তরং তস্যারোহণসময উপস্থিতে স স্থিরচেতা যিরূশালমং প্রতি যাত্রাং কর্ত্তুং নিশ্চিত্যাগ্রে দূতান্ প্রেষযামাস|
जब वो दिन नज़दीक आए कि वो ऊपर उठाया जाए, तो ऐसा हुआ कि उसने येरूशलेम जाने को कमर बाँधी।
52 ৫২ তস্মাৎ তে গৎৱা তস্য প্রযোজনীযদ্রৱ্যাণি সংগ্রহীতুং শোমিরোণীযানাং গ্রামং প্রৱিৱিশুঃ|
और आगे क़ासिद भेजे, वो जाकर सामरियों के एक गाँव में दाख़िल हुए ताकि उसके लिए तैयारी करें
53 ৫৩ কিন্তু স যিরূশালমং নগরং যাতি ততো হেতো র্লোকাস্তস্যাতিথ্যং ন চক্রুঃ|
लेकिन उन्होंने उसको टिकने न दिया, क्यूँकि उसका रुख येरूशलेम की तरफ़ था।
54 ৫৪ অতএৱ যাকূব্যোহনৌ তস্য শিষ্যৌ তদ্ দৃষ্ট্ৱা জগদতুঃ, হে প্রভো এলিযো যথা চকার তথা ৱযমপি কিং গগণাদ্ আগন্তুম্ এতান্ ভস্মীকর্ত্তুঞ্চ ৱহ্নিমাজ্ঞাপযামঃ? ভৱান্ কিমিচ্ছতি?
ये देखकर उसके शागिर्द या'क़ूब और यूहन्ना ने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द, क्या तू चाहता है कि हम हुक्म दें कि आसमान से आग नाज़िल होकर उन्हें भस्म कर दे [जैसा एलियाह ने किया]?”
55 ৫৫ কিন্তু স মুখং পরাৱর্ত্য তান্ তর্জযিৎৱা গদিতৱান্ যুষ্মাকং মনোভাৱঃ কঃ, ইতি যূযং ন জানীথ|
मगर उसने फिरकर उन्हें झिड़का [और कहा, तुम नहीं जानते कि तुम कैसी रूह के हो। क्यूँकि इब्न — ए — आदम लोगों की जान बरबाद करने नहीं बल्कि बचाने आया है]
56 ৫৬ মনুজসুতো মনুজানাং প্রাণান্ নাশযিতুং নাগচ্ছৎ, কিন্তু রক্ষিতুম্ আগচ্ছৎ| পশ্চাদ্ ইতরগ্রামং তে যযুঃ|
फिर वो किसी और गाँव में चले गए।
57 ৫৭ তদনন্তরং পথি গমনকালে জন একস্তং বভাষে, হে প্রভো ভৱান্ যত্র যাতি ভৱতা সহাহমপি তত্র যাস্যামি|
जब वो राह में चले जाते थे तो किसी ने उससे कहा, “जहाँ कहीं तू जाए, मैं तेरे पीछे चलूँगा।”
58 ৫৮ তদানীং যীশুস্তমুৱাচ, গোমাযূনাং গর্ত্তা আসতে, ৱিহাযসীযৱিহগানাং নীডানি চ সন্তি, কিন্তু মানৱতনযস্য শিরঃ স্থাপযিতুং স্থানং নাস্তি|
ईसा ने उससे कहा, “लोमड़ियों के भठ होते हैं और हवा के परिन्दों के घोंसले, मगर इब्न — ए — आदम के लिए सिर रखने की भी जगह नहीं।”
59 ৫৯ ততঃ পরং স ইতরজনং জগাদ, ৎৱং মম পশ্চাদ্ এহি; ততঃ স উৱাচ, হে প্রভো পূর্ৱ্ৱং পিতরং শ্মশানে স্থাপযিতুং মামাদিশতু|
फिर उसने दूसरे से कहा, “मेरे पीछे हो ले।” उसने जवाब में कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! मुझे इजाज़त दे कि पहले जाकर अपने बाप को दफ़्न करूँ।”
60 ৬০ তদা যীশুরুৱাচ, মৃতা মৃতান্ শ্মশানে স্থাপযন্তু কিন্তু ৎৱং গৎৱেশ্ৱরীযরাজ্যস্য কথাং প্রচারয|
उसने उससे कहा, “मुर्दों को अपने मुर्दे दफ़्न करने दे, लेकिन तू जाकर ख़ुदा की बादशाही की ख़बर फैला।”
61 ৬১ ততোন্যঃ কথযামাস, হে প্রভো মযাপি ভৱতঃ পশ্চাদ্ গংস্যতে, কিন্তু পূর্ৱ্ৱং মম নিৱেশনস্য পরিজনানাম্ অনুমতিং গ্রহীতুম্ অহমাদিশ্যৈ ভৱতা|
एक और ने भी कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे पीछे चलूँगा, लेकिन पहले मुझे इजाज़त दे कि अपने घर वालों से रुख़्सत हो आऊँ।”
62 ৬২ তদানীং যীশুস্তং প্রোক্তৱান্, যো জনো লাঙ্গলে করমর্পযিৎৱা পশ্চাৎ পশ্যতি স ঈশ্ৱরীযরাজ্যং নার্হতি|
ईसा ने उससे कहा, “जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है वो ख़ुदा की बादशाही के लायक़ नहीं।”

< লূকঃ 9 >