< लूका 12 >

1 इतने में जब हजारों की भीड़ लग गई, यहाँ तक कि एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे, तो वह सबसे पहले अपने चेलों से कहने लगा, “फरीसियों के कपटरूपी ख़मीर से सावधान रहना।
एत्रे मां हज़ारेईं मैन्हु अकोट्ठे भोइ जे, ते एक्की होरि उन्ढे खिरकते थिये त यीशुए सेब्भन करां पेइले अपने चेलन खड़े भोइतां ज़ोवं, “फरीसी लोकां केरे पाखंडेरे खमीरे यानी तैन केरे रीति रूवाज़न करां हुशार रेइयथ।
2 कुछ ढँपा नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा।
कोई चीज़ ओड़कोरी नईं ज़ै बांदी न भोए, ते न कोई चीज़ छ़पोरीए ज़ै ज़ानी न गाए।
3 इसलिए जो कुछ तुम ने अंधेरे में कहा है, वह उजाले में सुना जाएगा; और जो तुम ने भीतर के कमरों में कानों कान कहा है, वह छतों पर प्रचार किया जाएगा।
एल्हेरेलेइ ज़ैना गल्लां तुसेईं आंधरे मां ज़ोरिन तैना गल्लां लोई मां शुनोनिन, ते ज़ैना गल्लां तुसेईं अन्तर ज़ोरिन तैन केरू एलान लाए पुड़ भोनूए।
4 “परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूँ, कि जो शरीर को मार सकते हैं और उससे ज्यादा और कुछ नहीं कर सकते, उनसे मत डरो।
“दोस्तव अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तैन करां न डेरथ ज़ैना जानी नुकसान पुज़ातन तैसेरे बाद तैना किछ न केरि बटन।
5 मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna g1067)
पन अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि केस करां डर्रू लोड़ते, ज़ैस जानी मारनेरे बाद तैसेरी आत्माई नरके मां छ़डनेरो अधिकारे, हाँ अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तैस करां डरा। (Geenna g1067)
6 क्या दो पैसे की पाँच गौरैयाँ नहीं बिकती? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलता।
कुन दूई पेंइसन मां पंच़ च़ड़ोली न बिकन? पन परमेशर तैन मरां केन्ची भी न बिसरे।
7 वरन् तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, अतः डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
बल्के तुश्शे दोग्गेरे सारे बाल गनोरेन डरा नन्ना तुस त काई च़ुड़ोलन करां भी जादे कीमती आथ।
8 “मैं तुम से कहता हूँ जो कोई मनुष्यों के सामने मुझे मान लेगा उसे मनुष्य का पुत्र भी परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने मान लेगा।
“अवं तुसन ज़ोताईं कि ज़ै कोई मैन्हु केरे सामने मेरो इकरार केरेलो, त अवं मैनेरू मट्ठू भी परमेशरेरे स्वर्गदूतां केरे सामने इकरार केरेलो
9 परन्तु जो मनुष्यों के सामने मुझे इन्कार करे उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इन्कार किया जाएगा।
पन ज़ै मैन्हु केरे सामने मेरो इन्कार केरेलो त तैसेरो इन्कार परमेशरेरे स्वर्गदूतां केरे सामने कियो गालो।
10 १० “जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहे, उसका वह अपराध क्षमा किया जाएगा। परन्तु जो पवित्र आत्मा की निन्दा करें, उसका अपराध क्षमा नहीं किया जाएगा।
“ज़ैना लोक मैनेरे मट्ठेरे खलाफ किछ ज़ोले तै तैस माफ़ केरेलो पन ज़ै पवित्र आत्मारी तुहीन केरेलो तैस माफ़ न केरेलो।
11 ११ “जब लोग तुम्हें आराधनालयों और अधिपतियों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।
“ज़ैखन तैना तुसन प्रार्थना घरन मां ते बड़े-बड़े ते अधिकैरन कां नेले त फिक्र न केरथ कि अस कुन ज़ोम ते केन्च़रे जुवाब देम।
12 १२ क्योंकि पवित्र आत्मा उसी घड़ी तुम्हें सीखा देगा, कि क्या कहना चाहिए।”
किजोकि पवित्र आत्मा तुसन तैस वक्ते ज़ोलो कि तुसेईं कुन ज़ोनूए।”
13 १३ फिर भीड़ में से एक ने उससे कहा, “हे गुरु, मेरे भाई से कह, कि पिता की सम्पत्ति मुझे बाँट दे।”
फिरी भीड़ी मरां केन्चे एक्के यीशु सेइं ज़ोवं, “हे गुरू जी मेरे ढ्लाए जो ज़ो, कि इश्शे बाजी केरि जेइदाती मरां मेरो हिस्सो मेरे हवाले केरे।”
14 १४ उसने उससे कहा, “हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?”
यीशुए तैस जुवाब दित्तो, “अवं केनि तुश्शो हाकिम या बंटने बालो बनेवरोइं?”
15 १५ और उसने उनसे कहा, “सावधान रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आपको बचाए रखो; क्योंकि किसी का जीवन उसकी सम्पत्ति की बहुतायत से नहीं होता।”
ते यीशुए तैन सेइं ज़ोवं, “हर किसमेरे लालच़े करां दूर भोइयथ ते न केन्चेरी जेइदाद केन्चेरी जानी करां जादे भोए।”
16 १६ उसने उनसे एक दृष्टान्त कहा, “किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
तैखन यीशुए तैन अक मिसाल शुनाई, “केन्ची अमीरेरे ज़मीनी मां बड़ी फसल बनी।
17 १७ तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूँ, क्योंकि मेरे यहाँ जगह नहीं, जहाँ अपनी उपज इत्यादि रखूँ।
तै अपने दिले मां सोचतां ज़ोने लगो, कि अवं कुन केरि, मीं कां ठारे नईं कि ज़ैड़ी अवं अन्न रेख्खी सेखी?
18 १८ और उसने कहा, ‘मैं यह करूँगा: मैं अपनी बखारियाँ तोड़कर उनसे बड़ी बनाऊँगा; और वहाँ अपना सब अन्न और सम्पत्ति रखूँगा;
तैखन तैनी ज़ोवं कि, ‘अवं अक कम केरताईं, अपने पुराने कोठार पुटतां होरे बड्डे कोठार बनेइ ते अपनू सारू अन्न तैस मां रखेलो।
19 १९ और अपने प्राण से कहूँगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत सम्पत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।’
फिरी मीं अपने आपे सेइं ज़ोनूए कि, मीं कां त बड़े सालन तगर अन्न जम्हां भोरूए, मेरी जान आरामे सेइं खा ते एश केर।’
20 २० परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘हे मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा; तब जो कुछ तूने इकट्ठा किया है, वह किसका होगा?’
पन परमेशरे तैस मैन्हु जो ज़ोवं, ‘हे बेवकूफ अज़े राती तू मरेलो, ते ज़ैन किछ तीं अपने लेइ जम्हां केरतां रखेरुए तैन केसेरू भोलू?’
21 २१ ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।”
एल्हेरेलेइ ज़ै अपने लेइ दौलत जम्हां केरते, पन परमेशरेरी नज़री मां तै अमीर न भोए एसेरो भी एरो हाल भोनोए।”
22 २२ फिर उसने अपने चेलों से कहा, “इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, अपने जीवन की चिन्ता न करो, कि हम क्या खाएँगे; न अपने शरीर की, कि क्या पहनेंगे।
तैखन यीशुए अपने चेलन सेइं ज़ोवं, एल्हेरेलेइ तुस न अपने ज़िन्दगरी ज़रूरतरे लेइ फिक्र केरा, कि तुस कुन खाले, ते न अपने जानारी कि कुन लामेले।
23 २३ क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्त्र से शरीर बढ़कर है।
किजोकि प्राण रोट्टी करां ते जान लिगड़े करां बेधतां भोते।
24 २४ कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उनके भण्डार और न खत्ता होता है; फिर भी परमेश्वर उन्हें खिलाता है। तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है
कांवां केरां तक्का, तैना न बेन ते न कटन ते न तैन कां गुदाम या कोठार भोन, तांभी परमेशर तैन खाने जो देते ते तुस त च़ुड़ोलन करां भी जादे कीमती आथ।
25 २५ तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्ता करने से अपने जीवनकाल में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
तुसन मां एरो कौन आए, ज़ै फिक्र केरतां अपनि उमर अक घड़ी भी बधैई सकते?
26 २६ इसलिए यदि तुम सबसे छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्ता करते हो?
बस्सा, ज़ैखन तुस ए अक निकड़ी ज़ेरि गल भी न केरि बटथ, त बाकी बेड्डी चीज़ां केरि फिक्र किजो केरतथ?
27 २७ सोसनों पर ध्यान करो, कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न काटते हैं; फिर भी मैं तुम से कहता हूँ, कि सुलैमान भी अपने सारे वैभव में, उनमें से किसी एक के समान वस्त्र पहने हुए न था।
सोसनेरे फूड़ू केरे तक्का कि तैना केन्च़रे बेडोतन? तैना न मेहनत केरन ते न कत्तन, फिरी भी अवं तुसन सेइं ज़ोताईं कि राज़ो सुलैमाने भी अपने सारे धन दौलतरे बावजूद भी तैन केरां ज़ेरां लिगड़ा न लां।
28 २८ इसलिए यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भट्ठी में झोंकी जाएगी, ऐसा पहनाता है; तो हे अल्पविश्वासियों, वह तुम्हें अधिक क्यों न पहनाएगा?
बस्सा ज़ैखन परमेशरे मैइदानेरो घास, ज़ै अज़ आए ते कालां लौवंने मां फुकनोए, एरी खूबसूरती देते, त हे घट विश्वासे बाले लोकव, कुन तै तुसन लिगड़ न देलो?
29 २९ और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएँगे और क्या पीएँगे, और न सन्देह करो।
ते एस फिक्रे मां न रेइयथ, कुन खामेले, या कुन पीमेले, या कुन लामेले, ते न शक केरथ।
30 ३० क्योंकि संसार की जातियाँ इन सब वस्तुओं की खोज में रहती हैं और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता है।
किजोकि दुनियारी सैरी कौमां एस्से फिक्रे मां लेगोरी रेइचन, पन तुश्शो बाजी ज़ानते, कि तुसन कोनां-कोनां चीज़ां केरि ज़रूरत आए।
31 ३१ परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी।
पेइले परमेशरेरे राज़्ज़ेरे तलाश केरा, फिरी तुसन एना सैरी चीज़ां मैल्ली गैली।
32 ३२ “हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
“तुस भैड्डां केरे निकड़े केन्नरे ज़ेरेथ, तुस कोन्ची गल्लरे लेइ न डरा, किजोकि तुश्शे बाजेरी खुशी एस्से मां आए, कि तै तुसन राज़ दे।
33 ३३ अपनी सम्पत्ति बेचकरदान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात् स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं, जिसके निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नाश नहीं करता।
अपनू घरबार बेच़तां धर्मरथ देथ, ते एप्पू जो अक बेटुवो बनाथ, ज़ै पुरानो न भोए, स्वर्गे मां दौलत जम्हां केरा ज़ै कधे न मुक्के, ज़ैड़ी न च़ोर पुज़े ते न कीड़ो खाए।
34 ३४ क्योंकि जहाँ तुम्हारा धन है, वहाँ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।
किजोकि ज़ैड़ी तेरी दौलत भोली, तैड़ी तेरो दिल भी लग्गेलो।
35 ३५ “तुम्हारी कमर बंधी रहें, और तुम्हारे दीये जलते रहें।
“सेवा केरनेरे लेइ रोड़ेच़ारे कमर बेंद्धतां तियार भोथ, ते तुश्शे दीये सैरी राती बलते रान।
36 ३६ और तुम उन मनुष्यों के समान बनो, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा कर रहे हों, कि वह विवाह से कब लौटेगा; कि जब वह आकर द्वार खटखटाएँ तो तुरन्त उसके लिए खोल दें।
तुस मेरे एजनेरे लेइ एन्च़रे तियार राथ, ज़ेन्च़रे मैन्हु केरे अपने मालिके, ज़ै ड्लाएरे धामी मरां वापस एजने बलगतन, कि ज़ैखन तै एज्जे ते दार गुड़कान त अस दार खोल्लम।
37 ३७ धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी आकर जागते पाए; मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वह कमर बाँधकर उन्हें भोजन करने को बैठाएगा, और पास आकर उनकी सेवा करेगा।
तैना नौकर धन आन ज़ैना अपने मालिकेरे वापस एजने पुड़ बींझ़े मैलतन, अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं, कि तै एप्पू तैन रोड़ेच़ारे नौकरन लिगड़ां लेइतां तियार लाएलो, ते मालिक तैन सेइं खुश भोइतां एप्पू सेइं साथी रोट्टी खाने बिशालेलो ते तैन केरि सेवा केरेलो।
38 ३८ यदि वह रात के दूसरे पहर या तीसरे पहर में आकर उन्हें जागते पाए, तो वे दास धन्य हैं।
अगर मालिक एध्धी राती या झ़ेझ़ेरेपार एइतां अपने नौकरन बींझ़े लाए त तैन नौकरां केरे लेइ केत्री रोड़ी गल्ले।
39 ३९ परन्तु तुम यह जान रखो, कि यदि घर का स्वामी जानता, कि चोर किस घड़ी आएगा, तो जागता रहता, और अपने घर में सेंध लगने न देता।
पन याद रखा, अगर घरेरे मालिके, च़ोर एजनेरो पतो भोए त तै बींझ़ो राथो ते अपने घरे च़ोरी न देथो भोने।
40 ४० तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।”
बस्सा, तुस भी मेरे वापस एजनेरे लेइ तियार राथ, मैनेरू मट्ठू यानी अवं तैस वक्ते एज्जेलो ज़ेइस तुसन खियाल भी न भोलो।”
41 ४१ तब पतरस ने कहा, “हे प्रभु, क्या यह दृष्टान्त तू हम ही से या सबसे कहता है।”
पतरसे पुच़्छ़ू, “हे प्रभु ज़ै मिसाल तीं शुनाई तै सिर्फ इश्शे लेइए या सेब्भी केरे लेइए?”
42 ४२ प्रभु ने कहा, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भण्डारी कौन है, जिसका स्वामी उसे नौकर-चाकरों पर सरदार ठहराए कि उन्हें समय पर भोजन सामग्री दे।
प्रभुए ज़ोवं, “कौने ईमानदार अक्लमन्द नौकर ज़ेसेरो मालिक तैस अपने नौकरन पुड़ मुन्शी रखे ताके तैन केरि खूराक ठीक मौके पुड़ रोड़ेच़ारे बंटतो राए?
43 ४३ धन्य है वह दास, जिसे उसका स्वामी आकर ऐसा ही करते पाए।
तै नौकर धने कि ज़ेसेरो मालिक एज्जे ते मालिक तैस रोड़ेच़ारे कम केरतू लाए।
44 ४४ मैं तुम से सच कहता हूँ; वह उसे अपनी सब सम्पत्ति पर अधिकारी ठहराएगा।
अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तै अपने सारे घरबारेरी हेरगैशरो अधिकार तैसेरे सुपुर्द केरेलो।
45 ४५ परन्तु यदि वह दास सोचने लगे, कि मेरा स्वामी आने में देर कर रहा है, और दासों और दासियों को मारने-पीटने और खाने-पीने और पियक्कड़ होने लगे।
पन अगर तै नौकर अपने दिले मां ज़ोए कि मेरे मालिके एजने हेजू बड़ू च़िरे ते होरि नौकरन ते नौकरेनन मार धाड़ केरनि शुरू केरे ते खेइ पीतां नशे मां मसत भोइ गाए।
46 ४६ तो उस दास का स्वामी ऐसे दिन, जब वह उसकी प्रतीक्षा न कर रहा हो, और ऐसी घड़ी जिसे वह जानता न हो, आएगा और उसे भारी ताड़ना देकर उसका भाग विश्वासघाती के साथ ठहराएगा।
ते तैस नौकरेरो मालिक केन्ची एरे दिहाड़े एज्जे ज़ेइस तैस नौकरे एजनेरो पतो न भोए ते तै मालिक एज्जी गाए त तैस नौकरेरे टुक्ड़े-टुक्ड़े केरतां ते तैसेरी हालत बेइमाना केरि ज़ेरि भोली।
47 ४७ और वह दास जो अपने स्वामी की इच्छा जानता था, और तैयार न रहा और न उसकी इच्छा के अनुसार चला, बहुत मार खाएगा।
हर तै नौकर ज़ै ज़ानते कि तैसेरे मालिकेरी कुन मर्ज़ी आए, कि तै कुन केरे, मगर तै अपने आपे कम केरनेरे लेइ तियार न केरे ते अपने मालिकेरी मर्ज़ी पूरी न केरे तैस पक्की मार बज़नीए।
48 ४८ परन्तु जो नहीं जानकर मार खाने के योग्य काम करे वह थोड़ी मार खाएगा, इसलिए जिसे बहुत दिया गया है, उससे बहुत माँगा जाएगा; और जिसे बहुत सौंपा गया है, उससे बहुत लिया जाएगा।
पन अगर कोई नौकरे ज़ैस नईं पतो कि मेरे मालिकेरी कुन मर्ज़ी, कि अवं कुन केरि, ते तैन केरे ज़ैस सेइं तैस सज़ा मैल्ले, त तैस घट सज़ा मैलेली।”
49 ४९ “मैं पृथ्वी पर आगलगाने आया हूँ; और क्या चाहता हूँ केवल यह कि अभी सुलग जाती!
यीशुए ज़ोवं, “अवं धेरती पुड़ अग लांने ओरोईं ते अगर अग लग्गोरी भोथी त रोड़ू थियूं।
50 ५० मुझे तो एक बपतिस्मा लेना है; और जब तक वह न हो ले तब तक मैं कैसी व्यथा में रहूँगा!
पन मीं बड़े जल्दी दुःख झ़ैल्लनोए, ते अवं बड़ो परेशानईं ज़ां तगर दुख न झ़ेल्ली।
51 ५१ क्या तुम समझते हो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूँ? मैं तुम से कहता हूँ; नहीं, वरन् अलग कराने आया हूँ।
कुन तुस एन सोचतथ कि अवं धेरती पुड़ मेल कराने लेइ ओरोईं? नईं! अवं तुसन सेइं ज़ोताईं, कि अलग केरने ओरोईं।
52 ५२ क्योंकि अब से एक घर में पाँच जन आपस में विरोध रखेंगे, तीन दो से दो तीन से।
अज़्ज़ेरे बाद अगर एक्की घरे मां पंच़ मैन्हु भोले त तैना एप्पू मांमेइं बेंटोले, ट्लाई ज़ैना मीं पुड़ विश्वास न केरन तैना दुइयां केरे खलाफ भोले, ते दूई, ट्लेइयां केरे खलाफ भोले।
53 ५३ पिता पुत्र से, और पुत्र पिता से विरोध रखेगा; माँ बेटी से, और बेटी माँ से, सास बहू से, और बहू सास से विरोध रखेगी।”
बाजी मट्ठेरे खलाफ भोलो ते मट्ठू बाजेरे खलाफ भोलू, हैई कुइयरे खलाफ ते कुई हैईयरे खलाफ ते शिख नुशारे ते नुश शिखारे खलाफ भोनीए।”
54 ५४ और उसने भीड़ से भी कहा, “जब बादल को पश्चिम से उठते देखते हो, तो तुरन्त कहते हो, कि वर्षा होगी; और ऐसा ही होता है।
फिरी यीशुए बड़े मैनन् मां ज़ोवं, “कि ज़ैखन तुस बिदलार डुबते पासेरां च़लती लातथ त तुस ज़ोतथ कि झ़ड़ी एजने बालीए ते तैन्ने भोते।
55 ५५ और जब दक्षिणी हवा चलती देखते हो तो कहते हो, कि लूह चलेगी, और ऐसा ही होता है।
ते दक्षिणेरे पासेरां हवा च़ली त तुस ज़ोतथ गर्मी भोरीए ते तैन्ने भोते।
56 ५६ हे कपटियों, तुम धरती और आकाश के रूप में भेद कर सकते हो, परन्तु इस युग के विषय में क्यों भेद करना नहीं जानते?
हे पाखंडी लोकव, तुस धरती ते अम्बरेरो हाल हेरतां मौसमेरो अंदाज़ो केरनो ज़ानतथ, पन इन न ज़ैनी बटथ कि, परमेशर कुन चाते?
57 ५७ “तुम आप ही निर्णय क्यों नहीं कर लेते, कि उचित क्या है?
“तुस एप्पू फैसलो केरा कि, तुश्शे लेइ कुन रोड़ूए।
58 ५८ जब तू अपने मुद्दई के साथ न्यायाधीश के पास जा रहा है, तो मार्ग ही में उससे छूटने का यत्न कर ले ऐसा न हो, कि वह तुझे न्यायी के पास खींच ले जाए, और न्यायी तुझे सिपाही को सौंपे और सिपाही तुझे बन्दीगृह में डाल दे।
ज़ैखन तू लीडरे सेइं साथी हाकिमे कां गाथ त बत्ते मां तैस सेइं फैसलो की न केरस, एरू न भोए तै तीं हाकिमे कां ने ते हाकिम सिपाहीएरे हवाले केरे, ते तू कैद भोइ गास।
59 ५९ मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक तू पाई-पाई न चुका देगा तब तक वहाँ से छूटने न पाएगा।”
अवं तुसन सेइं ज़ोताईं कि ज़ां तगर तू पाई-पाई न देले त तांतगर तैट्ठां छुट्टी न सकेलो।”

< लूका 12 >