< लूक 2 >

1 त्या दिवसात कैसर आगुस्तची आज्ञा झाली की, सर्व जगाची नावनोंदणी लिहिली जावी.
ସେ ସମୟରେ ସମସ୍ତ ସାମ୍ରାଜ୍ୟବାସୀଙ୍କ ନାମ ଲେଖାଯିବା ନିମନ୍ତେ କାଇସର ଅଗଷ୍ଟଙ୍କଠାରୁ ଆଜ୍ଞା ଘୋଷଣା କରାଗଲା।
2 ही पहिली नावनोंदणी होती जेव्हा क्वीरीनिय हा सिरीया प्रांताचा राज्यपाल होता.
ସିରିୟା ପ୍ରଦେଶର ଶାସନକର୍ତ୍ତା କ୍ୱିରୀଣୀୟଙ୍କ ସମୟରେ ପ୍ରଥମ ଥର ଏହି ଜନଗଣନା ହୋଇଥିଲା।
3 प्रत्येकजण नावनोंदणी करण्यासाठी आपापल्या गांवी गेले.
ସେଥିନିମନ୍ତେ ସମସ୍ତେ ନାମ ଲେଖାଇବା ପାଇଁ ଆପଣା ଆପଣା ନଗରକୁ ଯାଉଥିଲେ।
4 मग योसेफसुद्धा गालील प्रांतातील नासरेथ गांवाहून यहूदीया प्रांतातील दाविदाच्या बेथलेहेम या गावी गेला कारण तो दाविदाच्या घराण्यातील व कुळातील होता.
ପୁଣି, ଯୋଷେଫ ମଧ୍ୟ ନାମ ଲେଖାଇବା ନିମନ୍ତେ ମରୀୟମଙ୍କ ସହିତ ଗାଲିଲୀର ନାଜରିତ ନଗରରୁ ଯିହୂଦିୟା ପ୍ରଦେଶର ବେଥଲିହିମ ନାମକ ଦାଉଦଙ୍କ ନଗରକୁ ଗଲେ, କାରଣ ସେ ଦାଉଦଙ୍କ ବଂଶ ଓ ଗୋଷ୍ଠୀର ଲୋକ ଥିଲେ;
5 व नावनिशी लिहून देण्यासाठी, जिच्याशी त्याची मागणी झालेली होती त्या गरोदर मरीयेला त्याने बरोबर नेले.
ତାହାଙ୍କ ସହିତ ମରୀୟମଙ୍କ ବିବାହ ନିର୍ବନ୍ଧ ହୋଇଥିଲା ଓ ସେ ଗର୍ଭବତୀ ଥିଲେ।
6 आणि असे झाले, ते तेथे असताच तिचे प्रसूतीचे दिवस पूर्ण होऊन,
ସେମାନେ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଥିବା ସମୟରେ ତାହାଙ୍କ ପ୍ରସବ କାଳ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା,
7 तिने तिच्या पहिल्या मुलाला जन्म दिला आणि तिने त्यास कापडात गुंडाळले व गव्हाणींत ठेवले कारण धर्मशाळेत उतरण्यासाठी त्यांना जागा मिळाली नाही.
ପୁଣି, ସେ ଆପଣା ପ୍ରଥମଜାତ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କଲେ ଏବଂ ତାହାଙ୍କୁ ଲୁଗାରେ ଗୁଡ଼ାଇ ଗୁହାଳକୁଣ୍ଡରେ ଶୁଆଇଲେ, କାରଣ ବସାଘରେ ସେମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସ୍ଥାନ ନ ଥିଲା।
8 त्याच भागांत, मेंढपाळ रात्रीच्या वेळी रानात राहून आपले कळप राखीत होते.
ସେହି ଅଞ୍ଚଳରେ କେତେକ ମେଷପାଳକ ପଦାରେ ରହି ରାତ୍ରିରେ ସେମାନଙ୍କ ମେଷପଲ ଜଗୁଥିଲେ।
9 अचानक, देवाचा एक दूत त्यांच्यासमोर प्रकट झाला व प्रभूचे तेज त्यांच्याभोवती पसरले आणि ते खूप भ्याले.
ପ୍ରଭୁଙ୍କର ଜଣେ ଦୂତ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ପୁଣି, ପ୍ରଭୁଙ୍କର ଗୌରବର ଆଲୋକ ସେମାନଙ୍କ ଚାରିଅାଡ଼େ ପ୍ରକାଶିତ ହେଲା, ଆଉ ସେମାନେ ଅତିଶୟ ଭୟଗ୍ରସ୍ତ ହେଲେ।
10 १० देवदूत त्यांना म्हणाला भिऊ नका; जो मोठा आनंद सर्व लोकांस होणार आहे त्याची सुवार्ता मी तुम्हास सांगतो.
ସେଥିରେ ଦୂତ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, ଭୟ କର ନାହିଁ; ଦେଖ, ମୁଁ ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କର ଅତ୍ୟନ୍ତ ଆନନ୍ଦଜନକ ସୁସମାଚାର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଜଣାଉଅଛି,
11 ११ दावीदाच्या नगरात आज तुमच्यासाठी तारणारा जन्मला आहे! तो ख्रिस्त प्रभू आहे.
କାରଣ ଆଜି ଦାଉଦଙ୍କ ନଗରରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ତ୍ରାଣକର୍ତ୍ତା ଜନ୍ମଗ୍ରହଣ କରିଅଛନ୍ତି, ସେ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ ପ୍ରଭୁ।
12 १२ तुमच्यासाठी ही खूण असेल की, बालक बाळंत्याने गुंडाळून गव्हाणीत निजवलेले तुम्हास आढळेल.
ଆଉ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଏହା ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ ହେବ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜଣେ ଶିଶୁଙ୍କୁ ଲୁଗାରେ ଗୁଡ଼ା ହୋଇ ଗୁହାଳକୁଣ୍ଡରେ ଶୋଇଥିବାର ଦେଖିବ।
13 १३ मग एकाएकी आकाशातल्या सैन्यांचा समुदाय त्या देवदूताजवळ आला आणि देवदूत देवाची स्तुती करत म्हणाले,
ପୁଣି, ହଠାତ୍‍ ସେହି ଦୂତଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ସ୍ୱର୍ଗୀୟ ବାହିନୀର ଗୋଟିଏ ବୃହତ ଦଳ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରଶଂସା କରୁ କରୁ କହିଲେ,
14 १४ “परम उंचामध्ये देवाला गौरव आणि पृथ्वीवर ज्या मनुष्यांसंबंधी तो संतुष्ट आहे त्यांच्यामध्ये शांती.”
“ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱଲୋକରେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ମହିମା, ପୁଣି, ପୃଥିବୀରେ ତାହାଙ୍କ ସନ୍ତୋଷପାତ୍ର ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଶାନ୍ତି।”
15 १५ मग असे झाले की देवदूत त्यांच्यापासून स्वर्गास गेले, तेव्हा मेंढपाळ एकमेकांना म्हणाले, चला, आपण बेथलेहेमापर्यंत जाऊ आणि घडलेली ही जी गोष्ट परमेश्वराने आम्हास कळवली ती बघू या.
ଦୂତମାନେ ସେମାନଙ୍କଠାରୁ ସ୍ୱର୍ଗକୁ ଫେରିଗଲା ପରେ ମେଷପାଳକମାନେ ପରସ୍ପର କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ବେଥଲିହିମ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯାଇ, ପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଏହି ଯେଉଁ ଘଟଣା ଜଣାଇଲେ, ତାହା ଦେଖିବା।
16 १६ तेव्हा ते घाईघाईने गेले आणि त्यांना मरीया, योसेफ व गव्हाणीत ठेवलेले बाळ ही त्यांना दिसले.
ଏଥିରେ ସେମାନେ ଶୀଘ୍ର ଯାଇ, ଅନ୍ୱେଷଣ କରି, ମରୀୟମ ଓ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ, ପୁଣି, ଗୁହାଳକୁଣ୍ଡରେ ଶିଶୁଙ୍କୁ ଶୋଇଥିବା ଦେଖିଲେ।
17 १७ जेव्हा मेंढपाळांनी त्यास पाहिले तेव्हा त्या बाळाविषयी जे सांगितले होते ते त्यांनी सर्वांना जाहीर केले.
ସେମାନେ ଏହା ଦେଖି ସେହି ଶିଶୁଙ୍କ ବିଷୟରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ କଥା କୁହାଯାଇଥିଲା, ତାହା ପ୍ରକାଶ କଲେ,
18 १८ मग ऐकणारे सर्व जन त्या मेंढपाळांनी सांगितलेल्या गोष्टीवरून आश्चर्यचकित झाले.
ପୁଣି, ଯେତେ ଲୋକ ମେଷପାଳକମାନଙ୍କ ଠାରୁ ସେହିସବୁ କଥା ଶୁଣିଲେ, ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ସେହି କଥାରେ ଚମତ୍କୃତ ହେଲେ।
19 १९ परंतु मरीयेने या सर्व गोष्टींचे मनन करून त्या आपल्या अंतःकरणात ठेवल्या.
କିନ୍ତୁ ମରୀୟମ ଏହି ସମସ୍ତ କଥା ହୃଦୟରେ ରଖି ଭାବିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
20 २० नंतर ते मेंढपाळ त्यांना सांगण्यात आले होते त्याप्रमाणे त्या सर्व गोष्टी ऐकून व पाहून देवाचे गौरव व स्तुती करीत माघारी गेले.
ଆଉ, ମେଷପାଳକମାନଙ୍କୁ ଯେପରି କୁହାଯାଇଥିଲା, ସେହିପରି ସେମାନେ ଯାହା ଯାହା ଶୁଣିଲେ ଓ ଦେଖିଲେ, ସେ ସମସ୍ତ ସକାଶେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଗୌରବ ଓ ପ୍ରଶଂସା କରୁ କରୁ ଫେରିଗଲେ।
21 २१ आठवा दिवस म्हणजे सुंतेचा दिवस आल्यावर त्याचे नाव येशू ठेवण्यात आले. हे नाव तो उदरात संभवण्यापूर्वीच देवदूताने ठेवले होते.
ତାହାଙ୍କୁ ସୁନ୍ନତ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆଠ ଦିନ ହେବାରୁ, ତାହାଙ୍କର ନାମ ଯୀଶୁ ଦିଆଗଲା; ଏହି ନାମ ତାହାଙ୍କ ଗର୍ଭାସ୍ଥ ହେବା ପୂର୍ବରୁ ଦୂତଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଦିଆଯାଇଥିଲା।
22 २२ पुढे मोशेच्या नियमशास्त्राप्रमाणे त्यांचे शुद्धीकरणाचे दिवस भरल्यावर ते त्यास वर यरूशलेम शहरास घेऊन आले; ते अशासाठी की, त्याचे प्रभूला समर्पण करावे.
ପରେ ଯେତେବେଳେ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥା ଅନୁସାରେ ମରୀୟମଙ୍କ ଶୁଚି ହେବା ସମୟ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଲା,
23 २३ म्हणजे प्रत्येक प्रथम जन्मलेला नर प्रभूसाठी पवित्र म्हटला जावा असे जे प्रभूच्या नियमशास्त्रात लिहिले आहे त्याप्रमाणे करावे.
ସେତେବେଳେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ପ୍ରଥମଜାତ ପୁତ୍ରସନ୍ତାନ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ପବିତ୍ର ବୋଲି ଗଣିତ ହେବେ,
24 २४ आणि प्रभूच्या नियमशास्त्रात सांगितल्याप्रमाणे होल्यांचा जोडा किंवा कबुतरांची दोन पिल्ले यांचा यज्ञ अर्पावा म्हणून त्यांनी त्यास तेथे आणले.
ପ୍ରଭୁଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାରେ ଲିଖିତ ଏହି ଆଜ୍ଞାନୁସାରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଓ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାରେ ଲେଖାଯାଇଥିବା ଅନୁସାରେ ଦୁଇଟି ଘୁଘୁ ବା ଦୁଇଟି କାପ୍ତାଛୁଆ ବଳିଦାନ କରିବା ସକାଶେ ତାହାଙ୍କୁ ଯିରୂଶାଲମ ସହରକୁ ନେଇଗଲେ।
25 २५ तेव्हा पाहा, यरूशलेम त शिमोन नावाचा कोणीएक मनुष्य होता. तो मनुष्य नीतिमान व भक्तिमान होता. तो इस्राएलाच्या सांत्वनाची वाट पाहत होता आणि पवित्र आत्मा त्याच्यावर होता.
ଆଉ ଦେଖ, ଯିରୂଶାଲମ ସହରରେ ଶିମିୟୋନ ନାମକ ଜଣେ ଧାର୍ମିକ ଓ ଭକ୍ତ ବ୍ୟକ୍ତି ଥିଲେ; ସେ ଇସ୍ରାଏଲର ସାନ୍ତ୍ୱନା ଅପେକ୍ଷା କରୁଥିଲେ, ପୁଣି, ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ତାହାଙ୍କଠାରେ ଅଧିଷ୍ଠାନ କରିଥିଲେ।
26 २६ आणि प्रभूच्या ख्रिस्ताला पाहिल्याशिवाय तू मरणार नाही असे पवित्र आत्म्याने त्यास प्रकट केले होते.
ପ୍ରଭୁ ଖ୍ରୀଷ୍ଟଙ୍କର ଦର୍ଶନ ନ ପାଇଲେ ତାହାଙ୍କର ଯେ ମୃତ୍ୟୁ ହେବ ନାହିଁ, ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ତାହାଙ୍କୁ ଏହି ପ୍ରତ୍ୟାଦେଶ ଦିଆଯାଇଥିଲା।
27 २७ आणि तो आत्म्यांत असता परमेश्वराच्या भवनात आला आणि जेव्हा आईवडीलांनी येशू बाळाला, त्याच्याविषयी नियमशास्त्राच्या रीतीप्रमाणे करण्याकरीता, आत आणले,
ସେ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଚାଳିତ ହୋଇ ମନ୍ଦିରକୁ ଆସିଲେ, ପୁଣି, ଶିଶୁ ଯୀଶୁଙ୍କ ପିତାମାତା ଯେତେବେଳେ ତାହାଙ୍କ ବିଷୟରେ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାର ନିୟମ ଅନୁଯାୟୀ କର୍ମ କରିବା ନିମନ୍ତେ ତାହାଙ୍କୁ ଭିତରକୁ ଆଣିଲେ,
28 २८ तेव्हा शिमोनाने येशूला आपल्या हातात घेतले आणि त्याने देवाचा धन्यवाद केला आणि म्हटले,
ସେତେବେଳେ ସେ ତାହାଙ୍କୁ କୋଳରେ ଘେନି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରଶଂସା କରି କହିଲେ,
29 २९ “हे प्रभू, आता तू आपल्या वचनाप्रमाणे आपल्या दासास शांतीने जाऊ देत आहेस.
“ହେ ପ୍ରଭୁ, ଏବେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ବାକ୍ୟ ଅନୁସାରେ ନିଜ ଦାସକୁ ଶାନ୍ତିରେ ଯିବାକୁ ଦେଉଅଛ;
30 ३० कारण माझ्या डोळ्यांनी तुझे तारण पाहिले आहे,
କାରଣ ମୋହର ଚକ୍ଷୁ ତୁମ୍ଭର ପରିତ୍ରାଣ ଦେଖିଅଛି,
31 ३१ ते तू सर्व राष्ट्रांतील लोकांच्या समक्ष तयार केले.
ଯାହା ତୁମ୍ଭେ ସମସ୍ତ ଲୋକମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି,
32 ३२ ते परराष्ट्रीयांस प्रगटीकरण होण्यासाठी उजेड व तुझ्या इस्राएल लोकांचे वैभव असे आहे.”
ଅଣଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ସତ୍ୟ ପ୍ରକାଶକ ଆଲୋକ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ଗୌରବସ୍ୱରୂପ କରିଅଛ।”
33 ३३ त्याच्याविषयी सांगितलेल्या गोष्टींमुळे त्याचे आईवडील आश्चर्यचकित झाले.
ତାହାଙ୍କ ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ କୁହାଯାଇଥିବା ସମସ୍ତ ବିଷୟରେ ତାହାଙ୍କ ପିତାମାତା ଚମତ୍କୃତ ହେଉଥିଲେ।
34 ३४ आणि शिमोनाने त्यांना आशीर्वाद दिला व त्याची आई मरीया हिला म्हटले, पाहा, इस्राएलातील अनेकांचे पडणे व पुन्हा उठणे यासाठी आणि ज्याविरूद्ध बोलतील अशा चिन्हासाठी ठेवलेला आहे.
ଆଉ, ଶିମିୟୋନ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି ତାହାଙ୍କ ମାତା ମରୀୟମଙ୍କୁ କହିଲେ, ଦେଖ, ଯେପରି ଅନେକଙ୍କ ହୃଦୟର ଭାବନା ପ୍ରକାଶିତ ହୁଏ,
35 ३५ यासाठी की, पुष्कळ लोकांच्या अंतःकरणातील विचार उघडकीस यावे आणि तुझ्या स्वतःच्याही जिवांतून तलवार भोसकून जाईल.
ସେଥିପାଇଁ ଏହି ଶିଶୁ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକଙ୍କ ପତନ ଓ ଉତ୍‌‌ଥାନ ନିମନ୍ତେ ଏବଂ ଯାହା ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କୁହାଯିବ, ଏପରି ଚିହ୍ନ ହେବା ନିମନ୍ତେ ନିରୂପିତ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ନିଜ ପ୍ରାଣକୁ ମଧ୍ୟ ଖଡ୍ଗ ବିଦ୍ଧ କରିବ।
36 ३६ तेथे हन्ना नावाची एक संदेष्टी राहत होती. ती आशेर वंशातील फनूएलाची मुलगी असून ती फार वृद्ध झाली होती. ती लग्नानंतर आपल्या पतीसमवेत सात वर्षे राहिली.
ଆଉ ହାନ୍ନା ନାମ୍ନୀ ଜଣେ ଭାବବାଦିନୀ ଥିଲେ; ସେ ଆଶେର ବଂଶଜ ଫିନୂୟେଲଙ୍କ କନ୍ୟା। ତାହାଙ୍କର ଅନେକ ବୟସ ହୋଇଥିଲା; ସେ କୁମାରୀ ଅବସ୍ଥା ପରେ ସାତ ବର୍ଷ ସ୍ୱାମୀଙ୍କ ସହିତ ବାସ କରିଥିଲେ ଓ ଚଊରାଅଶୀ ବର୍ଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବିଧବା ହୋଇ ରହିଥିଲେ।
37 ३७ ती चौऱ्याऐंशी वर्षांची विधवा होती व परमेश्वराचे भवन सोडून न जाता उपवास व प्रार्थना करून ती रात्रंदिवस निरंतर उपासना करीत असे.
ସେ ମନ୍ଦିର ନ ଛାଡ଼ି ଉପବାସ ଓ ନିବେଦନ ସହ ଦିନରାତି ଉପାସନା କରୁଥିଲେ।
38 ३८ तिने त्याचवेळी जवळ येऊन देवाचे आभार मानले. जे यरूशलेमेच्या सुटकेविषयी वाट पाहत होते त्या सर्वांना तिने त्याच्याविषयी सांगितले.
ସେହି ଦଣ୍ଡରେ ସେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରଶଂସା କରୁ କରୁ ଯିରୂଶାଲମ ସହରର ମୁକ୍ତି ଅପେକ୍ଷାରେ ଥିବା ସମସ୍ତଙ୍କୁ ତାହାଙ୍କ ବିଷୟ କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
39 ३९ जेव्हा त्यांनी प्रभूच्या नियमशास्त्राप्रमाणे सर्वकाही पूर्ण केल्यावर, ते गालील प्रांतातील आपले गाव नासरेथ येथे परत गेले.
ପରେ ସେମାନେ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାନୁଯାୟୀ ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ସମାପ୍ତ କରି ଗାଲିଲୀକୁ, ନିଜ ନଗର ନାଜରିତକୁ ଫେରିଗଲେ।
40 ४० बालक मोठा होत गेला आणि बलवान झाला व ज्ञानातही वाढत गेला आणि देवाची कृपा त्याच्यावर होती.
ଆଉ, ଶିଶୁ ବୃଦ୍ଧି ପାଇବାକୁ ଲାଗିଲେ ଓ ଜ୍ଞାନରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଉ ହେଉ ଶକ୍ତିମାନ ହେଲେ, ପୁଣି, ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଅନୁଗ୍ରହ ତାହାଙ୍କ ଉପରେ ଥିଲା।
41 ४१ प्रत्येक वर्षी त्याचे आईवडील वल्हांडण सणासाठी यरूशलेम शहरास जात.
ତାହାଙ୍କ ପିତାମାତା ପ୍ରତିବର୍ଷ ନିସ୍ତାର ପର୍ବ ସମୟରେ ଯିରୂଶାଲମ ସହରକୁ ଯାଉଥିଲେ।
42 ४२ जेव्हा तो बारा वर्षांचा झाला, ते सणाच्या रीतीप्रमाणे वर यरूशलेम शहरास गेले.
ତାହାଙ୍କର ବାର ବର୍ଷ ସମୟରେ ସେମାନେ ପର୍ବର ରୀତି ଅନୁସାରେ ସେଠାକୁ ଯାତ୍ରା କଲେ।
43 ४३ मग सणाचे पूर्ण दिवस तेथे घालविल्या नंतर ते घराकडे परत येण्यास निघाले. परंतु मुलगा येशू मात्र यरूशलेमेतच मागे राहिला आणि हे त्याच्या आई-वडीलांना माहीत नव्हते.
ପର୍ବର ସମୟ ସମାପ୍ତ କରି ଯେତେବେଳେ ସେମାନେ ଫେରିଆସୁଥିଲେ, ସେତେବେଳେ ବାଳକ ଯୀଶୁ ଯିରୂଶାଲମ ସହରରେ ରହିଗଲେ, ଆଉ ତାହାଙ୍କ ପିତାମାତା ତାହା ଜାଣି ନ ଥିଲେ।
44 ४४ तो बरोबर प्रवास करणाऱ्या घोळक्या सोबत असेल असे समजून ते एक दिवसाची वाट चालून गेले. नंतर त्यांनी नातलग व मित्रांमध्ये त्याचा शोध घेण्यास सुरुवात केली.
କିନ୍ତୁ ସେ ସହଯାତ୍ରୀମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଅଛନ୍ତି ବୋଲି ମନେ କରି ସେମାନେ ଦିନକର ବାଟ ଚାଲିଗଲେ, ପୁଣି, ସମ୍ପର୍କୀୟ ଓ ପରିଚିତ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତାହାଙ୍କୁ ଖୋଜିବାକୁ ଲାଗିଲେ,
45 ४५ जेव्हा तो त्यांना सापडला नाही, म्हणून ते यरूशलेम शहरास परत आले आणि तेथे त्यांनी त्याचा शोध घेतला.
ଆଉ ତାହାଙ୍କୁ ନ ପାଇ ଖୋଜୁ ଖୋଜୁ ଯିରୂଶାଲମ ସହରକୁ ଫେରିଗଲେ।
46 ४६ असे घडले की, तीन दिवसानंतर तो त्यांना परमेश्वराच्या भवनात सापडला, तो शिक्षकांमध्ये बसून त्यांचे ऐकत होता व त्यांना प्रश्न विचारीत होता.
ତିନି ଦିନ ପରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ମନ୍ଦିରରେ ପାଇଲେ; ସେ ପଣ୍ଡିତମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ବସି ସେମାନଙ୍କ କଥା ଶୁଣୁଥିଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶ୍ନ ପଚାରୁଥିଲେ,
47 ४७ ज्यांनी त्याचे ऐकले ते सर्व त्याच्या समजबुद्धीमुळे आणि उत्तरांमुळे चकित झाले.
ଆଉ ଯେତେ ଲୋକ ତାହାଙ୍କ କଥା ଶୁଣୁଥିଲେ, ସମସ୍ତେ ତାହାଙ୍କ ବୁଦ୍ଧି ଓ ଉତ୍ତରରେ ଆଚମ୍ଭିତ ହେଉଥିଲେ।
48 ४८ जेव्हा त्यांनी त्यास पाहिले तेव्हा ते आश्चर्यचकित झाले. त्याची आई त्यास म्हणाली, “मुला, तू आमच्याबरोबर असे का वागलास? ऐक, तुझा पिता व मी कष्टी होऊन तुझा शोध करीत आलो.”
ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଦେଖି ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟାନ୍ୱିତ ହେଲେ, ଆଉ ତାହାଙ୍କର ମାତା ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ପୁଅରେ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି କାହିଁକି ଏପରି ବ୍ୟବହାର କଲୁ? ଦେଖ୍, ତୋର ବାପା ଓ ମୁଁ ଅତିଶୟ ବ୍ୟାକୁଳ ହୋଇ ତୋତେ ଖୋଜୁଥିଲୁ।
49 ४९ येशू त्यांना म्हणाला, “तुम्ही माझा शोध का करीत होता? मी माझ्या पित्याच्या घरात असावे, हे तुम्हास माहीत नव्हते काय?”
ଏଥିରେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “କାହିଁକି ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋତେ ଖୋଜୁଥିଲ? ମୋହର ପିତାଙ୍କ ଗୃହରେ ରହିବା ଯେ ମୋହର କର୍ତ୍ତବ୍ୟ, ଏହା କଅଣ ଜାଣି ନ ଥିଲ?”
50 ५० परंतु तो जे शब्द त्यांच्याशी बोलला ते त्यांना समजले नाही.
କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ କଥା କହିଲେ, ତାହା ସେମାନେ ବୁଝିଲେ ନାହିଁ।
51 ५१ मग तो त्यांच्याबरोबर नासरेथास गेला आणि तो त्यांच्या आज्ञेत राहिला. त्याच्या आईने या सर्व गोष्टी आपल्या अंतःकरणात जपून ठेवल्या.
ପରେ ସେ ସେମାନଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ଫେରି ନାଜରିତକୁ ଆସିଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ବାଧ୍ୟ ହୋଇ ରହିଲେ; ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ମାତା ଏହି ସମସ୍ତ କଥା ସାବଧାନ ରୂପେ ଆପଣା ହୃଦୟରେ ରଖିଲେ।
52 ५२ येशू ज्ञानाने आणि शरीराने देवाच्या आणि मनुष्यांच्या कृपेत वाढत गेला.
ଆଉ, ଯୀଶୁ ଜ୍ଞାନରେ ଓ ଶରୀରରେ, ପୁଣି, ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଓ ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ ଅନୁଗ୍ରହରେ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଲେ।

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