< यहेजकेल 37 >

1 याहवेह का हाथ मुझ पर था, और वह मुझे याहवेह के आत्मा के द्वारा बाहर ले आया और एक घाटी के बीच में खड़ा कर दिया; वह घाटी हड्डियों से भरी पड़ी थी.
यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और वह मुझ में अपना आत्मा समवाकर बाहर ले गया और मुझे तराई के बीच खड़ा कर दिया; वह तराई हड्डियों से भरी हुई थी।
2 उसने मुझे उनके बीच आने जाने में मेरी अगुवाई की, और मैंने घाटी की तल पर बहुत सारी हड्डियां देखी, जो बहुत सूखी थी.
तब उसने मुझे उनके चारों ओर घुमाया, और तराई की तह पर बहुत ही हड्डियाँ थीं; और वे बहुत सूखी थीं।
3 उसने मुझसे पूछा, “हे मनुष्य के पुत्र, क्या ये हड्डियां जीवित हो सकती हैं?” मैंने कहा, “परम प्रधान याहवेह, यह तो आप ही जानते हैं.”
तब उसने मुझसे पूछा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या ये हड्डियाँ जी सकती हैं?” मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, तू ही जानता है।”
4 तब उसने मुझसे कहा, “इन हड्डियों से भविष्यवाणी करके कहो, ‘हे सूखी हड्डियो, याहवेह की बात सुनो!
तब उसने मुझसे कहा, “इन हड्डियों से भविष्यद्वाणी करके कह, ‘हे सूखी हड्डियों, यहोवा का वचन सुनो।
5 परम प्रधान याहवेह का इन अस्थियों से यह कहना है: मैं तुममें सांस डाल दूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे.
परमेश्वर यहोवा तुम हड्डियों से यह कहता है: देखो, मैं आप तुम में साँस समवाऊँगा, और तुम जी उठोगी।
6 मैं तुममें स्‍नायु-तंत्र जोड़कर तुम्हारे ऊपर मांस चढ़ा दूंगा और तुम्हें चमड़े से ढांप दूंगा; मैं तुममें सांस फूंक दूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’”
मैं तुम्हारी नसें उपजाकर माँस चढ़ाऊँगा, और तुम को चमड़े से ढाँपूँगा; और तुम में साँस समवाऊँगा और तुम जी जाओगी; और तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।’”
7 तब मैंने इस आज्ञा के अनुसार भविष्यवाणी की. और जब मैं भविष्यवाणी कर रहा था, तब वहां एक खड़खड़ाहट की आवाज हुई, और हड्डियां इकट्ठी हो गईं और एक हड्डी से दूसरी हड्डी जुड़ गई.
इस आज्ञा के अनुसार मैं भविष्यद्वाणी करने लगा; और मैं भविष्यद्वाणी कर ही रहा था, कि एक आहट आई, और भूकम्प हुआ, और वे हड्डियाँ इकट्ठी होकर हड्डी से हड्डी जुड़ गई।
8 तब मैंने देखा कि उनमें स्‍नायु-तंत्र और मांसपेशियां आ गईं और उनके ऊपर चमड़ा चढ़ गया, परंतु उनमें सांस नहीं थी.
मैं देखता रहा, कि उनमें नसें उत्पन्न हुई और माँस चढ़ा, और वे ऊपर चमड़े से ढँप गई; परन्तु उनमें साँस कुछ न थी।
9 तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, सांस से भविष्यवाणी करो; भविष्यवाणी करो, और उसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे सांस, चारों दिशाओं से आओ और इन मारे गये लोगों में समा जाओ कि वे जीवित हो जाएं.’”
तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान साँस से भविष्यद्वाणी कर, और साँस से भविष्यद्वाणी करके कह, हे साँस, परमेश्वर यहोवा यह कहता है कि चारों दिशाओं से आकर इन घात किए हुओं में समा जा कि ये जी उठें।”
10 याहवेह के इस आज्ञा के अनुसार मैंने भविष्यवाणी की, और सांस उनमें समा गयी; वे जीवित होकर अपने-अपने पांवों पर खड़े हो गए—एक बहुत बड़ी सेना.
१०उसकी इस आज्ञा के अनुसार मैंने भविष्यद्वाणी की, तब साँस उनमें आ गई, और वे जीकर अपने-अपने पाँवों के बल खड़े हो गए; और एक बहुत बड़ी सेना हो गई।
11 तब याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ये हड्डियां इस्राएल के लोग हैं. वे कहते हैं, ‘हमारी हड्डियां सूख गई हैं और हमारी आशा जाती रही; हम अलग हो गये हैं.’
११फिर उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, ये हड्डियाँ इस्राएल के सारे घराने की उपमा हैं। वे कहते हैं, हमारी हड्डियाँ सूख गई, और हमारी आशा जाती रही; हम पूरी रीति से कट चूके हैं।
12 इसलिये भविष्यवाणी करके उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे मेरे लोगों, मैं तुम्हारी कब्रों को खोलने जा रहा हूं और वहां से तुम्हें बाहर निकालूंगा; मैं तुम्हें वापस इस्राएल देश में ले आऊंगा.
१२इस कारण भविष्यद्वाणी करके उनसे कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे मेरी प्रजा के लोगों, देखो, मैं तुम्हारी कब्रें खोलकर तुम को उनसे निकालूँगा, और इस्राएल के देश में पहुँचा दूँगा।
13 तब हे मेरे लोगो, तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल दूंगा और तुम्हें बाहर निकालूंगा.
१३इसलिए जब मैं तुम्हारी कब्रें खोलूँ, और तुम को उनसे निकालूँ, तब हे मेरी प्रजा के लोगों, तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
14 मैं अपना आत्मा तुममें डालूंगा और तुम जीवित होंगे, और मैं तुम्हें तुम्हारे स्वयं के देश में बसाऊंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह ने कहा है, और मैंने यह किया है, याहवेह की घोषणा है.’”
१४मैं तुम में अपना आत्मा समवाऊँगा, और तुम जीओगे, और तुम को तुम्हारे निज देश में बसाऊँगा; तब तुम जान लोगे कि मुझ यहोवा ही ने यह कहा, और किया भी है, यहोवा की यही वाणी है।”
15 याहवेह का वचन मेरे पास आया:
१५फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
16 “हे मनुष्य के पुत्र, लकड़ी की एक लाठी लो और उस पर यह लिखो, ‘यहूदिया और इस्राएल से संबंधित लोग उसके साथ जुड़ गये हैं.’ तब लकड़ी की एक और लाठी लेकर उस पर लिखो, ‘योसेफ़ (एफ्राईम) और सब इस्राएली उसके साथ जुड़ गये हैं.’
१६“हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियों की;’ तब दूसरी लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यूसुफ की अर्थात् एप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियों की लकड़ी।’
17 उन लाठियों को जोड़कर एक ही लाठी बना लो ताकि वे तुम्हारे हाथ में एक ही बन जाएं.
१७फिर उन लकड़ियों को एक दूसरी से जोड़कर एक ही कर ले कि वे तेरे हाथ में एक ही लकड़ी बन जाएँ।
18 “जब तुम्हारे लोग तुमसे पूछे, ‘क्या तुम हमें नहीं बताओगे कि इनका क्या मतलब है?’
१८जब तेरे लोग तुझ से पूछें, ‘क्या तू हमें न बताएगा कि इनसे तेरा क्या अभिप्राय है?’
19 तब उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं योसेफ़ की लाठी को ले लूंगा—जो एफ्राईम के हाथ में है—और इस्राएल के जो गोत्र उसके साथ जुड़े हुए हैं, उन्हें लेकर मैं यहूदिया की लाठी से जोड़ दूंगा. मैं उन्हें लकड़ी की एक लाठी बना दूंगा, और वे मेरे हाथ में एक हो जाएंगे.’
१९तब उनसे कहना, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देखो, मैं यूसुफ की लकड़ी को जो एप्रैम के हाथ में है, और इस्राएल के जो गोत्र उसके संगी हैं, उनको लेकर यहूदा की लकड़ी से जोड़कर उसके साथ एक ही लकड़ी कर दूँगा; और दोनों मेरे हाथ में एक ही लकड़ी बनेंगी।
20 जिन लाठियों पर तुमने लिखा है, उन्हें उनके सामने पकड़ो
२०जिन लकड़ियों पर तू ऐसा लिखेगा, वे उनके सामने तेरे हाथ में रहें।
21 और उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं इस्राएलियों को उन राष्ट्रों से बाहर निकाल लूंगा, जहां वे गये हैं, मैं उन्हें चारों ओर से इकट्ठा करूंगा और उन्हें उनके स्वयं के देश में ले आऊंगा.
२१तब तू उन लोगों से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देखो, मैं इस्राएलियों को उन जातियों में से लेकर जिनमें वे चले गए हैं, चारों ओर से इकट्ठा करूँगा; और उनके निज देश में पहुँचाऊँगा।
22 मैं उन्हें देश में इस्राएल के पर्वतों पर एक राष्ट्र बनाऊंगा. उन सबके ऊपर एक ही राजा होगा और वे फिर कभी दो जातियों में नहीं होंगे या दो राज्यों में नहीं बंटेंगे.
२२मैं उनको उस देश अर्थात् इस्राएल के पहाड़ों पर एक ही जाति कर दूँगा; और उन सभी का एक ही राजा होगा; और वे फिर दो न रहेंगे और न दो राज्यों में कभी बटेंगे।
23 वे फिर अपने मूर्तियों और निकम्मे प्रतिमाओं या अपने किसी बुरे कार्यों के द्वारा अपने आपको अशुद्ध नहीं करेंगे, क्योंकि मैं उन्हें उनके पहले के सब पापमय कामों से बचाऊंगा, और मैं उन्हें शुद्ध करूंगा. वे मेरे लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा.
२३वे फिर अपनी मूरतों, और घिनौने कामों या अपने किसी प्रकार के पाप के द्वारा अपने को अशुद्ध न करेंगे; परन्तु मैं उनको उन सब बस्तियों से, जहाँ वे पाप करते थे, निकालकर शुद्ध करूँगा, और वे मेरी प्रजा होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।
24 “‘मेरा सेवक दावीद उनका राजा होगा, और उन सबका एक चरवाहा होगा. वे मेरे कानूनों के पीछे चलेंगे और मेरे नियमों का पालन करने में सावधानी बरतेंगे.
२४“मेरा दास दाऊद उनका राजा होगा; और उन सभी का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमों पर चलेंगे और मेरी विधियों को मानकर उनके अनुसार चलेंगे।
25 वे उस देश में रहेंगे, जिसे मैंने अपने सेवक याकोब को दिया था, वह देश जहां तुम्हारे पूर्वज रहा करते थे. वे और उनके बच्‍चे और उनके बच्चों के बच्‍चे सदाकाल के लिये वहां रहेंगे, और मेरा सेवक दावीद सदाकाल के लिये उनका राजकुमार होगा.
२५वे उस देश में रहेंगे जिसे मैंने अपने दास याकूब को दिया था; और जिसमें तुम्हारे पुरखा रहते थे, उसी में वे और उनके बेटे-पोते सदा बसे रहेंगे; और मेरा दास दाऊद सदा उनका प्रधान रहेगा।
26 मैं उनके साथ शांति की एक वाचा बांधूंगा; यह चिरकाल तक बनी रहनेवाली वाचा होगी. मैं उन्हें बसाऊंगा और उनकी संख्या को बढ़ाऊंगा, और मैं अपने पवित्र स्थान को उनके बीच सदाकाल के लिये बनाये रखूंगा.
२६मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बाँधूँगा; वह सदा की वाचा ठहरेगी; और मैं उन्हें स्थान देकर गिनती में बढ़ाऊँगा, और उनके बीच अपना पवित्रस्थान सदा बनाए रखूँगा।
27 मेरा निवास स्थान उनके साथ होगा; मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा और वे मेरे लोग होंगे.
२७मेरे निवास का तम्बू उनके ऊपर तना रहेगा; और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।
28 जब मेरा पवित्र स्थान सदा के लिये उनके बीच होगा, तब सब राष्ट्रों के लोग जानेंगे कि मैं याहवेह इस्राएल को पवित्र करता हूं.’”
२८जब मेरा पवित्रस्थान उनके बीच सदा के लिये रहेगा, तब सब जातियाँ जान लेंगी कि मैं यहोवा इस्राएल का पवित्र करनेवाला हूँ।”

< यहेजकेल 37 >