< याकूब 5 >

1 अब तुम, जो धनी हो, सुनो! तुम लोग अपने पास आ रही विपत्तियों पर रोओ और करुण आवाज में सहायता की पुकार करो.
এখন দেখ, হে ধনীব্যক্তিরা, তোমাদের উপরে যে সব দুর্দশা আসছে, সে সবের জন্য কান্নাকাটি ও হাহাকার কর।
2 तुम्हारी संपत्ति गल चुकीं तथा तुम्हारे वस्त्रों में कीड़े पड़ गए हैं.
তোমাদের ধন পচে গিয়েছে, ও তোমাদের জামাকাপড় সব পোকায় খেয়ে ফেলেছে;
3 तुम्हारे सोने और चांदी के आभूषण के रंग उड़ गए हैं. यही उड़ी रंगत तुम्हारे विरुद्ध गवाह होगी और तुम्हारे शरीर को आग के समान राख कर देगी. यह युग का अंत है और तुम धन पर धन इकट्ठा कर रहे हो!
তোমাদের সোনা ও রূপা ক্ষয় হয়েছে; আর তার ক্ষয় তোমাদের বিরুদ্ধে সাক্ষ্য দেবে এবং আগুনের মত তোমাদের শরীর খাবে। তোমরা শেষ দিনের ধন সঞ্চয় করেছ।
4 वे मज़दूर, जिन्होंने तुम्हारे खेत काटे थे, उनका रोका गया वेतन तुम्हारे विरुद्ध पुकार-पुकारकर गवाही दे रहा है. उन मज़दूरों की दोहाई, जिन्होंने तुम्हारी उपज इकट्ठा की, स्वर्गीय सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुंच चुकी है.
দেখ, যে মজুরেরা তোমাদের ক্ষেতের শস্য কেটেছে, তারা তোমাদের মাধ্যমে যে বেতনে বঞ্চিত হয়েছে, তারা চিৎকার করছে এবং সেই শস্যছেদকের আর্ত্তনাদ বাহিনীগণের প্রভুর কানে পৌঁচেছে।
5 पृथ्वी पर तुम्हारा जीवन बहुत आरामदायक रहा है तथा यहां तुमने भोग विलास का जीवन जिया है और हृदय की अभिलाषाओं की निरंतर पूर्ति से तुम ऐसे मोटे-ताज़े हो गए हो, जैसे बलि पशु.
তোমরা পৃথিবীতে সুখভোগ ও আরাম করেছ, তোমরা হত্যার দিনের নিজের নিজের হৃদয় তৃপ্ত করেছ।
6 तुमने धर्मी व्यक्ति को तिरस्कार कर उसकी हत्या कर दी, जबकि वह तुम्हारा सामना नहीं कर रहा था.
তোমরা ধার্ম্মিককে দোষী করেছ, হত্যা করেছ; তিনি তোমাদের প্রতিরোধ করেন না।
7 इसलिये प्रिय भाई बहनो, प्रभु के दोबारा आगमन तक धीरज रखो. एक किसान, जब तक प्रारंभिक और अंतिम वृष्टि न हो जाए, अपने खेत से कीमती उपज के लिए कैसे धीरज के साथ प्रतीक्षा करता रहता है!
অতএব, হে ভাইয়েরা, তোমরা প্রভুর আগমন পর্যন্ত ধৈর্য্য ধরে থাক। দেখ, কৃষক জমির বহুমূল্য ফলের অপেক্ষা করে এবং যত দিন তা প্রথম ও শেষ বৃষ্টি না পায়, ততদিন তার বিষয়ে ধৈর্য্য ধরে থাকে।
8 तुम भी धीरज रखो, अपने हृदय को दृढ़ बनाए रखो क्योंकि प्रभु का दूसरा आगमन नज़दीक है.
তোমরাও ধৈর্য্য ধরে থাক, নিজের নিজের হৃদয় সুস্থির কর, কারণ প্রভুর আগমন কাছাকাছি।
9 प्रिय भाई बहनो, एक दूसरे पर दोष न लगाओ कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए. वास्तव में न्यायाध्यक्ष द्वार पर आ पहुंचे हैं!
হে ভাইয়েরা, তোমরা একজন অন্য জনের বিরুদ্ধে অভিযোগ কর না, যেন বিচারিত না হও; দেখ, বিচারকর্ত্তা দরজার সামনে দাঁড়িয়ে আছেন।
10 प्रिय भाई बहनो, उन भविष्यद्वक्ताओं को अपना आदर्श समझो, जिन्होंने प्रभु के नाम में बातें करते हुए कष्ट सहे है और धीरज बनाए रहे.
১০হে ভাইয়েরা, যে ভাববাদীরা প্রভুর নামে কথা বলেছিলেন, তাঁদেরকে দুঃখভোগের ও ধৈর্যের দৃষ্টান্ত বলে মানো।
11 वे सब, जो धीरज के साथ सहते हैं, हमारी दृष्टि में प्रशंसनीय हैं. तुमने अय्योब की सहनशीलता के विषय में सुना ही है और इस विषय में प्रभु के उद्देश्य की पूर्ति से परिचित भी हो कि प्रभु करुणामय और दया के भंडार हैं.
১১দেখ, যারা স্থির রয়েছে, তাদেরকে আমরা ধন্য বলি। তোমরা ইয়োবের সহ্যের কথা শুনেছ; এবং প্রভু শেষ পর্যন্ত কি করেছিল তা দেখেছ, ফলতঃ প্রভু করুণাময় ও দয়ায় পরিপূর্ণ।
12 प्रिय भाई बहनो, इन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि तुम शपथ ही न खाओ, न तो स्वर्ग की और न ही पृथ्वी की और न ही कोई अन्य शपथ. इसके विपरीत तुम्हारी “हां” का मतलब हां हो तथा “न” का न, जिससे तुम दंड के भागी न बनो.
১২আবার, হে আমার ভাইয়েরা, আমার সর্বোপরি কথা এই, তোমরা দিব্যি করো না; স্বর্গের কি পৃথিবীর কি অন্য কিছুরই দিব্যি করো না। বরং তোমাদের হ্যাঁ হ্যাঁ এবং না না হোক, যদি বিচারে পড়।
13 यदि तुममें से कोई मुसीबत में है, तो वह प्रार्थना करे; यदि आनंदित है, तो वह स्तुति गीत गाए.
১৩তোমাদের মধ্যে কেউ কি দুঃখভোগ করছে? সে প্রার্থনা করুক। কেউ কি আনন্দে আছে? সে প্রশংসার গান করুক।
14 यदि तुममें कोई बीमार है, तो वह कलीसिया के पुरनियों को बुलाए और वे प्रभु के नाम में उस पर तेल मलते हुए उसके लिए प्रार्थना करें.
১৪তোমাদের মধ্যে কেউ কি অসুস্থ? সে মণ্ডলীর প্রাচীনদেরকে ডেকে আনুক; এবং তাঁরা প্রভুর নামে তাকে তেলে অভিষিক্ত করে তার উপরে প্রার্থনা করুক।
15 विश्वास से भरी प्रार्थना के द्वारा रोगी स्वस्थ हो जाएगा—प्रभु उसे स्वास्थ्य प्रदान करेंगे. यदि उसने पाप किए हैं, वे भी क्षमा कर दिए जाएंगे.
১৫তাতে বিশ্বাসের প্রার্থনা সেই অসুস্থ ব্যক্তিকে সুস্থ করবে এবং প্রভু তাকে ওঠাবেন; আর সে যদি পাপ করে থাকে, তবে তার পাপ ক্ষমা হবে।
16 सही है कि तुम सब एक दूसरे के सामने अपने पाप स्वीकार करो तथा एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो, जिससे तुम स्वस्थ हो जाओ. धर्मी व्यक्ति की प्रार्थना प्रभावशाली तथा परिणामकारक होती है.
১৬অতএব তোমরা একজন অন্য জনের কাছে নিজের নিজের পাপ স্বীকার কর, ও একজন অন্য জনের জন্য প্রার্থনা কর, যেন সুস্থ হতে পার। ধার্ম্মিকের প্রার্থনা কার্য্যকরী ও শক্তিশালী।
17 भविष्यद्वक्ता एलियाह हमारे ही समान मनुष्य थे. उन्होंने भक्ति के साथ प्रार्थना की कि वर्षा न हो और पृथ्वी पर तीन वर्ष छः महीने तक वर्षा नहीं हुई.
১৭এলিয় আমাদের মত সুখদুঃখভোগী মানুষ ছিলেন; আর তিনি দৃঢ়তার সাথে প্রার্থনা করলেন, যেন বৃষ্টি না হয় এবং তিন বছর ছয় মাস জমিতে বৃষ্টি হল না।
18 फिर उन्होंने वर्षा के लिए प्रार्थना की और आकाश से मूसलाधार वर्षा हुई तथा पृथ्वी से उपज उत्पन्‍न हुई.
১৮পরে তিনি আবার প্রার্থনা করলেন; আর আকাশ থেকে বৃষ্টি হলো এবং মাটি নিজের ফল উৎপন্ন করল।
19 मेरे प्रिय भाई बहनो, याद रखो, यदि तुममें से कोई भी सच्चाई से भटक जाए और तुममें से कोई उसे दोबारा वापस ले आए,
১৯হে আমার ভাইয়েরা, তোমাদের মধ্যে যদি কেউ সত্যের থেকে দূরে সরে যায় এবং কেউ তাকে ফিরিয়ে আনে,
20 तब वह जो भटके हुए पापी को फेर लाता है, उसके प्राण को मृत्यु से बचाता और उसके अनेक पापों पर पर्दा डाल देता है.
২০তবে জেনো, যে ব্যক্তি কোন পাপীকে তার পথ-ভ্রান্তি থেকে ফিরিয়ে আনে, সে তার প্রাণকে মৃত্যু থেকে রক্ষা করবে এবং পাপরাশি ঢেকে দেবে।

< याकूब 5 >