< یوشع 21 >

بزرگان قبیلهٔ لاوی به شیلوه آمدند و به العازار کاهن، یوشع و بقیهٔ رهبران قبایل گفتند: «خداوند به موسی فرمود که شهرهایی برای سکونت و چراگاههایی برای گله‌ها به قبیلهٔ ما داده شود.» 1
तब लावियों के आबाई ख़ानदानों के सरदार इली'एलियाज़र काहिन और नून के बेटे यशू'अ और बनी इस्राईल के क़बीलों के आबाई ख़ानदानों के सरदारों के पास आये।
2
और मुल्क — ए — कना'न के शीलोह में उन से कहने लगे कि ख़ुदावन्द ने मूसा के बारे में हमारे रहने के लिए शहर और हमारे चौपायों के लिए उनकी नवाही के देने का हुक्म किया था।
پس بنی‌اسرائیل طبق فرمان خداوند از ملک خود شهرهایی را با چراگاههای اطرافشان به قبیلهٔ لاوی دادند. 3
इसलिए बनी इस्राईल ने अपनी अपनी मीरास में से ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ यह शहर और उनकी नवाही लावियों को दीं।
خاندان قهات نخستین گروه از قبیلهٔ لاوی بودند که قرعه به نامشان درآمد. به آن دسته از قهاتی‌ها که از نسل هارون و کاهن بودند، سیزده شهر از شهرهای قبایل یهودا، شمعون و بنیامین داده شد. 4
और पर्चा क़िहातियों के नाम पर निकला और हारून काहिन की औलाद को जो लावियों में से थी पर्ची से यहूदाह के क़बीले और शमौन के क़बीले और बिनयमीन के क़बीले में से तेरह शहर मिले।
به بقیهٔ خاندان قهات، ده شهر از شهرهای افرایم، دان و نصف قبیلهٔ منسی داده شد. 5
और बाक़ी बनी क़िहात को इफ़्राईम के क़बीले के घरानों और दान के क़बीले और मनस्सी के आधे क़बीले में से दस शहर पर्ची से मिले।
به خاندان جرشون، سیزده شهر از شهرهای قبایل یساکار، اشیر، نفتالی و نصف قبیلهٔ منسی که در باشان قرار داشت، داده شد. 6
और बनी जैरसोन को इश्कार के क़बीले के घरानों औरआशर के क़बीले और नफ़्ताली के क़बीले और मनस्सी के आधे क़बीले में से जो बसन में है तेरह शहर पर्ची से मिले।
به خاندان مراری، دوازده شهر از شهرهای قبایل رئوبین، جاد و زبولون داده شد. 7
और बनी मिरारी को उनके घरानों के मुताबिक़ रूबिन के क़बीले और जद्द के क़बीले और ज़बूलून के क़बीले में से बारह शहर मिले।
بدین ترتیب آنچه که خداوند به موسی فرموده بود، انجام پذیرفت و شهرها و چراگاهها برای قبیلهٔ لاوی به حکم قرعه تعیین گردید. 8
और बनी इस्राईल ने पर्ची डालकर इन शहरों और इनकी नवाही को जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा के बारे में फ़रमाया था लावियों को दिया।
این است اسامی شهرهایی که از ملک قبایل یهودا و شمعون به نسل هارون که از طایفهٔ قهات (پسر لاوی) بودند، داده شد (طایفهٔ قهات نخستین گروهی بودند که قرعه به نامشان درآمد): 9
उन्होंने बनी यहूदाह के क़बीले और बनी शमौन के क़बीले में से यह शहर दिए जिनके नाम यहाँ मज़कूर है।
10
और यह क़हातियों के ख़ानदानों में से जो लावी की नसल में से थे बनी हारून को मिले क्यूँकि पहला पर्चा उनके नाम का था।
شهر حبرون که همان قریهٔ اربع باشد (اربع پدر عناق بود) در کوهستان یهودا با چراگاههای اطرافش به ایشان تعلق گرفت. 11
इसलिए उन्होंने यहूदाह के पहाड़ी मुल्क में 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून कहलाता है म'ए उसके 'इलाक़े के उनको दिया।
(مزارع و روستاهای اطراف آن، قبلاً به کالیب پسر یفنه داده شده بود.) 12
लेकिन उस शहर के खेतों और गाँव को उन्होंने युफ़न्ना के बेटे कालिब को मीरास के तौर पर दिया।
علاوه بر شهر حبرون که از شهرهای پناهگاه بود، این شهرها نیز به نسل هارون که کاهن بودند داده شد: لبنه، 13
इसलिए उन्होंने हारून का काहिन की औलाद को हबरून जो ख़ूनी की पनाह का शहर था और उसके 'इलाक़े और लिबनाह और उसके 'इलाक़े।
یتیر، اشتموع، 14
और यतीर और उसके 'इलाक़े और इस्तिमू'अ और उसके 'इलाक़े।
حولون، دبیر، 15
और हौलून और उसके 'इलाक़े और दबीर और उसके 'इलाक़े।
عین، یوطه و بیت‌شمس، جمعاً نه شهر با چراگاههای اطراف از قبیلهٔ یهودا و شمعون. 16
और 'ऐन और उसके 'इलाक़े और यूत्ता और उसके 'इलाक़े और बैत शम्स और उसके 'इलाक़े या'नी यह नौ शहर उन दोनों क़बीलों से ले कर दिए।
از ملک قبیلهٔ بنیامین، این چهار شهر با چراگاههای اطراف داده شد: جبعون، جبع، عناتوت و علمون. 17
और बिनयमीन के क़बीले से जिबा'ऊन और उसके 'इलाक़े और जिबा' और उसके 'इलाक़े।
18
और अनतोत और उसके 'इलाक़े और 'अलमोन और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए गए।
پس جمعاً سیزده شهر با چراگاههای اطراف، به نسل هارون که کاهن بودند تعلق گرفت. 19
इसलिए बनी हारून के जो काहिन हैं सब शहर तेरह थे जिनके साथ उनकी नवाही भी थी।
از طرف قبیلهٔ افرایم، چهار شهر و چراگاههای اطراف آنها به بقیهٔ خاندان قهاتی از لاویان، داده شد. این شهرها عبارت بودند از: شکیم (یکی از شهرهای پناهگاه که در کوهستان افرایم واقع بود)، جازر، قبصایم و بیت‌حورون. 20
और बनी क़िहात के घरानों को जो लावी थे या'नी बाक़ी बनी क़िहात को इफ़्राईम के क़बीले से यह शहर पर्ची से मिले।
21
और उन्होंने इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में उनको सिकम शहर और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और जज़र और उसके 'इलाक़े।
22
और क़िबज़ैम और उसके 'इलाक़े और बैत हौरून और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
از طرف قبیلهٔ دان چهار شهر با چراگاههای اطراف آنها به ایشان بخشیده شد. این شهرها عبارت بودند از: التقی، جِبَتون، اَیَلون و جَت‌رِمون. 23
और दान के क़बीला से इलतिक़िया और उसके 'इलाक़े और जिब्बतून और उसके 'इलाक़े।
24
और अय्यालोन और उसके 'इलाक़े और जात रिम्मोन और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
نصف قبیلهٔ منسی، شهرهای تعنک، جت‌رمون و چراگاههای اطراف آنها را به ایشان بخشید. 25
और मनस्सी के आधे क़बीले से ता'नक और उसके 'इलाक़े और जात रिम्मोन और उसके 'इलाक़े, यह दो शहर दिए।
به این ترتیب، جمعاً ده شهر با چراگاههای اطراف آنها به باقیماندهٔ خاندان قهات داده شد. 26
बाक़ी बनी क़िहात के घरानों के सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ दस थे।
به خاندان جرشون نیز که یکی دیگر از گروه‌های قبیله لاوی بود این شهرها داده شد: از طرف نصف قبیلهٔ منسی، جولان در باشان (یکی از شهرهای پناهگاه) و بَعَشتره، جمعاً دو شهر با چراگاههای اطراف. 27
और बनी जैरसोन को जो लावियों के घरानों में से हैं मनस्सी के दूसरे आधे क़बीले में से उन्होंने बसन में जो लान और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और बि'अस्तराह और उसके 'इलाक़े यह दो शहर दिए।
از طرف قبیلهٔ یساکار؛ شهرهای قشیون، دابره، 28
और इश्कार के क़बीले से क़िसयून और उसके 'इलाक़े और दबरत और उसके 'इलाक़े।
یرموت و عین‌جنیم، جمعاً چهار شهر با چراگاههای اطراف. 29
यरमोत और उसके 'इलाक़े और 'ऐन जन्नीम और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिए।
از قبیلهٔ اشیر؛ شهرهای مش‌آل، عبدون، 30
और आशर के क़बीले से मसाल और उसके 'इलाक़े और अबदोन और उसके 'इलाक़े।
حلقات و رحوب، جمعاً چهار شهر با چراگاههای اطراف. 31
ख़िलक़त और उसके 'इलाक़े और रहोब और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
از قبیلهٔ نفتالی؛ شهرهای قادش در جلیل (یکی از شهرهای پناهگاه)، حموت دُر و قرتان، جمعاً سه شهر با چراگاههای اطراف. 32
और नफ़्ताली के क़बीले से जलील में क़ादिस और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और हम्मात दूर और उसके 'इलाक़े और क़रतान और उसके 'इलाक़े, यह तीन शहर दिए।
پس سیزده شهر با چراگاههای اطراف آنها به خاندان جرشون داده شد. 33
इसलिए जैरसोनियों के घरानों के मुताबिक़ उनके सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ तेरह थे।
به بقیهٔ قبیله لاوی که خاندان مراری را تشکیل می‌دادند، این شهرها داده شد: از قبیلهٔ زبولون؛ شهرهای یُقنعام، قَرته، 34
और बनी मिरारी के घरानों को जो बाक़ी लावी थे ज़बूलून के क़बीला से यक़'नियाम और उसके 'इलाक़े, क़रताह और उसके 'इलाक़े।
دمنه و نحلال، جمعاً چهار شهر با چراگاههای اطراف. 35
दिमना और उसके 'इलाक़े, नहलाल और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिए।
از قبیلهٔ رئوبین؛ شهرهای باصر، یهصه، 36
और रूबिन के क़बीले से बसर और उसके 'इलाक़े, यहसा और उसके 'इलाक़े।
قدیموت و میفعت، چهار شهر با چراگاههای اطراف. 37
क़दीमात और उसके 'इलाक़े और मिफ़'अत और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिये।
از قبیلهٔ جاد؛ شهرهای راموت در جلعاد (یکی از شهرهای پناهگاه)، محنایم، 38
और जद्द के क़बीले से जिल'आद में रामा और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और महनाइम और उसके 'इलाक़े।
حشبون و یعزیر، چهار شهر با چراگاههای اطراف. 39
हस्बोन और उसके 'इलाक़े, या'ज़ेर और उसके 'इलाक़े, कुल चार शहर दिए।
روی‌هم‌رفته دوازده شهر به حکم قرعه به خاندان مراری که بقیهٔ قبیله لاوی را تشکیل می‌دادند، داده شد. 40
इसलिए ये सब शहर उनके घरानों के मुताबिक़ बनी मिरारी के थे, जो लावियों के घरानों के बाक़ी लोग थे उनको पर्ची से बारह शहर मिले।
بدین ترتیب از سرزمینی که متعلق به بنی‌اسرائیل بود چهل و هشت شهر با چراگاههای اطراف آنها به قبیلهٔ لاوی داده شد. 41
तब बनी इस्राईल की मिल्कियत के बीच लावियों के सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ अठतालीस थे।
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उन शहरों में से हर एक शहर अपने गिर्द की नवाही के साथ था सब शहर ऐसे ही थे।
پس خداوند، تمام سرزمینی را که به اجداد قوم اسرائیل وعده فرموده بود به بنی‌اسرائیل بخشید و ایشان آن را تصرف نموده، در آن ساکن شدند. 43
यूँ ख़ुदावन्द ने इस्राईलियों को वह सारा मुल्क दिया जिसे उनके बाप दादा को देने की क़सम उस ने खाई थी और वह उस पर क़ाबिज़ हो कर उसमें बस गये।
خداوند چنانکه به اجداد آنها وعده داده بود در سرزمین اسرائیل صلح برقرار نمود و کسی را یارای مقاومت با آنها نبود. خداوند ایشان را یاری نمود تا دشمنان خود را نابود کنند. 44
और ख़ुदावन्द ने उन सब बातों के मुताबिक़ जिनकी क़सम उस ने उनके बाप दादा से खाई थी चारों तरफ़ से उनको आराम दिया और उनके सब दुश्मनों में से एक आदमी भी उनके सामने खड़ा न रहा, ख़ुदावन्द ने उनके सब दुश्मनों को उनके क़ब्ज़े में कर दिया।
او به تمام وعده‌های نیکویی که به قوم اسرائیل داده بود وفا کرد. 45
और जितनी अच्छी बातें ख़ुदावन्द ने इस्राईल के घराने से कही थीं उन में से एक भी न छूटी, सब की सब पूरी हुईं।

< یوشع 21 >