< دانیال 5 >

بلشصر پادشاه ضیافت عظیمی برای هزارنفر از امرای خود برپا داشت و در حضورآن هزار نفر شراب نوشید. ۱ 1
ରାଜା ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର ଆପଣାର ସହସ୍ର ଅମାତ୍ୟବର୍ଗଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଏକ ମହାଭୋଜ ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲା ଓ ସେହି ସହସ୍ରଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ପାନ କଲା।
بلشصر در کیف شراب امر فرمود که ظروف طلا و نقره را که جدش نبوکدنصر از هیکل اورشلیم برده بودبیاورند تا پادشاه و امرایش و زوجه‌ها ومتعه هایش از آنها بنوشند. ۲ 2
ପୁଣି, ତାହାର ପିତା ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସର ଯିରୂଶାଲମସ୍ଥ ମନ୍ଦିରରୁ ଯେଉଁ ସକଳ ସୁନା ଓ ରୂପାର ପାତ୍ର ଅପହରଣ କରିଥିଲା, ତହିଁରେ ରାଜା ଓ ତାହାର ଅମାତ୍ୟବର୍ଗ, ପୁଣି ତାହାର ପତ୍ନୀଗଣ ଓ ଉପପତ୍ନୀଗଣ ଯେପରି ପାନ କରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଆସ୍ୱାଦନ କରୁ କରୁ ସେସକଳ ପାତ୍ର ଆଣିବା ପାଇଁ ଆଜ୍ଞା କଲା।
آنگاه ظروف طلا راکه از هیکل خانه خدا که در اورشلیم است گرفته شده بود آوردند و پادشاه و امرایش و زوجه‌ها ومتعه هایش از آنها نوشیدند. ۳ 3
ତହିଁରେ ଯିରୂଶାଲମସ୍ଥ ମନ୍ଦିରରୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୃହରୁ ଯେଉଁ ସକଳ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ପାତ୍ର ଅପହୃତ ହୋଇଥିଲା, ତାହା ଲୋକମାନେ ଆଣିଲେ; ପୁଣି, ରାଜା ଓ ତାହାର ଅମାତ୍ୟବର୍ଗ, ତାହାର ପତ୍ନୀଗଣ ଓ ଉପପତ୍ନୀଗଣ ସେହି ସବୁରେ ପାନ କଲେ।
شراب می‌نوشیدندو خدایان طلا و نقره و برنج و آهن و چوب وسنگ را تسبیح می‌خواندند. ۴ 4
ସେମାନେ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ପାନ କରୁ କରୁ ସୁନା ଓ ରୂପା, ପିତ୍ତଳ, ଲୁହା, କାଠ ଓ ପଥର ନିର୍ମିତ ଦେବଗଣର ପ୍ରଶଂସା କଲେ।
در همان ساعت انگشتهای دست انسانی بیرون آمد و در برابر شمعدان بر گچ دیوار قصرپادشاه نوشت و پادشاه کف دست را که می‌نوشت دید. ۵ 5
ସେହି ଦଣ୍ଡରେ ମନୁଷ୍ୟ ହସ୍ତର ଅଙ୍ଗୁଳି ଆସି ରାଜପ୍ରାସାଦର କାନ୍ଥର ଲେପନ ଉପରେ ଦୀପାଧାରର ନିକଟରେ ଲେଖିଲା, ଆଉ ହସ୍ତର ଯେଉଁ ଅଂଶ ଲେଖିଲା, ରାଜା ତାହା ଦେଖିଲା।
آنگاه هیئت پادشاه متغیر شد و فکرهایش او را مضطرب ساخت و بندهای کمرش سست شده، زانوهایش بهم می‌خورد. ۶ 6
ତହିଁରେ ରାଜାର ମୁଖ ବିବର୍ଣ୍ଣ ହେଲା ଓ ତାହାର ଭାବନା ତାହାକୁ ଉଦ୍‍ବିଗ୍ନ କଲା; ପୁଣି, ତାହାର କଟିଦେଶରେ ସନ୍ଧିସ୍ଥାନସବୁ ହୁଗୁଳା ହୋଇଗଲା ଓ ତାହାର ଆଣ୍ଠୁରେ ଆଣ୍ଠୁ ବାଜିଲା।
پادشاه به آوازبلند صدا زد که جادوگران و کلدانیان و منجمان رااحضار نمایند. پس پادشاه حکیمان بابل راخطاب کرده، گفت: «هر‌که این نوشته را بخواند وتفسیرش را برای من بیان نماید به ارغوان ملبس خواهد شد و طوق زرین بر گردنش (نهاده خواهدشد) و حاکم سوم در مملکت خواهد بود.» ۷ 7
ରାଜା ଗଣକ, କଲ୍‍ଦୀୟ ଓ ଶୁଭାଶୁଭବାଦୀମାନଙ୍କୁ ଆଣିବା ପାଇଁ ଉଚ୍ଚସ୍ୱର କରି ଡାକିଲା। ରାଜା ବାବିଲୀୟ ବିଦ୍ୱାନ୍‍ମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ଯେକେହି ଏହି ଲେଖା ପଢ଼ିବ ଓ ତହିଁର ଅର୍ଥ ମୋତେ ଜଣାଇବ, ସେ ବାଇଗଣିଆ ରଙ୍ଗ ବସନରେ ବସ୍ତ୍ରାନ୍ୱିତ ହେବ ଓ ତାହାର କଣ୍ଠରେ ସୁବର୍ଣ୍ଣର ହାର ଦିଆଯିବ, ଆଉ ସେ ରାଜ୍ୟରେ ତୃତୀୟ କର୍ତ୍ତା ହେବ।”
آنگاه جمیع حکمای پادشاه داخل شدند امانتوانستند نوشته را بخوانند یا تفسیرش را برای پادشاه بیان نمایند. ۸ 8
ତହିଁରେ ରାଜାର ସମସ୍ତ ବିଦ୍ୱାନ୍‍ ଲୋକ ଭିତରକୁ ଆସିଲେ; ମାତ୍ର ସେମାନେ ଲେଖା ପଢ଼ି ପାରିଲେ ନାହିଁ, କିଅବା ରାଜାକୁ ତହିଁର ଅର୍ଥ ଜଣାଇ ପାରିଲେ ନାହିଁ।
پس بلشصر پادشاه، بسیارمضطرب شد و هیئتش در او متغیر گردید و امرایش مضطرب شدند. ۹ 9
ତେଣୁ ରାଜା ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର ଅତିଶୟ ଉଦ୍‍ବିଗ୍ନ ହେଲା ଓ ତାହାର ମୁଖ ବିବର୍ଣ୍ଣ ହେଲା, ଆଉ ତାହାର ଅମାତ୍ୟଗଣ ବିସ୍ମୟାପନ୍ନ ହେଲେ।
اما ملکه به‌سبب سخنان پادشاه و امرایش به مهمانخانه درآمد وملکه متکلم شده، گفت: «ای پادشاه تا به ابد زنده باش! فکرهایت تو را مضطرب نسازد و هیئت تومتغیر نشود. ۱۰ 10
ଏହି ସମୟରେ ରାଜାର ଓ ତାହାର ଅମାତ୍ୟଗଣର କଥା ସକାଶୁ ରାଣୀ ଭୋଜନଶାଳାକୁ ଆସିଲା; ରାଣୀ କହିଲା, “ହେ ରାଜନ୍‍, ଚିରଜୀବୀ ହେଉନ୍ତୁ; ଆପଣଙ୍କର ଭାବନା ଆପଣଙ୍କୁ ଉଦ୍‍ବିଗ୍ନ ନ କରୁ, ଅଥବା ଆପଣଙ୍କ ମୁଖ ବିବର୍ଣ୍ଣ ନ ହେଉ।
شخصی در مملکت تو هست که روح خدایان قدوس دارد و در ایام پدرت روشنایی و فطانت و حکمت مثل حکمت خدایان دراو پیدا شد و پدرت نبوکدنصر پادشاه یعنی پدر تو‌ای پادشاه او را رئیس مجوسیان وجادوگران و کلدانیان و منجمان ساخت. ۱۱ 11
ଆପଣଙ୍କ ରାଜ୍ୟ ମଧ୍ୟରେ ଏକ ଲୋକ ଅଛନ୍ତି, ତାଙ୍କ ଅନ୍ତରରେ ପବିତ୍ର ଦେବଗଣର ଆତ୍ମା ଅଛନ୍ତି; ପୁଣି, ଆପଣଙ୍କ ପିତାଙ୍କ ସମୟରେ ଦେବଗଣର ଜ୍ଞାନ ତୁଲ୍ୟ ଜ୍ଞାନଦୀପ୍ତି ଓ ବୁଦ୍ଧି ଓ ଜ୍ଞାନ ତାଙ୍କଠାରେ ଦେଖା ଯାଇଥିଲା; ଆଉ, ଆପଣଙ୍କ ପିତା ରାଜା ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସର, ହଁ, ଆପଣଙ୍କ ପିତା ରାଜା, ତାଙ୍କୁ ମନ୍ତ୍ରବେତ୍ତା, ଗଣକ, କଲ୍‍ଦୀୟ ଓ ଶୁଭାଶୁଭବାଦୀମାନଙ୍କ ଉପରେ ପ୍ରଧାନ କରି ନିଯୁକ୍ତ କରିଥିଲେ;
چونکه روح فاضل و معرفت و فطانت و تعبیرخوابها و حل معماها و گشودن عقده‌ها در این دانیال که پادشاه او را به بلطشصر مسمی نمودیافت شد. پس حال دانیال طلبیده شود و تفسیر رابیان خواهد نمود.» ۱۲ 12
କାରଣ ସେହି ଦାନିୟେଲଙ୍କ ଅନ୍ତରରେ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ଆତ୍ମା, ଜ୍ଞାନ ଓ ବୁଦ୍ଧି, ସ୍ୱପ୍ନ ଅର୍ଥ କରିବାର ଓ ଗୂଢ଼ ବାକ୍ୟ ପ୍ରକାଶ କରିବାର ଓ ସନ୍ଦେହ ଭଞ୍ଜନ କରିବାର ଶକ୍ତି ଦେଖା ଯାଇଥିଲା, ରାଜା ତାଙ୍କୁ ବେଲ୍‍ଟଶତ୍ସର ନାମ ଦେଇଥିଲେ। ଏବେ ଦାନିୟେଲଙ୍କୁ ଡକାଯାଉ, ସେ ଅର୍ଥ ପ୍ରକାଶ କରିବେ।”
آنگاه دانیال را به حضور پادشاه آوردند وپادشاه دانیال را خطاب کرده، فرمود: «آیا توهمان دانیال از اسیران یهود هستی که پدرم پادشاه از یهودا آورد؟ ۱۳ 13
ତହୁଁ ଦାନିୟେଲଙ୍କୁ ରାଜାର ଛାମୁକୁ ଅଣାଗଲା ରାଜା ଦାନିୟେଲଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୋର ପିତା ମହାରାଜା ଯିହୁଦା ଦେଶରୁ ଯେଉଁମାନଙ୍କୁ ଆଣିଥିଲେ, ସେହି ନିର୍ବାସିତ ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଯେଉଁ ଦାନିୟେଲ ଥିଲେ, ସେ କି ତୁମ୍ଭେ?
و درباره تو شنیده‌ام که روح خدایان در تو است و روشنایی و فطانت وحکمت فاضل در تو پیدا شده است. ۱۴ 14
ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ବିଷୟରେ ଶୁଣିଅଛି ଯେ, ତୁମ୍ଭ ଅନ୍ତରରେ ଦେବଗଣର ଆତ୍ମା ଅଛନ୍ତି, ଆଉ ଜ୍ଞାନ ଓ ଦୀପ୍ତି, ବୁଦ୍ଧି ଓ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ଜ୍ଞାନ ତୁମ୍ଭଠାରେ ଦେଖାଯାଏ।
و الان حکیمان و منجمان را به حضور من آوردند تا این نوشته را بخوانند و تفسیرش را برای من بیان کننداما نتوانستند تفسیر کلام را بیان کنند. ۱۵ 15
ବର୍ତ୍ତମାନ ଏହି ଲେଖା ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ଓ ତହିଁର ଅର୍ଥ ମୋତେ ଜଣାଇବା ପାଇଁ ବିଦ୍ୱାନ୍‍ ଓ ଗଣକମାନେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଅଣା ଯାଇଅଛନ୍ତି; ମାତ୍ର ସେମାନେ ତହିଁର ଅର୍ଥ ପ୍ରକାଶ କରି ପାରିଲେ ନାହିଁ।
و من درباره تو شنیده‌ام که به نمودن تعبیرها و گشودن عقده‌ها قادر می‌باشی. پس اگر بتوانی الان نوشته را بخوانی و تفسیرش را برای من بیان کنی به ارغوان ملبس خواهی شد و طوق زرین بر گردنت (نهاده خواهد شد) و در مملکت حاکم سوم خواهی بود.» ۱۶ 16
ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭ ବିଷୟରେ ମୁଁ ଶୁଣିଅଛି ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ଅର୍ଥ ପ୍ରକାଶ ଓ ସନ୍ଦେହ ଦୂର କରିପାର; ଏବେ ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ଏହି ଲେଖା ପାଠ କରି ତହିଁର ଅର୍ଥ ମୋତେ ଜଣାଇପାର, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ବାଇଗଣିଆ ବର୍ଣ୍ଣର ବସ୍ତ୍ରରେ ବସ୍ତ୍ରାନ୍ୱିତ ହେବ, ତୁମ୍ଭ କଣ୍ଠରେ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ହାର ଦିଆଯିବ ଓ ତୁମ୍ଭେ ରାଜ୍ୟରେ ତୃତୀୟ କର୍ତ୍ତା ହେବ।”
پس دانیال به حضور پادشاه جواب داد وگفت: «عطایای تو از آن تو باشد و انعام خود را به دیگری بده، لکن نوشته را برای پادشاه خواهم خواند و تفسیرش را برای او بیان خواهم نمود. ۱۷ 17
ସେତେବେଳେ ଦାନିୟେଲ ରାଜାର ଛାମୁରେ ଉତ୍ତର କରି କହିଲେ, “ଆପଣଙ୍କର ଦାନ ଆପଣଙ୍କର ଥାଉ ଓ ଆପଣଙ୍କର ପୁରସ୍କାର ଅନ୍ୟକୁ ଦେଉନ୍ତୁ; ତଥାପି ମୁଁ ମହାରାଜାଙ୍କ ଛାମୁରେ ଏହି ଲେଖା ପଢ଼ିବି ଓ ଅର୍ଥ ତାଙ୍କୁ ଜଣାଇବି।
اما تو‌ای پادشاه، خدای تعالی به پدرت نبوکدنصر سلطنت و عظمت و جلال و حشمت عطا فرمود. ۱۸ 18
ହେ ମହାରାଜ, ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ପରମେଶ୍ୱର ଆପଣଙ୍କ ପିତା ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସରଙ୍କୁ ରାଜ୍ୟ, ମହିମା, ଗୌରବ ଓ ପ୍ରତାପ ଦେଲେ;
و به‌سبب عظمتی که به او داده بودجمیع قومها و امت‌ها و زبانها از او لرزان و ترسان می‌بودند. هر‌که را می‌خواست می‌کشت و هر‌که را می‌خواست زنده نگاه می‌داشت و هر‌که رامی خواست بلند می‌نمود و هر‌که را می‌خواست پست می‌ساخت. ۱۹ 19
ଆଉ, ସେ ତାଙ୍କୁ ଏପରି ମହିମା ଦେବାରୁ ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀ, ନାନା ଦେଶୀୟ ଓ ଭାଷାବାଦୀ ଲୋକମାନେ ତାଙ୍କ ଛାମୁରେ କମ୍ପିତ ହୋଇ ଭୟ କଲେ; ଯାହାକୁ ତାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା, ତାହାକୁ ସେ ବଧ କଲେ ଓ ଯାହାକୁ ତାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା, ତାହାକୁ ସେ ଜୀବିତ ରଖିଲେ; ପୁଣି, ଯାହାକୁ ତାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା, ସେ ତାହାକୁ ଉନ୍ନତ କଲେ ଓ ଯାହାକୁ ତାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା, ତାହାକୁ ସେ ଅବନତ କଲେ।
لیکن چون دلش مغرور وروحش سخت گردیده، تکبر نمود آنگاه ازکرسی سلطنت خویش به زیر افکنده شد وحشمت او را از او گرفتند. ۲۰ 20
ମାତ୍ର ତାଙ୍କର ଅନ୍ତଃକରଣ ଗର୍ବିତ ହୁଅନ୍ତେ ଓ ତାଙ୍କର ଆତ୍ମା କଠିନ ହୋଇ ସେ ଅହଙ୍କାରପୂର୍ବକ ବ୍ୟବହାର କରନ୍ତେ, ସେ ଆପଣା ରାଜସିଂହାସନରୁ ଚ୍ୟୁତ ହେଲେ ଓ ତାଙ୍କର ଗୌରବ ତାଙ୍କଠାରୁ ଅପହୃତ ହେଲା,
و از میان بنی آدم رانده شده، دلش مثل دل حیوانات گردید ومسکنش با گورخران شده، او را مثل گاوان علف می‌خورانیدند و جسدش از شبنم آسمان ترمی شد تا فهمید که خدای تعالی بر ممالک آدمیان حکمرانی می‌کند و هر‌که را می‌خواهد بر آن نصب می‌نماید. ۲۱ 21
ପୁଣି, ସେ ମନୁଷ୍ୟ-ସନ୍ତାନଗଣ ମଧ୍ୟରୁ ଦୂରୀକୃତ ହେଲେ; ତାଙ୍କର ଅନ୍ତଃକରଣ ପଶୁର ତୁଲ୍ୟ ହେଲା ଓ ବନ୍ୟ ଗର୍ଦ୍ଦଭ ସହିତ ତାଙ୍କର ବସତି ହେଲା; ସେ ବଳଦ ପରି ତୃଣ ଭୋଜନ କଲେ ଓ ତାଙ୍କର ଶରୀର ଆକାଶର କାକରରେ ତିନ୍ତିଲା; ଶେଷରେ ସେ ଜାଣିଲେ ଯେ, ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ପରମେଶ୍ୱର ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ ରାଜ୍ୟରେ କର୍ତ୍ତୃତ୍ୱ କରନ୍ତି ଓ ତହିଁ ଉପରେ ଯାହାକୁ ତାହାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା, ତାହାକୁ ସେ ନିଯୁକ୍ତ କରନ୍ତି।
و تو‌ای پسرش بلشصر! اگرچه این همه را دانستی لکن دل خود را متواضع ننمودی. ۲۲ 22
ଆଉ ହେ ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର, ତାଙ୍କର ପୁତ୍ର ଯେ ଆପଣ, ଆପଣ ଏସବୁ ଜାଣିଲେ ହେଁ ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣ ନମ୍ର କରି ନାହାନ୍ତି;
بلکه خویشتن را به ضد خداوندآسمانها بلند ساختی و ظروف خانه او را به حضور تو آوردند و تو و امرایت و زوجه‌ها ومتعه هایت از آنها شراب نوشیدید و خدایان نقره و طلا و برنج و آهن و چوب و سنگ را که نمی بینند و نمی شنوند و (هیچ ) نمی دانند تسبیح خواندی، اما آن خدایی را که روانت در دست او وتمامی راههایت از او می‌باشد، تمجید ننمودی. ۲۳ 23
ମାତ୍ର ସ୍ୱର୍ଗର ଅଧିପତିଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣାକୁ ଉନ୍ନତ କରିଅଛନ୍ତି ଓ ତାହାଙ୍କ ଗୃହର ନାନା ପାତ୍ର ଆପଣଙ୍କ ସମ୍ମୁଖକୁ ଅଣାଯାʼନ୍ତେ, ଆପଣ ଓ ଆପଣଙ୍କ ଅମାତ୍ୟଗଣ, ଆପଣଙ୍କର ପତ୍ନୀଗଣ ଓ ଆପଣଙ୍କ ଉପପତ୍ନୀଗଣ ସେହି ସବୁ ପାତ୍ରରେ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ପାନ କରିଅଛନ୍ତି; ପୁଣି ରୂପାର, ସୁନାର, ପିତ୍ତଳର, ଲୁହାର, କାଠର ଓ ପଥରର ଯେଉଁ ଦେବଗଣ ଦେଖନ୍ତି ନାହିଁ, କି ଶୁଣନ୍ତି ନାହିଁ, କି ଜାଣନ୍ତି ନାହିଁ, ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରଶଂସା ଆପଣ କରିଅଛନ୍ତି; ପୁଣି, ଆପଣଙ୍କର ନିଃଶ୍ୱାସ ଯାହାଙ୍କର ହସ୍ତଗତ ଓ ଆପଣଙ୍କର ସକଳ ପଥ ଯାହାଙ୍କର ଅଧୀନ, ଆପଣ ସେହି ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଗୌରବ କରି ନାହାନ୍ତି।
پس این کف دست از جانب او فرستاده شد واین نوشته مکتوب گردید. ۲۴ 24
ଏହି ସମୟରେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟରୁ ହସ୍ତର ଅଂଶ ପ୍ରେରିତ ହେଲା, ଆଉ ଏହି ଲେଖା ଲିଖିତ ହେଲା।
و این نوشته‌ای که مکتوب شده است این است: منامنا ثقیل و فرسین. ۲۵ 25
ପୁଣି, ଯାହା ଲିଖିତ ହେଲା, ତାହା ଏହି, ମିନେ ମିନେ, ତକେଲ, ଉପାରସୀନ।
و تفسیر کلام این است: منا؛ خدا سلطنت تو را شمرده و آن را به انتها رسانیده است. ۲۶ 26
ଏହାର ଅର୍ଥ ଏହି ମିନେ, ପରମେଶ୍ୱର ଆପଣଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ଗଣନା କରିଅଛନ୍ତି ଓ ତାହା ଶେଷ କରିଅଛନ୍ତି।
ثقیل؛ درمیزان سنجیده شده و ناقص درآمده‌ای. ۲۷ 27
ତକେଲ, ଆପଣ ନିକ୍ତିରେ ତୌଲା ଯାଇଅଛନ୍ତି ଓ ଊଣା ଦେଖା ଯାଇଅଛନ୍ତି।
فرس؛ سلطنت تو تقسیم گشته و به مادیان و فارسیان بخشیده شده است.» ۲۸ 28
ପୀରସ୍‍, ଆପଣଙ୍କ ରାଜ୍ୟ ବିଭକ୍ତ ହୋଇଅଛି, ଆଉ ମାଦୀୟ ଓ ପାରସିକମାନଙ୍କୁ ଦତ୍ତ ହୋଇଅଛି।”
آنگاه بلشصر امر فرمود تا دانیال را به ارغوان ملبس ساختند و طوق زرین بر گردنش (نهادند) و درباره‌اش ندا کردند که در مملکت حاکم سوم می‌باشد. ۲۹ 29
ସେତେବେଳେ ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର ଆଜ୍ଞା କରନ୍ତେ, ଲୋକମାନେ ଦାନିୟେଲଙ୍କୁ ବାଇଗଣିଆ ରଙ୍ଗର ବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧାଇଲେ ଓ ତାଙ୍କର କଣ୍ଠରେ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ହାର ଦେଲେ ଓ ସେ ଯେ ରାଜ୍ୟର ତୃତୀୟ କର୍ତ୍ତା ହେବେ, ତାଙ୍କ ବିଷୟରେ ଏହା ଘୋଷଣା କଲେ।
در همان شب بلشصرپادشاه کلدانیان کشته شد. ۳۰ 30
ସେହି ରାତ୍ରିରେ କଲ୍‍ଦୀୟମାନଙ୍କର ରାଜା ବେଲ୍‍ଶତ୍ସର ବଧ କରାଗଲା।
و داریوش مادی در حالی که شصت و دوساله بود سلطنت را یافت. ۳۱ 31
ପୁଣି, ମାଦୀୟ ଦାରୀୟାବସ ରାଜ୍ୟ ପ୍ରାପ୍ତ ହେଲା, ସେହି ସମୟରେ ତାହାର ପ୍ରାୟ ବାଷଠି ବର୍ଷ ବୟସ ହୋଇଥିଲା।

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