< लूका 13 >

1 उसी समय वहां उपस्थित कुछ लोगों ने प्रभु येशु को उन गलीलवासियों की याद दिलायी, जिनका लहू पिलातॉस ने उन्हीं के बलिदानों में मिला दिया था.
ତିଆଡିଡ୍‌ ଲାଙ୍‌ଲେଡ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି, “ଗାଲିଲିବାଜି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଅନମଙନ୍‌ ଆତ୍ରିୟେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌ ପିଲାତନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ରବ୍ବୁଏଞ୍ଜି ।”
2 प्रभु येशु ने उनसे पूछा, “क्या तुम्हारे विचार से ये गलीली अन्य गलीलवासियों की तुलना में अधिक पापी थे कि उनकी यह स्थिति हुई?
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ ଗାଲିଲିମରଞ୍ଜି ଏନ୍ନେଗୋ ଆଡ୍ରେଏଞ୍ଜି, ଆନ୍ନା ଗାଲିଲିମରଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ କେନ୍‌ଆନିଞ୍ଜି ଗୋଗୋୟ୍‌ ଇର୍ସେମର୍‌ଜି ଗାମ୍‌ଲେ ପଙ୍‌ ଏବ୍‌ଡିସୟ୍‌ତେ?
3 नहीं! मैं तुमसे कहता हूं कि यदि तुम मन न फिराओ तो तुम सब भी इसी प्रकार नाश हो जाओगे.
ଇଜ୍ଜା, ଏତ୍ତେଲେ ତଡ୍‌, ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଇର୍ସେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏନ୍ନାବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିଲନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ତିଆନିଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ସେଏଡାୟ୍‌ତବେନ୍‌ ।
4 या वे अठारह व्यक्ति, जिन पर सीलोअम का मीनार गिरा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई, येरूशलेम वासियों की अपेक्षा अधिक दोषी थे?
ଅଡ଼େ ସିଲୋଅଲୋଙନ୍‌ ଅଟର ଜଣ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆ ତୋଣ୍ଡୋଲୋଙ୍‌ ଜରଗେସିଙନ୍‌ ଲାତ୍ତିନ୍‌ଡାଲେ ଆର୍ରବୁଏଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନି ଏବ୍‌ଡିସୟ୍‌ତେ? ଆନିଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋ ଜିରୁସାଲମବାଜି ସିଲଡ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ଡୋସାମର୍‌ଜି ଗାମ୍‌ଲେ ପଙ୍‌ ଏବ୍‌ଡିସୟ୍‌ତେ?
5 नहीं! मैं तुमसे कहता हूं कि यदि तुम मन न फिराओ तो तुम सब भी इसी प्रकार नाश हो जाओगे.”
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଇଜ୍ଜା, ଇର୍ସେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏନ୍ନାବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିଲନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ତିଆନିଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ସେଏଡାୟ୍‌ତବେନ୍‌ ।”
6 तब प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा समझाना प्रारंभ किया, “एक व्यक्ति ने अपने बगीचे में एक अंजीर का पेड़ लगाया. वह फल की आशा में उसके पास आया.
ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅନବ୍‌ଜଙ୍‌ବରନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆ ଦ୍ରାକ୍ୟାକୋତ୍ତାଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଲୁଆନୁବନ୍‌ ଆଗୁଗୁ ଡକୋଏନ୍‌ । କୋତ୍ତାମରନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଜିର୍ରେ ଆଜନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ସାଜେ; ବନ୍‌ଡ ଅଃଞାଙ୍‌ଲୋ ।
7 उसने माली से कहा, ‘देखो, मैं तीन वर्ष से इस पेड़ में फल की आशा लिए आ रहा हूं और मुझे अब तक कोई फल प्राप्‍त नहीं हुआ. काट डालो इसे! भला क्यों इसके कारण भूमि व्यर्थ ही घिरी रहे?’
ତିଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଜଗେକୋତ୍ତାମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, ‘କେନ୍‌ଆତେ ୟାଗି ବର୍ସେଙ୍‌ ଡେଲୋ, କେନ୍‌ ଲୁଆନୁବ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଜନ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ସାୟ୍‌ନାୟ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଅଃଞାଙାୟ୍‌, କେନ୍‌ଆତେ ଅଡା, ଇନିବା କେନ୍‌ଆତେ ଲବନ୍‌ ଅଲ୍‌ନବ୍‌ମୋସ୍ସାଏ?’
8 “किंतु माली ने स्वामी से कहा, ‘स्वामी, इसे इस वर्ष और रहने दीजिए. मैं इसके आस-पास की भूमि खोदकर इसमें खाद डाल देता हूं.
ବନ୍‌ଡ ଜଗେକୋତ୍ତାମରନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ପ୍ରବୁ, କେନ୍‌ଆତେ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ସେଙ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙା, ତିଆଡିଡ୍‌ ଞେନ୍‌ ଏର୍ରେ ଗାୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଗାୟ୍‌ଲେ ଅନ୍ତାଙିଜନ୍‌ ତିୟ୍‌ତାୟ୍‌ ।
9 यदि अगले वर्ष यह फल लाए तो अच्छा है, नहीं तो इसे कटवा दीजिएगा.’”
ଆରି ତିକ୍କି ଅଜଏନ୍‌ ଡେନ୍‌ ମନଙ୍‌, ଅଃନ୍ନଜଲୋ ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ଅଡ୍‌ଲେସେଡା ।’”
10 शब्बाथ पर प्रभु येशु यहूदी सभागृह में शिक्षा दे रहे थे.
ବମିୟ୍‌ତା ଜିସୁନ୍‌ ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌, ଅବୟ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌ ।
11 वहां एक ऐसी स्त्री थी, जिसे एक दुष्टात्मा ने अठारह वर्ष से अपंग किया हुआ था. जिसके कारण उसका शरीर झुककर दोहरा हो गया था और उसके लिए सीधा खड़ा होना असंभव हो गया था.
ଆରି ଗିୟ୍‌ବା, ଅଟର ବର୍ସେଙ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଏର୍‌ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାନ୍‌ ଆସୁମ୍‌ସୁମନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଇମରନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଡକୋଏନ୍‌ । ଆନିନ୍‌ ଆକୁଜ୍ଜି, ଏଙ୍ଗାଲନ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଡମ୍‌ ଅଃର୍ରପ୍ତି ବିଙୟ୍‌ଲନ୍‌ ।
12 जब प्रभु येशु की दृष्टि उस पर पड़ी, उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और उससे कहा, “हे नारी, तुम अपने इस रोग से मुक्त हो गई हो,”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ, ଆମଙନ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେନ୍‌, “ଏ ଆଇମର୍‌ ଏର୍‌ବପ୍ପୁନମ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆମନ୍‌ ଅଡ଼ୁର୍‌ଲମ୍‌ ।”
13 यह कहते हुए प्रभु येशु ने उस पर अपने हाथ रखे और उसी क्षण वह सीधी खड़ी हो गई और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगी.
ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଏନ୍‌, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ତି ଆଇମରନ୍‌ ସିଲତ୍ତେମା ବୁଙଜେନ୍‌ କି ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗଙ୍କେଲେନ୍‌ ।
14 किंतु यहूदी सभागृह प्रधान इस पर अत्यंत रुष्ट हो गया क्योंकि प्रभु येशु ने उसे शब्बाथ पर स्वस्थ किया था. सभागृह प्रधान ने वहां इकट्ठा लोगों से कहा, “काम करने के लिए छः दिन निर्धारित किए गए हैं इसलिये इन छः दिनों में आकर अपना स्वास्थ्य प्राप्‍त करो, न कि शब्बाथ पर.”
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ଆମ୍ରବ୍‌ନଙେନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ାମର୍‌ ବରାବ୍‌ଡାଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଲନୁମ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତୁଡ୍ରୁ ଡିନ୍ନା ଡକୋ, ତିଆସନ୍‌ ତିଆଡିନ୍ନା ଜିର୍ରେ ଆୟ୍‌ ମବ୍‌ନଙ୍‌ନାବା, ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ଏଇୟ୍‌ଡଙାୟ୍‌ ।”
15 किंतु प्रभु ने इसके उत्तर में कहा, “पाखंडियों! क्या शब्बाथ पर तुममें से हर एक अपने बैल या गधे को पशुशाला से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता?
ବନ୍‌ଡ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଏ ଇସ୍କତ୍ତାମର୍‌ଜି, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ଗୁଆଡ଼ାସିଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆ ତାଙ୍‌ଲିୟ୍‌ ଅଡ଼େ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ପଡ୍ଡଙ୍‌ଡାଲେ ଏଃନ୍ନବ୍‌ଗାଡାଏ ପଙ୍‌?
16 और क्या इस स्त्री को, जो अब्राहाम ही की संतान है, जिसे शैतान ने अठारह वर्ष से बांध रखा था, शब्बाथ पर इस बंधन से मुक्त किया जाना उचित न था?”
ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଗିୟ୍‌ବା, ଅଟର ବର୍ସେଙ୍‌ ଜାୟ୍‌ ସନୁମନ୍‌ ବଣ୍ଡିଲେ ଆଡ୍ରକ୍କୋଏନ୍‌ ଅବ୍ରାମନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ିଅନ୍‌ କେନ୍‌ ଆଇମର୍‌ ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ବଣ୍ଡିନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅଡ଼ୁରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇନି ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ତଡ୍‌ ପଙ୍‌?”
17 प्रभु येशु के ये शब्द सुन उनके सभी विरोधी लज्जित हो गए. सारी भीड़ प्रभु येशु द्वारा किए जा रहे इन महान कामों को देख आनंदित थी.
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଆବର୍ରନେନ୍‌, ଆ ବନେରାମରଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଗରଜେଞ୍ଜି, ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆର୍‌ଲୁମେନ୍‌ ସୋଡ଼ା ସୋଡ଼ା ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଗିୟ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ସର୍ଡାଲଞ୍ଜି ।
18 इसलिये प्रभु येशु ने उनसे कहना प्रारंभ किया, “परमेश्वर का राज्य कैसा होगा? मैं इसकी तुलना किससे करूं?
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆନା ଅନ୍ତମ୍‌? ଆରି, ଞେନ୍‌ ଆନା ବୟନ୍‌ ତିଆତେ ଜଙାୟ୍‌?
19 परमेश्वर का राज्य राई के बीज के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने अपनी वाटिका में बोया, और उसने विकसित होते हुए पेड़ का रूप ले लिया—यहां तक कि आकाश के पक्षी भी आकर उसकी शाखाओं पर बसेरा करने लगे.”
ତିଆତେ ଅବୟ୍‌ ସୋର୍ସୋବାୟନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ । ତିଆତେ ପାଙ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆ କୋତ୍ତାଲୋଙନ୍‌ ବୁଡେନ୍, ଆରି ତିଆତେ ସୋଡ଼ାଡାଲେ ଆନୁବେନ୍‌ ଆରି ରୁଆଙନ୍‌ ଆ ଅନ୍ତିଡ୍‌ଜି ଜିର୍ରେ ଆ କେଣ୍ଡାର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବସାନେଜି ।”
20 प्रभु येशु ने दोबारा कहा, “परमेश्वर के राज्य की तुलना मैं किससे करूं?
ଜିସୁନ୍‌ ଆରି ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍‌ ଆନା ବୟନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଜଙାୟ୍‌?
21 परमेश्वर का राज्य खमीर के समान है, जिसे एक स्त्री ने तीन माप आटे में मिलाया और सारा आटा ही खमीर युक्त हो गया.”
ତିଆତେ କମିରନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌, ଅବୟ୍‌ ଆଇମରନ୍‌ ତିଆତେ ପାଙ୍‌ଲେ ବକୁଡ଼ି ବାଗୁ ଆଡ୍ଡା ଆ ଗମ୍ମଲୋଙ୍‌ ମାୟ୍‌ଲେ ରୁବ୍‌ଲେ ଡକ୍କୋଏନ୍‌, ଆରି ତିକ୍କି କମିରନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ମାୟାୟ୍‌ଲନ୍‌ ।”
22 नगर-नगर और गांव-गांव होते हुए और मार्ग में शिक्षा देते हुए प्रभु येशु येरूशलेम नगर की ओर बढ़ रहे थे.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଗଡ଼ାରେଙନ୍‌ ଡ ସାଇରେଙନ୍‌ ବୁଲ୍ଲେ ବୁଲ୍ଲେଲେ ଞନଙନ୍‌ ତିୟ୍‌ଗଡ୍‌ଲେ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
23 किसी ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या मात्र कुछ ही लोग उद्धार प्राप्‍त कर सकेंगे?” प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया,
ଆରି ଅବୟ୍‌ନେ ଜିର୍ରେ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ, “ପ୍ରବୁ, ଅନୁରନ୍‌ ଆଞ୍ରାଙେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଅସୋୟ୍‌ ପଙ୍‌?” ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌,
24 “तुम्हारी कोशिश यह हो कि तुम संकरे द्वार से प्रवेश करो क्योंकि मैं तुम्हें बता रहा हूं कि अनेक इसमें प्रवेश तो चाहेंगे किंतु प्रवेश करने में असमर्थ रहेंगे.
“ରକୋଡ୍‌ ଡୁଆରାଗଡ୍‌ ଗଙ୍ଗନନ୍‌ ଆସନ୍‌ ରବୁକିଞଡ୍‌ ଲୁମ୍‌ବା, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ଗଙ୍ଗନନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏର୍‌ତଜି ଗୋୟ୍‌ତଜି, ବନ୍‌ଡ ଅଃର୍ରପ୍ତିଏଜି ।
25 एक बार जब घर का स्वामी द्वार बंद कर दे तो तुम बाहर खड़े, द्वार खटखटाते हुए विनती करते रह जाओगे: ‘महोदय, कृपया हमारे लिए द्वार खोल दें.’ “किंतु वह उत्तर देगा, ‘तुम कौन हो और कहां से आए हो मैं नहीं जानता.’
ଅସିଂମରନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ସନଙନ୍‌ ଇଙଡେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡୁଆରାଲୋଙନ୍‌ ତନଙ୍‌ଡାଲେ ଏଡକୋତନେ ଆରି ‘ଏ ପ୍ରବୁ, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ସନଙନ୍‌ ରୋଲେନ୍‌’ ଗାମ୍‌ଲେ ସନଙନ୍‌ ଏତିଡ୍‌ତେ । ତିଆଡିଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଜାଲଙ୍‌ତବେନ୍‌, ‘ଞେନ୍‌ ଜନା ତଡ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏଜିର୍ରାୟ୍‌!’
26 “तब तुम कहोगे, ‘हम आपके साथ खाया पिया करते थे और आप हमारी गलियों में शिक्षा दिया करते थे.’
ତିଆଡିଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଗାମ୍‌ତେ, ‘ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ତେମଡ୍‌ଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ ଏଜୋମ୍‌ଲାୟ୍‌ ଏଗାଲାୟ୍‌, ଆରି ଆମନ୍‌ ଡାଣ୍ଡରେଙ୍‌ଲେନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌ ।’
27 “परंतु उसका उत्तर होगा, ‘मैं तुमसे कह चुका हूं तुम कौन हो, मैं नहीं जानता. चले जाओ यहां से! तुम सब कुकर्मी हो!’
ଆରି ଆନିନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ‘ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏଜିର୍ରାୟ୍‌, ତିଆତେ ଞେନ୍‌ ଜନା ତଡ୍‌, ଏ ଏର୍‌ଡରମ୍ମମର୍‌ଜି, ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ବେନ୍‌ ଅମଙ୍‌ଞେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ସବ୍‌ଙାୟ୍‌ନାବା ।’
28 “जब तुम परमेश्वर के राज्य में अब्राहाम, यित्सहाक, याकोब तथा सभी भविष्यद्वक्ताओं को देखोगे और स्वयं तुम्हें बाहर फेंक दिया जाएगा, वहां रोना और दांतों का पीसना ही होगा.
ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ଅବ୍ରାମନ୍‌, ଇସାକନ୍‌, ଜାକୁବନ୍‌ ଆରି ଅଡ଼୍‌କୋ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଗିୟ୍‌ତଜି, ଆରି ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡୁଆରାଲୋଙନ୍‌ ଆସେଃସେଡନ୍‌ ଏଗିୟ୍‌ଡମ୍‌ତନେ, ତିଆଡିଡ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ୟେୟେଡାନ୍‌ ଡ ରମ୍‌ରମ୍‌ଜିନ୍‌ ଡେତବେନ୍‌ ।
29 चारों दिशाओं से लोग आकर परमेश्वर के राज्य के उत्सव में शामिल होंगे
ଆରି, ଡରୁଙ୍‌ୟୋଙ୍‌ଗଡ୍‌ ଡ ବରୁବ୍‌ୟୋଙ୍‌ଗଡ୍‌, ଅର୍କାବଡ଼ିଗଡ୍‌ ଡ ଅର୍ଜଡ଼ୋମ୍‌ଗଡ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍‌ ବୁଜିଜୋମନ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ତଙ୍କୁମେଜି ।
30 और सच्चाई यह है कि जो अंतिम हैं वे पहले होंगे तथा जो पहले वे अंतिम.”
ଆରି ଗିୟ୍‌ବା, ତିକ୍କିନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ଆମ୍ମୁଙ୍‌ତଜି ଆରି ଆମ୍ମୁଙ୍‌ମରଞ୍ଜି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ତିକ୍କିତଜି ।”
31 उसी समय कुछ फ़रीसियों ने उनके पास आकर उनसे कहा, “यहां से चले जाओ क्योंकि हेरोदेस तुम्हारी हत्या कर देना चाहता है.”
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଲାଙ୍‌ଲେଡ୍‌ ପାରୁସିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି, “ତେନ୍ନେ ସିଲଡ୍‌ ଜିରା, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଏରୋଦନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ସାୟ୍‌ତେ ।”
32 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जाकर उस लोमड़ी से कहो, ‘मैं आज और कल दुष्टात्माओं को निकालूंगा और लोगों को चंगा करूंगा और तीसरे दिन मैं अपने लक्ष्य पर पहुंच जाऊंगा.’
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ତି ବୋଡ଼ାନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ ବର୍ବା, ‘ଗିୟ୍‌ବା, ଞେନ୍‌ ଲଙେ ଡ ବିଅଡ଼େଃ ବୁତନ୍‌ ଗଙ୍‌ତାୟ୍‌, ଆରି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ମବ୍‌ନଙ୍‌ତାଜି ଆରି ଏର୍ତାଲୋଙ୍‌ କାବ୍ବାଡ଼ାଞେନ୍‌ ସାଡ୍‌ତାୟ୍‌ ।’
33 फिर भी यह ज़रूरी है कि मैं आज, कल और परसों यात्रा करूं क्योंकि यह हो ही नहीं सकता कि किसी भविष्यवक्ता की हत्या येरूशलेम नगर के बाहर हो.
ବୟ୍‌ଲେଙ୍‌, ଲଙେ, ବିଅଡ଼େଃ, ଆରି ଇଆର୍ମେ, ଞେନ୍‌ ଜିର୍ତେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ଡାଲେ ଆନ୍ନାରେଙ୍‌ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃର୍ରବ୍ବୁଏଜି ।”
34 “येरूशलेम! ओ येरूशलेम! तू भविष्यद्वक्ताओं की हत्या करता तथा उनका पथराव करता है, जिन्हें तेरे लिए भेजा जाता है. कितनी बार मैंने यह प्रयास किया कि तेरी संतान को इकट्ठा कर एकजुट करूं, जैसे मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठा करती है किंतु तूने न चाहा.
“ଏ ଜିରୁସାଲମ, ଏ ଜିରୁସାଲମ, ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆମନ୍‌ ସମ୍ୱବେନ୍‌, ଆରି ଅମଙ୍‌ନମ୍‌ ଆନାପ୍ପାୟ୍‌ଜିଆଡଙ୍‌ ତିଡରେନ୍‌, ଆୟୋଙିମନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଆ କାପ୍ପାନ୍‌ ଆ ଜାୟ୍‌ତା ଆ ଅନଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ରୁକ୍କୁତେ ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ବେଡ଼ା ପସିୟ୍‌ନମ୍‌ଜିଆଡଙ୍‌ ଅନବ୍‌ରୁକ୍କୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସାୟ୍‌ଲାୟ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଃଲ୍ଲଡୟ୍‌ଲୋ ।
35 इसलिये अब यह समझ ले कि तेरा घर तेरे लिए उजाड़ छोड़ा जा रहा है. मैं तुझे बताए देता हूं कि इसके बाद तू मुझे तब तक नहीं देखेगा जब तक तू यह नारा न लगाए. ‘धन्य है वह, जो प्रभु के नाम में आ रहा है!’”
ଗିୟ୍‌ବା ସରେବାସିଂବେନ୍‌ ଅସିଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ଅନମ୍‌ରେଙନ୍‌ ଡେଏନ୍‌, ତିଆତେ ସିସିଂତେ, ଆରି ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ‘ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆନା ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଆନିନ୍‌ ସନେନ୍‌ସେନ୍‌,’ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଏବର୍ତନେ, ତିଆଡିନ୍ନା ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଜିରାଞନ୍‌ ଜାୟ୍‌, ଞେନ୍‌ ଆରି ଏଃଗିଜିଁୟ୍‌ ।”

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