< 2 थिस्सलुनीकियों 2 >

1 हे भाइयों, हम अपने प्रभु यीशु मसीह के आने, और उसके पास अपने इकट्ठे होने के विषय में तुम से विनती करते हैं।
ܒܥܝܢܢ ܕܝܢ ܡܢܟܘܢ ܐܚܝ ܥܠ ܡܐܬܝܬܗ ܕܡܪܢ ܝܫܘܥ ܡܫܝܚܐ ܘܥܠ ܟܢܘܫܝܐ ܕܝܠܢ ܕܠܘܬܗ
2 कि किसी आत्मा, या वचन, या पत्री के द्वारा जो कि मानो हमारी ओर से हो, यह समझकर कि प्रभु का दिन आ पहुँचा है, तुम्हारा मन अचानक अस्थिर न हो जाए; और न तुम घबराओ।
ܕܠܐ ܥܓܠ ܬܬܙܝܥܘܢ ܒܪܥܝܢܝܟܘܢ ܘܠܐ ܬܬܘܗܘܢ ܠܐ ܡܢ ܡܠܬܐ ܘܠܐ ܡܢ ܪܘܚܐ ܘܠܐ ܡܢ ܐܓܪܬܐ ܕܐܝܟ ܕܡܢ ܠܘܬܢ ܗܝ ܕܗܐ ܠܡ ܡܛܝ ܝܘܡܗ ܕܡܪܢ
3 किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा, जब तक विद्रोह नहीं होता, और वह अधर्मी पुरुष अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो।
ܠܡܐ ܐܢܫ ܢܛܥܝܟܘܢ ܒܚܕ ܡܢ ܐܤܟܡܝܢ ܡܛܠ ܕܐܢ ܠܐ ܬܐܬܐ ܠܘܩܕܡ ܡܪܘܕܘܬܐ ܘܢܬܓܠܐ ܒܪܢܫܐ ܕܚܛܝܬܐ ܒܪܗ ܕܐܒܕܢܐ
4 जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आपको बड़ा ठहराता है, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आपको परमेश्वर प्रगट करता है।
ܗܘ ܕܠܩܘܒܠܐ ܗܘ ܘܡܫܬܥܠܐ ܥܠ ܟܠ ܡܢ ܕܡܬܩܪܐ ܐܠܗ ܘܕܚܠܐ ܐܝܟܢܐ ܕܐܦ ܒܗܝܟܠܐ ܕܐܠܗܐ ܐܝܟ ܐܠܗܐ ܢܬܒ ܘܢܚܘܐ ܥܠ ܢܦܫܗ ܐܝܟ ܕܐܠܗܐ ܗܘ
5 क्या तुम्हें स्मरण नहीं, कि जब मैं तुम्हारे यहाँ था, तो तुम से ये बातें कहा करता था?
ܠܐ ܥܗܕܝܬܘܢ ܕܟܕ ܠܘܬܟܘܢ ܗܘܝܬ ܗܠܝܢ ܐܡܪܬ ܗܘܝܬ ܠܟܘܢ
6 और अब तुम उस वस्तु को जानते हो, जो उसे रोक रही है, कि वह अपने ही समय में प्रगट हो।
ܘܗܫܐ ܝܕܥܝܢ ܐܢܬܘܢ ܡܐ ܕܐܚܝܕ ܕܢܬܓܠܐ ܗܘ ܒܙܒܢܗ
7 क्योंकि अधर्म का भेद अब भी कार्य करता जाता है, पर अभी एक रोकनेवाला है, और जब तक वह दूर न हो जाए, वह रोके रहेगा।
ܐܪܙܐ ܓܝܪ ܕܥܘܠܐ ܡܢ ܟܕܘ ܫܪܝ ܠܡܬܚܦܛܘ ܒܠܚܘܕ ܐܢ ܗܘ ܡܐ ܕܗܫܐ ܐܚܝܕ ܢܫܬܩܠ ܡܢ ܡܨܥܬܐ
8 तब वह अधर्मी प्रगट होगा, जिसे प्रभु यीशु अपने मुँह की फूँक से मार डालेगा, और अपने आगमन के तेज से भस्म करेगा।
ܘܗܝܕܝܢ ܢܬܓܠܐ ܥܘܠܐ ܗܘ ܕܡܪܢ ܝܫܘܥ ܢܤܝܦܝܘܗܝ ܒܪܘܚ ܦܘܡܗ ܘܢܒܛܠܝܘܗܝ ܒܓܠܝܢܐ ܕܡܐܬܝܬܗ
9 उस अधर्मी का आना शैतान के कार्य के अनुसार सब प्रकार की झूठी सामर्थ्य, चिन्ह, और अद्भुत काम के साथ,
ܡܐܬܝܬܗ ܓܝܪ ܕܗܘ ܒܡܥܒܕܢܘܬܐ ܗܝ ܕܤܛܢܐ ܒܟܠ ܚܝܠ ܘܐܬܘܬܐ ܘܬܕܡܪܬܐ ܕܓܠܬܐ
10 १० और नाश होनेवालों के लिये अधर्म के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिससे उनका उद्धार होता।
ܘܒܟܠܗ ܛܘܥܝܝ ܕܥܘܠܐ ܕܗܘܝܐ ܒܐܒܝܕܐ ܥܠ ܕܠܐ ܩܒܠܘ ܚܘܒܐ ܕܩܘܫܬܐ ܕܒܗ ܢܚܘܢ
11 ११ और इसी कारण परमेश्वर उनमें एक भटका देनेवाली सामर्थ्य को भेजेगा ताकि वे झूठ पर विश्वास करें।
ܡܛܠܗܢܐ ܢܫܕܪ ܠܗܘܢ ܐܠܗܐ ܡܥܒܕܢܘܬܐ ܕܛܘܥܝܝ ܕܢܗܝܡܢܘܢ ܠܫܘܩܪܐ
12 १२ और जितने लोग सत्य पर विश्वास नहीं करते, वरन् अधर्म से प्रसन्न होते हैं, सब दण्ड पाएँ।
ܘܢܬܕܝܢܘܢ ܟܠܗܘܢ ܐܝܠܝܢ ܕܠܐ ܗܝܡܢܘ ܒܩܘܫܬܐ ܐܠܐ ܐܨܛܒܝܘ ܒܥܘܠܐ
13 १३ पर हे भाइयों, और प्रभु के प्रिय लोगों, चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर, और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ।
ܚܢܢ ܕܝܢ ܚܝܒܝܢܢ ܠܡܘܕܝܘ ܠܐܠܗܐ ܒܟܠܙܒܢ ܥܠ ܐܦܝܟܘܢ ܐܚܝܢ ܚܒܝܒܘܗܝ ܕܡܪܢ ܕܓܒܟܘܢ ܐܠܗܐ ܡܢ ܪܫܝܬܐ ܠܚܝܐ ܒܩܕܝܫܘܬܐ ܕܪܘܚܐ ܘܒܗܝܡܢܘܬܐ ܕܫܪܪܐ
14 १४ जिसके लिये उसने तुम्हें हमारे सुसमाचार के द्वारा बुलाया, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को प्राप्त करो।
ܠܗܠܝܢ ܗܘ ܓܝܪ ܩܪܟܘܢ ܒܡܤܒܪܢܘܬܐ ܕܝܠܢ ܕܬܗܘܘܢ ܬܫܒܘܚܬܐ ܠܡܪܢ ܝܫܘܥ ܡܫܝܚܐ
15 १५ इसलिए, हे भाइयों, स्थिर रहो; और जो शिक्षा तुम ने हमारे वचन या पत्र के द्वारा प्राप्त किया है, उन्हें थामे रहो।
ܡܟܝܠ ܐܚܝ ܐܬܩܝܡܘ ܘܚܡܤܢܘ ܒܦܘܩܕܢܐ ܕܝܠܦܬܘܢ ܐܢ ܒܡܠܬܐ ܘܐܢ ܒܐܓܪܬܐ ܕܝܠܢ
16 १६ हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है। (aiōnios g166)
ܗܘ ܕܝܢ ܡܪܢ ܝܫܘܥ ܡܫܝܚܐ ܘܐܠܗܐ ܐܒܘܢ ܗܘ ܕܐܚܒܢ ܘܝܗܒ ܠܢ ܒܘܝܐܐ ܕܠܥܠܡ ܘܤܒܪܐ ܛܒܐ ܒܛܝܒܘܬܗ (aiōnios g166)
17 १७ तुम्हारे मनों में शान्ति दे, और तुम्हें हर एक अच्छे काम, और वचन में दृढ़ करे।
ܢܒܝܐ ܠܒܘܬܟܘܢ ܘܢܩܝܡ ܒܟܠ ܡܠܐ ܘܒܟܠ ܥܒܕ ܛܒ

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