< اول سموئیل 16 >
و خداوند به سموئیل گفت: «تا به کی توبرای شاول ماتم میگیری چونکه من اورا از سلطنت نمودن بر اسرائیل رد نمودم. پس حقه خود را از روغن پر کرده، بیا تا تو را نزد یسای بیت لحمی بفرستم، زیرا که از پسرانش پادشاهی برای خود تعیین نمودهام.» | ۱ 1 |
याहवेह ने शमुएल से कहा, “बहुत हुआ! शाऊल के लिए और कितना रोते रहोगे? मैं उसे इस्राएल के राजा के रूप में अयोग्य ठहरा चुका हूं. अपनी तेल के सींग में तेल भरकर निकलो. मैं तुम्हें बेथलेहेम के यिशै के यहां भेज रहा हूं, उसके पुत्रों में से एक को मैं अपने लिए राजा चुन चुका हूं.”
سموئیل گفت: «چگونه بروم. اگر شاول بشنود مرا خواهدکشت.» خداوند گفت: «گوسالهای همراه خود ببرو بگو که به جهت گذرانیدن قربانی برای خداوندآمدهام. | ۲ 2 |
शमुएल ने उन्हें उत्तर दिया, “यह कैसे संभव है? शाऊल इसके विषय में सुनेगा तो मेरी हत्या कर देगा.” तब याहवेह ने आदेश दिया, “एक बछड़ा अपने साथ ले जाओ, और यह घोषणा करना, मैं याहवेह के लिए बलि चढ़ाने आया हूं.
و یسا را به قربانی دعوت نما، و من تو رااعلام مینمایم که چه باید بکنی، و کسی را که به تو امر نمایم برای من مسح نما.» | ۳ 3 |
तब इस बलि अर्पण के मौके पर यिशै को आमंत्रित करना. मैं तुम्हें बताऊंगा कि तुम्हें क्या करना होगा. मेरी ओर से तुम्हें उसका अभिषेक करना होगा, जिसे मैं तुम्हारे लिए संकेत करूंगा.”
و سموئیل آنچه را که خداوند به او گفته بود بجا آورده، به بیت لحم آمد، و مشایخ شهر لرزان شده، به استقبال او آمدند، و گفتند: «آیا با سلامتی میآیی؟» | ۴ 4 |
शमुएल ने याहवेह के आदेश के अनुसार किया. जब वह बेथलेहेम पहुंचे, उनसे भेंटकरने आए नगर के पुरनिये भयभीत हो कांप रहे थे. उन्होंने उनसे पूछा, “क्या सब कुछ सकुशल है?”
گفت: «با سلامتی به جهت قربانی گذرانیدن برای خداوند آمدهام، پس خود را تقدیس نموده، همراه من به قربانی بیایید.» و اویسا و پسرانش را تقدیس نموده، ایشان را به قربانی دعوت نمود. | ۵ 5 |
शमुएल ने उत्तर दिया, “हां, सब कुशल है. मैं यहां याहवेह के लिए बलि अर्पित करने आया हूं. स्वयं को शुद्ध करके बलि अर्पण के लिए मेरे साथ चलो.” तब उन्होंने यिशै और उनके पुत्रों को शुद्ध करके उन्हें बलि अर्पण के लिए आमंत्रित किया.
و واقع شد که چون آمدند بر الیاب نظرانداخته، گفت: «یقین مسیح خداوند به حضوروی است.» | ۶ 6 |
जब वे सब एकत्र हुए, शमुएल का ध्यान एलियाब की ओर गया ओर उन्होंने अपने मन में विचार किया, “निःसंदेह, यहां याहवेह के सामने उनका अभिषिक्त खड़ा हुआ है.”
اما خداوند به سموئیل گفت: «به چهرهاش و بلندی قامتش نظر منما زیرا او را ردکردهام، چونکه خداوند مثل انسان نمی نگرد، زیرا که انسان به ظاهر مینگرد و خداوند به دل مینگرد.» | ۷ 7 |
मगर याहवेह ने शमुएल से कहा, “न तो उसके रूप में और न उसके डीलडौल से प्रभावित हो जाओ, क्योंकि मैंने उसे अयोग्य ठहरा दिया है. क्योंकि याहवेह का आंकलन वैसा नहीं होता, जैसा मनुष्य का होता है: मनुष्य बाहरी रूप को देखकर आंकलन करता है, मगर याहवेह हृदय को देखते हैं.”
و یسا ابیناداب را خوانده، او را ازحضور سموئیل گذرانید، و او گفت: «خداوند این را نیز برنگزیده است.» | ۸ 8 |
इसके बाद यिशै ने अबीनादाब को बुलाया कि वह शमुएल के सामने प्रस्तुत किया जाए, मगर शमुएल ने उन्हें बताया, “याहवेह ने इसे भी नहीं चुना है.”
و یسا شماه را گذرانید واو گفت: «خداوند این را نیز برنگزیده است.» | ۹ 9 |
तब यिशै ने शम्माह को प्रस्तुत किया, मगर शमुएल ने कहा, “याहवेह ने इसे भी नहीं चुना है.”
ویسا هفت پسر خود را از حضور سموئیل گذرانیدو سموئیل به یسا گفت: «خداوند اینها رابرنگزیده است.» | ۱۰ 10 |
यिशै ने अपने सातों पुत्र शमुएल के सामने प्रस्तुत किए, मगर शमुएल यिशै से कहा, “याहवेह ने इनमें से किसी को भी नहीं चुना है.”
و سموئیل به یسا گفت: «آیا پسرانت تمام شدند.» گفت: «کوچکتر هنوز باقی است و اینک او گله را میچراند.» و سموئیل به یسا گفت: «بفرست و او را بیاور، زیرا که تا او به اینجا نیایدنخواهیم نشست.» | ۱۱ 11 |
इस पर शमुएल ने यिशै से प्रश्न किया, “क्या तुम्हारे इतने ही पुत्र हैं?” “नहीं, सबसे छोटा भी है, मगर वह भेड़ों को चरा रहा है.” यिशै ने उत्तर दिया. “उसे तुरंत बुलवा लो; उसके यहां आने तक हम आगे का कोई काम न कर सकेंगे.” शमुएल ने कहा.
پس فرستاده، او را آورد، واو سرخ رو و نیکوچشم و خوش منظر بود. وخداوند گفت: «برخاسته، او را مسح کن زیرا که همین است.» | ۱۲ 12 |
तब यिशै ने उसे बुलवाया. उसकी त्वचा गुलाबी, आंखें सुंदर तथा रूप सुडौल था. याहवेह ने शमुएल को आदेश दिया, “उठो! उसका अभिषेक करो; क्योंकि यही है मेरा चुना हुआ.”
پس سموئیل حقه روغن راگرفته، او را در میان برادرانش مسح نمود، و از آن روز به بعد روح خداوند بر داود مستولی شد، وسموئیل برخاسته، به رامه رفت. | ۱۳ 13 |
तब शमुएल ने सब भाइयों की उपस्थिति में सींग में लाए गए तेल से दावीद का अभिषेक किया. उस क्षण से दावीद पर याहवेह का आत्मा वेग तथा बल के साथ उतरने लगे. इसके बाद शमुएल रामाह नगर लौटे.
و روح خداوند از شاول دور شد، و روح بداز جانب خداوند او را مضطرب میساخت. | ۱۴ 14 |
अब तक याहवेह का आत्मा शाऊल से दूर हो चुके थे, तथा अब याहवेह की ओर से ठहराया हुआ एक दुष्ट आत्मा उन्हें घबराने लगी.
وبندگان شاول وی را گفتند: «اینک روح بد از جانب خدا تو را مضطرب میسازد. | ۱۵ 15 |
शाऊल के सेवकों ने उन्हें सूचित किया, “आपके इस कष्ट का कारण है, परमेश्वर द्वारा नियुक्त एक बुरी आत्मा.
پس آقای ما بندگان خود را که به حضورت هستند امرفرماید تا کسی را که بر بربط نواختن ماهر باشدبجویند، و چون روح بد از جانب خدا بر تو بیایدبهدست خود بنوازد، و تو را نیکو خواهد شد.» | ۱۶ 16 |
हमारे स्वामी अपने इन सेवकों को आदेश दें कि किसी अच्छे वाद्यवादक की खोज की जाए, कि जब-जब परमेश्वर द्वारा नियुक्त दुष्ट आत्मा आप पर आए, वह अपने वाद्य वादन द्वारा आप में सुख-शांति भर दे.”
و شاول به بندگان خود گفت: «الان کسی را که به نواختن ماهر باشد برای من پیدا کرده، نزد من بیاورید.» | ۱۷ 17 |
तब शाऊल ने उन्हें आदेश दिया, “जाओ! किसी अच्छे वाद्यवादक की खोज करो और उसे मेरे पास ले आओ.”
و یکی از خادمانش در جواب وی گفت: «اینک پسر یسای بیت لحمی را دیدم که به نواختن ماهر و صاحب شجاعت و مرد جنگ آزموده و فصیح زبان و شخص نیکو صورت است و خداوند با وی میباشد.» | ۱۸ 18 |
उनमें से एक सेवक ने उन्हें सूचित किया, “मैंने बेथलेहेम के यिशै के एक पुत्र को देखा है. वह तन्तु वाद्यवादक है. उसके अलावा वह एक शूर योद्धा है, बातें करने में बुद्धिमान है, रूपवान है तथा याहवेह उसके साथ हैं.”
پس شاول قاصدان نزد یسا فرستاده، گفت: «پسرت داود را که با گوسفندان است، نزد من بفرست.» | ۱۹ 19 |
तब शाऊल ने यिशै के पास इस संदेश के साथ दूत भेज दिए, “अपने पुत्र दावीद को, जो इस समय भेड़ों की रखवाली कर रहा है, मेरे पास भेज दो.”
آنگاه یسا یک بار الاغ از نان و یک مشگ شراب و یک بزغاله گرفته، بهدست پسرخود داود نزد شاول فرستاد. | ۲۰ 20 |
इस पर यिशै ने अपने पुत्र दावीद के साथ एक गधे पर रोटियां, द्राक्षारस की छागल तथा एक छोटा मेमना शाऊल के लिए भेज दिया.
و داود نزد شاول آمده، به حضور وی ایستاد و او وی را بسیاردوست داشت و سلاحدار او شد. | ۲۱ 21 |
शाऊल की उपस्थिति में पहुंचकर दावीद शाऊल की सेवा करने लगे. दावीद शाऊल के बहुत ही प्रिय पात्र थे, तब शाऊल ने उन्हें अपना शस्त्रवाहक बना लिया.
و شاول نزدیسا فرستاده، گفت: «داود نزد من بماند زیرا که به نظرم پسند آمد.» | ۲۲ 22 |
शाऊल ने यिशै को यह संदेश भेज दिया, “दावीद को मेरी सेवा में रहने दीजिए क्योंकि मैं उससे बहुत प्रसन्न हूं.”
و واقع میشد هنگامی که روح بد از جانب خدا بر شاول میآمد که داودبربط گرفته، بهدست خود مینواخت، و شاول راراحت و صحت حاصل میشد و روح بد از اومی رفت. | ۲۳ 23 |
जब कभी परमेश्वर द्वारा भेजी दुष्ट आत्मा शाऊल पर प्रभावी होती थी, दावीद अपना वाद्य यंत्र लेकर वादन करने लगते थे. इससे उन्हें शांति प्राप्त हो जाती थी; यह उनके लिए सुखद होता था, तथा बुरी आत्मा उन्हें छोड़कर चली जाती थी.