< دوم پادشاهان 12 >

در هفتمین سال سلطنت ییهو، پادشاه اسرائیل، یوآش پادشاه یهودا شد و مدت چهل سال در اورشلیم سلطنت کرد. (مادرش ظبیه نام داشت و از اهالی بئرشبع بود.) 1
और याहू के सातवें साल यहूआस' बादशाह हुआ और उसने येरूशलेम में चालीस साल सल्तनत की। उसकी माँ का नाम ज़िबियाह था जो बैरसबा' की थी।
یوآش در تمام سالهایی که یهویاداع معلم او بود، هر چه در نظر خداوند پسندیده بود انجام می‌داد. 2
और यहूआस ने इस तमाम 'अर्से में जब तक यहोयदा' काहिन उसकी ता'लीम — व — तरबियत करता रहा, वही काम किया जो ख़ुदावन्द की नज़र में ठीक था।
با وجود این بتخانه‌های روی تپه‌ها را خراب نکرد و قوم باز در آنجا قربانی می‌کردند و بخور می‌سوزانیدند. 3
तोभी ऊँचे मक़ाम ढाए न गए, और लोग अभी ऊँचे मक़ामों पर क़ुर्बानी करते और ख़ुशबू जलाते थे।
روزی یوآش به کاهنان گفت: «خانهٔ خداوند احتیاج به تعمیر دارد. بنابراین هرگاه کسی هدیه‌ای به حضور خداوند بیاورد، چه مقرری باشد چه داوطلبانه و چه نذری، آن را بگیرید و صرف تعمیرات لازم بکنید.» 4
और यहूआस' ने काहिनों से कहा, कि “मुक़द्दस की हुई चीज़ों की सब नक़दी जो मौजूदा सिक्के में ख़ुदावन्द के घर में पहुँचाई जाती है, या'नी उन लोगों की नक़दी जिनके लिए हर शख़्स की हैसियत के मुताबिक़ अन्दाज़ा लगाया जाता है, और वह सब नक़दी जो हर एक अपनी ख़ुशी से ख़ुदावन्द के घर में लाता है,
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इन सबको काहिन अपने अपने जान पहचान से लेकर अपने पास रख लें; और हैकल की दरारों की जहाँ कहीं कोई दरार मिले मरम्मत करें।”
بیست و سومین سال سلطنت یوآش فرا رسید، اما کاهنان هنوز خانهٔ خدا را تعمیر نکرده بودند. 6
लेकिन यहूआस के तेईसवें साल तक काहिनों ने हैकल की दरारों की मरम्मत न की।
پس یوآش، یهویاداع و سایر کاهنان را به حضور طلبیده، از ایشان پرسید: «چرا برای تعمیر خانهٔ خدا اقدامی نمی‌کنید؟ از این پس دیگر لازم نیست شما از مردم هدیه بگیرید؛ و هر چه تا به حال جمع کرده‌اید، تحویل بدهید.» 7
तब यहूआस बादशाह ने यहोयदा' काहिन को और, और काहिनों को बुलाकर उनसे कहा, “तुम हैकल की दरारों की मरम्मत क्यूँ नहीं करते? इसलिए अब अपने अपने जान — पहचान से नक़दी न लेना, बल्कि इसको हैकल की दरारों के लिए हवाले करो।”
کاهنان موافقت نمودند که نه از مردم پول بگیرند و نه مسئول تعمیر خانهٔ خداوند باشند. 8
इसलिए काहिनों ने मंज़ूर कर लिया कि न तो लोगों से नक़दी लें और न हैकल की दरारों की मरम्मत करें।
یهویاداع کاهن، صندوقی درست کرد و سوراخی در سرپوش آن ایجاد نمود و آن را در سمت راست مذبح کنار مدخل خانهٔ خداوند گذاشت. هر کس هدیه‌ای می‌آورد، کاهنان محافظ مدخل، آن را به درون جعبه می‌ریختند. 9
तब यहोयदा' काहिन ने एक सन्दूक़ लेकर उसके ऊपर में एक सूराख किया, और उसे मज़बह के पास रख्खा, ऐसा कि ख़ुदावन्द की हैकल में दाख़िल होते वक़्त वह दहनी तरफ़ पड़ता था; और जो काहिन दरवाज़े के निगहबान थे, वह सब नक़दी जो ख़ुदावन्द के घर में लाई जाती थी उसी में डाल देते थे।
هر وقت صندوق پر می‌شد، کاتب و کاهن اعظم آن را می‌شمردند و در کیسه‌ها می‌ریختند، 10
जब वह देखते थे कि सन्दूक़ में बहुत नक़दी हो गई है, तो बादशाह का मुन्शी और सरदार काहिन ऊपर आकर उसे थैलियों में बाँधते थे, और उस नक़दी को जो ख़ुदावन्द के घर में मिलती थी गिन लेते थे।
و به ناظران ساختمانی خانهٔ خداوند تحویل می‌دادند تا با آن پول اجرت نجارها، بناها، معمارها، سنگتراشها و خریداران چوب و سنگ را بپردازند و مصالح ساختمانی را که برای تعمیر خانهٔ خداوند لازم بود، خریداری نمایند. 11
और वह उस नक़दी को जो तोल ली जाती थी, उनके हाथों में सौप देते थे जो काम करनेवाले, या'नी ख़ुदावन्द की हैकल की देख भाल करते थे; और वह उसे बढ़इयों और मे'मारों पर जो ख़ुदावन्द के घर का काम बनाते थे।
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और राजों और संग तराशों पर और ख़ुदावन्द की हैकल की दरारों की मरम्मत के लिए लकड़ी और तराशे हुए पत्थर ख़रीदने में, और उन सब चीज़ों पर जो हैकल की मरम्मत के लिए इस्ते'माल में आती थी ख़र्च करते थे।
این پول صرف خرید پیاله‌ها، انبرها، کاسه‌ها، شیپورهای نقره و یا دیگر لوازم نقره‌ای و طلایی برای خانهٔ خداوند نمی‌شد، بلکه فقط صرف تعمیرات خانهٔ خداوند می‌گردید. 13
लेकिन जो नक़दी ख़ुदावन्द की हैकल में लाई जाती थी, उससे ख़ुदावन्द की हैकल के लिए चाँदी के प्याले, या गुलगीर, या देगचे, या नरसिर्गे, या'नी सोने के बर्तन या चाँदी के बर्तन न बनाए गए,
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क्यूँकि ये नक़दी कारीगरों को दी जाती थी, और इसी से उन्होंने ख़ुदावन्द की हैकल की मरम्मत की।
از ناظران ساختمانی صورتحساب نمی‌خواستند، چون آنها مردانی امین و درستکار بودند. 15
इसके अलावा जिन लोगों के हाथ वह इस नक़दी को सुपुर्द करते थे, ताकि वह उसे कारीगरों को दें, उनसे वह उसका कुछ हिसाब नहीं लेते थे इसलिए कि वह ईमानदारी से काम करते थे।
پولهایی که مردم برای قربانی جرم و قربانی گناه می‌پرداختند، به خانۀ خداوند آورده نمی‌شد، بلکه آنها را به کاهنان می‌دادند، چون سهم ایشان بود. 16
और जुर्म की क़ुर्बानी की नक़दी और ख़ता की क़ुर्बानी की नक़दी, ख़ुदावन्द की हैकल में नहीं लाई जाती थी, वह काहिनों की थी।
در آن روزها، حزائیل، پادشاه سوریه به شهر جت حمله کرد و آن را گرفت؛ سپس به طرف اورشلیم حرکت کرد تا آن را نیز تصرف نماید. 17
तब शाह — ए — अराम हज़ाएल ने चढ़ाई की, और जात से लड़कर उसे ले लिया। फिर हज़ाएल ने येरूशलेम का रुख़ किया ताकि उस पर चढ़ाई करे।
اما یوآش پادشاه، تمام اشیاء مقدّسی را که اجدادش (یهوشافاط، یهورام و اخزیا، پادشاهان یهودا) به خداوند وقف نموده بودند، با آنچه که خود وقف کرده بود و تمام طلای خزانهٔ خانهٔ خداوند و خزانهٔ سلطنتی را گرفته، برای حزائیل فرستاد، و حزائیل نیز از حمله به اورشلیم صرفنظر کرده، مراجعت نمود. 18
तब शाह — ए — यहूदाह यहूआस' ने सब मुक़द्दस चीज़ें जिनको उसके बाप — दादा, यहूसफ़त और यहूराम और अख़ज़ियाह, यहूदाह के बादशाहों ने नज़्र किया था, और अपनी सब मुक़द्दस चीज़ों को और सब सोना जो ख़ुदावन्द की हैकल के ख़ज़ानों और बादशाह के महल में मिला, लेकर शाहे अराम हज़ाएल को भेज दिया; तब वह येरूशलेम से हटा।
شرح بقیهٔ رویدادهای سلطنت یوآش و کارهای او در کتاب «تاریخ پادشاهان یهودا» نوشته شده است. 19
यूआस के बाक़ी काम और सब कुछ जो उसने किया, इसलिए क्या वह यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखे नहीं?
دو نفر از افراد یوآش به نامهای یوزاکار (پسر شمعت) و یهوزاباد (پسر شومیر) علیه او توطئه چیدند و در بیت‌ملو که سر راه سلا است، او را کشتند. یوآش در کنار اجدادش در شهر داوود دفن شد و پسرش اَمَصیا به جایش بر تخت سلطنت نشست. 20
उसके ख़ादिमों ने उठकर साज़िश की और यूआस को मिल्लो के महल में जो सिल्ला की उतराई पर है, क़त्ल किया;
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या'नी उसके ख़ादिमों यूसकार — बिन — समा'अत, और यहूज़बद — बिन — शूमीर ने उसे मारा और वह मर गया, और उन्होंने उसे उसके बाप — दादा के साथ दाऊद के शहर में दफ़न किया; और उसका बेटा अमसियाह उसकी जगह बादशाह हुआ।

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