< लूका 15 >
1 १ सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उसकी सुनें।
ବମିୟ୍ତା, ପାନୁବେଡ୍ମରଞ୍ଜି ଡ ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ଅଡ଼୍କୋଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଅନମ୍ଡଙନ୍ ଆସନ୍ ଆମଙନ୍ ଇୟ୍ଲାଜି ।
2 २ और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।”
ସିଲତ୍ତେ ପାରୁସିଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଡୋସେଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍ ଆ ମନ୍ରା ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍ ମାୟ୍ତନେ ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଗାଗାତନେ ।”
3 ३ तब उसने उनसे यह दृष्टान्त कहा:
ତିଆସନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅବୟ୍ ଅନବ୍ଜଙ୍ବରନ୍ ବରେଞ୍ଜି,
4 ४ “तुम में से कौन है जिसकी सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक खो जाए तो निन्यानवे को मैदान में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?
“ଅମଙ୍ଲୋଙ୍ବେନ୍ ସିଲଡ୍ କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଆ ମନ୍ରା ଆନା ଡକୋ, ଆମଙନ୍ ବସଅ ମେଣ୍ଡାନ୍ ଡକୋତେ, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଲୋଙ୍ ସିଲଡ୍ ଅବୟ୍ ଆଡ଼ଏନ୍ ଡେନ୍, ଆନିନ୍ ଅନେସ୍ୱତଆତେ ପଡ଼ିଆଲୋଙନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ତି ଆରାଡ଼ଏନ୍ ଆ ମେଣ୍ଡା ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍ ଞାଙେନ୍ ଜାୟ୍ ଅଃନ୍ନେସାଜେ ପଙ୍?
5 ५ और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे काँधे पर उठा लेता है।
ଆରି ଆନିନ୍ ତିଆତେ ଞାଙେନ୍ ଡେନ୍ ସର୍ଡାନ୍ ବାତ୍ତେ ଆ ତାରଙ୍ଲୋଙନ୍ ବୋୟ୍ଲେ ଅସିଙନ୍ ପାଙ୍ତାୟ୍ ।
6 ६ और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे करके कहता है, ‘मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।’
ଆରି ଆ ଗଡ଼ିଞ୍ଜି ଡ ତୟ୍ଲିସିଂମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଲେ ଅବ୍ରୁକ୍କୁଲନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବର୍ତଜି, ‘ଞେନ୍ ସରିନ୍ ସର୍ଡାନାବା, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ମେଣ୍ଡାଞେନ୍ ଆରାଡ଼ଏନ୍ଆତେ ଞେନ୍ ଞାଙ୍ଲାୟ୍ ।’
7 ७ मैं तुम से कहता हूँ; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्यानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।
ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବର୍ତବେନ୍, ତିଅନ୍ତମ୍ ଆନାଜି ଆବ୍ୟର୍ବୁଡ୍ଡିନେନ୍ ଆସନ୍ ସନାୟ୍ସାୟ୍ ତଡ୍, କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଅନେସ୍ୱତ ଡରମ୍ମମରଞ୍ଜି ସିଲଡ୍, ଆର୍ପାୟ୍ ଆନା ଆବ୍ୟର୍ବୁଡ୍ଡିତନେ, କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଅବୟ୍ ଇର୍ସେମରନ୍ ଆସନ୍ ରୁଆଙ୍ଲୋଙନ୍ ଗୋଗୋୟ୍ ସର୍ଡାନ୍ ଡେତେ ।”
8 ८ “या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिसके पास दस चाँदी के सिक्के हों, और उनमें से एक खो जाए; तो वह दीया जलाकर और घर झाड़-बुहारकर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे?
“ଇଜ୍ଜାନ୍ଡେନ୍ କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଅଙ୍ଗା ଆଇବୟ୍ ଡକୋ, ଆମଙନ୍ ଦସଟା ଗୁଣ୍ଡାଡାବନ୍ ଡକୋତେ, ଆରି ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍ ଅବୟ୍ ଆଡ଼ଏନ୍ ଡେନ୍, ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ପିଙ୍କନ୍ ତର୍ରେ ଅସିଙନ୍ ଜଜଡାଲେ ତିଆତେ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍ ଞାଙେନ୍ ଜାୟ୍ ଜୁବାୟ୍ଡାଲେ ଅଃସାଜେ ପଙ୍?
9 ९ और जब मिल जाता है, तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनों को इकट्ठा करके कहती है, कि ‘मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्का मिल गया है।’
ଆରି, ଆନିନ୍ ତିଆତେ ଞାଙେନ୍ ଡେନ୍ ଆ ଗଡ଼ିଞ୍ଜି ଡ ତୟ୍ଲିସିଂମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଲେ ଅବ୍ରୁକ୍କୁଲନ୍ ବର୍ତନେ, ‘ଞେନ୍ ସରିନ୍ ସର୍ଡାନାବା, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଗୁଣ୍ଡାଡାବ୍ଞେନ୍ ଆରାଡ଼ଏନ୍ଆତେ ଞେନ୍ ଞାଙ୍ଲାୟ୍ ।’
10 १० मैं तुम से कहता हूँ; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने आनन्द होता है।”
ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବର୍ତବେନ୍, ତିଅନ୍ତମ୍ ଆନା ଆବ୍ୟର୍ବୁଡ୍ଡିତନେ, କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଅବୟ୍ ଇର୍ସେମରନ୍ ଆସନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ପାଙ୍ଲଙ୍ବର୍ମର୍ଜି ସର୍ଡାତଞ୍ଜି ।”
11 ११ फिर उसने कहा, “किसी मनुष्य के दो पुत्र थे।
ଜିସୁନ୍ ଆରି ବର୍ରନେ, “ଅବୟ୍ ମନ୍ରାନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ଜି ବାଗୁ ଡକୋଏଞ୍ଜି ।
12 १२ उनमें से छोटे ने पिता से कहा ‘हे पिता, सम्पत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए।’ उसने उनको अपनी सम्पत्ति बाँट दी।
ଆ ସନ୍ନା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଗାମେନ୍, ‘ଆପେୟ୍, ଅଙ୍ଗା ଆନର୍ଜେଜି ବନ୍ତାଲୋଙ୍ଞେନ୍ ପଡ଼େତେ ତିଆତେ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ତିୟିଁୟ୍ ।’ ସିଲତ୍ତେ ଆପେୟନ୍ ଅନର୍ଜେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବନ୍ତାଏଞ୍ଜି ।
13 १३ और बहुत दिन न बीते थे कि छोटा पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके एक दूर देश को चला गया और वहाँ कुकर्म में अपनी सम्पत्ति उड़ा दी।
ଅସୋୟ୍ ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ସନ୍ନା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଅବ୍ରୁକ୍କୁଡାଲେ ତମେନ୍ କି ସଙାୟ୍ ଡେସାନ୍ ଜିରେନ୍, ଆରି ତେତ୍ତେ ପରାନ୍ସାତ୍ତିନ୍ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଲୁମ୍ଲେ ଆ ଡାବ୍ବୋନ୍ କର୍ସଆଜେନ୍ ।
14 १४ जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।
ବନ୍ଡ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆକ୍ରର୍ସଏନ୍ ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ତି ଆ ଡେସାଲୋଙ୍ କାନ୍ତାରାନ୍ ଆରଡ଼ୋଲାଞନ୍ ଆନିନ୍ ସନାୟ୍ସାୟ୍ଡାଏନ୍ ।
15 १५ और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहाँ गया, उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लियेभेजा।
ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ ତି ଆ ଡେସାଲୋଙ୍ ଅବୟ୍ ମନ୍ରାନ୍ ଆମଙ୍ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍ଲେ ଡକୋନେ, ଆରି ତି ଆ ମନ୍ରା ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ କିମ୍ୱୋନଞ୍ଜି ତୁର୍ତୁରନ୍ ଆସନ୍ ପଡ଼ିଆନ୍ ଆପ୍ପାୟେନ୍;
16 १६ और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; क्योंकि उसे कोई कुछ नहीं देता था।
ଆରି, କିମ୍ୱୋନଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗା ଜାୟ୍ତକୋର୍ ଜୋମେଞ୍ଜି, ତିଆତେ ଜୋମ୍ଲେ ଆ କିମ୍ପୋଙନ୍ ଅନବ୍ବୋଓନ୍ ଆସନ୍ ଆନିନ୍ ଲଡଜେନ୍, ବନ୍ଡ ଆନ୍ନିଙ୍ଜା ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଇନ୍ନିଙ୍ ଅଃତ୍ତିୟ୍ଲଜି ।
17 १७ जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, ‘मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहाँ भूखा मर रहा हूँ।
ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ଆୟ୍ତନଡମ୍ଲନ୍ ବର୍ରନେ, ‘ଆପେୟ୍ଞେନ୍ ଆ କମ୍ୱାରିମର୍ଜି ଆ ଜନୋମ୍ଜୋମ୍ ଡିଅଙ୍ଗାତି ଲାଗାତେ, ବନ୍ଡ ଞେନ୍ ତେନ୍ନେ ଡୋଲେଜନ୍ ବାତ୍ତେ ରବୁତିଁୟ୍ ।
18 १८ मैं अब उठकर अपने पिता के पास जाऊँगा और उससे कहूँगा कि पिता जी मैंने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है।
ଞେନ୍ ଡୋଲନ୍ ଆପେୟ୍ଞେନ୍ ଆମଙ୍ ଜିର୍ତେ ଆରି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବର୍ନାୟ୍, ଆପେୟ୍, ଞେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍ ଡ ଗନିୟ୍ଗିୟ୍ଲୋଙ୍ନମ୍ ଇର୍ସେନ୍ ଲୁମ୍ଲାୟ୍;
19 १९ अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊँ, मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले।’
ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ନମ୍ ଗାମ୍ଲେ ଅନୋଡ୍ଡେନ୍ ଆସନ୍ ଞେନ୍ ଆରି ଜିଞ୍ଜିନ୍ ତଡ୍; ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଅବୟ୍ କମ୍ୱାରିନମ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଡକ୍କୋଇଂ ।’
20 २० “तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍ ଡୋଲନ୍ ଆପେୟନ୍ ଆମଙ୍ ଜିରେନ୍ ।” “ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ସଙାୟ୍ଲୋଙ୍ ଆଡ୍ରକୋଏନ୍ ଆଡିଡ୍ ମା ଆପେୟନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଗିୟ୍ଲେ ଆର୍ଗୁଡ଼ିଡାଏନ୍ ଆରି ଇର୍ରେ ଇୟ୍ଲେ କୋଣ୍ଡୋଡାଲେ ଜୋର୍ଜୋରେ ।
21 २१ पुत्र ने उससे कहा, ‘पिता जी, मैंने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊँ।’
ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଗାମେନ୍, ‘ଆପେୟ୍, ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍ ଡ ଗନିୟ୍ଗିୟ୍ଲୋଙ୍ନମ୍ ଞେନ୍ ଇର୍ସେନ୍ ଲୁମ୍ଲାୟ୍, ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ନମ୍ ଗାମ୍ଲେ ଅନୋଡ୍ଡେନ୍ ଆସନ୍ ଞେନ୍ ଆରି ଜିଞ୍ଜିନ୍ ତଡ୍ ।’
22 २२ परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा, ‘झट अच्छे से अच्छा वस्त्र निकालकर उसे पहनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पाँवों में जूतियाँ पहनाओ,
ବନ୍ଡ ଆପେୟନ୍ ଆ କମ୍ୱାରିମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, ‘ଅଡ଼୍କୋନ୍ ସିଲଡ୍ ମନଙ୍ ଅଙ୍ଗିନ୍ ଲପାଙ୍ଲେ କେନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଅବ୍ରବା, କେନ୍ ଆ ଅଣ୍ଡେର୍ସିଲୋଙନ୍ ଏନ୍ସିନ୍ ଡ ତାଲ୍ଜଙ୍ଲୋଙନ୍ ପାଣ୍ଡୋୟନ୍ ଅବ୍ରବା,
23 २३ और बड़ा भोज तैयार करो ताकि हम खाएँ और आनन्द मनाएँ।
ଆରି ଅବୟ୍ ଜେଲ୍ଜେଲ୍ ଜନ୍ତୁନ୍ ପାଙ୍ଲେ ରବ୍ବୁବା, ୟବା, ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଗାଲେ ଜୋମ୍ଲେ ଏସର୍ଡାନେବା ।
24 २४ क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है।’ और वे आनन्द करने लगे।
ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ କେନ୍ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ଞେନ୍ ରବୁଏନ୍, ବନ୍ଡ ଅମେଙେନ୍, ଆଡ଼ଏନ୍ ବନ୍ଡ ଆରି ଞାଙ୍ଲାୟ୍ ।’ ତିଆସନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ସର୍ଡାଲଞ୍ଜି ।”
25 २५ “परन्तु उसका जेठा पुत्र खेत में था। और जब वह आते हुए घर के निकट पहुँचा, तो उसने गाने-बजाने और नाचने का शब्द सुना।
“ତିଆଡିଡ୍ ଆ ସୋଡ଼ା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ କୋତ୍ତାନ୍ ଡକୋଲାୟ୍ । ଆନିନ୍ ଅସିଙନ୍ ଆ ତୁୟାୟ୍ ଆତ୍ରୁଙ୍ଲାଞନ୍ ଆଡିଡ୍, ଡେବ୍ତୁଙନ୍ ଡ ତଙ୍ସେଙନ୍ ଆ ସନଡ୍ଡା ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ,
26 २६ और उसने एक दास को बुलाकर पूछा, ‘यह क्या हो रहा है?’
କମ୍ୱାରିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ଲୋଙ୍ ସିଲଡ୍ ଅବୟ୍ନେଆଡଙ୍ ଆମଙନ୍ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେନ୍, ‘କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଇନି?’
27 २७ उसने उससे कहा, ‘तेरा भाई आया है, और तेरे पिता ने बड़ा भोज तैयार कराया है, क्योंकि उसे भला चंगा पाया है।’
କମ୍ୱାରିମରନ୍ ଗାମେନ୍, ‘ବୋଞାଙ୍ନମ୍ ୟର୍ରନାୟ୍, ଆରି ଆପେୟ୍ନମ୍ ବୋଞାଙ୍ନମ୍ଆଡଙ୍ ଆସୁକ୍କା ଆଞ୍ରାଙେନ୍ ଅବୟ୍ ଜେଲ୍ଜେଲ୍ ଜନ୍ତୁନ୍ ରବ୍ବୁଏନ୍ ।’
28 २८ “यह सुनकर वह क्रोध से भर गया और भीतर जाना न चाहा: परन्तु उसका पिता बाहर आकर उसे मनाने लगा।
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍ ବରାବ୍ଡାଲନ୍ ଅମ୍ମସିଙନ୍ ଜନିରନ୍ ଆସନ୍ ଅଃଲ୍ଲଡୟ୍ଲୋ; ବନ୍ଡ ଆପେୟନ୍ ଡୁଆରାନ୍ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ମବ୍ଲଞେ ।
29 २९ उसने पिता को उत्तर दिया, ‘देख; मैं इतने वर्ष से तेरी सेवा कर रहा हूँ, और कभी भी तेरी आज्ञा नहीं टाली, फिर भी तूने मुझे कभी एक बकरी का बच्चा भी न दिया, कि मैं अपने मित्रों के साथ आनन्द करता।
ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ଆପେୟନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେନ୍, ‘ଗିଜା, ଡିୟ୍ନେ ବର୍ସେଙ୍ ଡେଲୋ ଞେନ୍ କମ୍ୱାରିନମ୍ ଅନ୍ତମ୍ କାବ୍ବାଡ଼ାତନାୟ୍, ଆରି ଆଙ୍ଗିୟ୍ ଓୟ୍ଲେ ବର୍ନେନମ୍ ଅଃନ୍ନାଲ୍ଲେଲାୟ୍, ଡେଲୋଜନଙ୍ଡେନ୍ ଗଡ଼ିଞେଞ୍ଜି ସରିନ୍ ସର୍ଡାନେନ୍ ଆସନ୍ ଆଙ୍ଗିୟ୍ ଓୟ୍ଲେ ଆମନ୍ ବୋଡ୍ଡାମେଡ୍ ନିୟ୍ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍ ତିୟିଁୟ୍ ।
30 ३० परन्तु जब तेरा यह पुत्र, जिसने तेरी सम्पत्ति वेश्याओं में उड़ा दी है, आया, तो उसके लिये तूने बड़ा भोज तैयार कराया।’
ବନ୍ଡ କେନ୍ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ନମ୍ ଅଙ୍ଗାତେ ଜୁଣ୍ଡଡ଼ିବଜଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଅନର୍ଜେନମ୍ଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ କର୍ସଆଜେନ୍, ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍ ଆନିନ୍ ୟର୍ରନାୟ୍, ତିଆଡିଡ୍ ଆମନ୍ ଆନିନ୍ ଆସନ୍ ଜେଲ୍ଜେଲ୍ ଜନ୍ତୁନ୍ ରବ୍ବୁଏନ୍ ।’
31 ३१ उसने उससे कहा, ‘पुत्र, तू सर्वदा मेरे साथ है; और जो कुछ मेरा है वह सब तेरा ही है।
ସିଲତ୍ତେ ଆପେୟନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, ‘ଏ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍, ଆମନ୍ ଡିତାନ୍ ଞେନ୍ ସରିନ୍ ଡକୋତନେ, ଆରି ଅଙ୍ଗାତେ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଞେନ୍ଆତେ, ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆମନ୍ଆତେ;
32 ३२ परन्तु अब आनन्द करना और मगन होना चाहिए क्योंकि यह तेरा भाई मर गया था फिर जी गया है; खो गया था, अब मिल गया है।’”
ବନ୍ଡ କେନ୍ ବୋଞାଙ୍ନମ୍ ରବୁଏନ୍ବନ୍ ଆରି ଅମେଙେନ୍, ଆଡ଼ଏନ୍ ବନ୍ ଆରି ଞାଙ୍ଲବୋ, ତିଆସନ୍ ମଅଁୟ୍ଡାଲନ୍ ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଏସର୍ଡାନେବା ।’”