< लूका 22 >

1 अखमीरी रोटी का उत्सव, जो फ़सह पर्व कहलाता है, पास आ रहा था.
ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ ନୁତୁମଃତାନ୍‌ ସାବାଃ ହଲଙ୍ଗ୍‌ରେୟାଃ ପାରାବ୍‌ ନାଡ଼େଃୟାନା,
2 प्रधान पुरोहित तथा शास्त्री इस खोज में थे कि प्रभु येशु को किस प्रकार मार डाला जाए, किंतु उन्हें लोगों का भय था.
ଆଡଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ ଆଡଃ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ଆବୁ ୟୀଶୁକେ ଚିଲ୍‌କାବୁ ଗଜିୟା ମେନ୍ତେ ହରାକ ଦାଣାଁଁବାଡ଼ା ତାଇକେନା, ଇନ୍‌କୁଦ ହଡ଼କକେ ବରଆକତାନ୍‌ ତାଇକେନାକ ।
3 शैतान ने कारियोतवासी यहूदाह में, जो बारह शिष्यों में से एक था, प्रवेश किया.
ଏନ୍ତେ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ଚେଲାକଏତେ, ଇଷ୍କାରିୟତ୍‌ ଯିହୁଦା ନୁତୁମଃତାନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ନିୟାଃରେ ସାଏତାନ୍‌ ବଲୟାନାଏ ।
4 उसने प्रधान पुरोहितों तथा अधिकारियों से मिलकर निश्चित किया कि वह किस प्रकार प्रभु येशु को पकड़वा सकता है.
ଆଡଃ ଇନିଃ ସେନଃୟାନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ୟୀଶୁକେ ଚିଲ୍‌କା ଆପେୟାଃ ତିଃଇରେ ଜିମାଇୟା ମେନ୍ତେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ ଆଡଃ ସିପାଇକଆଃ ଗମ୍‌କେକଲଃ ବାଖାଁଣ୍‌କେଦାଏ ।
5 इस पर प्रसन्‍न हो वे उसे इसका दाम देने पर सहमत हो गए.
ଇନ୍‌କୁ ଟାକାଲେ ଏମାମେୟା ମେନ୍ତେ ରାସ୍‌କାତାନ୍‌ଲଃକ ହୁଣ୍ଡିୟାନା ।
6 यहूदाह प्रभु येशु को उनके हाथ पकड़वा देने के ऐसे सुअवसर की प्रतीक्षा करने लगा, जब आस-पास भीड़ न हो.
ଆଡଃ ଇନିଃ ରାଜିୟାନାଏ ଆଡଃ କା ହାଲାଗୁଲାଏତାନ୍‌ଲଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ତିଃଇରେ ୟୀଶୁକେ ସାବ୍‍ରିକାଇ ନାଗେନ୍ତେ ସୁଯୋଗ୍‌ ଦାଣାଁଁତାନାଏ ତାଇକେନା ।
7 तब अखमीरी रोटी का उत्सव आ गया, जब फ़सह का मेमना बलि किया जाता था.
ସାବାଃ ହଲଙ୍ଗ୍‌ରେୟାଃ ପାରାବ୍‌ ଦିପିଲିରେ, ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ମିଣ୍ଡିହନ୍‌ଆଃ ଦାଣେଁ ମାୟୋମ୍‌ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନା ।
8 प्रभु येशु ने पेतरॉस और योहन को इस आज्ञा के साथ भेजा, “जाओ और हमारे लिए फ़सह की तैयारी करो.”
ୟୀଶୁ, ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ଆଡଃ ଯୋହାନ୍‌କେ “ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଜମେୟାଃଁ ବାବାଇ ନାଗେନ୍ତେ” କୁଲ୍‌କେଦ୍‌କିନା ।
9 उन्होंने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, हम किस स्थान पर इसकी तैयारी करें, आप क्या चाहते हैं?”
ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କିନ୍‌ ଇନିଃକେ କୁଲିକିୟାକିନ୍‌, “ଆଲିଙ୍ଗ୍‌ ଅକ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ବାଇୟାଲିଙ୍ଗ୍‌ ମେନ୍ତେମ୍‌ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନା?”
10 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “नगर में प्रवेश करते ही तुम्हें एक व्यक्ति पानी का घड़ा ले जाता हुआ मिलेगा. उसका पीछा करते हुए तुम उस घर में चले जाना,
୧୦ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କିନାଏ, “ନାଗାର୍‌ରେ ବଲଃ ଇମ୍‌ତା ଦାଆଃଚାଟୁ ତେଙ୍ଗଃକାଦ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼କେ ନାମିଁୟାବେନ୍‌, ଇନିଃ ବଲଃ ଅଡ଼ାଃତେ ଅତଙ୍ଗ୍‌ଇଁବେନ୍‌,
11 जिस घर में वह प्रवेश करेगा. उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है, “वह अतिथि कक्ष कहां है जहां मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह खाऊंगा?”’
୧୧ଆଡଃ ଅଡ଼ାଃରେନ୍‌ ଗମ୍‌କେ କେ କାଜିୟାଇବେନ୍, ‘ଗୁରୁ କୁଲିତାନାଏ, ବାଖ୍‌ରା ଅକ୍‌ତାଃରେୟା? ଏନ୍ତାଃଦ ଆଇଁୟାଃ ଚେଲାକଲଃ ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ରେୟାଃ ଜମେୟାଁଃ ଜମେୟାଁଇଙ୍ଗ୍‌ ।’
12 वह तुमको एक विशाल, सुसज्जित ऊपरी कक्ष दिखाएगा; तुम वहीं सारी तैयारी करना.”
୧୨ଇନିଃ ବାଇସେକାଡ଼ାକାନ୍‌ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ବାଖ୍‌ରା ଉଦୁବାବେନାଏ, ଏନ୍ତାଃରେ ବାଇୟେବେନ୍‌ ।”
13 यह सुन वे दोनों वहां से चले गए और सब कुछ ठीक वैसा ही पाया जैसा प्रभु येशु ने कहा था. उन्होंने वहां फ़सह तैयार किया.
୧୩ଇନ୍‌କିନ୍‌ ସେନଃୟାନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଉଦୁବାଦ୍‌କିନ୍‌ଲେକା ନାମ୍‌କେଦାଃକିନ୍, ଆଡଃ ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଜମେୟାଁଃକିନ୍‌ ବାଇକେଦାଃ ।
14 नियत समय पर प्रभु येशु अपने प्रेरितों के साथ भोज पर बैठे.
୧୪ଆଡଃ ଏନ୍‌ ଦିପିଲି ସେଟେର୍‌ୟାନ୍‌ଚି ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ପ୍ରେରିତ୍‌କଲଃ ଜଜମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଦୁବ୍‍ୟାନାଏ ।
15 उन्होंने प्रेरितों से कहा, “मेरी बड़ी लालसा थी कि मैं अपने दुःख-भोग के पहले यह फ़सह तुम्हारे साथ खाऊं.
୧୫ଆଡଃ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଦୁକୁ ସାହାତିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁ ସିଦାରେ ନେ ପାସ୍‌କା ପାରାବ୍‌ରେୟାଃ ଜମେୟାଃଁ ଆପେଲଃ ଜଜମାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନା ।
16 क्योंकि सच यह है कि मैं इसे दोबारा तब तक नहीं खाऊंगा जब तक यह परमेश्वर के राज्य में पूरा न हो.”
୧୬ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେ ଏନାରାଃ ସବେନ୍‌ ମୁଣ୍ଡି ଆଉରି ଉଦୁବଃ ଜାକେଦ୍‌ ଆଡଃ ଚିଉଲାହ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ଜମାଃ ମେତାପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ।”
17 तब उन्होंने प्याला उठाया, परमेश्वर के प्रति धन्यवाद दिया और कहा, “इसे लो, आपस में बांट लो
୧୭ଆଡଃ କାଟୋରା ଆଉକେଦ୍‌ତେ, ଇନିଃ ଧାନ୍ୟାବାଦ୍‌ ଏମ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେୟାଃ ଥାଲାରେ ନେଆଁଁ ହାଟିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁପେ ।”
18 क्योंकि यह निर्धारित है कि जब तक परमेश्वर के राज्य का आगमन न हो जाए, दाख का रस तब तक मैं नहीं पिऊंगा.”
୧୮ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦ କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ ଆଉରି ହିଜୁଃଜାକେଦ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଦାଖ୍‌ରାସି ଆଡଃ ଚିଉଲାଅ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ନୁଁଇଆ ।”
19 तब उन्होंने रोटी ली, धन्यवाद देते हुए उसे तोड़ा और शिष्यों को यह कहते हुए दे दी, “यह मेरा शरीर है, जो तुम्हारे लिए दिया जा रहा है. मेरी याद में तुम ऐसा ही किया करना.”
୧୯ଆଡଃ ଇନିଃ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌କେ ଧାନ୍ୟାବାଦ୍ ଏମ୍‌କିୟାଏ ଆଡଃ ଏନାକେ କେଚାଃକେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁକେ ଏମ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ନେଆଁଁ ଆଇଁୟାଃ ହଡ଼୍‌ମତାନାଃ, ଆପେ ନାଗେନ୍ତେ ଏମଃତାନା, ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ପାହାମିଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ନେଆଁଁ ରିକାଏପେ ।”
20 इसी प्रकार इसके बाद प्रभु येशु ने प्याला उठाया और कहा, “यह प्याला मेरे लहू में, जो तुम्हारे लिए बहाया जा रहा है, नई वाचा है.
୨୦ଏନ୍‌ଲେକାଗି, ଇନିଃ ଆୟୁବ୍‌ଜମେୟାଃଁ ତାୟମ୍‌ତେ କାଟୋରା ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ନେ କାଟୋରା ଆଇଁୟାଃ ମାୟୋମ୍‌ତେ ଆପେୟାଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଲିଙ୍ଗିୟଃତାନ୍ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଜିନାମାରାଃ ନାୱାନିୟାମ୍‌ ତାନାଃ ।
21 वह, जो मुझे पकड़वाएगा हमारे साथ इस भोज में शामिल है.
୨୧“ମେନ୍‌ଦ ନେଲେପେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ସାବ୍‌ଇଚିନିୟାଃ ତିଃଇ ଆଇଁୟାଃଲଃ ମେଜ୍‌ରେୟା ।
22 मनुष्य का पुत्र, जैसा उसके लिए तय किया गया है, आगे बढ़ रहा है, किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर जो उसे पकड़वा रहा है!”
୨୨ମାନୱାହନ୍‌ ଆୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଦହାକାନ୍‌ ଲେକାଏ ସେନଃତାନା, ମେନ୍‌ଦ ବାଇରିକଆଃ ତିଃଇରେ ଇନିଃକେ ସାବ୍‌ରିକାନିଃ ହାୟ୍ ହାୟ୍ ଚିମିନ୍‌ ଦୁକୁନାମେୟାଏ ।”
23 यह सुन वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि वह कौन हो सकता है, जो यह करने पर है.
୨୩ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ଆବୁଏତେ ନେ କାମି କାମିନିଃ ଅକଏ ତାନିଃ ମେନ୍ତେ ଆକ ଆକରେକ କୁଲିବାଡ଼ାକେଦାଃ ।
24 उनके बीच यह विवाद भी उठ खड़ा हुआ कि उनमें से सबसे बड़ा कौन है.
୨୪ଚେଲାକ ଆବୁଏତେ ଅକଏ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ନିଃ ଆଟ୍‌କାରଃଆଏ ମେନ୍ତେକ ଏପ୍‌ରାଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।
25 यह जान प्रभु येशु ने उनसे कहा, “गैर-यहूदियों के राजा उन पर शासन करते हैं और वे, जिन्हें उन पर अधिकार है, उनके हितैषी कहलाते हैं.
୨୫ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଏଟାଃ ଜାତିରେନ୍‌କଆଃ ରାଜାକ ଇନ୍‌କୁରେକ ରାଇଜେତାନା, ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଆଃରେ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ତାନ୍‌କକେ ଗାତିକ କାଜିୟଃତାନା ।
26 किंतु तुम वह नहीं हो—तुममें जो बड़ा है, वह सबसे छोटे के समान हो जाए और राजा सेवक समान.
୨୬ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ଆଲ୍‌ପେ ନେକାଅଆଃ, ଆପେୟାଃ ଥାଲାରେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ନିଃ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ନିଃଲେକା, ଆଡଃ ଆଗୁଆଇନିଃ ସୁସାର୍‌ନିଃ ଲେକା ତାଇନଃକାଏ ।
27 बड़ा कौन है—क्या वह, जो भोजन पर बैठा है या वह, जो खड़ा हुआ सेवा कर रहा है? तुम्हारे मध्य मैं सेवक के समान हूं.
୨୭ଅକଏ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଏ, ଜଜମ୍‌ରେ ଦୁବାକାନ୍‌ନିଃ ଚି ଦାସି? ଚିୟାଃ ଜଜମ୍‌ରେ ଦୁବାକାନ୍‌ନିଃ କାଏ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଁ? ମେନ୍‌ଦ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେୟାଃ ଥାଲାରେ ମିଆଁଦ୍‌ ଦାସିଲେକାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ।
28 तुम्हीं हो, जो मेरे विषम समयों में मेरा साथ देते रहे हो.
୨୮“ଆଇଁୟାଃ ବିନିଡ଼ାଅକରେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଲଃ ତାଇକାନ୍‌କ ଆପେଗି ତାନ୍‌ପେ ।
29 इसलिये जैसा मेरे पिता ने मुझे एक राज्य प्रदान किया है,
୨୯ଆଡଃ ଆପୁଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ରାଇଜ୍‌ ରିକାଏରେୟାଃ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ଏମାକାଦିଙ୍ଗ୍‌ ଲେକା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ହଁ ଆପେକେ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ଏମାପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌,
30 वैसा ही मैं भी तुम्हें यह अधिकार देता हूं कि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज़ पर बैठकर मेरे साथ संगति करो, और सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह वंशों का न्याय.
୩୦ଜେ'ଲେକାଚି, ଆପେ ଆଇଁୟାଃ ରାଇଜ୍‌ରେ ଆଇଁୟାଃ ମେଜ୍‌ରେପେ ଜମ୍‌ନୁଁଏୟା ଆଡଃ ରାଜ୍‌ଗାଦିରେ ଦୁବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ରେନ୍‌ ବାରା କିଲିକଆଃପେ ବିଚାରେୟା ।
31 “शिमओन, शिमओन, सुनो! शैतान ने तुम सबको गेहूं के समान अलग करने की आज्ञा प्राप्‍त कर ली है.
୩୧“ଏ ଶିମୋନ୍‌, ଏ ଶିମୋନ୍‌, ନେଲେମ୍ ଚାଷି ଗହମ୍‌କେ ହାଟାଃରେ କେଲାଅକେଦ୍‌ତେ ପେଟେଃକେ ଆତମେଲେକା, ଆପେକେ ବିଡ଼ାଅ ମେନ୍ତେ ସାଏତାନ୍‌ହଗି ବୁଗିନ୍‌ ହଡ଼କତାଃଏତେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ହଡ଼କକେ ଆଲ୍‌ଗାଅରେୟାଃ ଆନ୍‌ଚୁଇ ନାମାକାଦା ।
32 किंतु शिमओन, तुम्हारे लिए मैंने प्रार्थना की है कि तुम्हारे विश्वास का पतन न हो. जब तुम पहले जैसी स्थिति पर लौट आओ तो अपने भाइयों को भी विश्वास में मजबूत करना.”
୩୨ମେନ୍‌ଦ ଆମାଃ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ଆଲକା ଚାବାଃଅ ମେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆମାଃ ନାଗେନ୍ତେଇଙ୍ଗ୍‌ ବିନ୍ତିୟାକାଦାଃ, ଆଡଃ ଆମ୍‌ ରୁହାଡ଼୍‌ରେଦ ଆମାଃ ହାଗାକକେ ପକ୍‌ତାକମେ ।”
33 पेतरॉस ने प्रभु येशु से कहा, “प्रभु, मैं तो आपके साथ दोनों ही को स्वीकारने के लिए तत्पर हूं—बंदीगृह तथा मृत्यु!”
୩୩ମେନ୍‌ଦ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ କାଜିକିୟାଏ, “ହେ ପ୍ରାଭୁ ଆମ୍‌ଲଃ ଜେହେଲ୍‌ତେ ସେନ୍‌ ଆଡଃ ଗଜଃ ନାଗେନ୍ତେ ସାପ୍‌ଡ଼ାଅକାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ।”
34 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “सुनो, पेतरॉस, आज रात, मुर्ग तब तक बांग न देगा, जब तक तुम तीन बार इस सच को कि तुम मुझे जानते हो, नकार न चुके होगे.”
୩୪ୟୀଶୁ ମେତାଇଜାଏ, “ଏ ପାତ୍‌ରାସ୍‌, ତିସିଙ୍ଗ୍‌ଗି ସାଣ୍ଡିସିମ୍‌ ରାଆଃ ସିଦାରେ ଆପିସା ଇନିଃକେ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟାଃ ମେନ୍ତେମ୍‌ ମେନେୟା, ନେଆଁଁଇଙ୍ଗ୍‌ ମେତାମ୍‌ତାନା ।”
35 प्रभु येशु ने उनसे प्रश्न किया, “यह बताओ, जब मैंने तुम्हें बिना बटुए, बिना झोले और बिना जूती के बाहर भेजा था, क्या तुम्हें कोई अभाव हुआ था?” “बिलकुल नहीं,” उन्होंने उत्तर दिया.
୩୫ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ବେଗାର୍‌ ପାଏସାମୁନା, ଥାଇଲା, ଆଡଃ ଖାର୍‌ପାତେଇଙ୍ଗ୍‌ କୁଲ୍‌କେଦ୍‌ପେରେ, ଚିୟାଃ ଜେତ୍‌ନାଃତେପେ ଜାଞ୍ଜିୟାନା?” “ଜେତ୍‌ନାଃତେ କାହା” ମେନ୍ତେକ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟା ।
36 तब प्रभु येशु ने उनसे कहा, “किंतु अब जिस किसी के पास बटुआ है, वह उसे साथ ले ले. इसी प्रकार झोला भी और जिसके पास तलवार नहीं है, वह अपना वस्त्र बेचकर तलवार मोल ले.
୩୬ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ମେନ୍‌ଦ ନାହାଁଃ ପାଏସାମୁନା ତାଇନଃନିଃ ଏନା ଇଦିକାଏ, ଆଡଃ ଥାଇଲାହଁ, ଆଡଃ ଅକଏତାଃରେ ତାରାଉଡ଼ି ବାନଆଃ ଇନିଃ ଆୟାଃ ଲିଜାଃ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମିଆଁଦ୍‌ କିରିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁକାଏ ।
37 मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि यह जो लेख लिखा है, ‘उसकी गिनती अपराधियों में हुई’ उसका मुझमें पूरा होना ज़रूरी है; क्योंकि मुझसे संबंधित सभी लेखों का पूरा होना अवश्य है.”
୩୭ନେଆଁ ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ଅଲାକାନା, ‘ଇନିଃ କା ଧାର୍‌ମାନ୍‌ ହଡ଼କଲଃ ଲେକାୟାନାଏ,’ ଆଡଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ମେତାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ନେଆଁଁ ଆଇଁୟାଃରେ ହବାଅଃଗିୟା । ହେଗି, ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ଆଇଁୟାଃ ବିଷାଏରେ ଅଲାକାନ୍‌ତେୟାଃଦ ସାର୍‌ତିଗି ହବାଅଃଗିୟା ।”
38 शिष्यों ने कहा, “प्रभु, देखिए, ये दो तलवारें हैं.” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “पर्याप्‍त हैं.”
୩୮ଚେଲାକ କାଜିକିୟାଃକ, “ହେ ପ୍ରାଭୁ, ନେଲେମେ ବାରିଆ ତାରାଉଡ଼ି ନେତାଃରେୟା ।” ଇନିଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଇମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ହବାକଆଃ ।”
39 तब प्रभु येशु उस घर के बाहर निकलकर ज़ैतून पर्वत पर चले गए, जहां वह प्रायः जाया करते थे. उनके शिष्य भी उनके साथ थे.
୩୯ୟୀଶୁ ସାହାର୍‌ହେତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଲଃ ସବେନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ସେନଃତାନ୍‌ଲେକା ଜାଇତୁନ୍‌ ବୁରୁତେ ସେନଃୟାନା, ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ଚେଲାକହ ଅତଙ୍ଗ୍‌କିୟାକ ।
40 उस स्थान पर पहुंचकर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम परीक्षा में न फंसो.”
୪୦ଏନ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ସେଟେର୍‌ୟାନ୍‌ଚି ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ବିଡ଼ାଅରେ ଆଲ୍‌ପେ ଉୟୁଗଃକା ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିପେ ।”
41 तब प्रभु येशु शिष्यों से कुछ ही दूरी पर गए और उन्होंने घुटने टेककर यह प्रार्थना की:
୪୧ୟୀଶୁ ମିଆଁଦ୍‌ ଦିରିହୁଦ୍‌ମାଃ ଇମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ ଇନ୍‌କୁଏତେ ଆତମ୍‌ୟାନାଏ, ଆଡଃ ଇକ୍‌ଡ଼ୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ବିନ୍ତିକେଦାଏ ।
42 “पिताजी, यदि संभव हो तो यातना का यह प्याला मुझसे दूर कर दीजिए फिर भी मेरी नहीं, आपकी इच्छा पूरी हो.”
୪୨“ହେ ଆବା, ଆମ୍‌ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ରେଦ ନେ କାଟୋରା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଏତେ ଆତମେଁମେ, ଏନ୍‌ରେୟ ଆଇଁୟାଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ଲେକାଦ କାହା ମେନ୍‌ଦ ଆମାଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ଲେକା ହବାଅଃକା ।”
43 उसी समय स्वर्ग से एक स्वर्गदूत ने आकर उनमें बल का संचार किया.
୪୩ସିର୍ମାସାଃଏତେ ମିଆଁଦ୍‌ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଦାସି ଇନିଃକେ ପେଡ଼େଜି ନାଗେନ୍ତେ ଇନିଃତାଃତେ ହିଜୁଃୟାନା ।
44 प्राण निकलने के समान दर्द में वह और भी अधिक कातर भाव में प्रार्थना करने लगे. उनका पसीना लहू के समान भूमि पर टपक रहा था.
୪୪ଆଡଃ ୟୀଶୁ ପୁରାଃ ଦୁକୁୟାନ୍ତେ ପୁରାଃଗି ବିନ୍ତିଗରୋଙ୍ଗ୍‌କେଦାଃଏ ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ବାଲ୍‌ବାଲ୍‌ଦାଆଃ ଅତେରେ ଜରତାନ୍‌ ସାକିଦ୍‌ ମାୟୋମ୍‌ଲେକାୟାନା ।
45 जब वह प्रार्थना से उठे और शिष्यों के पास आए तो उन्हें सोता हुआ पाया. उदासी के मारे शिष्य सो चुके थे.
୪୫ଇନିଃ ବିନ୍ତିକେଦ୍‌ତେ ବିରିଦ୍‌ୟାନାଏ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକତାଃ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନ୍‌ଚି, ଇନ୍‌କୁକେ ଦୁଡ଼ୁମାକାନ୍‌ ନାମ୍‍କେଦ୍‍କଆଏ, ଆଡଃ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ଜୀଉୟାନାଏ ।
46 प्रभु येशु ने शिष्यों से कहा, “सो क्यों रहे हो? उठो! प्रार्थना करो कि तुम किसी परीक्षा में न फंसो.”
୪୬ଇନିଃ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଚିନାଃମେନ୍ତେପେ ଦୁଡ଼ୁମ୍‌ତାନା? ମାର୍‌ ବିରିଦ୍‌ପେ ଆଡଃ ବିଡ଼ାଅରେ ଆଲ୍‌ପେ ଉୟୁଗଃକା ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିପେ ।”
47 प्रभु येशु जब यह कह ही रहे थे, तभी एक भीड़ वहां आ पहुंची. उनमें यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, सबसे आगे था. वह प्रभु येशु को चूमने के लिए आगे बढ़ा
୪୭ୟୀଶୁ ନେଆଁଁ କାଜିତାନ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‌ତାଗି ନେଲେପେ ଗାଦେଲହଡ଼କ ହିଜୁଃୟାନା, ଆଡଃ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ଚେଲାକଏତେ ଯିହୁଦା ନୁତୁମ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ଚେଲା ଇନ୍‌କୁକେ ଆୟାର୍‌ତେ ଆଉକେଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ୟୀଶୁକେ ଚଅଃ'ଇ ନାଗେନ୍ତେ ଇନିଃତାଃତେ ନାଡ଼େଃୟାନା,
48 किंतु प्रभु येशु ने उससे कहा, “यहूदाह! क्या मनुष्य के पुत्र को तुम इस चुंबन के द्वारा पकड़वा रहे हो?”
୪୮ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ମେତାଇଜାଏ, “ଏ ଯିହୁଦା, ଚିୟାଃ ଆମ୍‌ ମାନୱାହନ୍‌କେ ଚଅଃ'ଇତାନ୍‌ଲମ୍‌ ସାବ୍‌ଇଚିତାନା?”
49 यह पता चलने पर कि क्या होने पर है शिष्यों ने प्रभु येशु से पूछा, “प्रभु, क्या हम तलवार चलाएं?”
୪୯ୟୀଶୁଲଃ ତାଇକେନ୍‌କ ହବାଅଃତେୟାଃ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାକ, “ହେ ପ୍ରାଭୁ ଚିୟାଃ ଆଲେ ତାରାଉଡ଼ିତେଲେ ମାଆଃକଆ?
50 उनमें से एक ने तो महापुरोहित के दास पर वार कर उस दास का दाहिना कान ही उड़ा दिया.
୫୦ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଏତେ ମିଆଁଦ୍‌ନିଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌ଆଃ ଦାସିରାଃ ଜମ୍‌ ଲୁତୁର୍‌କେ ମାଆଃଖାଣ୍ଡାଅକେଦାଏ ।”
51 “बस! बहुत हुआ” प्रभु येशु इस पर बोले, और उन्होंने उस दास के कान का स्पर्श कर उसे पहले जैसा कर दिया.
୫୧ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କେଦାଏ, “ନେଆଁଦ କାହା” ଆଡଃ ଏନ୍‌ ଦାସିଆଃ ଲୁତୁର୍‌ ଜୁଟିଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନିଃକେ ବୁଗିକିୟାଏ ।
52 तब प्रभु येशु ने प्रधान पुरोहितों, मंदिर के पहरुओं तथा वहां उपस्थित पुरनियों को संबोधित करते हुए कहा, “तलवारें और लाठियां लेकर क्या आप किसी राजद्रोही को पकड़ने आए हैं?
୫୨ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଆୟାଃତାଃ ହିଜୁଆକାନ୍‌ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ, ମାନ୍ଦିର୍‌ ହରକଆଃ ଗୁସିୟାଁକ, ଆଡଃ ପ୍ରାଚିନ୍‌କକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଚିୟାଃ ଆପେ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁସାବ୍‌ଲେକା ତାରାଉଡ଼ି ଆଡଃ ଭଙ୍ଗାଟ୍‌କ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେପେ ହିଜୁଆକାନା?
53 आपने मुझे तब तो नहीं पकड़ा जब मैं मंदिर आंगन में प्रतिदिन आपके साथ हुआ करता था! यह इसलिये कि यह क्षण आपका है—अंधकार के हाकिम का.”
୫୩ସବେନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍ଦିର୍‌ରେ ଆପେଲଃ ତାଇକେନ୍‌ଇମ୍‌ତା ଆପେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ରେ ତିଃଇ କାପେ ଜିଲିଙ୍ଗ୍‌କେଦାଃ । ମେନ୍‌ଦ ନେଆଁଁ ଆପେୟାଃ ସାମାଏ ତାନାଃ ଆଡଃ ନୁବାଃରେୟାଃ ରାଇଜ୍‌ତାନାଃ ।”
54 वे प्रभु येशु को पकड़कर महापुरोहित के घर पर ले गए. पेतरॉस दूर ही दूर से उनके पीछे-पीछे चलते रहे.
୫୪ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ ସାବ୍‌ଇଦିକିଃତେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କଆଃ ଅଡ଼ାଃତେକ ଇଦିକିୟାଃ, ଆଡଃ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ରେ ତାଇକେଦ୍‌ତେ ଦୟା ଦୟା ଇନିଃକେ ଅତଙ୍ଗ୍‌କିୟା ।
55 जब लोग आंगन में आग जलाए हुए बैठे थे, पेतरॉस भी उनके साथ बैठ गए.
୫୫ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁ ଅଡ଼ାଃରାଚାରେ ସେଙ୍ଗେଲ୍‌ତିଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସବେନ୍‌କ ଦୁବ୍‌ୟାନା, ଆଡଃ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ହ ଇନ୍‌କୁଲଃ ଦୁବ୍‌ୟାନାଏ ।
56 एक सेविका ने पेतरॉस को आग की रोशनी में देखा और उनको एकटक देखते हुए कहा, “यह व्यक्ति भी उसके साथ था!”
୫୬ମିଆଁଦ୍‌ କାମ୍‌ଡ଼ି ଇନିଃକେ ସେଙ୍ଗେଲ୍‌ଜାପାଃରେ ଦୁବାକାନ୍‌ ନେଲ୍‌କିଃତେ ନେଲ୍‌ବାଇକିୟାଏ ଆଡଃ ମେନ୍‌କେଦାଏ, “ନିଃ ହଗି ୟୀଶୁଲଃ ତାଇକେନାଏ ।”
57 पेतरॉस ने नकारते हुए कहा, “नहीं! हे स्त्री, मैं उसे नहीं जानता!”
୫୭ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ଦଦାଦ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକିୟାଏ, “ଏ କୁଡ଼ି ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦ ଇନିଃକେ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟାଃ ।”
58 कुछ समय बाद किसी अन्य ने उन्हें देखकर कहा, “तुम भी तो उनमें से एक हो!” “नहीं भाई, नहीं!” पेतरॉस ने उत्तर दिया.
୫୮ଆଡଃଘାଡ଼ିକାଦ୍‌ ତାୟମ୍‌ତେ ଏଟାଃ ହଡ଼ ଇନିଃକେ ନେଲ୍‌କିଦ୍‌ତେ ମେତାଇଜାଏ, “ଆମ୍‌ହ ଇନ୍‌କୁଏତେ ମିଆଁଦ୍‌ନିଃ ତାନ୍‌ମେ ।” ମେନ୍‌ଦ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ କାଜିକିୟାଏ, “ଏ ହଡ଼ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦ ନାହାଁଲିଙ୍ଗ୍‌ ।”
59 लगभग एक घंटे बाद एक अन्य व्यक्ति ने बल देते हुए कहा, “निःसंदेह यह व्यक्ति भी उसके साथ था क्योंकि यह भी गलीलवासी है.”
୫୯ମିଦ୍‌ଘାଣ୍ଟାଲେକା ତାୟମ୍‌ତେ ଆଡଃ ଏଟାଃନିଃ କାଜିକେଦାଏ, “ସାର୍‌ତିଗି ନିଃହ ଇନିଃଲଃ ତାଇକେନାଏ, ନିଃଦ ଗାଲିଲ୍‌ରେନ୍‌ ନିଃ ତାନିଃ ।”
60 पेतरॉस ने उत्तर दिया, “महोदय, मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आप क्या कह रहे हैं!” जब वह यह कह ही रहे थे कि एक मुर्ग ने बांग दी.
୬୦ମେନ୍‌ଦ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ, “ଏ ହଡ଼, ଆମ୍‌ କାଜିତାନ୍‌ତେୟାଃ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟାଃ ।” ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ନେଆଁଁ କାଜିତାନ୍‌ ଇମ୍‌ତାଗି ସାଣ୍ଡିସିମ୍‌ ରାଆଃକେଦାଏ ।
61 उसी समय प्रभु ने मुड़कर पेतरॉस की ओर दृष्टि की और पेतरॉस को प्रभु की पहले कही हुई बात याद आ गई: “इसके पहले कि मुर्ग बांग दे, तुम आज तीन बार मुझे नकार चुके होगे.”
୬୧ଏନ୍ତେ ପ୍ରାଭୁ ହେତାରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌ତେ ପାତ୍‌ରାସ୍‌କେ ଆରିଦ୍‌କିୟାଏ, ଏନ୍ତେ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ସାଣ୍ଡିସିମ୍‌ ରାଆଃ ସିଦାରେ ଆପିସା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଇନିଃକେ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟାଃ ମେନେୟାମ୍‌ ମେନ୍ତେ ପ୍ରାଭୁ କାଜିକାନ୍‌ କାଜିକେ ପାହାମ୍‌କେଦାଏ ।
62 पेतरॉस बाहर चले गए और फूट-फूटकर रोने लगे.
୬୨ଆଡଃ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ତେ କୁସୁଦ୍‌ କୁସୁଦ୍‌ ରାଆଃକେଦାଏ ।
63 जिन्होंने प्रभु येशु को पकड़ा था, वे उनको ठट्ठों में उड़ाते हुए उन पर वार करते जा रहे थे.
୬୩ୟୀଶୁକେ ସାବାକାଇ ହଡ଼କ ଲାନ୍ଦାଇତାନ୍‌ଲଃ ଦାଲ୍‌କିୟାଃକ ।
64 उन्होंने प्रभु येशु की आंखों पर पट्टी बांधी और उनसे पूछने लगे, “भविष्यवाणी कर, किसने वार किया है तुझ पर?”
୬୪ଇନିୟାଃ ମେଦ୍‌ ତଲ୍‌ଜାପିଦ୍‌କିଃତେ କୁଲିକିୟାଃକ, “ଆମ୍‌ ପରେ ନାବୀ ତାନ୍‌ମେ, ମାର୍‌ ଉଦୁବାଲେମ୍‌, ଅକଏ ଥାପ୍‌ଡ଼ିକେଦ୍‌ମେଁୟାଏ ।”
65 इसके अतिरिक्त वे उनकी निंदा करते हुए उनके लिए अनेक अपमानजनक शब्द भी कहे जा रहे थे.
୬୫ଆଡଃ ଏଟାଃ ଏଟାଃ ପୁରାଃ ହିଲାଙ୍ଗ୍‌କାଜି ଇନିୟାଃ ବିରୁଧ୍‌ରେକ କାଜିକେଦା ।
66 पौ फटने पर पुरनिये लोगों ने प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों की एक सभा बुलाई और प्रभु येशु को महासभा में ले गए.
୬୬ଆଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଲଃଗି ହଡ଼କଆଃ ପ୍ରାଚିନ୍‌କ ଆଡଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ, ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ହୁଣ୍ଡିୟାନା ଆଡଃ ୟୀଶୁକେ ଆକଆଃ ପାଞ୍ଚେଟ୍‌ତେ ଇଦିକିୟାଃକ ।
67 उन्होंने प्रभु येशु से प्रश्न किया. “यदि तुम ही मसीह हो तो हमें बता दो.” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं आपको यह बताऊंगा तो भी आप इसका विश्वास नहीं करेंगे और
୬୭“ଆମ୍‌ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ୍‌ ତାନ୍‌ମେରେଦ ମାର୍‌ କାଜିୟାଲେମ୍‌” ମେନ୍ତେ କାଜିକିୟାକ, ୟୀଶୁ ମେନ୍‌ରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ କାଜିୟାପେରେହ ଆପେ କାପେ ବିଶ୍ୱାସେୟା,
68 यदि मैं आपसे कोई प्रश्न करूं तो आप उसका उत्तर ही न देंगे;
୬୮ଆଡଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଜେତ୍‌ନାଃଇଙ୍ଗ୍‌ କୁଲିପେରେୟ ଆପେ କାପେ କାଜିରୁହାଡ଼ାଇୟାଁଃ ।
69 किंतु अब इसके बाद मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दायीं ओर बैठाया जाएगा.”
୬୯ମେନ୍‌ଦ ନାହାଁଃଏତେ ମାନୱାହନ୍‌ ସବେନ୍‌ ପେଡ଼େୟାନ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ଜମ୍‌ତିସାଃରେ ଦୁବାକାନ୍‌ ନେଲଃଆଏ ।”
70 उन्होंने प्रश्न किया, “तो क्या तुम परमेश्वर के पुत्र हो?” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “जी हां, मैं हूं.”
୭୦ଆଡଃ ସବେନ୍‌କ କୁଲିକିୟାଃକ, “ତାବ୍‌ଦ, ଚିୟାଃ ଆମ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ହନ୍‌ ତାନ୍‌ମେ?” ଇନିଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଆମ୍‌ ଇନିଃଗି ତାନ୍‌ମେ ମେନ୍ତେ ଆପେଗିପେ କାଜିତାନା ।”
71 यह सुन वे कहने लगे, “अब हमें गवाहों की क्या ज़रूरत है? स्वयं हमने यह इसके मुख से सुन लिया है.”
୭୧ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ମେନ୍‌କେଦାଃ, “ନାହାଁଃଦ ଆବୁଆଃ ଆଡଃ ଚିକାନ୍‌ ଗାୱା ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ? ଆବୁଦ ଇନିୟାଃ ମଚାଏତେଗି ଆୟୁମ୍‌କେଦାଃବୁ ।”

< लूका 22 >