< اول سموئیل 17 >

و فلسطینیان لشکر خود را برای جنگ جمع نموده، در سوکوه که در یهودیه است، جمع شدند، و در میان سوکوه و عزیقه درافس دمیم اردو زدند. ۱ 1
फिर फ़िलिस्तियों ने जंग के लिए अपनी फ़ौजें जमा' कीं, और यहूदाह के शहर शोको में इकट्ठे हुए और शोक़े और 'अजीक़ा के बीच अफ़सदम्मीम में ख़ैमाज़न हुए।
و شاول و مردان اسرائیل جمع شده، در دره ایلاه اردو زده، به مقابله فلسطینیان صف آرایی کردند. ۲ 2
और साऊल और इस्राईल के लोगों ने जमा' होकर एला की वादी में डेरे डाले और लड़ाई के लिए फ़िलिस्तियों के मुक़ाबिल सफ़ आराई की।
و فلسطینیان برکوه از یک طرف ایستادند، و اسرائیلیان بر کوه به طرف دیگر ایستادند، و دره در میان ایشان بود. ۳ 3
और एक तरफ़ के पहाड़ पर फ़िलिस्ती और दूसरी तरफ़ के पहाड़ पर बनी इस्राईल खड़े हुए और इन दोनों के बीच वादी थी।
و از اردوی فلسطینیان مرد مبارزی مسمی به جلیات که از شهر جت بود بیرون آمد، و قدش شش ذراع و یک وجب بود. ۴ 4
और फ़िलिस्तियों के लश्कर से एक पहलवान निकला जिसका नाम जाती जूलियत था, उसका क़द छ हाथ और एक बालिश्त था।
و بر سر خود، خودبرنجینی داشت و به زره فلسی ملبس بود، و وزن زره‌اش پنج هزار مثقال برنج بود. ۵ 5
और उसके सर पर पीतल का टोपा था, और वह पीतल ही की ज़िरह पहने हुए था जो तोल में पाँच हज़ार पीतल की मिस्क़ाल के बराबर थी।
و بر ساقهایش ساق بندهای برنجین و در میان کتفهایش مزراق برنجین بود. ۶ 6
और उसकी टाँगों पर पीतल के दो साकपोश थे और उसके दोनों शानों के बीच पीतल की बरछी थी।
و چوب نیزه‌اش مثل نوردجولاهگان و سرنیزه‌اش ششصد مثقال آهن بود، و سپردارش پیش او می‌رفت. ۷ 7
और उसके भाले की छड़ ऐसी थी जैसे जुलाहे का शहतीर और उसके नेज़े का फ़ल छ: सौ मिस्क़ाल लोहे का था और एक शख़्स ढाल लिए हुए उसके आगे आगे चलता था।
و او ایستاده، افواج اسرائیل را صدا زد و به ایشان گفت: «چرابیرون آمده، صف آرایی نمودید؟ آیا من فلسطینی نیستم و شما بندگان شاول؟ برای خودشخصی برگزینید تا نزد من درآید. ۸ 8
वह खड़ा हुआ, और इस्राईल के लश्करों को पुकार कर उन से कहने लगा कि तुमने आकर जंग के लिए क्यूँ सफ आराई की? क्या मैं फ़िलिस्ती नहीं और तुम साऊल के ख़ादिम नहीं? इसलिए अपने लिए किसी शख़्स को चुनो जो मेरे पास उतर आए।
اگر او بتواندبا من جنگ کرده، مرا بکشد، ما بندگان شماخواهیم شد، و اگر من بر او غالب آمده، او رابکشم شما بندگان ما شده، ما را بندگی خواهیدنمود.» ۹ 9
अगर वह मुझे से लड़ सके और मुझे क़त्ल कर डाले तो हम तुम्हारे ख़ादिम हो जाएँगे लेकिन अगर मैं उस पर ग़ालिब आऊँ और उसे क़त्ल कर डालूँ तो तुम हमारे ख़ादिम हो जाना और हमारी ख़िदमत करना।
و فلسطینی گفت: «من امروز فوجهای اسرائیل را به ننگ می‌آورم، شخصی به من بدهیدتا با هم جنگ نماییم.» ۱۰ 10
फिर उस फ़िलिस्ती ने कहा कि मैं आज के दिन इस्राईली फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करता हूँ कोई जवान निकालो ताकि हम लड़ें।
و چون شاول و جمیع اسرائیلیان این سخنان فلسطینی را شنیدندهراسان شده، بسیار بترسیدند. ۱۱ 11
जब साऊल और सब इस्राईलियों ने उस फ़िलिस्ती की बातें सुनीं, तो परेशान हुए और बहुत डर गए।
و داود پسر آن مرد افراتی بیت لحم یهودابود که یسا نام داشت، و او را هشت پسر بود، و آن مرد در ایام شاول در میان مردمان پیر و سالخورده بود. ۱۲ 12
और दाऊद बैतल हम यहूदाह के उस इफ़्राती आदमी का बेटा था जिसका नाम यस्सी था, उसके आठ बेटे थे और वह ख़ुद साऊल के ज़माना के लोगों के बीच बुड्ढा और उम्र दराज़ था।
و سه پسر بزرگ یسا روانه شده، در عقب شاول به جنگ رفتند و اسم سه پسرش که به جنگ رفته بودند: نخست زاده‌اش الیاب و دومش ابیناداب و سوم شماه بود. ۱۳ 13
और यस्सी के तीन बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे जंग में गए थे और उसके तीनों बेटों के नाम जो जंग में गए थे यह थे इलियाब जो पहलौठा था, और दूसरा अबीनदाब और तीसरा सम्मा।
و داود کوچکتر بودو آن سه بزرگ در عقب شاول رفته بودند. ۱۴ 14
और दाऊद सबसे छोटा था और तीनों बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे थे।
و داود از نزد شاول آمد و رفت می‌کرد تا گوسفندان پدر خود را در بیت لحم بچراند. ۱۵ 15
और दाऊद बैतलहम में अपने बाप की भेड़ बकरयाँ चराने को साऊल के पास से आया जाया करता था।
و آن فلسطینی صبح و شام می‌آمد و چهل روز خود راظاهر می‌ساخت. ۱۶ 16
और वह फ़िलिस्ती सुबह और शाम नज़दीक आता और चालिस दिन तक निकल कर आता रहा।
و یسا به پسر خود داود گفت: «الان به جهت برادرانت یک ایفه از این غله برشته و این ده قرص نان را بگیر و به اردو نزد برادرانت بشتاب. ۱۷ 17
और यस्सी ने अपने बेटे दाऊद से कहा कि “इस भुने अनाज में से एक ऐफ़ा और यह दस रोटियाँ अपने भाइयों के लिए लेकर इनको जल्द लश्कर गाह, में अपने भाइयों के पास पहुचा दे।
و این ده قطعه پنیر را برای سردار هزاره ایشان ببر و از سلامتی برادرانت بپرس و از ایشان نشانی‌ای بگیر.» ۱۸ 18
और उनके हज़ारी सरदार के पास पनीर की यह दस टिकियाँ लेजा और देख कि तेरे भाइयों का क्या हाल है, और उनकी कुछ निशानी ले आ।”
و شاول و آنها و جمیع مردان اسرائیل دردره ایلاه بودند و با فلسطینیان جنگ می‌کردند. ۱۹ 19
और साऊल और वह भाई और सब इस्राईली जवान एला की वादी में फ़िलिस्तियों से लड़ रहे थे।
پس داود بامدادان برخاسته، گله را به‌دست چوپان واگذاشت و برداشته، چنانکه یسا او را امرفرموده بود برفت، و به سنگر اردو رسید وقتی که لشکر به میدان بیرون رفته، برای جنگ نعره می‌زدند. ۲۰ 20
और दाऊद सुबह को सवेरे उठा, और भेड़ बकरियों को एक रखवाले के पास छोड़ कर यस्सी के हुक्म के मुताबिक़ सब कुछ लेकर रवाना हुआ, और जब वह लश्कर जो लड़ने जा रहा था, जंग के लिए ललकार रहा था, उस वक़्त वह छकड़ों के पड़ाव में पहुँचा।
و اسرائیلیان و فلسطینیان لشکر به مقابل لشکر صف آرایی کردند. ۲۱ 21
और इस्राईलियों और फ़िलिस्तियों ने अपने — अपने लश्कर को आमने सामने करके सफ़ आराई की।
و داود اسبابی را که داشت به‌دست نگاهبان اسباب سپرد و به سوی لشکر دویده، آمد و سلامتی برادران خودرا بپرسید. ۲۲ 22
और दाऊद अपना सामान असबाब के निगहबान के हाथ में छोड़ कर आप लश्कर में दौड़ गया और जाकर अपने भाइयों से ख़ैर — ओ — 'आफ़ियत पूछी।
و چون با ایشان گفتگو می‌کرد اینک آن مرد مبارز فلسطینی جتی که اسمش جلیات بود از لشکر فلسطینیان برآمده، مثل پیش سخن گفت و داود شنید. ۲۳ 23
और वह उनसे बातें करता ही था कि देखो वह पहलवान जात का फ़िलिस्ती जिसका नाम जूलियत था फ़िलिस्ती सफ़ों में से निकला और उसने फिर वैसी ही बातें कहीं और दाऊद ने उनको सुना।
و جمیع مردان اسرائیل چون آن مرد رادیدند، از حضورش فرار کرده، بسیار ترسیدند. ۲۴ 24
और सब इस्राईली जवान उस शख़्स को देख कर उसके सामने से भागे और बहुत डर गए।
و مردان اسرائیل گفتند: «آیا این مرد را که برمی آید، دیدید؟ یقین برای به ننگ‌آوردن اسرائیل برمی آید و هر‌که او را بکشد، پادشاه اورا از مال فراوان دولتمند سازد، و دختر خود را به او دهد، و خانه پدرش را در اسرائیل آزاد خواهدساخت.» ۲۵ 25
तब इस्राईली जवान ऐसा कहने लगे, “तुम इस आदमी को जो निकला है देखते हो? यक़ीनन यह इस्राईल की बे'इज़्ज़ती करने को आया है, इसलिए जो कोई उसको मार डाले उसे बादशाह बड़ी दौलत से माला माल करेगा और अपनी बेटी उसे ब्याह देगा, और उसके बाप के घराने को इस्राईल के बीच आज़ाद कर देगा।”
و داود کسانی را که نزد او ایستاده بودند خطاب کرده، گفت: «به شخصی که این فلسطینی را بکشد و این ننگ را از اسرائیل برداردچه خواهد شد؟ زیرا که این فلسطینی نامختون کیست که لشکرهای خدای حی را به ننگ‌آورد؟» ۲۶ 26
और दाऊद ने उन लोगों से जो उसके पास खड़े थे पूछा कि जो शख़्स इस फ़िलिस्ती को मार कर यह नंग इस्राईल से दूर करे उस से क्या सुलूक किया जाएगा? क्यूँकि यह ना मख्तून फ़िलिस्ती होता कौन है कि वह जिंदा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करे?
و قوم او را به همین سخنان خطاب کرده، گفتند: «به شخصی که او را بکشد، چنین خواهد شد.» ۲۷ 27
और लोगों ने उसे यही जवाब दिया कि उस शख़्स से जो उसे मार डाले यह सुलूक किया जाएगा।
و چون با مردمان سخن می‌گفتند برادربزرگش الیاب شنید و خشم الیاب بر داودافروخته شده، گفت: «برای چه اینجا آمدی و آن گله قلیل را در بیابان نزد که گذاشتی؟ من تکبر وشرارت دل تو را می‌دانم زیرا برای دیدن جنگ آمده‌ای.» ۲۸ 28
और उसके सब से बड़े भाई इलियाब ने उसकी बातों को जो वह लोगों से करता था सुना और इलयाब का ग़ुस्सा दाऊद पर भड़का और वह कहने लगा, “तू यहाँ क्यूँ आया है? और वह थोड़ी सी भेड़ बकरियाँ तूने जंगल में किस के पास छोड़ीं? मैं तेरे घमंड और तेरे दिल की शरारत से वाक़िफ़ हूँ, तु लड़ाई देखने आया है।”
داود گفت: «الان چه کردم آیا سببی نیست؟» ۲۹ 29
दाऊद ने कहा, “मैंने अब क्या किया? क्या बात ही नहीं हो रही है?”
پس از وی به طرف دیگری روگردانیده، به همین طور گفت و مردمان او را مثل پیشتر جواب دادند. ۳۰ 30
और वह उसके पास से फिर कर दूसरे की तरफ़ गया और वैसी ही बातें करने लगा और लोगों ने उसे फिर पहले की तरह जवाब दिया।
و چون سخنانی که داود گفت، مسموع شد، شاول را مخبر ساختند و او وی را طلبید. ۳۱ 31
और जब वह बातें जो दाऊद ने कहीं सुनने में आईं तो उन्होंने साऊल के आगे उनका ज़िक्र किया और उसने उसे बुला भेजा।
و داود به شاول گفت: «دل کسی به‌سبب اونیفتد. بنده ات می‌رود و با این فلسطینی جنگ می‌کند.» ۳۲ 32
और दाऊद ने साऊल से कहा कि उस शख़्स की वजह से किसी का दिल न घबराए, तेरा ख़ादिम जाकर उस फ़िलिस्ती से लड़ेगा।
شاول به داود گفت: «تو نمی توانی به مقابل این فلسطینی بروی تا با وی جنگ نمایی زیرا که تو جوان هستی و او از جوانیش مردجنگی بوده است.» ۳۳ 33
साऊल ने दाऊद से कहा कि तू इस क़ाबिल नहीं कि उस फ़िलिस्ती से लड़ने को उसके सामने जाए; क्यूँकि तू महज़ लड़का है और वह अपने बचपन से जंगी जवान है।
داود به شاول گفت: «بنده ات گله پدر خود را می‌چراند که شیر وخرسی آمده، بره‌ای از گله ربودند. ۳۴ 34
तब दाऊद ने साऊल को जवाब दिया कि तेरा ख़ादिम अपने बाप की भेड़ बकरियाँ चराता था और जब कभी कोई शेर या रीछ आकर झुंड में से कोई बर्रा उठा ले जाता।
و من آن راتعاقب نموده، کشتم و از دهانش رهانیدم و چون به طرف من بلند شد، ریش او را گرفته، او را زدم وکشتم. ۳۵ 35
तो मैं उसके पीछे पीछे जाकर उसे मारता और उसे उसके मुँह से छुड़ाता था और जब वह मुझ पर झपटता तो मैं उसकी दाढ़ी पकड़ कर उसे मारता और हलाक कर देता था।
بنده ات هم شیر و هم خرس را کشت، واین فلسطینی نامختون مثل یکی از آنها خواهدبود، چونکه لشکرهای خدای حی را به تنگ آورده است. ۳۶ 36
तेरे ख़ादिम ने शेर और रीछ दोनों को जान से मारा इसलिए यह नामख़तून फ़िलिस्ती उन में से एक की तरह होगा, इसलिए कि उसने ज़िन्दा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती की है।
و داود گفت: خداوند که مرا از چنگ شیر و از چنگ خرس رهانید، مرا از دست این فلسطینی خواهد رهانید.» و شاول به داودگفت: «برو و خداوند با تو باد.» ۳۷ 37
फिर दाऊद ने कहा, “ख़ुदावन्द ने मुझे शेर और रीछ के पंजे से बचाया, वही मुझको इस फ़िलिस्ती के हाथ से बचाएगा।” साऊल ने दाऊद से कहा, “जा ख़ुदावन्द तेरे साथ रहे।”
و شاول لباس خود را به داود پوشانید وخود برنجینی بر سرش نهاد و زره‌ای به اوپوشانید. ۳۸ 38
तब साऊल ने अपने कपड़े दाऊद को पहनाए, और पीतल का टोप उसके सर पर रख्खा और उसे ज़िरह भी पहनाई।
و داود شمشیرش را بر لباس خودبست و می‌خواست که برود زیرا که آنها رانیازموده بود و داود به شاول گفت: «با اینهانمی توانم رفت چونکه نیازموده‌ام.» پس داود آنهارا از بر خود بیرون آورد. ۳۹ 39
और दाऊद ने उसकी तलवार अपने कपड़ों पर कस ली और चलने की कोशिश की क्यूँकि उसने इनको आजमाया नहीं था, तब दाऊद ने साऊल से कहा, “मैं इनको पहन कर चल नहीं सकता क्यूँकि मैंने इनको आजमाया नहीं है।” इसलिए दाऊद ने उन सबको उतार दिया।
و چوب دستی خودرا به‌دست گرفته، پنج سنگ مالیده، از نهر سواکرد، و آنها را در کیسه شبانی که داشت، یعنی درانبان خود گذاشت و فلاخنش را به‌دست گرفته، به آن فلسطینی نزدیک شد. ۴۰ 40
और उसने अपनी लाठी अपने हाथ में ली, और उस नाला से पाँच चिकने — चिकने पत्थर अपने वास्ते चुन कर उनको चरवाहे के थैले में जो उसके पास था, या'नी झोले में डाल लिया, और उसका गोफ़न उसके हाथ में था फिर वह फ़िलिस्ती के नज़दीक चला।
و آن فلسطینی همی آمد تا به داود نزدیک شد و مردی که سپرش را برمی داشت پیش رویش می‌آمد. ۴۱ 41
और वह फ़िलिस्ती बढ़ा, और दाऊद के नज़दीक़ आया और उसके आगे — आगे उसका सिपर बरदार था।
و فلسطینی نظر افکنده، داودرا دید و او را حقیر شمرد زیرا جوانی خوشرو ونیکومنظر بود. ۴۲ 42
और जब उस फ़िलिस्ती ने इधर उधर निगाह की और दाऊद को देखा तो उसे नाचीज़ जाना क्यूँकि वह महज़ लड़का था, और सुर्ख़रु और नाज़ुक चेहरे का था।
و فلسطینی به داود گفت: «آیامن سگ هستم که با چوب دستی نزد من می‌آیی؟» و فلسطینی داود را به خدایان خود لعنت کرد. ۴۳ 43
तब फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, जो तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” और उस फ़िलिस्ती ने अपने मा'बूदों का नाम लेकर दाऊद पर ला'नत की।
و فلسطینی به داود گفت: «نزد من بیا تا گوشت تو را به مرغان هوا و درندگان صحرا بدهم.» ۴۴ 44
और उस फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “तू मेरे पास आ, और मैं तेरा गोश्त हवाई परिंदों और जंगली जानवरों को दूँगा।”
داود به فلسطینی گفت: «تو با شمشیر و نیزه و مزراق نزد من می‌آیی اما من به اسم یهوه صبایوت، خدای لشکرهای اسرائیل که او را به ننگ‌آورده‌ای نزد تو می‌آیم. ۴۵ 45
और दाऊद ने उस फ़िलिस्ती से कहा कि “तू तलवार भाला और बरछी लिए हुए मेरे पास आता है, लेकिन मैं रब्ब — उल — अफ़वाज के नाम से जो इस्राईल के लश्करों का ख़ुदा है, जिसकी तूने बे'इज़्ज़ती की है तेरे पास आता हूँ।
و خداوند امروزتو را به‌دست من تسلیم خواهد کرد و تو را زده، سر تو را از تنت جدا خواهم کرد، و لاشه های لشکر فلسطینیان را امروز به مرغان هوا و درندگان زمین خواهم داد تا تمامی زمین بدانند که دراسرائیل خدایی هست. ۴۶ 46
और आज ही के दिन ख़ुदावन्द तुझको मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझको मार कर तेरा सर तुझ पर से उतार लूँगा और मैं आज के दिन फ़िलिस्तियों के लश्कर की लाशें हवाई परिंदों और ज़मीन के जंगली जानवरों को दूँगा ताकि दुनिया जान ले कि इस्राईल में एक ख़ुदा है।
و تمامی این جماعت خواهند دانست که خداوند به شمشیر و نیزه خلاصی نمی دهد زیرا که جنگ از آن خداونداست و او شما را به‌دست ما خواهد داد.» ۴۷ 47
और यह सारी जमा'अत जान ले कि ख़ुदावन्द तलवार और भाले के ज़रिए' से नहीं बचाता इसलिए कि जंग तो ख़ुदावन्द की है, और वही तुमको हमारे हाथ में कर देगा।”
و چون فلسطینی برخاسته، پیش آمد و به مقابله داود نزدیک شد، داود شتافته، به مقابله فلسطینی به سوی لشکر دوید. ۴۸ 48
और ऐसा हुआ, कि जब वह फ़िलिस्ती उठा, और बढ़ कर दाऊद के मुक़ाबिला के लिए नज़दीक आया, तो दाऊद ने जल्दी की और लश्कर की तरफ़ उस फ़िलिस्ती से मुक़ाबिला करने को दौड़ा।
و داود دست خود را به کیسه‌اش برد و سنگی از آن گرفته، ازفلاخن انداخت و به پیشانی فلسطینی زد، و سنگ به پیشانی او فرو رفت که بر روی خود بر زمین افتاد. ۴۹ 49
और दाऊद ने अपने थैले में अपना हाथ डाला और उस में से एक पत्थर लिया और गोफ़न में रख कर उस फ़िलिस्ती के माथे पर मारा और वह पत्थर उसके माथे के अंदर घुस गया और वह ज़मीन पर मुँह के बल गिर पड़ा।
پس داود بر فلسطینی با فلاخن و سنگ غالب آمده، فلسطینی را زد و کشت و در دست داود شمشیری نبود. ۵۰ 50
इसलिए दाऊद उस गोफ़न और एक पत्थर से उस फ़िलिस्ती पर ग़ालिब आया और उस फ़िलिस्ती को मारा और क़त्ल किया और दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
و داود دویده، بر آن فلسطینی‌ایستاد، و شمشیر او را گرفته، ازغلافش کشید و او را کشته، سرش را با آن از تنش جدا کرد، و چون فلسطینیان، مبارز خود را کشته دیدند، گریختند. ۵۱ 51
और दाऊद दौड़ कर उस फ़िलिस्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़ कर मियाँन से खींची और उसे क़त्ल किया और उसी से उसका सर काट डाला और फ़िलिस्तियों ने जो देखा कि उनका पहलवान मारा गया तो वह भागे।
و مردان اسرائیل و یهودابرخاستند و نعره زده، فلسطینیان را تا جت و تادروازه های عقرون تعاقب نمودند و مجروحان فلسطینیان به راه شعریم تا به جت و عقرون افتادند. ۵۲ 52
और इस्राईल और यहूदाह के लोग उठे और ललकार कर फ़िलिस्तियों को गई और 'अक़रून के फाटकों तक दौड़ाया और फ़िलिस्तियों में से जो ज़ख़्मी हुए थे वह शा'रीम के रास्ते में और जात और 'अक्रू़न तक गिरते गए।
و بنی‌اسرائیل از تعاقب نمودن فلسطینیان برگشتند و اردوی ایشان را غارت نمودند. ۵۳ 53
तब बनी इस्राईल फ़िलिस्तियों के पीछे से उलटे फिरे और उनके ख़ेमों को लूटा।
و داود سر فلسطینی را گرفته، به اورشلیم آورد اما اسلحه او را در خیمه خودگذاشت. ۵۴ 54
और दाऊद उस फ़िलिस्ती का सर लेकर उसे येरूशलेम में लाया और उसके हथियारों को उसने अपने डेरे में रख दिया।
و چون شاول داود را دید که به مقابله فلسطینی بیرون می‌رود، به‌سردار لشکرش ابنیرگفت: «ای ابنیر، این جوان پسر کیست؟» ابنیر گفت: «ای پادشاه به‌جان تو قسم که نمی دانم.» ۵۵ 55
जब साऊल ने दाऊद को उस फ़िलिस्ती का मुक़ाबिला करने के लिए जाते देखा तो उसने लश्कर के सरदार अबनेर से पूछा अबनेर यह लड़का किसका बेटा है? अबनेर ने कहा, ऐ बादशाह तेरी जान की क़सम में नहीं जानता।
پادشاه گفت: «بپرس که این جوان پسر کیست.» ۵۶ 56
तब बादशाह ने कहा, तू मा'लूम कर कि यह नौजवान किस का बेटा है।
و چون داود از کشتن فلسطینی برگشت، ابنیراو را گرفته، به حضور شاول آورد، و سر آن فلسطینی در دستش بود. ۵۷ 57
और जब दाऊद उस फ़िलिस्ती को क़त्ल कर के फ़िरा तो अबनेर उसे लेकर साऊल के पास लाया और फ़िलिस्ती का सर उसके हाथ में था।
و شاول وی را گفت: «ای جوان تو پسر کیستی؟» داود گفت: «پسربنده ات، یسای بیت لحمی، هستم.» ۵۸ 58
तब साऊल ने उससे कहा, “ऐ जवान तू किसका बेटा है?” दाऊद ने जवाब दिया, “मैं तेरे ख़ादिम बैतलहमी यस्सी का बेटा हूँ।”

< اول سموئیل 17 >