< भजन संहिता 84 >

1 प्रधान बजानेवाले के लिये गित्तीथ में कोरहवंशियों का भजन हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं!
εἰς τὸ τέλος ὑπὲρ τῶν ληνῶν τοῖς υἱοῖς Κορε ψαλμός ὡς ἀγαπητὰ τὰ σκηνώματά σου κύριε τῶν δυνάμεων
2 मेरा प्राण यहोवा के आँगनों की अभिलाषा करते-करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीविते परमेश्वर को पुकार रहे।
ἐπιποθεῖ καὶ ἐκλείπει ἡ ψυχή μου εἰς τὰς αὐλὰς τοῦ κυρίου ἡ καρδία μου καὶ ἡ σάρξ μου ἠγαλλιάσαντο ἐπὶ θεὸν ζῶντα
3 हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमेश्वर, तेरी वेदियों में गौरैया ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला बना लिया है जिसमें वह अपने बच्चे रखे।
καὶ γὰρ στρουθίον εὗρεν ἑαυτῷ οἰκίαν καὶ τρυγὼν νοσσιὰν ἑαυτῇ οὗ θήσει τὰ νοσσία αὐτῆς τὰ θυσιαστήριά σου κύριε τῶν δυνάμεων ὁ βασιλεύς μου καὶ ὁ θεός μου
4 क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे। (सेला)
μακάριοι οἱ κατοικοῦντες ἐν τῷ οἴκῳ σου εἰς τοὺς αἰῶνας τῶν αἰώνων αἰνέσουσίν σε διάψαλμα
5 क्या ही धन्य है वह मनुष्य, जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिनको सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है।
μακάριος ἀνήρ οὗ ἐστιν ἡ ἀντίλημψις αὐτοῦ παρὰ σοῦ κύριε ἀναβάσεις ἐν τῇ καρδίᾳ αὐτοῦ διέθετο
6 वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं; फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।
ἐν τῇ κοιλάδι τοῦ κλαυθμῶνος εἰς τόπον ὃν ἔθετο καὶ γὰρ εὐλογίας δώσει ὁ νομοθετῶν
7 वे बल पर बल पाते जाते हैं; उनमें से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुँह दिखाएगा।
πορεύσονται ἐκ δυνάμεως εἰς δύναμιν ὀφθήσεται ὁ θεὸς τῶν θεῶν ἐν Σιων
8 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, हे याकूब के परमेश्वर, कान लगा! (सेला)
κύριε ὁ θεὸς τῶν δυνάμεων εἰσάκουσον τῆς προσευχῆς μου ἐνώτισαι ὁ θεὸς Ιακωβ διάψαλμα
9 हे परमेश्वर, हे हमारी ढाल, दृष्टि कर; और अपने अभिषिक्त का मुख देख!
ὑπερασπιστὰ ἡμῶν ἰδέ ὁ θεός καὶ ἐπίβλεψον ἐπὶ τὸ πρόσωπον τοῦ χριστοῦ σου
10 १० क्योंकि तेरे आँगनों में एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।
ὅτι κρείσσων ἡμέρα μία ἐν ταῖς αὐλαῖς σου ὑπὲρ χιλιάδας ἐξελεξάμην παραρριπτεῖσθαι ἐν τῷ οἴκῳ τοῦ θεοῦ μᾶλλον ἢ οἰκεῖν ἐν σκηνώμασιν ἁμαρτωλῶν
11 ११ क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं; उनसे वह कोई अच्छी वस्तु रख न छोड़ेगा।
ὅτι ἔλεον καὶ ἀλήθειαν ἀγαπᾷ κύριος ὁ θεός χάριν καὶ δόξαν δώσει κύριος οὐ στερήσει τὰ ἀγαθὰ τοὺς πορευομένους ἐν ἀκακίᾳ
12 १२ हे सेनाओं के यहोवा, क्या ही धन्य वह मनुष्य है, जो तुझ पर भरोसा रखता है!
κύριε τῶν δυνάμεων μακάριος ἄνθρωπος ὁ ἐλπίζων ἐπὶ σέ

< भजन संहिता 84 >