< خروج 35 >

موسی تمام قوم اسرائیل را دور خود جمع کرد و به ایشان گفت: «این است دستورهایی که خداوند به شما داده است تا از آن اطاعت کنید: 1
और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत को जमा' करके कहा, जिन बातों पर 'अमल करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने तुम को दिया है वह यह हैं।
فقط شش روز کار کنید و روز هفتم را که روز مقدّس خداوند است استراحت و عبادت نمایید. هر کس که در روز هفتم کار کند باید کشته شود. 2
छ: दिन काम लिए रोज़ — ए — मुक़द्दस या'नी ख़ुदावन्द के आराम का सबत हो; जो कोई उसमें कुछ काम करे वह मार डाला जाए।
آن روز در خانه‌هایتان حتی آتش هم روشن نکنید.» 3
तुम सबत के दिन अपने घरों में कहीं भी आग न जलाना।”
سپس موسی به قوم اسرائیل گفت: «خداوند فرموده که 4
और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत से कहा, जिस बात का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है वह यह है, कि
از آنچه دارید برای او هدیه بیاورید. هدایای کسانی که از صمیم قلب به خداوند هدیه می‌دهند باید شامل این چیزها باشد: طلا، نقره، مفرغ؛ 5
तुम अपने पास से ख़ुदावन्द के लिए हदिया लाया करो। जिस किसी के दिल की खु़शी हो वह ख़ुदावन्द का हदिया लाये सोना और चाँदी और पीतल,
نخهای آبی، ارغوانی و قرمز؛ کتان ریزبافت؛ پشم بز؛ 6
और आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंगऔर सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान, और बकरियों की पश्म,
پوست قوچ که رنگش سرخ شده باشد و پوست خز؛ چوب اقاقیا؛ 7
और मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालें और तुख़्स की खालें और कीकर की लकड़ी,
روغن زیتون برای چراغها؛ مواد خوشبو برای تهیهٔ روغن مسح؛ بخور خوشبو؛ 8
और जलाने का तेल, और मसह करने के तेल के लिए और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे,
سنگ جزع و سنگهای قیمتی دیگر برای ایفود و سینه‌پوش کاهن. 9
और अफ़ोद और सीनाबन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और और जड़ाऊ पत्थर।
«شما ای صنعتگران ماهر، بیایید و آنچه را که خداوند امر فرموده است، بسازید: 10
“और तुम्हारे बीच जो रौशन ज़मीर हैं, वह आकर वह चीजें बनाएँ जिनका हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है।
خیمهٔ عبادت و پوششهای آن، تکمه‌ها، چوب‌بست خیمه، پشت‌بندها، ستونها و پایه‌ها؛ 11
या'नी घर और उसका ख़ेमा और ग़िलाफ़ और उसकी घुन्डियाँ और तख़्तें और बेंडे और उसके सुतून, और ख़ाने,
صندوق عهد و چوبهای حامل آن، تخت رحمت، پردهٔ حایل بین قدس و قدس‌الاقداس؛ 12
सन्दूक और उसकी चोबें, सरपोश और बीच का पर्दा,
میز و چوبهای حامل آن و تمام ظروف آن، نان حضور؛ 13
मेज़ और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और नज़्र की रोटियाँ,
چراغدان با چراغها و روغن و لوازم دیگر آن؛ 14
और रोशनी के लिए शमा 'दान और उसके बर्तन और चराग़ और जलाने का तेल;
مذبح بخور و چوبهای حامل آن، روغن تدهین و بخور خوشبو؛ پردهٔ مدخل خیمه؛ 15
और ख़ुशबू जलाने की क़ुर्बान गाह और उसकी चोबें और मसह करने का तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू; और घर के दरवाज़े के लिए दरवाज़े का पर्दा,
مذبح قربانی سوختنی، منقل مشبک مفرغین مذبح و چوبهای حامل با تمام لوازم آن؛ حوض مفرغین با پایهٔ آن؛ 16
और सोख़्तनी क़ुर्बानी का मज़बह, और उसके लिए पीतल की झंजरी और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और हौज़ और उसकी कुर्सी;
پرده‌های دور حیاط، ستونها و پایه‌های آنها، پردهٔ مدخل حیاط؛ 17
और सहन के पर्दे सुतूनों के साथ और उनके ख़ाने, और सहन के दरवाज़े का पर्दा,
میخهای خیمه و حیاط خیمه و طنابهای آن؛ 18
और घर की मेंख़े, और सहन की मेखें, और उन दोनों की रस्सियाँ,
لباسهای بافته شده برای خدمت در قدس یعنی لباس مقدّس هارون کاهن و لباسهای پسرانش.» 19
और मकदिस की खिदमत के लिए बेल बूटे कढ़े हुए लिबास, और हारून काहिन के लिए पाक लिबास और उसके बेटों के लिबास, ताकि वह काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें।”
پس تمام قوم اسرائیل از نزد موسی رفتند، 20
तब बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत मूसा के पास से रुख़्सत हुई।
اما کسانی که تحت تأثیر قرار گرفته بودند با اشتیاق بازگشتند و هدایایی برای آماده ساختن لباسهای مقدّس، خیمۀ ملاقات و وسایل مورد نیاز جهت خدمت در آن، با خود آوردند تا به خداوند تقدیم کنند. 21
और जिस जिस का जी चाहा और जिस — जिस के दिल में रग़बत। हुई, वह ख़ेमा-ए-इजितमा'अ के काम और वहाँ की इबादत और पाक लिबास के लिए ख़ुदावन्द का हदिया लाया।
مردان و زنان با اشتیاق زیاد آمدند و جواهراتی از قبیل سنجاق، گوشواره، انگشتر، گردنبند و اشیاء دیگری از طلا را به خداوند تقدیم کردند. 22
और क्या मर्द, क्या 'औरत, जितनों का दिल चाहा वह सब जुगनू बालियाँ, अँगूठियाँ और बाजूबन्द, जो सब सोने के ज़ेवर थे लाने लगे। इस तरीके से लोगों ने ख़ुदावन्द को सोने का हदिया दिया।
برخی نیز نخهای آبی، ارغوانی و قرمز؛ کتان ریزبافت؛ پشم بز؛ پوست سرخ شدهٔ قوچ و پوست خز آوردند. 23
और जिस — जिस के पास आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंग और सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान और बकरियों की पश्म और मेंढों की सुर्ख रंगी हुई खाले और तुख़स की खालें थीं, वह उनको ले आए।
عده‌ای دیگر نقره و مفرغ به خداوند تقدیم کردند. بعضی هم چوب اقاقیا برای ساختن خیمه با خود آوردند. 24
जिसने चाँदी या पीतल का हदिया देना चाहा वह वैसा ही हदिया ख़ुदावन्द के लिए लाया, और जिस किसी के पास कीकर की लकड़ी थी वह उसी को ले आया।
زنانی که در کار ریسندگی و بافندگی مهارت داشتند، نخهای آبی و ارغوانی و قرمز و کتان ریزبافت با خود آوردند. 25
और जितनी 'औरतें होशियार थीं उन्होंने अपने हाथों से कात — कात कर आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के और महीन कतान के तार लाकर दिए।
همۀ زنانی که مایل بودند مهارتشان را به کار برند، از پشم بز، نخ ریسیدند. 26
और जितनी 'औरतों के दिल हिकमत की तरफ़ मायल थे उन्होंने बकरियों की पश्म काती।
بزرگان قوم، سنگ جزع و سنگهای قیمتی دیگر برای تزیین ایفود و سینه‌پوش کاهن آوردند، 27
और जो सरदार थे वह अफ़ोद और सीना बन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और जड़ाऊ पत्थर,
و نیز عطریات و روغن برای روشنایی و روغن مسح و بخور معطر. 28
और रोशनी और मसह करने के तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे और तेल लाए।
بدین ترتیب تمام مردان و زنان بنی‌اسرائیل که مشتاق بودند در کاری که خداوند به موسی امر فرموده بود کمک کنند، با خرسندی خاطر هدایای خود را به خداوند تقدیم کردند. 29
यूँ बनी — इस्राईल अपनी ही ख़ुशी से ख़ुदावन्द के लिए हदिये लाए, या'नी जिस — जिस मर्द या 'औरत का जी चाहा कि इन कामों के लिए जिनके बनने का हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा के ज़रिए' दिया था, कुछ दे वह उन्होंने दिया
سپس موسی به بنی‌اسرائیل گفت: «خداوند، بِصَلئیل (پسر اوری) را که نوهٔ حور و از قبیلهٔ یهودا است برگزیده 30
और मूसा ने बनी — इस्राईल से कहा, देखो, ख़ुदावन्द ने बज़लीएल बिन ऊरी बिन हूर को जो यहूदाह के क़बीले में से है नाम लेकर बुलाया है।
و او را از روح خود پر ساخته است و حکمت و توانایی و مهارت بخشیده، تا خیمهٔ عبادت و تمام وسایل آن را بسازد. 31
और उसने उसे हिकमत और समझ और अक़्ल और हर तरह की कारीगरी के लिए रूह उल्लाह से मा'मूर किया है।
او در ساختن ظروف طلا و نقره و مفرغ، 32
और कारीगरी में और सोना, चाँदी और पीतल के काम में,
همچنین در کار حکاکی و نجاری و جواهر سازی و هر صنعتی استاد است. 33
और जड़ाऊ पत्थर और लकड़ी के तराशने में गरज़ हर एक नादिर काम के बनाने में माहिर किया है।
خدا به او و اهولیاب (پسر اخیسامک از قبیلهٔ دان) استعداد تعلیم دادن هنر به دیگران را عطا فرموده است. 34
और उसने उसे और अख़ीसमक के बेटे अहलियाब को भी जो दान के क़बीले का है, हुनर सिखाने की क़ाबिलियत बख़्शी है।
خداوند به آنها در کار طراحی، نساجی و طرازی پارچه‌های آبی، ارغوانی، قرمز و کتان ریزبافت مهارت خاصی بخشیده است. ایشان صنعتگران ماهری هستند. 35
और उनके दिलों में ऐसी हिकमत भर दी है जिससे वह हर तरह की कारीगरी में माहिर हों, और कन्दाकार का और माहिर उस्ताद का और ज़रदोज़ का जो आसमानी, अर्ग़वानी और सु़र्ख रंग के कपड़ों और महीन कतान पर गुलकारी करता है, और जूलाहे का और हर तरह के दस्तकार का काम कर सके और 'अजीब और नादिर चीजें ईजाद करें।

< خروج 35 >