< غزل غزلها 6 >

ای زیباترین زنان، محبوب تو کجا رفته است؟ بگو تا با هم برویم و او را پیدا کنیم. 1
तेरा महबूब कहाँ गया ऐ 'औरतों में सब से जमीला? तेरा महबूब किस तरफ़ को निकला कि हम तेरे साथ उसकी तलाश में जाएँ?
محبوب من به باغ خود نزد درختان معطر بلسان رفته است، تا گله‌اش را بچراند و سوسنها بچیند. 2
मेरा महबूब अपने बोस्तान में बलसान की क्यारियों की तरफ़ गया है, ताकि बागों में चराये और सोसन जमा' करे।
من از آن محبوب خود هستم و محبوبم از آن من است. او گلهٔ خود را در میان سوسنها می‌چراند. 3
मैं अपने महबूब की हूँ और मेरा महबूब मेरा है। वह सोसनों में चराता है।
ای محبوبهٔ من، تو همچون سرزمین تِرصه دلربا هستی. تو مانند اورشلیم، زیبا، و همچون لشکری آراسته برای جنگ، پرشکوه هستی. 4
ऐ मेरी प्यारी, तू तिर्ज़ा की तरह खू़बसूरत है। येरूशलेम की तरह खु़शमंज़र और 'अलमदार लश्कर की तरह दिल पसन्द है।
نگاهت را از من برگردان، زیرا چشمانت بر من غالب آمده‌اند. گیسوان مواج تو مانند گلهٔ بزهایی است که از کوه جلعاد سرازیر می‌شوند. 5
अपनी आँखें मेरी तरफ़ से फेर ले, क्यूँकि वह मुझे घबरा देती हैं; तेरे बाल बकरियों के गल्ले की तरह हैं, जो कोह — ए — जिल्आद पर बैठी हों।
دندانهای تو به سفیدی گوسفندانی هستند که به تازگی شسته شده باشند؛ هر کدام جفت خود را دارد و هیچ‌کدام تنها نیست. 6
तेरे दाँत भेड़ों के गल्ले की तरह हैं, जिनको गु़स्ल दिया गया हो; जिनमें से हर एक ने दो बच्चे दिए हों, और उनमें एक भी बाँझ न हो।
گونه‌هایت از پشت روبند تو همانند دو نیمهٔ انار است. 7
तेरी कनपटियाँ तेरे नक़ाब के नीचे, अनार के टुकड़ों की तरह हैं।
در میان شصت ملکه و هشتاد کنیز و هزاران دوشیزه، کسی را مانند کبوتر خود بی‌عیب نیافتم. او عزیز و یگانهٔ مادرش است. دوشیزگان وقتی او را می‌بینند تحسینش می‌کنند و ملکه‌ها و کنیزان او را می‌ستایند. 8
साठ रानियाँ और अस्सी हरमें, और बेशुमार कुंवारियाँ भी हैं;
9
लेकिन मेरी कबूतरी, मेरी पाकीज़ा बेमिसाल है; वह अपनी माँ की इकलौती, वह अपनी वालिदा की लाडली है। बेटियों ने उसे देखा और उसे मुबारक कहा। रानियों और हरमों ने देखकर उसकी बड़ाई की।
«این کیست که مثل سپیدهٔ صبح می‌درخشد و چون ماه زیبا و مثل آفتاب پاک و مانند ستارگان پرشکوه است؟» 10
यह कौन है जिसका ज़हूर सुबह की तरह है, जो हुस्न में माहताब, और नूर में आफ़ताब, 'अलमदार लश्कर की तरह दिल पसन्द है?
من به میان درختان گردو رفتم تا دره‌های سرسبز و برگهای تازهٔ تاکها و شکوفه‌های درختان انار را تماشا کنم. 11
मैं चिलगोज़ों के बाग में गया, कि वादी की नबातात पर नज़र करूँ, और देखें कि ताक में गुंचे, और अनारों में फूल निकलें हैं कि नहीं।
اما نفهمیدم چگونه به آنجا رسیدم، زیرا اشتیاقم مرا چون کسی که بر ارابهٔ شاهزادگان سوار است به پیش می‌راند. 12
मुझे अभी ख़बर भी न थी कि मेरे दिल ने मुझे मेरे उमरा के रथों पर चढ़ा दिया।
برگرد، ای دختر شولَمّی برگرد. برگرد تا تو را تماشا کنیم. محبوبه چرا می‌خواهید مرا تماشا کنید چنانکه گویی رقص محنایم را تماشا می‌کنید؟ 13
लौट आ, लौट आ, ऐ शूलिमीत! लौट आ, लौट आ कि हम तुझ पर नज़र करें। तुम शूलिमीत पर क्यूँ नज़र करोगे, जैसे वह दो लश्करों का नाच है।

< غزل غزلها 6 >