< پیدایش 44 >

پس به ناظر خانه خود امر کرده، گفت: عدلهای این مردمان را به قدری که می‌توانند برد، از غله پر کن، و نقد هر کسی را به دهنه عدلش بگذار. ۱ 1
फिर उसने अपने घर के मुन्ताज़िम को यह हुक्म किया कि इन आदमियों के बोरों में जितना अनाज वह लेजा सकें भर दे, और हर शख़्स की नक़दी उसी के बोरे के मुँह में रख दे;
و جام مرا، یعنی جام نقره را، در دهنه عدل آن کوچکتر، با قیمت غله‌اش بگذار.» پس موافق آن سخنی که یوسف گفته بود، کرد. ۲ 2
और मेरा चाँदी का प्याला सबसे छोटे के बोरे के मुँह में उसकी नक़दी के साथ रखना। चुनांचे उसने यूसुफ़ के फ़रमाने के मुताबिक़ 'अमल किया।
و چون صبح روشن شد، آن مردان را باحماران ایشان، روانه کردند. ۳ 3
सुबह रौशनी होते ही यह आदमी अपने गधों के साथ रुख़्सत कर दिए गए।
و ایشان از شهربیرون شده، هنوز مسافتی چند طی نکرده بودند، که یوسف به ناظر خانه خود گفت: «بر پا شده، درعقب این اشخاص بشتاب، و چون بدیشان فرارسیدی، ایشان را بگو: چرا بدی به عوض نیکویی کردید؟ ۴ 4
वह शहर से निकल कर अभी दूर भी नहीं गए थे कि यूसुफ़ ने अपने घर के मुन्तज़िम से कहा, जा! उन लोगों का पीछा कर; और जब तू उनको पा ले तो उनसे कहना, 'नेकी के बदले तुम ने बदी क्यूँ की?
آیا این نیست آنکه آقایم در آن می‌نوشد، و از آن تفال می‌زند؟ در آنچه کردید، بد کردید.» ۵ 5
क्या यह वही चीज़ नहीं जिससे मेरा आक़ा पीता और इसी से ठीक फ़ाल भी खोला करता है? तुम ने जो यह किया इसलिए बुरा किया'
پس چون بدیشان در‌رسید، این سخنان رابدیشان گفت. ۶ 6
और उसने उनको पा लिया और यही बातें उनसे कहीं।
به وی گفتند: «چرا آقایم چنین می‌گوید؟ حاشا از غلامانت که مرتکب چنین کارشوند! ۷ 7
तब उन्होंने उससे कहा कि हमारा ख़ुदावन्द, ऐसी बातें क्यूँ कहता है? ख़ुदा न करे कि तेरे ख़ादिम ऐसा काम करें
همانا نقدی را که در دهنه عدلهای خودیافته بودیم، از زمین کنعان نزد تو باز آوردیم، پس چگونه باشد که از خانه آقایت طلا یا نقره بدزدیم. ۸ 8
भला, जो नक़दी हम को अपने बोरों के मुँह में मिली, उसे तो हम मुल्क — ए — कना'न से तेरे पास वापस ले आए; फिर तेरे आक़ा के घर से चाँदी या सोना क्यूँ कर चुरा सकते हैं?
نزد هر کدام از غلامانت یافت شود، بمیرد، و مانیز غلام آقای خود باشیم.» ۹ 9
इसलिए तेरे ख़ादिमों में से जिस किसी के पास वह निकले वह मार दिया जाए, और हम भी अपने ख़ुदावन्द के ग़ुलाम हो जाएँगे।
گفت: «هم الان موافق سخن شما بشود، آنکه نزد او یافت شود، غلام من باشد، و شما آزادباشید.» ۱۰ 10
उसने कहा कि तुम्हारा ही कहना सही, जिसके पास वह निकल आए वह मेरा ग़ुलाम होगा, और तुम बेगुनाह ठहरोगे।
پس تعجیل نموده، هر کس عدل خودرا به زمین فرود آورد، و هر یکی عدل خود را بازکرد. ۱۱ 11
तब उन्होंने जल्दी की, और एक — एक ने अपना बोरा ज़मीन पर उतार लिया और हर शख़्स ने अपना बोरा खोल दिया।
و او تجسس کرد، و از مهتر شروع نموده، به کهتر ختم کرد. و جام در عدل بنیامین یافته شد. ۱۲ 12
तब वह ढूँढने लगा और सबसे बड़े से शुरू' करके सबसे छोटे पर तलाशी ख़त्म की, और प्याला बिनयमीन के बोरे में मिला।
آنگاه رخت خود را چاک زدند، و هر کس الاغ خود را بار کرده، به شهر برگشتند. ۱۳ 13
तब उन्होंने अपने लिबास चाक किए और हर एक अपने गधे को लादकर उल्टा शहर को फिरा।
و یهودا با برادرانش به خانه یوسف آمدند، و او هنوز آنجا بود، و به حضور وی بر زمین افتادند. ۱۴ 14
और यहूदाह और उसके भाई यूसुफ़ के घर आए, वह अब तक वहीं था; तब वह उसके आगे ज़मीन पर गिरे।
یوسف بدیشان گفت: «این چه‌کاری است که کردید؟ آیا ندانستید که چون من مردی، البته تفال می‌زنم؟» ۱۵ 15
तब यूसुफ़ ने उनसे कहा, “तुम ने यह कैसा काम किया? क्या तुम को मा'लूम नहीं कि मुझ सा आदमी ठीक फ़ाल खोलता है?”
یهودا گفت: «به آقایم چه گوییم، و چه عرض کنیم، و چگونه بی‌گناهی خویش را ثابت نماییم؟ خدا گناه غلامانت رادریافت نموده است؛ اینک ما نیز و آنکه جام بدستش یافت شد، غلامان آقای خود خواهیم بود.» ۱۶ 16
यहूदाह ने कहा कि हम अपने ख़ुदावन्द से क्या कहें? हम क्या बात करें? या क्यूँ कर अपने को बरी ठहराएँ? ख़ुदा ने तेरे ख़ादिमों की बदी पकड़ ली। इसलिए देख, हम भी और वह भी जिसके पास प्याला निकला, दोनों अपने ख़ुदावन्द के ग़ुलाम हैं।
گفت: «حاشا از من که چنین کنم! بلکه آنکه جام بدستش یافت شد، غلام من باشد، وشما به سلامتی نزد پدر خویش بروید.» ۱۷ 17
उसने कहा कि ख़ुदा न करे कि मैं ऐसा करूँ; जिस शख़्स के पास यह प्याला निकला वही मेरा ग़ुलाम होगा, और तुम अपने बाप के पास सलामत चले जाओ।
آنگاه یهودا نزدیک وی آمده، گفت: «ای آقایم بشنوغلامت به گوش آقای خود سخنی بگوید. وغضبت بر غلام خود افروخته نشود، زیرا که توچون فرعون هستی. ۱۸ 18
तब यहूदाह उसके नज़दीक जाकर कहने लगा, “ऐ मेरे ख़ुदावन्द! ज़रा अपने ख़ादिम को इजाज़त दे कि अपने ख़ुदावन्द के कान में एक बात कहे; और तेरा ग़ज़ब तेरे ख़ादिम पर न भड़के, क्यूँकि तू फ़िर'औन की तरह है।
آقایم از غلامانت پرسیده، گفت: “آیا شما را پدر یا برادری است؟” ۱۹ 19
मेरे ख़ुदावन्द ने अपने ख़ादिमों से सवाल किया था कि तुम्हारा बाप या तुम्हारा भाई है?
و به آقای خود عرض کردیم: “که ما را پدرپیری است، و پسر کوچک پیری او که برادرش مرده است، و او تنها از مادر خود مانده است، وپدر او را دوست می‌دارد.” ۲۰ 20
और हम ने अपने ख़ुदावन्द से कहा था, 'हमारा एक बूढ़ा बाप है और उसके बुढ़ापे का एक छोटा लड़का भी है; और उसका भाई मर गया है और वह अपनी माँ का एक ही रह गया है, इसलिए उसका बाप उस पर जान देता है।
و به غلامان خودگفتی: “وی را نزد من آرید تا چشمان خود را بروی نهم.” ۲۱ 21
तब तूने अपने ख़ादिमों से कहा, 'उसे मेरे पास ले आओ कि मैं उसे देख़ूँ।
و به آقای خود گفتیم: “آن جوان نمی تواند از پدر خود جدا شود، چه اگر از پدرخویش جدا شود او خواهد مرد.” ۲۲ 22
हम ने अपने ख़ुदावन्द को बताया, 'वह लड़का अपने बाप को छोड़ नहीं सकता, क्यूँकि अगर वह अपने बाप को छोड़े तो उसका बाप मर जाएगा।
و به غلامان خود گفتی: “اگر برادر کهتر شما با شما نیاید، روی مرا دیگر نخواهید دید.” ۲۳ 23
फिर तूने अपने खादिमों से कहा कि जब तक तुम्हारा छोटा भाई तुम्हारे साथ न आए, तुम फिर मेरा मुँह न देखोगे।”
پس واقع شد که چون نزد غلامت، پدر خود، رسیدیم، سخنان آقای خود را بدو باز‌گفتیم. ۲۴ 24
और यूँ हुआ कि जब हम अपने बाप के पास, जो तेरा ख़ादिम है, पहुँचे तो हम ने अपने ख़ुदावन्द की बातें उससे कहीं।
و پدر ما گفت: “برگشته اندک خوراکی برای ما بخرید.” ۲۵ 25
हमारे बाप ने कहा, “फिर जा कर हमारे लिए कुछ अनाज मोल लाओ।”
گفتیم: “نمی توانیم رفت، لیکن اگر برادر کهتر باما آید، خواهیم رفت، زیرا که روی آن مرد رانمی توانیم دید اگر برادر کوچک با ما نباشد.” ۲۶ 26
हम ने कहा, “हम नहीं जा सकते; अगर हमारा सबसे छोटा भाई हमारे साथ हो तो हम जाएँगे। क्यूँकि जब तक हमारा सबसे छोटा भाई हमारे साथ न हो, हम उस शख़्स का मुँह न देखेंगे।”
وغلامت، پدر من، به ما گفت: “شما آگاهید که زوجه‌ام برای من دو پسر زایید. ۲۷ 27
और तेरे ख़ादिम मेरे बाप ने हम से कहा, “तुम जानते हो कि मेरी बीवी के मुझ से दो बेटे हुए।
و یکی از نزدمن بیرون رفت، و من گفتم هر آینه دریده شده است، و بعد از آن او را ندیدم. ۲۸ 28
एक तो मुझे छोड़ ही गया और मैंने ख़्याल किया कि वह ज़रूर फाड़ डाला गया होगा; और मैंने उसे उस वक़्त से फिर नहीं देखा।
اگر این را نیز ازنزد من ببرید، و زیانی بدو رسد، همانا موی سفیدمرا به حزن به گور فرود خواهید برد.” (Sheol h7585) ۲۹ 29
अब अगर तुम इसको भी मेरे पास से ले जाओ और इस पर कोई आफ़त आ पड़े, तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे।” (Sheol h7585)
و الان اگر نزد غلامت، پدر خود بروم، و این جوان با مانباشد، و حال آنکه جان او به‌جان وی بسته است، ۳۰ 30
“इसलिए अब अगर मैं तेरे ख़ादिम अपने बाप के पास जाऊँ और यह लड़का हमारे साथ न हो, तो चूँकि उसकी जान इस लड़के की जान के साथ जुड़ी है।
واقع خواهد شد که چون ببیند پسر نیست، او خواهد مرد. و غلامانت موی سفید غلامت، پدرخود را به حزن به گور فرود خواهند برد. (Sheol h7585) ۳۱ 31
वह यह देख कर कि लड़का नहीं आया मर जाएगा, और तेरे ख़ादिम अपने बाप के, जो तेरा ख़ादिम है, सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारेंगे। (Sheol h7585)
زیراکه غلامت نزد پدر خود ضامن پسر شده، گفتم: “هرگاه او را نزد تو باز نیاورم، تا ابدالاباد نزد پدرخود مقصر خواهم شد.” ۳۲ 32
और तेरा ख़ादिम अपने बाप के सामने इस लड़के का ज़िम्मेदार भी हो चुका है और यह कहा है किअगर मैं इसे तेरे पास वापस न पहुँचा दूँ तो मैं हमेशा के लिए अपने बाप का गुनहगार ठहरूंगा।
پس الان تمنا اینکه غلامت به عوض پسر در بندگی آقای خود بماند، و پسر، همراه برادران خود برود. ۳۳ 33
इसलिए अब तेरे ख़ादिम की इजाज़त हो कि वह इस लड़के के बदले अपने ख़ुदावन्द का ग़ुलाम हो कर रह जाए, और यह लड़का अपने भाइयों के साथ चला जाए।
زیرا چگونه نزد پدر خود بروم و پسر با من نباشد، مبادا بلایی را که به پدرم واقع شود ببینم.» ۳۴ 34
क्यूँकि लड़के के बग़ैर मैं क्या मुँह लेकर अपने बाप के पास जाऊँ? कहीं ऐसा न हो कि मुझे वह मुसीबत देखनी पड़े, जो ऐसे हाल में मेरे बाप पर आएगी।”

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