< प्रेरितों के काम 22 >

1 “हे भाइयों और पिताओं, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे सामने कहता हूँ।”
“ଏ ବୋଞାଙ୍‌ଜି ଆରି ଆପେୟ୍‌ଜି, ମୁକ୍କାବାବେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଇନିଜି ବର୍ତନାୟ୍‌ ତିଆତେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ବା ।”
2 वे यह सुनकर कि वह उनसे इब्रानी भाषा में बोलता है, वे चुप रहे। तब उसने कहा:
ପାଓଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଏବ୍ରିଲଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଆକ୍ରଡାଡ଼ିଲନ୍‌ଆତେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜି ଆରି ରିଙ୍‌ରିଙେଞ୍ଜି; ଆରି ପାଓଲନ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଉଲନେ;
3 “मैं तो यहूदी हूँ, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पाँवों के पास बैठकर शिक्षा प्राप्त की, और पूर्वजों की व्यवस्था भी ठीक रीति पर सिखाया गया; और परमेश्वर के लिये ऐसी धुन लगाए था, जैसे तुम सब आज लगाए हो।
“ଞେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଜିଉଦିମର୍‌, କିଲିକିଆ ଡେସାନ୍‌ ତାର୍ସ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଜନମ୍ମୁ ଡେଲିଁୟ୍‌, ବନ୍‌ଡ କେନ୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଞେନ୍‌ ସୋଡ଼ାଲିଁୟ୍‌, ଆରି ଗମଲିଏଲନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଞେନ୍‌ ଞଙ୍‌ଲନାୟ୍‌; ପୁର୍ବା ଜୋଜୋଲେଞ୍ଜି ଆ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ ଞେନ୍‌ ମନଙ୍‌ ଞଙ୍‌ଲନାୟ୍‌ ଆରି ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଞେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅନୁୟୁବନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌;
4 मैंने पुरुष और स्त्री दोनों को बाँधकर, और बन्दीगृह में डालकर, इस पंथ को यहाँ तक सताया, कि उन्हें मरवा भी डाला।
ଆନାଜି କେନ୍‌ ଆ ତଙର୍‌ଗଡ୍‌ ତଙିୟ୍‌ଲଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଞେନ୍‌ ରନବୁନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଡଣ୍ଡାୟ୍‌ଲାଜି, ଆରି ଆଇମରଞ୍ଜି ଡ ଓବ୍ବାମରଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବଣ୍ଡିଲାଜି ।
5 स्वयं महायाजक और सब पुरनिए गवाह हैं; कि उनमें से मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियाँ लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहाँ हों उन्हें दण्ड दिलाने के लिये बाँधकर यरूशलेम में लाऊँ।
କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଆସନ୍‌ ମୁଡ଼ ରାଓଡ଼ାନ୍‌ ଡ ପାପୁର୍‌ମରଞ୍ଜି ନିୟ୍‌ ସାକିନ୍‌ ଡକୋଜି, କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଞମ୍‌ଲେ ଡ ସିଙ୍କୁଡ଼ିନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଜିଲେ ଅନବ୍‌ଡଣ୍ଡାୟନ୍ ଆସନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଆପନାଙ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ମୁଡ଼ ରାଓଡ଼ାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅନଡ଼େଅଲନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ଦମ୍ମେସକ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଲଞ୍ଜି ଆ ଜିଉଦିମର୍‌ଜି ଆମଙ୍‌ ଇୟେନ୍‌ ।”
6 “जब मैं यात्रा करके दमिश्क के निकट पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि दोपहर के लगभग अचानक एक बड़ी ज्योति आकाश से मेरे चारों ओर चमकी।
“ଞେନ୍‌ ଜିରା ଜିରା ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଆରଡ଼ୋଏନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଏରବ୍ବୋମଙ୍‌ଡାଗୋ ତଡ଼ିଙ୍‌ ତମ୍‌ବାନ୍‌ ରୁଆଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ସନାଆରନ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଅଡ଼ୋଲାୟ୍‌ ।
7 और मैं भूमि पर गिर पड़ा: और यह वाणी सुनी, ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?’
ସିଲତ୍ତେ ଞେନ୍‌ ତୁମ୍ମୁଡାଲେ ଜାୟ୍‌ତାନ୍‌ ଅକୁଡ୍‌ଲିଁୟ୍‌, ଆରି ଅବୟ୍‌ ସର୍ରଙନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଲାୟ୍‌, ‘ସାଓଲ, ସାଓଲ! ଇନିଆସନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଡଣ୍ଡାୟ୍‌ତିଁୟ୍‌?’
8 मैंने उत्तर दिया, ‘हे प्रभु, तू कौन है?’ उसने मुझसे कहा, ‘मैं यीशु नासरी हूँ, जिसे तू सताता है।’
ଞେନ୍‌ ଜାଲଙ୍‌ଲାୟ୍‌, ‘ଆମନ୍‌ ଆନା ପ୍ରବୁ?’ ଆନିନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ଆମନ୍‌ ଆନାଆଡଙ୍‌ ଡଣ୍ଡାୟ୍‌ତେ, ତିଆନିନ୍‌ ଞେନ୍‌ ନାଜରିତବାୟ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ।’
9 और मेरे साथियों ने ज्योति तो देखी, परन्तु जो मुझसे बोलता था उसकी वाणी न सुनी।
ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ସନାଆରନ୍‌ ଗିଜେଞ୍ଜି, ବନ୍‌ଡ ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଆକ୍ରଡାଡ଼ିଲନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଆ ସର୍ରଙ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଅଃନ୍ନମ୍‌ଡଙ୍‌ଲଜି ।
10 १० तब मैंने कहा, ‘हे प्रभु, मैं क्या करूँ?’ प्रभु ने मुझसे कहा, ‘उठकर दमिश्क में जा, और जो कुछ तेरे करने के लिये ठहराया गया है वहाँ तुझे सब बता दिया जाएगा।’
ସିଲତ୍ତେ ଞେନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲାୟ୍‌, ‘ଞେନ୍‌ ଇନି ଏଙ୍ଗାନାୟ୍‌, ପ୍ରବୁ?’ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗାମ୍‌ଲିଁୟ୍‌, ‘ଡୋନା ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଜିରା, ଆରି ଆମନ୍‌ ଇନି ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଲନୁମନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଗବ୍‌ରିଏନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବନରନ୍‌ ଡେତେ ।’
11 ११ जब उस ज्योति के तेज के कारण मुझे कुछ दिखाई न दिया, तो मैं अपने साथियों के हाथ पकड़े हुए दमिश्क में आया।
ଞେନ୍‌ ତି ସନାଆରନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲାୟ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ତୁରିୟ୍‌ଡାଲେ ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲିଁୟ୍‌ଜି ।”
12 १२ “तब हनन्याह नाम का व्यवस्था के अनुसार एक भक्त मनुष्य, जो वहाँ के रहनेवाले सब यहूदियों में सुनाम था, मेरे पास आया,
“ତି ଆ ଗଡ଼ାଲୋଙ୍‌ ଅନନିଅ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ମୋସାନ୍‌ ଆ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍‌ଲନ୍‌ ଆରି ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଡରମ୍ମମର୍‌, ତେତ୍ତେ ଆଡ୍ରକୋଲଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ମାନ୍ନେଏଞ୍ଜି ।
13 १३ और खड़ा होकर मुझसे कहा, ‘हे भाई शाऊल, फिर देखने लग।’ उसी घड़ी मेरी आँखें खुल गई और मैंने उसे देखा।
ଆନିନ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ତନଙେ କି ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରିଁୟ୍‌, ‘ବୋଞାଙ୍‌ ସାଓଲ, ଆମନ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଆ ।’ ସିଲତ୍ତେ ଅବ୍‌ତାଡ଼ନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆରି ଗିୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଲାୟ୍‌ କି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆଙାଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
14 १४ तब उसने कहा, ‘हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने तुझे इसलिए ठहराया है कि तू उसकी इच्छा को जाने, और उस धर्मी को देखे, और उसके मुँह से बातें सुने।
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ପୁର୍ବା ଜୋଜୋଲେଞ୍ଜି ଆ ଇସ୍ୱର ଆ ଇସ୍ସୁମ୍‌ ଇନି ତିଆତେ ଜନନାନ୍‌ ଆସନ୍‌, ଆରି ତି ଡରମ୍ମମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗନିଜନ୍‌ ଆସନ୍‌, ଆରି ଆ ତଅଡନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଅନମ୍‌ଡଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେଡାଲମ୍‌ ।
15 १५ क्योंकि तू उसकी ओर से सब मनुष्यों के सामने उन बातों का गवाह होगा, जो तूने देखी और सुनी हैं।
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଇନିଜି ଗିଜେନ୍‌ ଆରି ଅମ୍‌ଡଙେନ୍‌ ତିଆତେ ଅଡ଼୍‌କୋ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଅନବ୍‌ଜନାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମନ୍‌ ସାକିମର୍‌ ଡେତମ୍‌ ।
16 १६ अब क्यों देर करता है? उठ, बपतिस्मा ले, और उसका नाम लेकर अपने पापों को धो डाल।’
ଆରି ନମିଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଇନିବା ଅବ୍‌ଡିଂତନ୍‌? ଡୋନା, ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାନା ଆରି ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ପାର୍ତନାନା, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଇର୍ସେନମ୍‌ଜି କେମାନ୍‌ ଞାଙ୍‌ତେ ।’”
17 १७ “जब मैं फिर यरूशलेम में आकर मन्दिर में प्रार्थना कर रहा था, तो बेसुध हो गया।
“ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ୟର୍ରନ୍‌ ସରେବାସିଂଲୋଙନ୍‌ ପରାର୍ତନାଲନାଞନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଞେନ୍‌ ମୁର୍ସାଲିଁୟ୍‌ କି ଅବୟ୍‌ ତନାଲ୍‌ମଡନ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲାୟ୍‌;
18 १८ और उसको देखा कि मुझसे कहता है, ‘जल्दी करके यरूशलेम से झट निकल जा; क्योंकि वे मेरे विषय में तेरी गवाही न मानेंगे।’
ଞେନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲାୟ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବର୍ରିଁୟ୍‌, ‘ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରା, ଆମନ୍‌ ଆରି ଅବ୍‌ଡିଂଡଂନେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ତେନ୍ନେ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସାକିନମ୍‌ ଅଃନ୍ନମ୍‌ଡଙେଜି ।’
19 १९ मैंने कहा, ‘हे प्रभु वे तो आप जानते हैं, कि मैं तुझ पर विश्वास करनेवालों को बन्दीगृह में डालता और जगह-जगह आराधनालय में पिटवाता था।
ସିଲତ୍ତେ ଞେନ୍‌ ଜାଲଙ୍‌ଲାୟ୍‌, ‘ପ୍ରବୁ, ଞେନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଅମଙ୍‌ନମ୍‌ ଆଡର୍ରଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଏଙ୍ଗାଲେ ବଣ୍ଡିଲାଜି ଆରି ତିଡ୍‌ଲାଜି କେନ୍‌ଆତେ ଆନିଞ୍ଜି ମନଙ୍‌ ଜନାଜି ।
20 २० और जब तेरे गवाह स्तिफनुस का लहू बहाया जा रहा था तब भी मैं वहाँ खड़ा था, और इस बात में सहमत था, और उसके हत्यारों के कपड़ों की रखवाली करता था।’
ସାକିମର୍‌ନମ୍‌ ତିପାନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆସ୍ରମ୍‌ବବେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌, ଞେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ତେତ୍ତେ ଡକୋଲନାୟ୍‌, ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅଡ଼େଲାୟ୍‌, ଆରି ରନବ୍ବୁମରଞ୍ଜି ଆ ସିନ୍‌ରି ଞେନ୍‌ ଜଗେଲାୟ୍‌ ।’
21 २१ और उसने मुझसे कहा, ‘चला जा: क्योंकि मैं तुझे अन्यजातियों के पास दूर-दूर भेजूँगा।’”
ଆରି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବର୍ରିଁୟ୍‌, ‘ଜିରା, ଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜବ୍ର ସଙାୟ୍‌ ଏର୍‌ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟ୍‌ତମ୍‌ ।’”
22 २२ वे इस बात तक उसकी सुनते रहे; तब ऊँचे शब्द से चिल्लाए, “ऐसे मनुष्य का अन्त करो; उसका जीवित रहना उचित नहीं!”
ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଆରମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ବାବ୍ବାବ୍‌ଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଆନିନ୍‌ ପୁର୍ତିନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙ୍‌ବା, ଆନିନ୍‌ ରବ୍ବୁବା, ଆନିନ୍‌ ଆମେଙ୍‌ ଡକୋଡଙ୍‌ନେ ତଡ୍‌ ।”
23 २३ जब वे चिल्लाते और कपड़े फेंकते और आकाश में धूल उड़ाते थे;
ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ବାବ୍ବାବ୍‌ଲେ ଡକୋଲଞ୍ଜି, ଆ ସିନ୍‌ରିଞ୍ଜି ତୋଣ୍ଡୋନ୍‌ ସେଡେଞ୍ଜି, ଆରି ଆଉମରିଲନ୍‌ ଡୁଙରେଞ୍ଜି ।
24 २४ तो सैन्य-दल के सूबेदार ने कहा, “इसे गढ़ में ले जाओ; और कोड़े मारकर जाँचो, कि मैं जानूँ कि लोग किस कारण उसके विरोध में ऐसा चिल्ला रहे हैं।”
ସିଲତ୍ତେ ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅମ୍ମସିଙନ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସିପ୍ପାୟଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଇନିଆସନ୍‌ ଏନ୍ନେଲେ ପାଓଲନ୍‌ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ବର୍ତଞ୍ଜି, ତିଆତେ ଜନନାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସାମକାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ତିଡ୍‌ବା ଗାମେଞ୍ଜି ।
25 २५ जब उन्होंने उसे तसमों से बाँधा तो पौलुस ने उस सूबेदार से जो उसके पास खड़ा था कहा, “क्या यह उचित है, कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए कोड़े मारो?”
ସିପ୍ପାୟଞ୍ଜି ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିଡ୍‌ତିଡନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆଜ୍ରିଏଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ତେତ୍ତେ ତନଙ୍‌ଲେ ଆଡ୍ରକୋଲନ୍‌ ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଅବୟ୍‌ ରୋମ୍‌ ଡେସାବାୟ୍‌ ଡୋସାନ୍‌ ଲୁମେନ୍‌ ଅଡ଼େ ଅଃଲ୍ଲୁମ୍‌ଲୋ ଏର୍‌ନବ୍‌ପନ୍‌ସୁଆତିନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସାମକାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ତନିଡନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଇଡିଡ୍‌ ପଙ୍‌?”
26 २६ सूबेदार ने यह सुनकर सैन्य-दल के सरदार के पास जाकर कहा, “तू यह क्या करता है? यह तो रोमी मनुष्य है।”
କେନ୍‌ଆତେ ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙେନ୍‌ କି ଆନିନ୍‌ ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ବରେ, “ଆମନ୍‌ ଇନି ଏଙ୍ଗାତନ୍‌? କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଅବୟ୍‌ ରୋମ୍‌ ଡେସାବାୟ୍‌ ।”
27 २७ तब सैन्य-दल के सरदार ने उसके पास आकर कहा, “मुझे बता, क्या तू रोमी है?” उसने कहा, “हाँ।”
ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଜିର୍ରାୟ୍‌ କି ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ, “ଞେନ୍‌ ଜାଲଙିଁୟ୍‌, ଆମନ୍‌ ଇନି ରୋମ୍‌ ଡେସାବାୟ୍‌ ପଙ୍‌?” ପାଓଲନ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଓଓ ।”
28 २८ यह सुनकर सैन्य-दल के सरदार ने कहा, “मैंने रोमी होने का पद बहुत रुपये देकर पाया है।” पौलुस ने कहा, “मैं तो जन्म से रोमी हूँ।”
ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଗାମେନ୍‌ “ଜବ୍ର ତଙ୍କାନ୍‌ କର୍ସଡାଲେ ଞେନ୍‌ ରୋମିଅବାୟ୍‌ ଡେଲିଁୟ୍‌ ।” ସିଲତ୍ତେ ପାଓଲନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଞେନ୍‌ ଜନମ୍ମୁଞେନ୍‌ ମା ସିଲଡ୍‌ ରୋମିଅବାୟ୍‌ ।”
29 २९ तब जो लोग उसे जाँचने पर थे, वे तुरन्त उसके पास से हट गए; और सैन्य-दल का सरदार भी यह जानकर कि यह रोमी है, और उसने उसे बाँधा है, डर गया।
ସିଲତ୍ତେ ଆନାଜି ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବନରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇୟେଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜି ଡାରିଡେଞ୍ଜି; ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସିଙ୍କୁଡ଼ିନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଜିଏଞ୍ଜି, ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ରୋମିଅବାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆଜ୍ରନାଏନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ମାଡ୍ଡ ବତଙେନ୍‌ ।
30 ३० दूसरे दिन वह ठीक-ठीक जानने की इच्छा से कि यहूदी उस पर क्यों दोष लगाते हैं, इसलिए उसके बन्धन खोल दिए; और प्रधान याजकों और सारी महासभा को इकट्ठे होने की आज्ञा दी, और पौलुस को नीचे ले जाकर उनके सामने खड़ा कर दिया।
ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ପାଓଲନ୍‌ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଇନିଆସନ୍‌ କାୟ୍‌କାୟେଞ୍ଜି; କେନ୍‌ଆତେ ଜନନାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମୁଡ଼ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ତି ଆବାର୍ତାନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଉୟ୍‌ଲେ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଡ ଅଡ଼୍‌କୋ ପାପୁର୍‌ମରଞ୍ଜି ପନ୍‌ସୁଆତିନ୍‌ ଅନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲେ ଆ ମୁକ୍କାବାଞ୍ଜି ଇୟ୍‌ଲେ ତବ୍‌ନଙେ ।

< प्रेरितों के काम 22 >