< لاویان 12 >

و خداوند موسی را خطاب کرده، گفت: ۱ 1
याहवेह ने मोशेह को कहा,
«بنی‌اسرائیل را خطاب کرده، بگو: چون زنی آبستن شده، پسر نرینه‌ای بزاید، آنگاه هفت روز نجس باشد، موافق ایام طمث حیضش نجس باشد. ۲ 2
“इस्राएल की प्रजा को यह आदेश दो: ‘जब कोई स्त्री पुत्र को जन्म दे, तो वह सात दिन के लिए अशुद्ध रहेगी, जैसे ऋतुस्राव में अशुद्ध रहती है.
و در روز هشتم گوشت غلفه اومختون شود. ۳ 3
आठवें दिन उस बालक के खाल का ख़तना कर दिया जाए.
و سی و سه روز در خون تطهیرخود بماند، و هیچ‌چیز مقدس را لمس ننماید، وبه مکان مقدس داخل نشود، تا ایام طهرش تمام شود. ۴ 4
वह स्त्री रक्तस्राव के नियत तैंतीस दिन तक शुद्ध होने की क्रिया में रहेगी, जब तक उसके शुद्ध होने के दिन पूरे न हो जाएं, वह न तो किसी पवित्र वस्तु को छुएगी और न ही पवित्र स्थान में प्रवेश करेगी.
و اگر دختری بزاید، دو هفته برحسب مدت طمث خود نجس باشد، و شصت و شش روز در خون تطهیر خود بماند. ۵ 5
किंतु यदि वह पुत्री को जन्म दे, तो वह दो सप्‍ताह तक अशुद्ध रहेगी, जैसे वह ऋतुस्राव में होती है. वह स्त्री रक्तस्राव के नियत छियासठ दिन तक शुद्ध होने की क्रिया में रहेगी.
و چون ایام طهرش برای پسر یا دختر تمام شود، بره‌ای یک ساله برای قربانی سوختنی و جوجه کبوتر یافاخته‌ای برای قربانی گناه به در خیمه اجتماع نزدکاهن بیاورد. ۶ 6
“‘जब उस स्त्री की शुद्ध होने की क्रिया पूर्ण हो जाए, चाहे वह पुत्र के लिए हो अथवा पुत्री के लिए, वह मिलनवाले तंबू के द्वार पर पुरोहित के सामने होमबलि के लिए एक वर्ष का मेमना तथा पापबलि के लिए एक कबूतर का बच्चा अथवा एक कपोत का बच्चा लेकर आए.
و او آن را به حضور خداوندخواهد گذرانید، و برایش کفاره خواهد کرد، تا ازچشمه خون خود طاهر شود. این است قانون آن که بزاید، خواه پسر خواه دختر. ۷ 7
तब पुरोहित इसे उस स्त्री के प्रायश्चित्त पूरा करने के लिए याहवेह को भेंट करे. और वह अपने रक्तस्राव से शुद्ध हो जाएगी. “‘यह विधि हर एक प्रसूता के लिए है, चाहे वह पुत्र को जन्मे अथवा पुत्री को.
و اگر دست اوبه قیمت بره نرسد، آنگاه دو فاخته یا دو جوجه کبوتر بگیرد، یکی برای قربانی سوختنی ودیگری برای قربانی گناه. و کاهن برای وی کفاره خواهد کرد، و طاهر خواهد شد.» ۸ 8
किंतु यदि वह स्त्री एक मेमना खरीदने में असमर्थ है, तो वह दो कपोत अथवा दो कबूतर के बच्‍चे लेकर आए; एक होमबलि के लिए और अन्य पापबलि के लिए. इस प्रकार पुरोहित उस स्त्री के लिए प्रायश्चित्त पूरा करे और वह स्त्री पवित्र हो जाएगी.’”

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