< लूका 13 >

1 उसी समय वहां उपस्थित कुछ लोगों ने प्रभु येशु को उन गलीलवासियों की याद दिलायी, जिनका लहू पिलातॉस ने उन्हीं के बलिदानों में मिला दिया था.
ⲁ̅ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲛⲉⲩⲛ̅ϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲡⲉ ⲧⲁⲙⲟ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲉⲧⲃⲉⲛ̅ⲅⲁⲗⲓⲗⲁⲓⲟⲥ ⲛⲁⲓ̈ ⲉⲛⲧⲁⲡⲉⲓⲗⲁⲧⲟⲥ ⲧⲉϩⲡⲉⲩⲥⲛⲟϥ ⲛⲙ̅ⲛⲉⲩⲑⲩⲥⲓⲁ.
2 प्रभु येशु ने उनसे पूछा, “क्या तुम्हारे विचार से ये गलीली अन्य गलीलवासियों की तुलना में अधिक पापी थे कि उनकी यह स्थिति हुई?
ⲃ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ. ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲙⲉⲩⲉ ϫⲉ ⲛⲉⲓ̈ⲅⲁⲗⲓⲗⲁⲓⲟⲥ ⲛ̅ⲧⲁⲩⲣ̅ⲛⲟⲃⲉ ⲡⲁⲣⲁⲛ̅ⲅⲁⲗⲓⲗⲁⲓⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϫⲉ ⲁⲩϣⲉⲡⲛⲉⲓ̈ϩⲓⲥⲉ.
3 नहीं! मैं तुमसे कहता हूं कि यदि तुम मन न फिराओ तो तुम सब भी इसी प्रकार नाश हो जाओगे.
ⲅ̅ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲙⲙⲟⲛ. ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲧⲙ̅ⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ̈. ⲧⲉⲧⲛⲁⲧⲁⲕⲟ ⲧⲏⲣⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲩϩⲉ.
4 या वे अठारह व्यक्ति, जिन पर सीलोअम का मीनार गिरा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई, येरूशलेम वासियों की अपेक्षा अधिक दोषी थे?
ⲇ̅ⲏ ⲡⲓⲙⲛ̅ⲧϣⲙⲏⲛ ⲉⲛⲧⲁⲡ̅ⲡⲩⲣⲅⲟⲥ ϩⲉ ⲉϫⲱⲟⲩ ϩⲛ̅ⲥⲓⲗⲱϩⲁⲙ ⲁϥⲙⲟⲟⲩⲧⲟⲩ. ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲙⲉⲩⲉ ϫⲉ ⲟⲩⲛⲛⲟⲃⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲡⲁⲣⲁⲣ̅ⲣⲱⲙⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲉⲧⲟⲩⲏϩ ϩⲛ̅ⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ
5 नहीं! मैं तुमसे कहता हूं कि यदि तुम मन न फिराओ तो तुम सब भी इसी प्रकार नाश हो जाओगे.”
ⲉ̅ϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲛ. ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲧⲙ̅ⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ̈ ⲧⲉⲧⲛⲁⲧⲁⲕⲟ ⲧⲏⲣⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲩϩⲉ.
6 तब प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा समझाना प्रारंभ किया, “एक व्यक्ति ने अपने बगीचे में एक अंजीर का पेड़ लगाया. वह फल की आशा में उसके पास आया.
ⲋ̅ⲁϥϫⲱ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲓ̈ⲡⲁⲣⲁⲃⲟⲗⲏ ϫⲉ ⲉⲛⲉⲟⲩⲛⲧⲉⲟⲩⲁ ⲟⲩⲃⲱ ⲛⲕⲛ̅ⲧⲉ ⲉⲥϫⲏⲟⲩ ϩⲙ̅ⲡⲉϥⲙⲁ ⲛⲉⲗⲟⲟⲗⲉ ⲁϥⲉ͡ⲓ ⲇⲉ ⲁϥϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁⲡⲉⲥⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ⲙⲡϥ̅ϩⲉ ⲉⲟⲩⲟⲛ ⲛϩⲏⲧⲥ̅.
7 उसने माली से कहा, ‘देखो, मैं तीन वर्ष से इस पेड़ में फल की आशा लिए आ रहा हूं और मुझे अब तक कोई फल प्राप्‍त नहीं हुआ. काट डालो इसे! भला क्यों इसके कारण भूमि व्यर्थ ही घिरी रहे?’
ⲍ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛ̅ⲛⲁϩⲣⲙⲡⲉϭⲙⲉ ϫⲉ. ⲉⲓⲥϣⲟⲙⲧⲉ ⲣⲣⲟⲙⲡⲉ ⲉⲓ̈ⲛⲏⲟⲩ ⲉⲓ̈ϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ϩⲛϯⲃⲱ ⲛⲕⲛ̅ⲧⲉ ⲁⲩⲱ ⲛ̅ϯϩⲏⲩ ⲉⲩⲟⲛ ⲁⲛϣⲁⲁⲧⲥ̅ ϭⲉ ⲉⲧⲃⲉⲟⲩ ⲥⲟⲩⲱⲥϥ ⲙⲡⲕⲉⲕⲁϩ.
8 “किंतु माली ने स्वामी से कहा, ‘स्वामी, इसे इस वर्ष और रहने दीजिए. मैं इसके आस-पास की भूमि खोदकर इसमें खाद डाल देता हूं.
ⲏ̅ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ. ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲁⲗⲟⲕ ϩⲁⲣⲟⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲓ̈ⲕⲉⲣⲟⲙⲡⲉ ϣⲁⲛϯϭⲣⲏ ⲙ̅ⲡⲉⲥⲕⲱⲧⲉ ⲧⲁϯⲙⲉϩⲣⲟ ⲛⲁⲥ
9 यदि अगले वर्ष यह फल लाए तो अच्छा है, नहीं तो इसे कटवा दीजिएगा.’”
ⲑ̅ⲉϣⲱⲡⲉ ⲙⲉⲛ ⲉⲥϣⲁⲛⲧⲁⲩⲉⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲧⲕⲉⲣⲟⲙⲡⲉ. ⲁⲕⲕⲁⲁⲥ. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲙⲙⲟⲛ ⲁⲕϣⲁⲁⲧⲥ̅·
10 शब्बाथ पर प्रभु येशु यहूदी सभागृह में शिक्षा दे रहे थे.
ⲓ̅ⲛⲉϥϯⲥⲃⲱ ⲇⲉ ⲡⲉ ϩⲛⲟⲩⲉ͡ⲓ ⲛⲛ̅ⲥⲩⲛⲁⲅⲱⲅⲏ ⲙ̅ⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ.
11 वहां एक ऐसी स्त्री थी, जिसे एक दुष्टात्मा ने अठारह वर्ष से अपंग किया हुआ था. जिसके कारण उसका शरीर झुककर दोहरा हो गया था और उसके लिए सीधा खड़ा होना असंभव हो गया था.
ⲓ̅ⲁ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥⲟⲩⲥϩⲓⲙⲉ ⲉⲣⲉⲟⲩⲡⲛ̅ⲁ ⲛϣⲱⲛⲉ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲥ ⲙ̅ⲙⲛⲧ̅ϣⲙⲏⲛⲉ ⲣ̅ⲣⲟⲙⲡⲉ ⲉⲥⲟⲗⲉⲕ ⲉⲙⲙⲛ̅ϭⲟⲙ ⲙⲙⲟⲥ ⲉϥⲓϫⲱⲥ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲡⲧⲏⲣϥ̅.
12 जब प्रभु येशु की दृष्टि उस पर पड़ी, उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और उससे कहा, “हे नारी, तुम अपने इस रोग से मुक्त हो गई हो,”
ⲓ̅ⲃ̅ⲁⲓ̅ⲥ̅ ⲇⲉ ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲥ ⲁϥⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲥ ϫⲉ ⲧⲉⲥϩⲓⲙⲉ ⲧⲉⲕⲏ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲟⲩϣⲱⲛⲉ.
13 यह कहते हुए प्रभु येशु ने उस पर अपने हाथ रखे और उसी क्षण वह सीधी खड़ी हो गई और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगी.
ⲓ̅ⲅ̅ⲁϥⲧⲁⲗⲟ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲉϥϭⲓϫ ⲉϫⲱⲥ ⲁⲥⲧⲱⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲛⲉⲥϯⲉⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ.
14 किंतु यहूदी सभागृह प्रधान इस पर अत्यंत रुष्ट हो गया क्योंकि प्रभु येशु ने उसे शब्बाथ पर स्वस्थ किया था. सभागृह प्रधान ने वहां इकट्ठा लोगों से कहा, “काम करने के लिए छः दिन निर्धारित किए गए हैं इसलिये इन छः दिनों में आकर अपना स्वास्थ्य प्राप्‍त करो, न कि शब्बाथ पर.”
ⲓ̅ⲇ̅ⲁⲡⲁⲣⲭⲓⲥⲩⲛⲁⲅⲱⲅⲟⲥ ⲇⲉ ⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲉϥⲁⲅⲁⲛⲁⲕⲧⲓ ϫⲉ ⲁⲓ̅ⲥ̅ ⲣⲡⲁϩⲣⲉ ϩⲙ̅ⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ. ⲛⲉϥϫⲱ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲙ̅ⲙⲏⲏϣⲉ ϫⲉ ⲥⲟⲟⲩ ⲛ̅ϩⲟⲟⲩ ⲛⲉⲧⲉϣϣⲉ ⲉⲣ̅ϩⲱⲃ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ. ⲁⲙⲏⲓ̈ⲧⲛ̅ ϭⲉ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲓⲡⲁϩⲣⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲧⲙ̅ⲉ͡ⲓ ϩⲙ̅ⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ.
15 किंतु प्रभु ने इसके उत्तर में कहा, “पाखंडियों! क्या शब्बाथ पर तुममें से हर एक अपने बैल या गधे को पशुशाला से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता?
ⲓ̅ⲉ̅ⲁⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ. ⲛ̅ϩⲩⲡⲟⲕⲣⲓⲧⲏⲥ ⲙⲏ ⲙⲉⲣⲉⲡⲟⲩⲁ ⲡⲟⲩⲁ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ϩⲙ̅ⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲃⲗ̅ⲡⲉϥⲙⲁⲥⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲏ ⲡⲉϥⲓ̈ⲱ ϩⲙⲡⲉϥⲟⲩⲟⲙϥ̅ ⲛϥ̅ϫⲓⲧϥ̅ ⲛϥ̅ⲧⲥⲟϥ.
16 और क्या इस स्त्री को, जो अब्राहाम ही की संतान है, जिसे शैतान ने अठारह वर्ष से बांध रखा था, शब्बाथ पर इस बंधन से मुक्त किया जाना उचित न था?”
ⲓ̅ⲋ̅ⲧⲁⲓ̈ ⲇⲉ ⲉⲧϣⲉⲉⲣⲉ ⲛ̅ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲧⲉ ⲉⲁⲡⲥⲁⲧⲁⲛⲁⲥ ⲙⲟⲣⲥ̅ ⲓ̈ⲥⲙⲛ̅ⲧϣⲙⲏⲛⲉ ⲣ̅ⲣⲟⲙⲡⲉ ⲛ͡ϣϣⲉ ⲁⲛ ⲉⲃⲟⲗⲥ̅ ⲛⲧⲉⲓ̈ⲙⲣⲣⲉ ⲙⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ.
17 प्रभु येशु के ये शब्द सुन उनके सभी विरोधी लज्जित हो गए. सारी भीड़ प्रभु येशु द्वारा किए जा रहे इन महान कामों को देख आनंदित थी.
ⲓ̅ⲍ̅ⲉϥϫⲱ ⲇⲉ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈ ⲁⲩϫⲓϣⲓⲡⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲛ̅ϭⲓⲛⲉⲧʾϯ ⲟⲩⲃⲏϥ ⲁⲩⲱ ⲁⲡⲙⲏⲏϣⲉ ⲧⲏⲣϥ̅ ⲣⲁϣⲉ ⲉϫⲛ̅ϩⲱⲃ ⲛⲓⲙ ⲉⲧʾⲧⲁⲓ̈ⲏⲟⲩ ⲉⲧϥ̅ⲓ̈ⲣⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ·
18 इसलिये प्रभु येशु ने उनसे कहना प्रारंभ किया, “परमेश्वर का राज्य कैसा होगा? मैं इसकी तुलना किससे करूं?
ⲓ̅ⲏ̅ⲡⲉϫⲁϥ ϭⲉ ϫⲉ ⲉⲣⲉⲧⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲧⲛ̅ⲧⲱⲛ ⲉⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲉⲓ̈ⲛⲁⲧⲛ̅ⲧⲱⲛⲥ̅ ⲉⲛⲓⲙ.
19 परमेश्वर का राज्य राई के बीज के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने अपनी वाटिका में बोया, और उसने विकसित होते हुए पेड़ का रूप ले लिया—यहां तक कि आकाश के पक्षी भी आकर उसकी शाखाओं पर बसेरा करने लगे.”
ⲓ̅ⲑ̅ⲉⲥⲧⲛ̅ⲧⲱⲛ ⲉⲩⲃⲗ̅ⲃⲓⲗⲉ ⲛϣⲗ̅ⲧⲙ̅ ⲉⲁⲩⲣⲱⲙⲉ ϫⲓⲧⲥ̅ ⲁϥⲛⲟϫⲥ̅ ⲉⲧⲉϥϣⲛⲏ. ⲁⲥⲁⲓ̈ⲁⲉⲓ ⲁⲥⲣ̅ⲟⲩϣⲏⲛ ⲁⲛϩⲁⲗⲁⲧⲉ ⲛ̅ⲧⲡⲉ ⲟⲩⲱϩ ϩⲁⲛⲉⲥⲕⲗⲁⲇⲟⲥ.
20 प्रभु येशु ने दोबारा कहा, “परमेश्वर के राज्य की तुलना मैं किससे करूं?
ⲕ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲟⲛ ϫⲉ ⲉⲓ̈ⲛⲁⲧⲛ̅ⲧⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲟⲩ
21 परमेश्वर का राज्य खमीर के समान है, जिसे एक स्त्री ने तीन माप आटे में मिलाया और सारा आटा ही खमीर युक्त हो गया.”
ⲕ̅ⲁ̅ⲉⲥⲧⲛ̅ⲧⲱⲛ ⲉⲩⲑⲁⲃ ⲉⲁⲩⲥϩⲓⲙⲉ ϫⲓⲧϥ̅ ⲁⲥⲛⲟϫϥ̅ ⲉϣⲟⲙⲛ̅ⲧ ⲛ̅ϣⲓ ⲛ̅ⲛⲟⲓ̈ⲧʾ ϣⲁⲛⲧϥ̅ϫⲓⲑⲁⲃ ⲧⲏⲣϥ̅·
22 नगर-नगर और गांव-गांव होते हुए और मार्ग में शिक्षा देते हुए प्रभु येशु येरूशलेम नगर की ओर बढ़ रहे थे.
ⲕ̅ⲃ̅ⲛⲉϥⲙⲟⲟϣⲉ ⲇⲉ ⲕⲁⲧⲁⲡⲟⲗⲓⲥ ⲁⲩⲱ ⲕⲁⲧⲁϯⲙⲉ ⲉϥϯⲥⲃⲱ ⲉϥⲃⲏⲕ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ.
23 किसी ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या मात्र कुछ ही लोग उद्धार प्राप्‍त कर सकेंगे?” प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया,
ⲕ̅ⲅ̅ⲡⲉϫⲁⲩ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛ̅ϩⲉⲛⲕⲟⲩⲓ̈ ⲛⲉⲧⲛⲁⲟⲩϫⲁⲓ. ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ
24 “तुम्हारी कोशिश यह हो कि तुम संकरे द्वार से प्रवेश करो क्योंकि मैं तुम्हें बता रहा हूं कि अनेक इसमें प्रवेश तो चाहेंगे किंतु प्रवेश करने में असमर्थ रहेंगे.
ⲕ̅ⲇ̅ϫⲉ. ⲁⲅⲱⲛⲓⲍⲉ ⲉⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ϩⲓⲧⲛⲧⲡⲩⲗⲏ ⲉⲧϭⲏⲟⲩ. ϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲟⲩⲛϩⲁϩ ⲛⲁϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲥⲁⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲥⲉⲧⲙ̅ⲉϣϭⲙ̅ϭⲟⲙ
25 एक बार जब घर का स्वामी द्वार बंद कर दे तो तुम बाहर खड़े, द्वार खटखटाते हुए विनती करते रह जाओगे: ‘महोदय, कृपया हमारे लिए द्वार खोल दें.’ “किंतु वह उत्तर देगा, ‘तुम कौन हो और कहां से आए हो मैं नहीं जानता.’
ⲕ̅ⲉ̅ⲉϥϣⲁⲛⲡϩⲛ̅ⲧⲱⲟⲩⲛ ⲛϭⲓⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛϥ̅ϣⲧⲁⲙ ⲙ̅ⲡⲣⲟ ⲧⲉⲧⲛⲁⲁⲣⲭⲓ ⲛ̅ⲧⲱϩⲙ̅ ⲉⲡⲣⲟ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲁϩⲉⲣⲁⲧʾⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ϩⲓⲃⲟⲗ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ. ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲁⲩⲱⲛ ⲛⲁⲛ. ϥⲛⲁⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲇⲉ ⲛϥ̅ϫⲟⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲛ̅ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲁⲛ ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲧⲱⲛ.
26 “तब तुम कहोगे, ‘हम आपके साथ खाया पिया करते थे और आप हमारी गलियों में शिक्षा दिया करते थे.’
ⲕ̅ⲋ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲧⲉⲧⲛⲁⲁⲣⲭⲓ ⲛ̅ϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲩⲱⲙ ⲙ̅ⲡⲉⲕⲙ̅ⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲩⲱ ⲁⲛⲥⲱ ⲁⲕϯⲥⲃⲱ ⲛⲁⲛ ϩⲛ̅ⲛⲉⲛⲡⲗⲁⲧⲓⲁ.
27 “परंतु उसका उत्तर होगा, ‘मैं तुमसे कह चुका हूं तुम कौन हो, मैं नहीं जानता. चले जाओ यहां से! तुम सब कुकर्मी हो!’
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ϥⲛⲁϫⲟⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲛ̅ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲁⲛ ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲧⲱⲛ ⲥⲁϩⲉⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲙⲟⲓ̈ ⲛⲉⲣⲅⲁⲧⲏⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲙⲡϫⲓ ⲛϭⲟⲛⲥ̅
28 “जब तुम परमेश्वर के राज्य में अब्राहाम, यित्सहाक, याकोब तथा सभी भविष्यद्वक्ताओं को देखोगे और स्वयं तुम्हें बाहर फेंक दिया जाएगा, वहां रोना और दांतों का पीसना ही होगा.
ⲕ̅ⲏ̅ⲉⲣⲉⲡⲣⲓⲙⲉ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲛⲙ̅ⲡϭⲁϩϭϩ ⲛⲛ̅ⲟⲃϩⲉ. ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛⲛⲁⲩ ⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲛⲙ̅ⲓ̈ⲥⲁⲁⲕ ⲛⲙⲓ̈ⲁⲕⲱⲃ ⲛⲙⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϩⲛⲧⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲩⲛⲟⲩϫⲉ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲉⲃⲟⲗ
29 चारों दिशाओं से लोग आकर परमेश्वर के राज्य के उत्सव में शामिल होंगे
ⲕ̅ⲑ̅ⲥⲉⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲣ̅ⲣⲁϣⲁ ⲛⲙⲣ̅ⲣⲁϩⲱⲧⲡ̅ ⲛⲙⲡⲉⲙϩⲓⲧʾ ⲛⲙ̅ⲡⲣⲏⲥ ⲛⲥⲉⲛⲟϫⲟⲩ ϩⲛⲧⲙⲛⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ.
30 और सच्चाई यह है कि जो अंतिम हैं वे पहले होंगे तथा जो पहले वे अंतिम.”
ⲗ̅ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲛ̅ϩⲁⲉ ⲛⲁⲣ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ⲣ̅ϩⲁⲉ·
31 उसी समय कुछ फ़रीसियों ने उनके पास आकर उनसे कहा, “यहां से चले जाओ क्योंकि हेरोदेस तुम्हारी हत्या कर देना चाहता है.”
ⲗ̅ⲁ̅ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲁϩⲉⲛⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ϯⲡⲉⲩⲟⲩⲟⲓ̈ ⲉⲣⲟϥ ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲃⲱⲕ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲅ̅ⲗⲟ ϩⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ⲙⲁ ϫⲉ ϩⲏⲣⲱⲇⲏⲥ ⲟⲩⲉϣⲙⲟⲟⲩⲧⲕ̅.
32 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जाकर उस लोमड़ी से कहो, ‘मैं आज और कल दुष्टात्माओं को निकालूंगा और लोगों को चंगा करूंगा और तीसरे दिन मैं अपने लक्ष्य पर पहुंच जाऊंगा.’
ⲗ̅ⲃ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ. ⲃⲱⲕ ⲁϫⲓⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲓ̈ⲃⲁϣⲟⲣ ϫⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ϯⲛⲉϫⲇⲁⲓⲙⲟⲛⲓⲟⲛ ⲉⲃⲟⲗ. ⲁⲩⲱ ϯⲉ͡ⲓⲣⲉ ⲛϩⲉⲛⲧⲁⲗϭⲟ ⲙⲡⲟⲟⲩ ⲛⲙ̅ⲣⲁⲥⲧⲉ ⲁⲩⲱ ϯⲛⲁϫⲱⲕ ⲛ̅ⲥⲁⲣⲁⲥⲧⲉ
33 फिर भी यह ज़रूरी है कि मैं आज, कल और परसों यात्रा करूं क्योंकि यह हो ही नहीं सकता कि किसी भविष्यवक्ता की हत्या येरूशलेम नगर के बाहर हो.
ⲗ̅ⲅ̅ⲡⲗⲏⲛ ϩⲁⲡⲥ̅ ⲉⲧⲣⲁⲣ̅ⲡⲟⲟⲩ ⲛⲙ̅ⲣⲁⲥⲧⲉ ⲧⲁⲃⲱⲕ ⲛⲥⲁⲣⲁⲥⲧⲉ ϫⲉ ⲛⲥ̅ⲧⲟ ⲁⲛ ⲉⲧⲣⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲙⲟⲩ ⲡⲃⲟⲗ ⲛⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ.
34 “येरूशलेम! ओ येरूशलेम! तू भविष्यद्वक्ताओं की हत्या करता तथा उनका पथराव करता है, जिन्हें तेरे लिए भेजा जाता है. कितनी बार मैंने यह प्रयास किया कि तेरी संतान को इकट्ठा कर एकजुट करूं, जैसे मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठा करती है किंतु तूने न चाहा.
ⲗ̅ⲇ̅ⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ ⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ ⲧⲉⲧⲙⲟⲩⲟⲩⲧʾ ⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲉⲧϩⲓⲱⲛⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲩⲧⲁⲩⲟⲟⲩ ϣⲁⲣⲟⲥ. ϩⲁϩ ⲛⲥⲟⲡ ⲁⲓ̈ⲟⲩⲉϣⲥⲉⲩϩⲛⲟⲩϣⲏⲣⲉ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲑⲉ ⲛ̅ⲟⲩϩⲁⲗⲏⲧʾ ⲉϣⲁϥⲥⲱⲟⲩϩ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲛⲉϥⲙⲁⲥ ϩⲁⲛⲉϥⲧⲛϩ̅ ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲡⲉⲧⲛ̅ⲟⲩⲱϣ.
35 इसलिये अब यह समझ ले कि तेरा घर तेरे लिए उजाड़ छोड़ा जा रहा है. मैं तुझे बताए देता हूं कि इसके बाद तू मुझे तब तक नहीं देखेगा जब तक तू यह नारा न लगाए. ‘धन्य है वह, जो प्रभु के नाम में आ रहा है!’”
ⲗ̅ⲉ̅ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲥⲉⲛⲁⲕⲁⲡⲉⲧⲛ̅ⲏⲓ̈ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅. ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲛ̅ⲛⲁⲩ (ⲉⲣⲟⲓ̈) ϣⲁⲛⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ϥⲥ̅ⲙⲁⲙⲁⲁⲧʾ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉⲧⲛⲏⲟⲩ ϩⲙ̅ⲡⲣⲁⲛ ⲙ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ·

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