< লূকঃ 1 >

1 প্ৰথমতো যে সাক্ষিণো ৱাক্যপ্ৰচাৰকাশ্চাসন্ তেঽস্মাকং মধ্যে যদ্যৎ সপ্ৰমাণং ৱাক্যমৰ্পযন্তি স্ম
बहुतों ने उन बातों का जो हमारे बीच में बीती हैं, इतिहास लिखने में हाथ लगाया है।
2 তদনুসাৰতোঽন্যেপি বহৱস্তদ্ৱৃত্তান্তং ৰচযিতুং প্ৰৱৃত্তাঃ|
जैसा कि उन्होंने जो पहले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे हम तक पहुँचाया।
3 অতএৱ হে মহামহিমথিযফিল্ ৎৱং যা যাঃ কথা অশিক্ষ্যথাস্তাসাং দৃঢপ্ৰমাণানি যথা প্ৰাপ্নোষি
इसलिए हे श्रीमान थियुफिलुस मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक-ठीक जाँच करके उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूँ,
4 তদৰ্থং প্ৰথমমাৰভ্য তানি সৰ্ৱ্ৱাণি জ্ঞাৎৱাহমপি অনুক্ৰমাৎ সৰ্ৱ্ৱৱৃত্তান্তান্ তুভ্যং লেখিতুং মতিমকাৰ্ষম্|
कि तू यह जान ले, कि वे बातें जिनकी तूने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं।
5 যিহূদাদেশীযহেৰোদ্নামকে ৰাজৎৱং কুৰ্ৱ্ৱতি অবীযযাজকস্য পৰ্য্যাযাধিকাৰী সিখৰিযনামক একো যাজকো হাৰোণৱংশোদ্ভৱা ইলীশেৱাখ্যা
यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकर्याह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी, जिसका नाम एलीशिबा था।
6 তস্য জাযা দ্ৱাৱিমৌ নিৰ্দোষৌ প্ৰভোঃ সৰ্ৱ্ৱাজ্ঞা ৱ্যৱস্থাশ্চ সংমন্য ঈশ্ৱৰদৃষ্টৌ ধাৰ্ম্মিকাৱাস্তাম্|
और वे दोनों परमेश्वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे।
7 তযোঃ সন্তান একোপি নাসীৎ, যত ইলীশেৱা বন্ধ্যা তৌ দ্ৱাৱেৱ ৱৃদ্ধাৱভৱতাম্|
उनके कोई सन्तान न थी, क्योंकि एलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे।
8 যদা স্ৱপৰ্য্যানুক্ৰমেণ সিখৰিয ঈশ্ৱাস্য সমক্ষং যাজকীযং কৰ্ম্ম কৰোতি
जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्वर के सामने याजक का काम करता था।
9 তদা যজ্ঞস্য দিনপৰিপায্যা পৰমেশ্ৱৰস্য মন্দিৰে প্ৰৱেশকালে ধূপজ্ৱালনং কৰ্ম্ম তস্য কৰণীযমাসীৎ|
तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली, कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।
10 ১০ তদ্ধূপজ্ৱালনকালে লোকনিৱহে প্ৰাৰ্থনাং কৰ্তুং বহিস্তিষ্ঠতি
१०और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।
11 ১১ সতি সিখৰিযো যস্যাং ৱেদ্যাং ধূপং জ্ৱালযতি তদ্দক্ষিণপাৰ্শ্ৱে পৰমেশ্ৱৰস্য দূত এক উপস্থিতো দৰ্শনং দদৌ|
११कि प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया।
12 ১২ তং দৃষ্ট্ৱা সিখৰিয উদ্ৱিৱিজে শশঙ্কে চ|
१२और जकर्याह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया।
13 ১৩ তদা স দূতস্তং বভাষে হে সিখৰিয মা ভৈস্তৱ প্ৰাৰ্থনা গ্ৰাহ্যা জাতা তৱ ভাৰ্য্যা ইলীশেৱা পুত্ৰং প্ৰসোষ্যতে তস্য নাম যোহন্ ইতি কৰিষ্যসি|
१३परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकर्याह, भयभीत न हो क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरी पत्नी एलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।
14 ১৪ কিঞ্চ ৎৱং সানন্দঃ সহৰ্ষশ্চ ভৱিষ্যসি তস্য জন্মনি বহৱ আনন্দিষ্যন্তি চ|
१४और तुझे आनन्द और हर्ष होगा और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे।
15 ১৫ যতো হেতোঃ স পৰমেশ্ৱৰস্য গোচৰে মহান্ ভৱিষ্যতি তথা দ্ৰাক্ষাৰসং সুৰাং ৱা কিমপি ন পাস্যতি, অপৰং জন্মাৰভ্য পৱিত্ৰেণাত্মনা পৰিপূৰ্ণঃ
१५क्योंकि वह प्रभु के सामने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पीएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।
16 ১৬ সন্ ইস্ৰাযেল্ৱংশীযান্ অনেকান্ প্ৰভোঃ পৰমেশ্ৱৰস্য মাৰ্গমানেষ্যতি|
१६और इस्राएलियों में से बहुतों को उनके प्रभु परमेश्वर की ओर फेरेगा।
17 ১৭ সন্তানান্ প্ৰতি পিতৃণাং মনাংসি ধৰ্ম্মজ্ঞানং প্ৰত্যনাজ্ঞাগ্ৰাহিণশ্চ পৰাৱৰ্ত্তযিতুং, প্ৰভোঃ পৰমেশ্ৱৰস্য সেৱাৰ্থম্ একাং সজ্জিতজাতিং ৱিধাতুঞ্চ স এলিযৰূপাত্মশক্তিপ্ৰাপ্তস্তস্যাগ্ৰে গমিষ্যতি|
१७वह एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ्य में होकर उसके आगे-आगे चलेगा, कि पिताओं का मन बाल-बच्चों की ओर फेर दे; और आज्ञा न माननेवालों को धर्मियों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे।”
18 ১৮ তদা সিখৰিযো দূতমৱাদীৎ কথমেতদ্ ৱেৎস্যামি? যতোহং ৱৃদ্ধো মম ভাৰ্য্যা চ ৱৃদ্ধা|
१८जकर्याह ने स्वर्गदूत से पूछा, “यह मैं कैसे जानूँ? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूँ; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।”
19 ১৯ ততো দূতঃ প্ৰত্যুৱাচ পশ্যেশ্ৱৰস্য সাক্ষাদ্ৱৰ্ত্তী জিব্ৰাযেল্নামা দূতোহং ৎৱযা সহ কথাং গদিতুং তুভ্যমিমাং শুভৱাৰ্ত্তাং দাতুঞ্চ প্ৰেষিতঃ|
१९स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूँ, जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूँ।
20 ২০ কিন্তু মদীযং ৱাক্যং কালে ফলিষ্যতি তৎ ৎৱযা ন প্ৰতীতম্ অতঃ কাৰণাদ্ যাৱদেৱ তানি ন সেৎস্যন্তি তাৱৎ ৎৱং ৱক্তুংমশক্তো মূকো ভৱ|
२०और देख, जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिए कि तूने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, विश्वास न किया।”
21 ২১ তদানীং যে যে লোকাঃ সিখৰিযমপৈক্ষন্ত তে মধ্যেমন্দিৰং তস্য বহুৱিলম্বাদ্ আশ্চৰ্য্যং মেনিৰে|
२१लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी?
22 ২২ স বহিৰাগতো যদা কিমপি ৱাক্যং ৱক্তুমশক্তঃ সঙ্কেতং কৃৎৱা নিঃশব্দস্তস্যৌ তদা মধ্যেমন্দিৰং কস্যচিদ্ দৰ্শনং তেন প্ৰাপ্তম্ ইতি সৰ্ৱ্ৱে বুবুধিৰে|
२२जब वह बाहर आया, तो उनसे बोल न सका अतः वे जान गए, कि उसने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और वह उनसे संकेत करता रहा, और गूँगा रह गया।
23 ২৩ অনন্তৰং তস্য সেৱনপৰ্য্যাযে সম্পূৰ্ণে সতি স নিজগেহং জগাম|
२३जब उसकी सेवा के दिन पूरे हुए, तो वह अपने घर चला गया।
24 ২৪ কতিপযদিনেষু গতেষু তস্য ভাৰ্য্যা ইলীশেৱা গৰ্ব্ভৱতী বভূৱ
२४इन दिनों के बाद उसकी पत्नी एलीशिबा गर्भवती हुई; और पाँच महीने तक अपने आपको यह कह के छिपाए रखा।
25 ২৫ পশ্চাৎ সা পঞ্চমাসান্ সংগোপ্যাকথযৎ লোকানাং সমক্ষং মমাপমানং খণ্ডযিতুং পৰমেশ্ৱৰো মযি দৃষ্টিং পাতযিৎৱা কৰ্ম্মেদৃশং কৃতৱান্|
२५“मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।”
26 ২৬ অপৰঞ্চ তস্যা গৰ্ব্ভস্য ষষ্ঠে মাসে জাতে গালীল্প্ৰদেশীযনাসৰৎপুৰে
२६छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से गब्रिएल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में,
27 ২৭ দাযূদো ৱংশীযায যূষফ্নাম্নে পুৰুষায যা মৰিযম্নামকুমাৰী ৱাগ্দত্তাসীৎ তস্যাঃ সমীপং জিব্ৰাযেল্ দূত ঈশ্ৱৰেণ প্ৰহিতঃ|
२७एक कुँवारी के पास भेजा गया। जिसकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी: उस कुँवारी का नाम मरियम था।
28 ২৮ স গৎৱা জগাদ হে ঈশ্ৱৰানুগৃহীতকন্যে তৱ শুভং ভূযাৎ প্ৰভুঃ পৰমেশ্ৱৰস্তৱ সহাযোস্তি নাৰীণাং মধ্যে ৎৱমেৱ ধন্যা|
२८और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!”
29 ২৯ তদানীং সা তং দৃষ্ট্ৱা তস্য ৱাক্যত উদ্ৱিজ্য কীদৃশং ভাষণমিদম্ ইতি মনসা চিন্তযামাস|
२९वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
30 ৩০ ততো দূতোঽৱদৎ হে মৰিযম্ ভযং মাকাৰ্ষীঃ, ৎৱযি পৰমেশ্ৱৰস্যানুগ্ৰহোস্তি|
३०स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
31 ৩১ পশ্য ৎৱং গৰ্ব্ভং ধৃৎৱা পুত্ৰং প্ৰসোষ্যসে তস্য নাম যীশুৰিতি কৰিষ্যসি|
३१और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना।
32 ৩২ স মহান্ ভৱিষ্যতি তথা সৰ্ৱ্ৱেভ্যঃ শ্ৰেষ্ঠস্য পুত্ৰ ইতি খ্যাস্যতি; অপৰং প্ৰভুঃ পৰমেশ্ৱৰস্তস্য পিতুৰ্দাযূদঃ সিংহাসনং তস্মৈ দাস্যতি;
३२वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा।
33 ৩৩ তথা স যাকূবো ৱংশোপৰি সৰ্ৱ্ৱদা ৰাজৎৱং কৰিষ্যতি, তস্য ৰাজৎৱস্যান্তো ন ভৱিষ্যতি| (aiōn g165)
३३और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn g165)
34 ৩৪ তদা মৰিযম্ তং দূতং বভাষে নাহং পুৰুষসঙ্গং কৰোমি তৰ্হি কথমেতৎ সম্ভৱিষ্যতি?
३४मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।”
35 ৩৫ ততো দূতোঽকথযৎ পৱিত্ৰ আত্মা ৎৱামাশ্ৰাযিষ্যতি তথা সৰ্ৱ্ৱশ্ৰেষ্ঠস্য শক্তিস্তৱোপৰি ছাযাং কৰিষ্যতি ততো হেতোস্তৱ গৰ্ব্ভাদ্ যঃ পৱিত্ৰবালকো জনিষ্যতে স ঈশ্ৱৰপুত্ৰ ইতি খ্যাতিং প্ৰাপ্স্যতি|
३५स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी; इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
36 ৩৬ অপৰঞ্চ পশ্য তৱ জ্ঞাতিৰিলীশেৱা যাং সৰ্ৱ্ৱে বন্ধ্যামৱদন্ ইদানীং সা ৱাৰ্দ্ধক্যে সন্তানমেকং গৰ্ব্ভেঽধাৰযৎ তস্য ষষ্ঠমাসোভূৎ|
३६और देख, और तेरी कुटुम्बिनी एलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होनेवाला है, यह उसका, जो बाँझ कहलाती थी छठवाँ महीना है।
37 ৩৭ কিমপি কৰ্ম্ম নাসাধ্যম্ ঈশ্ৱৰস্য|
३७परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।”
38 ৩৮ তদা মৰিযম্ জগাদ, পশ্য প্ৰভেৰহং দাসী মহ্যং তৱ ৱাক্যানুসাৰেণ সৰ্ৱ্ৱমেতদ্ ঘটতাম্; অননতৰং দূতস্তস্যাঃ সমীপাৎ প্ৰতস্থে|
३८मरियम ने कहा, “देख, मैं प्रभु की दासी हूँ, तेरे वचन के अनुसार मेरे साथ ऐसा हो।” तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।
39 ৩৯ অথ কতিপযদিনাৎ পৰং মৰিযম্ তস্মাৎ পৰ্ৱ্ৱতমযপ্ৰদেশীযযিহূদাযা নগৰমেকং শীঘ্ৰং গৎৱা
३९उन दिनों में मरियम उठकर शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई।
40 ৪০ সিখৰিযযাজকস্য গৃহং প্ৰৱিশ্য তস্য জাযাম্ ইলীশেৱাং সম্বোধ্যাৱদৎ|
४०और जकर्याह के घर में जाकर एलीशिबा को नमस्कार किया।
41 ৪১ ততো মৰিযমঃ সম্বোধনৱাক্যে ইলীশেৱাযাঃ কৰ্ণযোঃ প্ৰৱিষ্টমাত্ৰে সতি তস্যা গৰ্ব্ভস্থবালকো ননৰ্ত্ত| তত ইলীশেৱা পৱিত্ৰেণাত্মনা পৰিপূৰ্ণা সতী
४१जैसे ही एलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, वैसे ही बच्चा उसके पेट में उछला, और एलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई।
42 ৪২ প্ৰোচ্চৈৰ্গদিতুমাৰেভে, যোষিতাং মধ্যে ৎৱমেৱ ধন্যা, তৱ গৰ্ব্ভস্থঃ শিশুশ্চ ধন্যঃ|
४२और उसने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है!
43 ৪৩ ৎৱং প্ৰভোৰ্মাতা, মম নিৱেশনে ৎৱযা চৰণাৱৰ্পিতৌ, মমাদ্য সৌভাগ্যমেতৎ|
४३और यह अनुग्रह मुझे कहाँ से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
44 ৪৪ পশ্য তৱ ৱাক্যে মম কৰ্ণযোঃ প্ৰৱিষ্টমাত্ৰে সতি মমোদৰস্থঃ শিশুৰানন্দান্ ননৰ্ত্ত|
४४और देख जैसे ही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा वैसे ही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
45 ৪৫ যা স্ত্ৰী ৱ্যশ্ৱসীৎ সা ধন্যা, যতো হেতোস্তাং প্ৰতি পৰমেশ্ৱৰোক্তং ৱাক্যং সৰ্ৱ্ৱং সিদ্ধং ভৱিষ্যতি|
४५और धन्य है, वह जिसने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उससे कही गई, वे पूरी होंगी।”
46 ৪৬ তদানীং মৰিযম্ জগাদ| ধন্যৱাদং পৰেশস্য কৰোতি মামকং মনঃ|
४६तब मरियम ने कहा, “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
47 ৪৭ মমাত্মা তাৰকেশে চ সমুল্লাসং প্ৰগচ্ছতি|
४७और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।
48 ৪৮ অকৰোৎ স প্ৰভু ৰ্দুষ্টিং স্ৱদাস্যা দুৰ্গতিং প্ৰতি| পশ্যাদ্যাৰভ্য মাং ধন্যাং ৱক্ষ্যন্তি পুৰুষাঃ সদা|
४८क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है; इसलिए देखो, अब से सब युग-युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।
49 ৪৯ যঃ সৰ্ৱ্ৱশক্তিমান্ যস্য নামাপি চ পৱিত্ৰকং| স এৱ সুমহৎকৰ্ম্ম কৃতৱান্ মন্নিমিত্তকং|
४९क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े- बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।
50 ৫০ যে বিভ্যতি জনাস্তস্মাৎ তেষাং সন্তানপংক্তিষু| অনুকম্পা তদীযা চ সৰ্ৱ্ৱদৈৱ সুতিষ্ঠতি|
५०और उसकी दया उन पर, जो उससे डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
51 ৫১ স্ৱবাহুবলতস্তেন প্ৰাকাশ্যত পৰাক্ৰমঃ| মনঃকুমন্ত্ৰণাসাৰ্দ্ধং ৱিকীৰ্য্যন্তেঽভিমানিনঃ|
५१उसने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने मन में घमण्ड करते थे, उन्हें तितर-बितर किया।
52 ৫২ সিংহাসনগতাল্লোকান্ বলিনশ্চাৱৰোহ্য সঃ| পদেষূচ্চেষু লোকাংস্তু ক্ষুদ্ৰান্ সংস্থাপযত্যপি|
५२उसने शासकों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊँचा किया।
53 ৫৩ ক্ষুধিতান্ মানৱান্ দ্ৰৱ্যৈৰুত্তমৈঃ পৰিতৰ্প্য সঃ| সকলান্ ধনিনো লোকান্ ৱিসৃজেদ্ ৰিক্তহস্তকান্|
५३उसने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को खाली हाथ निकाल दिया।
54 ৫৪ ইব্ৰাহীমি চ তদ্ৱংশে যা দযাস্তি সদৈৱ তাং| স্মৃৎৱা পুৰা পিতৃণাং নো যথা সাক্ষাৎ প্ৰতিশ্ৰুতং| (aiōn g165)
५४उसने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया कि अपनी उस दया को स्मरण करे,
55 ৫৫ ইস্ৰাযেল্সেৱকস্তেন তথোপক্ৰিযতে স্ৱযং||
५५जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn g165)
56 ৫৬ অনন্তৰং মৰিযম্ প্ৰাযেণ মাসত্ৰযম্ ইলীশেৱযা সহোষিৎৱা ৱ্যাঘুয্য নিজনিৱেশনং যযৌ|
५६मरियम लगभग तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लौट गई।
57 ৫৭ তদনন্তৰম্ ইলীশেৱাযাঃ প্ৰসৱকাল উপস্থিতে সতি সা পুত্ৰং প্ৰাসোষ্ট|
५७तब एलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और वह पुत्र जनी।
58 ৫৮ ততঃ পৰমেশ্ৱৰস্তস্যাং মহানুগ্ৰহং কৃতৱান্ এতৎ শ্ৰুৎৱা সমীপৱাসিনঃ কুটুম্বাশ্চাগত্য তযা সহ মুমুদিৰে|
५८उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुनकर, कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्दित हुए।
59 ৫৯ তথাষ্টমে দিনে তে বালকস্য ৎৱচং ছেত্তুম্ এত্য তস্য পিতৃনামানুৰূপং তন্নাম সিখৰিয ইতি কৰ্ত্তুমীষুঃ|
५९और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकर्याह रखने लगे।
60 ৬০ কিন্তু তস্য মাতাকথযৎ তন্ন, নামাস্য যোহন্ ইতি কৰ্ত্তৱ্যম্|
६०और उसकी माता ने उत्तर दिया, “नहीं; वरन् उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।”
61 ৬১ তদা তে ৱ্যাহৰন্ তৱ ৱংশমধ্যে নামেদৃশং কস্যাপি নাস্তি|
६१और उन्होंने उससे कहा, “तेरे कुटुम्ब में किसी का यह नाम नहीं।”
62 ৬২ ততঃ পৰং তস্য পিতৰং সিখৰিযং প্ৰতি সঙ্কেত্য পপ্ৰচ্ছুঃ শিশোঃ কিং নাম কাৰিষ্যতে?
६२तब उन्होंने उसके पिता से संकेत करके पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है?
63 ৬৩ ততঃ স ফলকমেকং যাচিৎৱা লিলেখ তস্য নাম যোহন্ ভৱিষ্যতি| তস্মাৎ সৰ্ৱ্ৱে আশ্চৰ্য্যং মেনিৰে|
६३और उसने लिखने की पट्टी मँगवाकर लिख दिया, “उसका नाम यूहन्ना है,” और सभी ने अचम्भा किया।
64 ৬৪ তৎক্ষণং সিখৰিযস্য জিহ্ৱাজাড্যেঽপগতে স মুখং ৱ্যাদায স্পষ্টৱৰ্ণমুচ্চাৰ্য্য ঈশ্ৱৰস্য গুণানুৱাদং চকাৰ|
६४तब उसका मुँह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर की स्तुति करने लगा।
65 ৬৫ তস্মাচ্চতুৰ্দিক্স্থাঃ সমীপৱাসিলোকা ভীতা এৱমেতাঃ সৰ্ৱ্ৱাঃ কথা যিহূদাযাঃ পৰ্ৱ্ৱতমযপ্ৰদেশস্য সৰ্ৱ্ৱত্ৰ প্ৰচাৰিতাঃ|
६५और उसके आस-पास के सब रहनेवालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
66 ৬৬ তস্মাৎ শ্ৰোতাৰো মনঃসু স্থাপযিৎৱা কথযাম্বভূৱুঃ কীদৃশোযং বালো ভৱিষ্যতি? অথ পৰমেশ্ৱৰস্তস্য সহাযোভূৎ|
६६और सब सुननेवालों ने अपने-अपने मन में विचार करके कहा, “यह बालक कैसा होगा?” क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था।
67 ৬৭ তদা যোহনঃ পিতা সিখৰিযঃ পৱিত্ৰেণাত্মনা পৰিপূৰ্ণঃ সন্ এতাদৃশং ভৱিষ্যদ্ৱাক্যং কথযামাস|
६७और उसका पिता जकर्याह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्वाणी करने लगा।
68 ৬৮ ইস্ৰাযেলঃ প্ৰভু ৰ্যস্তু স ধন্যঃ পৰমেশ্ৱৰঃ| অনুগৃহ্য নিজাল্লোকান্ স এৱ পৰিমোচযেৎ|
६८“प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है,
69 ৬৯ ৱিপক্ষজনহস্তেভ্যো যথা মোচ্যামহে ৱযং| যাৱজ্জীৱঞ্চ ধৰ্ম্মেণ সাৰল্যেন চ নিৰ্ভযাঃ|
६९और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला,
70 ৭০ সেৱামহৈ তমেৱৈকম্ এতৎকাৰণমেৱ চ| স্ৱকীযং সুপৱিত্ৰঞ্চ সংস্মৃত্য নিযমং সদা|
७०जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn g165)
71 ৭১ কৃপযা পুৰুষান্ পূৰ্ৱ্ৱান্ নিকষাৰ্থাত্তু নঃ পিতুঃ| ইব্ৰাহীমঃ সমীপে যং শপথং কৃতৱান্ পুৰা|
७१अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है;
72 ৭২ তমেৱ সফলং কৰ্ত্তং তথা শত্ৰুগণস্য চ| ঋতীযাকাৰিণশ্চৈৱ কৰেভ্যো ৰক্ষণায নঃ|
७२कि हमारे पूर्वजों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे,
73 ৭৩ সৃষ্টেঃ প্ৰথমতঃ স্ৱীযৈঃ পৱিত্ৰৈ ৰ্ভাৱিৱাদিভিঃ| (aiōn g165)
७३और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी,
74 ৭৪ যথোক্তৱান্ তথা স্ৱস্য দাযূদঃ সেৱকস্য তু|
७४कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर,
75 ৭৫ ৱংশে ত্ৰাতাৰমেকং স সমুৎপাদিতৱান্ স্ৱযম্|
७५उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें।
76 ৭৬ অতো হে বালক ৎৱন্তু সৰ্ৱ্ৱেভ্যঃ শ্ৰেষ্ঠ এৱ যঃ| তস্যৈৱ ভাৱিৱাদীতি প্ৰৱিখ্যাতো ভৱিষ্যসি| অস্মাকং চৰণান্ ক্ষেমে মাৰ্গে চালযিতুং সদা| এৱং ধ্ৱান্তেঽৰ্থতো মৃত্যোশ্ছাযাযাং যে তু মানৱাঃ|
७६और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा,
77 ৭৭ উপৱিষ্টাস্তু তানেৱ প্ৰকাশযিতুমেৱ হি| কৃৎৱা মহানুকম্পাং হি যামেৱ পৰমেশ্ৱৰঃ|
७७कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
78 ৭৮ ঊৰ্দ্ৱ্ৱাৎ সূৰ্য্যমুদায্যৈৱাস্মভ্যং প্ৰাদাত্তু দৰ্শনং| তযানুকম্পযা স্ৱস্য লোকানাং পাপমোচনে|
७८यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
79 ৭৯ পৰিত্ৰাণস্য তেভ্যো হি জ্ঞানৱিশ্ৰাণনায চ| প্ৰভো ৰ্মাৰ্গং পৰিষ্কৰ্ত্তুং তস্যাগ্ৰাযী ভৱিষ্যসি||
७९कि अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।”
80 ৮০ অথ বালকঃ শৰীৰেণ বুদ্ধ্যা চ ৱৰ্দ্ধিতুমাৰেভে; অপৰঞ্চ স ইস্ৰাযেলো ৱংশীযলোকানাং সমীপে যাৱন্ন প্ৰকটীভূতস্তাস্তাৱৎ প্ৰান্তৰে ন্যৱসৎ|
८०और वह बालक यूहन्ना, बढ़ता और आत्मा में बलवन्त होता गया और इस्राएल पर प्रगट होने के दिन तक जंगलों में रहा।

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