< प्रेरितों के काम 28 >

1 जब हम बच निकले, तो पता चला कि यह टापू माल्टा कहलाता है।
ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଅପଡ୍‌ଲଲେନ୍‌ କି ଅନେଙ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଜିର୍ରେ ତିଆତେ ମାଲ୍‌ଟା ଡେପ୍ପା ଗାମ୍‌ଲେ ଏଜନାଲାୟ୍‌ ।
2 और वहाँ के निवासियों ने हम पर अनोखी कृपा की; क्योंकि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण, उन्होंने आग सुलगाकर हम सब को ठहराया।
ଆରି, ତେତ୍ତେ ବର୍ବରମରଞ୍ଜି ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସାୟୁମ୍‌ଡାଲେ ଡନୁଙ୍‌ୟମନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଜାଲଲେଞ୍ଜି, ତିଆଡିଡ୍‌ ତେତ୍ତେ ତରୁବନ୍‌ ଅଡ଼ୋଲାୟ୍‌ ଆରି ରଙା, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ତଗୋନ୍‌ ସୟେଞ୍ଜି ।
3 जब पौलुस ने लकड़ियों का गट्ठा बटोरकर आग पर रखा, तो एक साँप आँच पाकर निकला और उसके हाथ से लिपट गया।
ପାଓଲନ୍‌ ବବିଡ୍ଡା ଅଙଲନ୍‍ ପାଙ୍‌ଲେ ତଗୋଲୋଙନ୍‌ ଆସ୍ରୟେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ତ୍ତଗୋନ୍‌ ଆ ମାଡ୍ଡ ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଜାଆଡନ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନାୟ୍‌ କି ପାଓଲନ୍‌ ଆସିଲୋଙ୍‌ ରମ୍‌ଲେ ଜିଲ୍ଲନ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌ ।
4 जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।”
ପାଓଲନ୍‌ ଆସିଲୋଙ୍‌ ତି ଜାଆଡନ୍‌ ଜିଲ୍ଲନ୍‌ ଆସ୍ରେଡେନ୍‌ଆତେ ଗିୟ୍‌ଲେ, ବର୍ବରମରଞ୍ଜି ଗାମେଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ଆନିନ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ସମ୍ୱବେନ୍‌, ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିନୟ୍‌ଡାଲେ ଜିର୍ରାୟ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ଅନମେଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ କରମ୍ମା ତଡ୍‌ ।”
5 तब उसने साँप को आग में झटक दिया, और उसे कुछ हानि न पहुँची।
ବନ୍‌ଡ ପାଓଲନ୍‌ ତି ଜାଆଡନ୍‌ ତଗୋଲୋଙନ୍‌ ପିଡେନ୍‌, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃଡ୍ଡେଲୋ ।
6 परन्तु वे प्रतीक्षा कर रहे थे कि वह सूज जाएगा, या एकाएक गिरकर मर जाएगा, परन्तु जब वे बहुत देर तक देखते रहे और देखा कि उसका कुछ भी नहीं बिगड़ा, तो और ही विचार कर कहा, “यह तो कोई देवता है।”
ଆନିନ୍‌ କୋଓଙ୍‌ତେ ଇଜ୍ଜାନ୍‌ଡେନ୍‌ ଜାୟ୍‌ତାନ୍‌ ଗୋଙ୍‌ଲେ ଜିର୍ତେ କି ରବୁତେ, ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ଜଗେଏଞ୍ଜି; ବନ୍‌ଡ ଜବ୍ର ଅୟମ୍‌ ଡେଏନ୍‌ ସିନା ପାଓଲନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃଡ୍ଡେଲୋ, ତିଆସନ୍‌ “କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଇସ୍ୱର” ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ବର୍ରଞ୍ଜି ।
7 उस जगह के आस-पास पुबलियुस नामक उस टापू के प्रधान की भूमि थी: उसने हमें अपने घर ले जाकर तीन दिन मित्रभाव से पहुनाई की।
ତି ମାଲ୍‌ଟା ଡେପ୍ପାନ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ାମର୍‌ ଆ ବସେଙ୍‌ ତେତ୍ତେ ଡକୋଏନ୍‌, ଆଞୁମନ୍‌ ପବ୍ଲିଅ, ଆନିନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆସିଙନ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲଲେନ୍‌ କି ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆ କନୁଆମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଜାୟ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଏଡକୋନାୟ୍‌ ।
8 पुबलियुस के पिता तेज बुखार और पेचिश से रोगी पड़ा था। अतः पौलुस ने उसके पास घर में जाकर प्रार्थना की, और उस पर हाथ रखकर उसे चंगा किया।
ତିଆଡିଡ୍‌ ପବ୍ଲିଅନ୍‌ ଆ ବାପା ଅସୁନ୍‌ ଡ ଆମାସୟ ରୋଗନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଲୁଡ୍‌ଲେ ଡକୋଲନ୍‌, ଆରି ପାଓଲନ୍‌ ଅମ୍ମସିଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ପାର୍ତନାଲନ୍‌ ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଡାଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ମବ୍‌ନଙେନ୍‌ ।
9 जब ऐसा हुआ, तो उस टापू के बाकी बीमार आए, और चंगे किए गए।
କେନ୍‌ ଏନ୍ନେଲେ ଆଡ୍ରେଏନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ତି ଡେପ୍ପାଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ବମ୍ୱମ୍‌ନେମର୍‌ଜି ନିୟ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ମନଙେଜି ।
10 १० उन्होंने हमारा बहुत आदर किया, और जब हम चलने लगे, तो जो कुछ हमारे लिये आवश्यक था, जहाज पर रख दिया।
ଆନିଞ୍ଜି ନିୟ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ମାଡ୍ଡ ମନଙ୍‌ ସାକ୍କେଲଲେଞ୍ଜି, ଆରି ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଜାଜଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ଏଜିର୍ତେ ଏଗ୍ରାମ୍‌ଲାଞନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ଇନିଜି ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେ ଜିର୍ରେଞ୍ଜି ।
11 ११ तीन महीने के बाद हम सिकन्दरिया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े काट रहा था, और जिसका चिन्ह दियुसकूरी था।
ୟାଗି ଆଙ୍ଗାୟ୍‌ ଆ ତିକ୍କି ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ଆଲେକ୍‌ଜାଣ୍ଡ୍ରା ଡେସାନ୍‌ ଆ ଜାଜଲୋଙ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ଏଜିରେନ୍‌, ତି ଆ ଜାଜ କେନ୍‌ ମାଲ୍‌ଟା ଡେପ୍ପାଲୋଙନ୍‌ ରଙା ଇଙନ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌, ତି ଜାଜନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ “ବାଗୁ ଇସ୍ୱର ।”
12 १२ सुरकूसा में लंगर डाल करके हम तीन दिन टिके रहे।
ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ସୁରାକୁସା ଗଡ଼ାନ୍‌ ଏତୁଙେନ୍‌ କି ତେତ୍ତେ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଇୟ୍‌ଲେ ଏଡକୋନାୟ୍‌ ।
13 १३ वहाँ से हम घूमकर रेगियुम में आए; और एक दिन के बाद दक्षिणी हवा चली, तब दूसरे दिन पुतियुली में आए।
ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଆରି ଏଜିରେନ୍‌ କି ରେଗିଅମ୍‌ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଏତୁଙେନ୍‌, ତି ଆବାର୍ତାନ୍‌ ଅର୍ଜଡ଼ୋମ୍‌ଗଡ୍‌ ଆ ରିଙ୍ଗେ ଇଡ୍‌ଲାୟ୍‌ କି ବାଗୁ ଡିନ୍ନାଲୋଙ୍‌ ପିତେଅଲି ଗଡ଼ାନ୍‌ ଏତୁଙେନ୍‌ ।
14 १४ वहाँ हमको कुछ भाई मिले, और उनके कहने से हम उनके यहाँ सात दिन तक रहे; और इस रीति से हम रोम को चले।
ତେତ୍ତେ ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ କ୍ରିସ୍ଟାନୁ ବୋଞାଙଞ୍ଜି ଇୟ୍‌ଲେ ଏରବାଙ୍‌ନାଜି, ଆରି ତେତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ସାତ ଡିନ୍ନା ଡକୋନାବା ଗାମ୍‌ଲେ ରଙ୍‌ଲଲେଞ୍ଜି; ଏତ୍ତେଲେ ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ରୋମ୍‌ ଡେସାନ୍‌ ଏତୁଙେନ୍‌ ।
15 १५ वहाँ से वे भाई हमारा समाचार सुनकर अप्पियुस के चौक और तीन-सराय तक हमारी भेंट करने को निकल आए, जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बाँधा।
ରୋମ୍‌ ଡେସାନ୍‌ ଆ ବୋଞାଙ୍‌ଜି କବରଲେନ୍‌ ଆଞ୍ରାଙେଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ରନବାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ “ଆପିଅ ସରେଁୟ୍‌ତାନ୍‌” ଡ “ୟାଗି ଡରକୋନେସିଂ” ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି; ପାଓଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେଙ୍କେଏନ୍‌ ଆରି ବୋର୍ସାଏନ୍‌ ।
16 १६ जब हम रोम में पहुँचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उसकी रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई।
ଆରି ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ରୋମ୍‌ ଡେସାନ୍‌ ତୁଙା ତୁଙା, ପାଓଲନ୍‌ ଡ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆଜ୍ରଗେଏଞ୍ଜି ଆ ସିପ୍ପାୟ୍‌ଜି ଆନ୍ନା ଡକୋନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲାଜି ।
17 १७ तीन दिन के बाद उसने यहूदियों के प्रमुख लोगों को बुलाया, और जब वे इकट्ठे हुए तो उनसे कहा, “हे भाइयों, मैंने अपने लोगों के या पूर्वजों की प्रथाओं के विरोध में कुछ भी नहीं किया, फिर भी बन्दी बनाकर यरूशलेम से रोमियों के हाथ सौंपा गया।
ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ପାଓଲନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆଡ୍ରକୋତଞ୍ଜି ଜିଉଦି ସୋଡ଼ାମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଏଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜି ଜିର୍ରାଜି କି ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ରୁକ୍କୁନେଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଏ ବୋଞାଙ୍‌ଜି, ଞେନ୍‌ ମନ୍‌ରାଲେଞ୍ଜି ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ କି ପୁର୍ବା ଜୋଜୋଲେଞ୍ଜି ଆନୋକ୍କା ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍‌ନେଜି ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଡୋସାନ୍‌ ଅଃଲ୍ଲୁମ୍‌ଲାୟ୍‌, ଡେଲୋଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବଣ୍ଡିଲିଁୟ୍‌ଜି କି ରୋମିଅମରଞ୍ଜି ଆସିଲୋଙ୍‌ ସୋରୋପ୍ପାୟ୍‌ଲିଁୟ୍‌ଜି ।
18 १८ उन्होंने मुझे जाँचकर छोड़ देना चाहा, क्योंकि मुझ में मृत्यु के योग्य कोई दोष न था।
ଆନିଞ୍ଜି ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ପନ୍‌ସୁଆତିଲିଁୟ୍‌ଜି, ବନ୍‌ଡ ରନବୁ ପନବ୍‌ରଡନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ଡୋସା ଅଃଞାଙ୍‌ଲଜି, ତିଆସନ୍‌ ରୋମିଅମରଞ୍ଜି ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅନମ୍‌ରେଙନ୍‌ ସାଜେଞ୍ଜି ।
19 १९ परन्तु जब यहूदी इसके विरोध में बोलने लगे, तो मुझे कैसर की दुहाई देनी पड़ी; यह नहीं कि मुझे अपने लोगों पर कोई दोष लगाना था।
ବନ୍‌ଡ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଇଜ୍ଜା ଗାମେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞେଞ୍ଜି ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ କନାୟ୍‌କାୟ୍‌ବରନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ତଡ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌, ଞେନ୍‌ କାଇସରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଅନବ୍‌ପନ୍‌ସୁଆତିନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବର୍ରନାୟ୍‌ ।
20 २० इसलिए मैंने तुम को बुलाया है, कि तुम से मिलूँ और बातचीत करूँ; क्योंकि इस्राएल की आशा के लिये मैं इस जंजीर से जकड़ा हुआ हूँ।”
ତିଆସନ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଲୋଙ୍‌ କଡାଡ଼ିନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଲବେନ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନା ଆମଙ୍‌ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ମରଞ୍ଜି ଆସାତଞ୍ଜି, ତି ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଲଙେ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସିଙ୍କୁଡ଼ିନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଜିଲିଁୟ୍‌ଜି ।”
21 २१ उन्होंने उससे कहा, “न हमने तेरे विषय में यहूदियों से चिट्ठियाँ पाईं, और न भाइयों में से किसी ने आकर तेरे विषय में कुछ बताया, और न बुरा कहा।
ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ବର୍ନେନମ୍‌ ଜିଉଦା ଡେସାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ସିଟି ଏଃଞାଙ୍‌ଲାୟ୍‌, ଆରି ଆନ୍ନିଙ୍‌ ବୋଞାଙ୍‌ଲେଞ୍ଜି ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ କନାୟ୍‌କାୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅମଙ୍‌ଲେନ୍‌ ଅଃନ୍ନିୟ୍‌ଲାଜି ।
22 २२ परन्तु तेरा विचार क्या है? वही हम तुझ से सुनना चाहते हैं, क्योंकि हम जानते हैं, कि हर जगह इस मत के विरोध में लोग बातें करते हैं।”
ବନ୍‌ଡ ଆମନ୍‌ ଇନି ଗାମ୍‌ତେ, ତିଆତେ ଇନ୍‌ଲେନ୍‌ ଅନମ୍‌ଡଙନ୍‌ ଏସାୟ୍‌ତାୟ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଆ ଡଡ଼ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ବର୍ତଞ୍ଜି ।”
23 २३ तब उन्होंने उसके लिये एक दिन ठहराया, और बहुत से लोग उसके यहाँ इकट्ठे हुए, और वह परमेश्वर के राज्य की गवाही देता हुआ, और मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों से यीशु के विषय में समझा-समझाकर भोर से साँझ तक वर्णन करता रहा।
ଆନିଞ୍ଜି ବଡିନ୍ନା ଆ ଜୋଗା ଗବ୍‌ରିଏଞ୍ଜି, ଆରି ତି ଆ ଜୋଗା ଜବ୍ର ମନ୍‌ରା ପାଓଲନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋନେସିଂ ଇୟ୍‌ଲାଜି; ପାଓଲନ୍‌ ଡୋତାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ତଗଲନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆ ବର୍ନେ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି, ଆରି ମୋସାନ୍‌ ଆ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ ଡ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଆ ସାସ୍ତ୍ରଲୋଙ୍‌ ଆଇଡିଡନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ବାତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଅନବ୍‌ଡର୍ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି ।
24 २४ तब कुछ ने उन बातों को मान लिया, और कुछ ने विश्वास न किया।
ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ତି ଆ ବର୍ନେଜି ଡର୍ରଞ୍ଜି, ଆରି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ଅଃଡ୍ଡର୍ରଞ୍ଜି ।
25 २५ जब वे आपस में एकमत न हुए, तो पौलुस के इस एक बात के कहने पर चले गए, “पवित्र आत्मा ने यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा तुम्हारे पूर्वजों से ठीक ही कहा,
ଆରି, ଆନିଞ୍ଜି ଆବମନ୍ନନ୍‌ ଅଃଡ୍ଡେଲଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଜିର୍ଜିରାଜେଞ୍ଜି; ଆନିଞ୍ଜି ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମର୍‌ ଜିସାୟନ୍‌ ଆ ତଅଡ୍‌ଗଡ୍‌ ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାନ୍‌ ପୁର୍ବା ଜୋଜୋବେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ବରେଞ୍ଜି,
26 २६ ‘जाकर इन लोगों से कह, कि सुनते तो रहोगे, परन्तु न समझोगे, और देखते तो रहोगे, परन्तु न बूझोगे;
ଆନିନ୍‌ ଗାମେନ୍‌; ‘କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ ବର୍ବାଜି, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅମ୍‌ଡଙାନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙାନ୍‌ ଏଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତେ; ବନ୍‌ଡ ଅଃଗନ୍‌ଲୁଡ୍‌ବେନ୍‌, ଗିଜାନ୍‌ ଗିଜାନ୍‌ ଏଗିୟ୍‌ତେ, ବନ୍‌ଡ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃଜ୍ଜନାବେନ୍‌;
27 २७ क्योंकि इन लोगों का मन मोटा, और उनके कान भारी हो गए हैं, और उन्होंने अपनी आँखें बन्द की हैं, ऐसा न हो कि वे कभी आँखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से समझें और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆ ଉଗର୍‌ ରଡୋଏନ୍‌, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଅଲୁଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ କାକୁର୍ତିଃ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି, ଆରି ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆମଡଞ୍ଜି ପିମ୍ମଡେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଅମଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଅଃଗିଜେଜି, ଅଲୁଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଅଃନ୍ନମ୍‌ଡଙେଜି, ଉଗର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଅଃଗନ୍‌ଲୁଡେଜି, ଆରି ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଅଃୟର୍ନାଜି, ଞେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅଃନ୍ନବ୍‌ମବ୍‌ନଙାଜି ।’
28 २८ “अतः तुम जानो, कि परमेश्वर के इस उद्धार की कथा अन्यजातियों के पास भेजी गई है, और वे सुनेंगे।”
ତିଆସନ୍‌ କେନ୍‌ ଅନୁରନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏର୍‌ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅନାପ୍ପାୟନ୍‌ ଡେଏନ୍‌, କେନ୍‌ଆତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଜନାବା; ଆନିଞ୍ଜି ନିୟ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତଜି ।”
29 २९ जब उसने यह कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए।
ଆରି ଆନିନ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆବର୍ରନେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି କି ଜିର୍ଜିରାଜେଞ୍ଜି ।
30 ३० और पौलुस पूरे दो वर्ष अपने किराये के घर में रहा,
ପାଓଲନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ବଡ଼ାନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ବାଗୁ ବର୍ସେଙ୍‌ ଜାୟ୍‌ ତେତ୍ତେ ଡକୋଲନ୍‌ ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଗିଜନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆରିୟ୍‌ଲାଞଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଆନିନ୍‌ ସାକ୍କେଏଞ୍ଜି ।
31 ३१ और जो उसके पास आते थे, उन सबसे मिलता रहा और बिना रोक-टोक बहुत निडर होकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा।
ଆରି, ଏର୍‌ବନ୍ତଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଅବ୍ବୋର୍ସାଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆ ବର୍ନେଜି ବର୍ରନ୍‌, ଆରି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଜିସୁ କ୍ରିସ୍ଟନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌ ।

< प्रेरितों के काम 28 >