< नहेमायाह 3 >

1 तब महापुरोहित एलियाशिब ने अपने भाइयों को अपने साथ लिया, जो पुरोहित थे और इन्होंने भेड़-फाटक को बना दिया. उन्होंने इसे समर्पित किया और इसके पल्ले उसमें जड़ दिए. उन्होंने शहरपनाह को हम्मेआ और हनानेल मीनारों तक समर्पित कर दिया.
तब एल्याशीब महायाजक ने अपने भाई याजकों समेत कमर बाँधकर भेड़फाटक को बनाया। उन्होंने उसकी प्रतिष्ठा की, और उसके पल्लों को भी लगाया; और हम्मेआ नामक गुम्मट तक वरन् हननेल के गुम्मट के पास तक उन्होंने शहरपनाह की प्रतिष्ठा की।
2 इसके पास वाले भाग को येरीख़ो के लोगों ने बनाया और उनके पास वाले इलाके को इमरी के पुत्र ज़क्‍कूर ने.
उससे आगे यरीहो के मनुष्यों ने बनाया, और इनसे आगे इम्री के पुत्र जक्कूर ने बनाया।
3 इसके बाद सेनाआह के पुत्रों ने मछली फाटक को बनाया. उन्होंने इसके पल्ले की कड़ियां डालीं, द्वारों को चिटकनियों और छड़ों से लटका दिया.
फिर मछली फाटक को हस्सना के बेटों ने बनाया; उन्होंने उसकी कड़ियाँ लगाईं, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए।
4 इनके बाद हक्कोज़ के पोते उरियाह के पुत्र मेरेमोथ ने मरम्मत का काम किया. उसके पास वाले भाग की मरम्मत का काम मेशेजाबेल के पोते बेरेखियाह के बेटे मेशुल्लाम ने किया. और फिर यही काम बाअनाह के बेटे सादोक ने भी किया.
उनसे आगे मरेमोत ने जो हक्कोस का पोता और ऊरिय्याह का पुत्र था, मरम्मत की। और इनसे आगे मशुल्लाम ने जो मशेजबेल का पोता, और बेरेक्याह का पुत्र था, मरम्मत की। इससे आगे बाना के पुत्र सादोक ने मरम्मत की।
5 इसके अलावा उसके पास के भाग की मरम्मत तकोआ निवासियों ने की, मगर उनके नगर के बड़े लोगों ने अपने अधिकारियों को इस काम में सहायता नहीं दी.
इनसे आगे तकोइयों ने मरम्मत की; परन्तु उनके रईसों ने अपने प्रभु की सेवा का जूआ अपनी गर्दन पर न लिया।
6 पासेह के पुत्र योइयादा ने और बेसादियाह के पुत्र मेशुल्लाम ने पुराने फाटक की मरम्मत की. इन्होंने इसकी कड़ियां डालीं और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और इनकी छड़ों से लटका दिया.
फिर पुराने फाटक की मरम्मत पासेह के पुत्र योयादा और बसोदयाह के पुत्र मशुल्लाम ने की; उन्होंने उसकी कड़ियाँ लगाईं, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए।
7 उनके पास वाले भाग की मरम्मत गिबियोनवासी मेलातियाह और मेरोनोथी यादोन ने की, जो गिबयोनवासी और मिज़पाहवासी थे, उन्होंने उस नदी के दूसरी ओर के प्रदेश के राज्यपाल के लिए उसके सिंहासन की मरम्मत भी की.
और उनसे आगे गिबोनी मलत्याह और मेरोनोती यादोन ने और गिबोन और मिस्पा के मनुष्यों ने महानद के पार के अधिपति के सिंहासन की ओर से मरम्मत की।
8 उसके पास वाले भाग की मरम्मत सुनारों में से हरहइयाह के पुत्र उज्ज़िएल ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत सुगंध बनाने वालों में से एक ने की, जिसका नाम हननियाह था. इस प्रकार उन्होंने येरूशलेम को फैली हुई शहरपनाह तक पहले की तरह ला दिया.
उनसे आगे हर्हयाह के पुत्र उज्जीएल ने और अन्य सुनारों ने मरम्मत की। इससे आगे हनन्याह ने, जो गन्धियों के समाज का था, मरम्मत की; और उन्होंने चौड़ी शहरपनाह तक यरूशलेम को दृढ़ किया।
9 उनके पासवाली जगहों की मरम्मत हूर के पुत्र रेफ़ाइयाह ने, जो येरूशलेम के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, की.
उनसे आगे हूर के पुत्र रपायाह ने, जो यरूशलेम के आधे जिले का हाकिम था, मरम्मत की।
10 इनके पासवाली जगहों की मरम्मत हारुमाफ के पुत्र येदाइयाह ने अपने घर के सामने के इलाके में की. उसके पासवाली जगहों की मरम्मत हशबनेइयाह के पुत्र हत्तुष ने की.
१०और उनसे आगे हरुमप के पुत्र यदायाह ने अपने ही घर के सामने मरम्मत की; और इससे आगे हशब्नयाह के पुत्र हत्तूश ने मरम्मत की।
11 हारिम के पुत्र मालखियाह और पाहाथ-मोआब के पुत्र हस्षूब ने एक दूसरे भाग की और भट्ठियों के मीनारों की मरम्मत की.
११हारीम के पुत्र मल्किय्याह और पहत्मोआब के पुत्र हश्शूब ने एक और भाग की, और भट्ठी के गुम्मट की मरम्मत की।
12 उसके पास वाले भाग की मरम्मत हल्लेहेष के पुत्र शल्लूम ने, जो येरूशलेम में के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, अपनी पुत्रियों के साथ मिलकर की.
१२इससे आगे यरूशलेम के आधे जिले के हाकिम हल्लोहेश के पुत्र शल्लूम ने अपनी बेटियों समेत मरम्मत की।
13 हानून और ज़ानोहावासियों ने घाटी फाटक की मरम्मत की. उन्होंने इसको बनाया और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया. उन्होंने इसके अलावा कूड़ा फाटक तक लगभग पांच सौ मीटर शहरपनाह को भी बनाया.
१३तराई के फाटक की मरम्मत हानून और जानोह के निवासियों ने की; उन्होंने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए, और हजार हाथ की शहरपनाह को भी अर्थात् कूड़ा फाटक तक बनाया।
14 रेखाब के पुत्र मालखियाह ने, जो बेथ-हक्‍केरेम क्षेत्र का अधिकारी था, कूड़ा फाटक की मरम्मत की. उसने इसको बनाया और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया.
१४कूड़ा फाटक की मरम्मत रेकाब के पुत्र मल्किय्याह ने की, जो बेथक्केरेम के जिले का हाकिम था; उसी ने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए।
15 कोल-होज़ेह के पुत्र शल्लूम ने, जो मिज़पाह क्षेत्र का अधिकारी था, झरना फाटक की मरम्मत की. उसने इसको बनाया, पल्लों को चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया और उसके ऊपर छत भी बना दी. इसके अलावा उसने शेलाह के तालाब की शहरपनाह को भी बनाया. यह शहरपनाह राजा के बगीचे से लेकर उन सीढ़ियों तक बनाई गई, जो दावीद के नगर से उतरती हुई आती थी.
१५सोता फाटक की मरम्मत कोल्होजे के पुत्र शल्लूम ने की, जो मिस्पा के जिले का हाकिम था; उसी ने उसको बनाया और पाटा, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए; और उसी ने राजा की बारी के पास के शेलह नामक कुण्ड की शहरपनाह को भी दाऊदपुर से उतरनेवाली सीढ़ी तक बनाया।
16 इसके बाद अज़बुक के पुत्र नेहेमियाह ने, जो बेथ-त्सूर के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, दावीद की कब्रों की गुफा तक के बिंदु तक शहरपनाह की मरम्मत की और वीरों के घर और तालाबों तक की शहरपनाह की भी.
१६उसके बाद अजबूक के पुत्र नहेम्याह ने जो बेतसूर के आधे जिले का हाकिम था, दाऊद के कब्रिस्तान के सामने तक और बनाए हुए जलकुण्ड तक, वरन् वीरों के घर तक भी मरम्मत की।
17 पास वाले भाग की मरम्मत बानी के पुत्र रेहुम की देखरेख में लेवियों ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत, काइलाह के आधे क्षेत्र के अधिकारी हशाबियाह ने अपने क्षेत्र में पूरी की.
१७इसके बाद बानी के पुत्र रहूम ने कितने लेवियों समेत मरम्मत की। इससे आगे कीला के आधे जिले के हाकिम हशब्याह ने अपने जिले की ओर से मरम्मत की।
18 उसके पास वाले भाग की मरम्मत उनके भाइयों ने काइलाह के क्षेत्र के बचे हुए भाग के अधिकारी हेनादाद के पुत्र बव्वाई की निगरानी में पूरी हुई.
१८उसके बाद उनके भाइयों समेत कीला के आधे जिले के हाकिम हेनादाद के पुत्र बव्वै ने मरम्मत की।
19 उसके पास वाले भाग की मरम्मत येशुआ के पुत्र एज़र ने की, जो मिज़पाह का अधिकारी था, यह उस शस्त्रों के घर के सामने था, जो चढ़ाई तक था.
१९उससे आगे एक और भाग की मरम्मत जो शहरपनाह के मोड़ के पास शस्त्रों के घर की चढ़ाई के सामने है, येशुअ के पुत्र एजेर ने की, जो मिस्पा का हाकिम था।
20 उसके पास वाले भाग की मरम्मत ज़ब्बाई के पुत्र बारूख ने बहुत ही उत्साह से की, जो उस चढ़ाई से लेकर महापुरोहित एलियाशिब के घर के द्वार तक है.
२०फिर एक और भाग की अर्थात् उसी मोड़ से लेकर एल्याशीब महायाजक के घर के द्वार तक की मरम्मत जब्बै के पुत्र बारूक ने तन मन से की।
21 उसके पास वाले भाग की हक्कोज़ के पोते उरियाह के पुत्र मेरेमोथ ने और दूसरे भागों की भी मरम्मत की. यह भाग एलियाशिब के घर के द्वार से शुरू होकर उसके घर के आखिरी छोर तक था.
२१इसके बाद एक और भाग की अर्थात् एल्याशीब के घर के द्वार से लेकर उसी घर के सिरे तक की मरम्मत, मरेमोत ने की, जो हक्कोस का पोता और ऊरिय्याह का पुत्र था।
22 उसके पास वाले भाग की मरम्मत घाटी के पास रहनेवाले पुरोहितों ने की.
२२उसके बाद उन याजकों ने मरम्मत की जो तराई के मनुष्य थे।
23 उनके पास वाले भाग की मरम्मत बिन्यामिन और हस्षूब ने की. उन्होंने अपने-अपने घरों के सामने के भाग की मरम्मत की. उनके पास वाले भाग की मरम्मत मआसेइयाह के पुत्र अननियाह के पोते अज़रियाह ने अपने घर के पास की शहरपनाह की मरम्मत की.
२३उनके बाद बिन्यामीन और हश्शूब ने अपने घर के सामने मरम्मत की; और इनके पीछे अजर्याह ने जो मासेयाह का पुत्र और अनन्याह का पोता था अपने घर के पास मरम्मत की।
24 उसके पास वाले भाग की मरम्मत हेनादाद के पुत्र बिन्‍नूइ ने की. यह भाग अज़रियाह के घर से मोड़ तक और कोने तक फैला हुआ था.
२४तब एक और भाग की, अर्थात् अजर्याह के घर से लेकर शहरपनाह के मोड़ तक वरन् उसके कोने तक की मरम्मत हेनादाद के पुत्र बिन्नूई ने की।
25 उज़ाई के पुत्र पलाल ने उस भाग की मरम्मत की, जो मोड़ के सामने से शुरू होकर राजमहल के ऊपरी माले के घर के गुम्मट तक है. यह पहरेदारों के आंगन के पास है. उसके पास वाले भाग की मरम्मत पारोश के पुत्र पेदाइयाह ने की.
२५फिर उसी मोड़ के सामने जो ऊँचा गुम्मट राजभवन से बाहर निकला हुआ बन्दीगृह के आँगन के पास है, उसके सामने ऊजै के पुत्र पालाल ने मरम्मत की। इसके बाद परोश के पुत्र पदायाह ने मरम्मत की।
26 मंदिर के उन सेवकों ने, जो ओफेल में रहते थे, जल फाटक के सामने के भाग तक की मरम्मत की. यह वह फाटक था, जो पूर्व दिशा की ओर था, जहां पहरेदारों का गुम्मट था.
२६नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के सामने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे।
27 इनके पास वाले भाग की मरम्मत तकोआ निवासियों ने की. यह भाग बाहर निकले हुए पहरेदारों के गुम्मट के सामने से ओफेल की शहरपनाह तक फैला हुआ था.
२७पदायाह के बाद तकोइयों ने एक और भाग की मरम्मत की, जो बाहर निकले हुए बड़े गुम्मट के सामने और ओपेल की शहरपनाह तक है।
28 पुरोहितों ने घोड़ा फाटक के ऊपर के भाग की मरम्मत की, हर एक ने अपने-अपने घर के सामने के भाग की.
२८फिर घोड़ाफाटक के ऊपर याजकों ने अपने-अपने घर के सामने मरम्मत की।
29 उनके पास वाले भाग की मरम्मत इम्मर के पुत्र सादोक ने की जो उसके घर के सामने का भाग था. उसके पास वाले भाग की मरम्मत शेकानियाह के पुत्र शेमायाह ने की, जो पूर्वी फाटक का द्वारपाल था.
२९इनके बाद इम्मेर के पुत्र सादोक ने अपने घर के सामने मरम्मत की; और तब पूर्वी फाटक के रखवाले शकन्याह के पुत्र शमायाह ने मरम्मत की।
30 उसके पास वाले भाग की मरम्मत शेलेमियाह के पुत्र हननियाह और ज़लाफ़ के छठे पुत्र हानून ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत बेरेखियाह के पुत्र मेशुल्लाम ने की जो उसके घर के सामने का भाग था.
३०इसके बाद शेलेम्याह के पुत्र हनन्याह और सालाप के छठवें पुत्र हानून ने एक और भाग की मरम्मत की। तब बेरेक्याह के पुत्र मशुल्लाम ने अपनी कोठरी के सामने मरम्मत की।
31 उसके पास वाले भाग का मालखियाह ने, जो सुनारों में से एक था, मंदिर के सेवकों और व्यापारियों के घर से लेकर, जो मुस्तर अर्थात् मुआयना फाटक के सामने था, कोने के ऊपरी कमरे तक मरम्मत का काम पूरा किया.
३१उसके बाद मल्किय्याह ने जो सुनार था नतिनों और व्यापारियों के स्थान तक ठहराए हुए स्थान के फाटक के सामने और कोने के कोठे तक मरम्मत की।
32 तब कोने के ऊपरी कमरे और भेड़-फाटक के बीच की शहरपनाह की मरम्मत सुनारों और व्यापारियों ने पूरी की.
३२और कोनेवाले कोठे से लेकर भेड़फाटक तक सुनारों और व्यापारियों ने मरम्मत की।

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