< لوقا 13 >
در آن وقت بعضی آمده او را از جلیلیانی خبر دادند که پیلاطس خون ایشان را با قربانی های ایشان آمیخته بود. | ۱ 1 |
उस वक़्त कुछ लोग हाज़िर थे, जिन्होंने उसे उन ग़लतियों की ख़बर दी जिनका ख़ून पिलातुस ने उनके ज़बीहों के साथ मिलाया था।
عیسی در جواب ایشان گفت: «آیا گمان میبرید که این جلیلیان گناهکارتر بودند از سایر سکنه جلیل ازاینرو که چنین زحمات دیدند؟ | ۲ 2 |
उसने जवाब में उनसे कहा, “इन ग़लतियों ने ऐसा दुःख पाया, क्या वो इसलिए तुम्हारी समझ में और सब ग़लतियों से ज़्यादा गुनहगार थे?
نی، بلکه به شما میگویم اگر توبه نکنید، همگی شماهمچنین هلاک خواهید شد. | ۳ 3 |
मैं तुम से कहता हूँ कि नहीं; बल्कि अगर तुम तौबा न करोगे, तो सब इसी तरह हलाक होंगे।
یا آن هجده نفری که برج در سلوام بر ایشان افتاده ایشان را هلاک کرد، گمان میبرید که از جمیع مردمان ساکن اورشلیم، خطاکارتر بودند؟ | ۴ 4 |
या, क्या वो अठारह आदमी जिन पर शिलोख़ का गुम्बद गिरा और दब कर मर गए, तुम्हारी समझ में येरूशलेम के और सब रहनेवालों से ज़्यादा क़ुसूरवार थे?
حاشا، بلکه شما رامی گویم که اگر توبه نکنید همگی شما همچنین هلاک خواهید شد.» | ۵ 5 |
मैं तुम से कहता हूँ कि नहीं; बल्कि अगर तुम तौबा न करोगे, तो सब इसी तरह हलाक होगे।”
پس این مثل را آورد که «شخصی درخت انجیری در تاکستان خود غرس نمود و چون آمدتا میوه از آن بجوید، چیزی نیافت. | ۶ 6 |
फिर उसने ये मिसाल कही, “किसी ने अपने बाग़ में एक अंजीर का दरख़्त लगाया था। वो उसमें फल ढूँडने आया और न पाया।
پس به باغبان گفت اینک سه سال است میآیم که از این درخت انجیر میوه بطلبم و نمی یابم، آن را ببر چرا زمین رانیز باطل سازد. | ۷ 7 |
इस पर उसने बाग़बान से कहा, 'देख तीन बरस से मैं इस अंजीर के दरख़्त में फल ढूँडने आता हूँ और नहीं पाता। इसे काट डाल, ये ज़मीन को भी क्यूँ रोके रहे?
در جواب وی گفت، ای آقاامسال هم آن را مهلت ده تا گردش را کنده کودبریزم، | ۸ 8 |
उसने जवाब में उससे कहा, 'ऐ ख़ुदावन्द, इस साल तू और भी उसे रहने दे, ताकि मैं उसके चारों तरफ़ थाला खोदूँ और खाद डालूँ।
پس اگر ثمر آورد والا بعد از آن، آن راببر.» | ۹ 9 |
अगर आगे फला तो ख़ैर, नहीं तो उसके बाद काट डालना।”
و روز سبت در یکی از کنایس تعلیم میداد. | ۱۰ 10 |
फिर वो सबत के दिन किसी 'इबादतख़ाने में ता'लीम देता था।
و اینک زنی که مدت هجده سال روح ضعف میداشت و منحنی شده ابد نمی توانست راست بایستد، در آنجا بود. | ۱۱ 11 |
और देखो, एक 'औरत थी जिसको अठारह बरस से किसी बदरूह की वजह से कमज़ोरी थी; वो झुक गई थी और किसी तरह सीधी न हो सकती थी।
چون عیسی او را دید وی را خوانده گفت: «ای زن از ضعف خودخلاص شو.» | ۱۲ 12 |
ईसा ने उसे देखकर पास बुलाया और उससे कहा, “ऐ 'औरत, तू अपनी कमज़ोरी से छूट गई।”
و دست های خود را بر وی گذارد که در ساعت راست شده، خدا را تمجیدنمود. | ۱۳ 13 |
और उसने उस पर हाथ रख्खे, उसी दम वो सीधी हो गई और ख़ुदा की बड़ाई करने लगी।
آنگاه رئیس کنیسه غضب نمود، از آنروکه عیسی او را در سبت شفا داد. پس به مردم توجه نموده، گفت: «شش روز است که باید کاربکنید در آنها آمده شفا یابید، نه در روزسبت.» | ۱۴ 14 |
'इबादतख़ाने का सरदार, इसलिए कि ईसा ने सबत के दिन शिफ़ा बख़्शी, ख़फ़ा होकर लोगों से कहने लगा, “छ: दिन हैं जिनमें काम करना चाहिए, पस उन्हीं में आकर शिफ़ा पाओ न कि सबत के दिन।”
خداوند در جواب او گفت: «ای ریاکار، آیاهر یکی از شما در روز سبت گاو یا الاغ خود را ازآخور باز کرده بیرون نمی برد تا سیرآبش کند؟ | ۱۵ 15 |
ख़ुदावन्द ने उसके जवाब में कहा, “'ऐ रियाकारो! क्या हर एक तुम में से सबत के दिन अपने बैल या गधे को खूंटे से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता?
و این زنی که دختر ابراهیم است و شیطان او رامدت هجده سال تا به حال بسته بود، نمی بایست او را در روز سبت از این بند رها نمود؟» | ۱۶ 16 |
पस क्या वाजिब न था कि ये जो अब्रहाम की बेटी है जिसको शैतान ने अठारह बरस से बाँध कर रख्खा था, सबत के दिन इस क़ैद से छुड़ाई जाती?”
وچون این را بگفت همه مخالفان او خجل گردیدندو جمیع آن گروه شاد شدند، بسبب همه کارهای بزرگ که از وی صادر میگشت. | ۱۷ 17 |
जब उसने ये बातें कहीं तो उसके सब मुख़ालिफ़ शर्मिन्दा हुए, और सारी भीड़ उन 'आलीशान कामों से जो उससे होते थे, ख़ुश हुई।
پس گفت: «ملکوت خدا چه چیز را میماندو آن را به کدام شی تشبیه نمایم. | ۱۸ 18 |
पस वो कहने लगा, “ख़ुदा की बादशाही किसकी तरह है? मैं उसको किससे मिसाल दूँ?”
دانه خردلی راماند که شخصی گرفته در باغ خود کاشت، پس رویید و درخت بزرگ گردید، بحدی که مرغان هوا آمده در شاخه هایش آشیانه گرفتند.» | ۱۹ 19 |
वो राई के दाने की तरह है, जिसको एक आदमी ने लेकर अपने बाग़ में डाल दिया: वो उगकर बड़ा दरख़्त हो गया, और हवा के परिन्दों ने उसकी डालियों पर बसेरा किया।“
بازگفت: «برای ملکوت خدا چه مثل آورم؟ | ۲۰ 20 |
उसने फिर कहा, “मैं ख़ुदा की बादशाही को किससे मिसाल दूँ?”
خمیرمایهای را میماند که زنی گرفته در سه پیمانه آرد پنهان ساخت تا همه مخمرشد.» | ۲۱ 21 |
वो ख़मीर की तरह है, जिसे एक 'औरत ने तीन पैमाने आटे में मिलाया, और होते होते सब ख़मीर हो गया।“
و در شهرها و دهات گشته، تعلیم میداد وبه سوی اورشلیم سفر میکرد، | ۲۲ 22 |
वो शहर — शहर और गाँव — गाँव ता'लीम देता हुआ येरूशलेम का सफ़र कर रहा था।
که شخصی به وی گفت: «ای خداوند آیا کم هستند که نجات یابند؟» او به ایشان گفت: | ۲۳ 23 |
किसी शख़्स ने उससे पुछा, “ऐ ख़ुदावन्द! क्या नजात पाने वाले थोड़े हैं?”
«جد و جهد کنید تااز در تنگ داخل شوید. زیرا که به شما میگویم بسیاری طلب دخول خواهند کرد و نخواهندتوانست. | ۲۴ 24 |
उसने उनसे कहा, “मेहनत करो कि तंग दरवाज़े से दाख़िल हो, क्यूँकि मैं तुम से कहता हूँ कि बहुत से दाख़िल होने की कोशिश करेंगे और न हो सकेंगे।
بعد از آنکه صاحبخانه برخیزد ودر را ببندد و شما بیرون ایستاده در را کوبیدن آغاز کنید و گویید خداوندا خداوندا برای ما بازکن. آنگاه وی در جواب خواهد گفت شما رانمی شناسم که از کجا هستید. | ۲۵ 25 |
जब घर का मालिक उठ कर दरवाज़ा बन्द कर चुका हो, और तुम बाहर खड़े दरवाज़ा खटखटाकर ये कहना शुरू' करो, 'ऐ ख़ुदावन्द! हमारे लिए खोल दे, और वो जवाब दे, 'मैं तुम को नहीं जानता कि कहाँ के हो।'
در آن وقت خواهید گفت که در حضور تو خوردیم وآشامیدیم و در کوچه های ما تعلیم دادی. | ۲۶ 26 |
उस वक़्त तुम कहना शुरू करोगे, 'हम ने तो तेरे रु — ब — रु खाया — पिया और तू ने हमारे बाज़ारों में ता'लीम दी।'
بازخواهد گفت، به شما میگویم که شما رانمی شناسم از کجا هستید؟ ای همه بدکاران از من دور شوید. | ۲۷ 27 |
मगर वो कहेगा, 'मैं तुम से कहता हूँ, कि मैं नहीं जानता तुम कहाँ के हो। ऐ बदकारो, तुम सब मुझ से दूर हो।
در آنجا گریه و فشار دندان خواهدبود، چون ابراهیم واسحق و یعقوب و جمیع انبیارا در ملکوت خدا بینید و خود را بیرون افکنده یابید | ۲۸ 28 |
वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा; तुम अब्रहाम और इज़्हाक़ और याक़ूब और सब नबियों को ख़ुदा की बादशाही में शामिल, और अपने आपको बाहर निकाला हुआ देखोगे;
و از مشرق و مغرب و شمال و جنوب آمده در ملکوت خدا خواهند نشست. | ۲۹ 29 |
और पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्खिन से लोग आकर ख़ुदा की बादशाही की ज़ियाफ़त में शरीक होंगे।
و اینک آخرین هستند که اولین خواهند بود و اولین که آخرین خواهند بود.» | ۳۰ 30 |
और देखो, कुछ आख़िर ऐसे हैं जो अव्वल होंगे और कुछ अव्वल हैं जो आख़िर होंगे।“
در همان روز چند نفر از فریسیان آمده به وی گفتند: «دور شو و از اینجا برو زیرا که هیرودیس میخواهد تو را به قتل رساند.» | ۳۱ 31 |
उसी वक़्त कुछ फ़रीसियों ने आकर उससे कहा, “निकल कर यहाँ से चल दे, क्यूँकि हेरोदेस तुझे क़त्ल करना चाहता है।”
ایشان را گفت: «بروید و به آن روباه گوییداینک امروز و فردا دیوها را بیرون میکنم ومریضان را صحت میبخشم و در روز سوم کامل خواهم شد. | ۳۲ 32 |
उसने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कह दो कि देख, मैं आज और कल बदरूहों को निकालता और शिफ़ा का काम अन्जाम देता रहूँगा, और तीसरे दिन पूरा करूँगा।
لیکن میباید امروز و فردا و پسفردا راه روم، زیرا که محال است نبی بیرون ازاورشلیم کشته شود. | ۳۳ 33 |
मगर मुझे आज और कल और परसों अपनी राह पर चलना ज़रूर है, क्यूँकि मुम्किन नहीं कि नबी येरूशलेम से बाहर हलाक हो।“
ای اورشلیم، ای اورشلیم که قاتل انبیا و سنگسار کننده مرسلین خودهستی، چند کرت خواستم اطفال تو را جمع کنم، چنانکه مرغ جوجه های خویش را زیر بالهای خود میگیرد و نخواستید. | ۳۴ 34 |
“ऐ येरूशलेम! ऐ येरूशलेम! तू जो नबियों को क़त्ल करती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन पर पथराव करती है। कितनी ही बार मैंने चाहा कि जिस तरह मुर्ग़ी अपने बच्चों को परों तले जमा कर लेती है, उसी तरह मैं भी तेरे बच्चों को जमा कर लूँ, मगर तुम ने न चाहा।
اینک خانه شمابرای شما خراب گذاشته میشود و به شمامی گویم که مرا دیگر نخواهید دید تا وقتی آیدکه گویید مبارک است او که به نام خداوندمی آید.» | ۳۵ 35 |
देखो, तुम्हारा घर तुम्हारे ही लिए छोड़ा जाता है, और मैं तुम से कहता हूँ, कि मुझ को उस वक़्त तक हरगिज़ न देखोगे जब तक न कहोगे, 'मुबारिक़ है वो, जो ख़ुदावन्द के नाम से आता है'।“