< זְכַרְיָה 10 >

שַׁאֲל֨וּ מֵיְהוָ֤ה מָטָר֙ בְּעֵ֣ת מַלְקֹ֔ושׁ יְהוָ֖ה עֹשֶׂ֣ה חֲזִיזִ֑ים וּמְטַר־גֶּ֙שֶׁם֙ יִתֵּ֣ן לָהֶ֔ם לְאִ֖ישׁ עֵ֥שֶׂב בַּשָּׂדֶֽה׃ 1
बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा माँगो, यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उनको वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजाएगा।
כִּ֧י הַתְּרָפִ֣ים דִּבְּרוּ־אָ֗וֶן וְהַקֹּֽוסְמִים֙ חָ֣זוּ שֶׁ֔קֶר וַֽחֲלֹמֹות֙ הַשָּׁ֣וא יְדַבֵּ֔רוּ הֶ֖בֶל יְנַֽחֵמ֑וּן עַל־כֵּן֙ נָסְע֣וּ כְמֹו־צֹ֔אן יַעֲנ֖וּ כִּֽי־אֵ֥ין רֹעֶֽה׃ פ 2
क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहनेवाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वप्न सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों के समान भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं।
עַל־הָֽרֹעִים֙ חָרָ֣ה אַפִּ֔י וְעַל־הָעַתּוּדִ֖ים אֶפְקֹ֑וד כִּֽי־פָקַד֩ יְהוָ֨ה צְבָאֹ֤ות אֶת־עֶדְרֹו֙ אֶת־בֵּ֣ית יְהוּדָ֔ה וְשָׂ֣ם אֹותָ֔ם כְּס֥וּס הֹודֹ֖ו בַּמִּלְחָמָֽה׃ 3
“मेरा क्रोध चरवाहों पर भड़का है, और मैं उन बकरों को दण्ड दूँगा; क्योंकि सेनाओं का यहोवा अपने झुण्ड अर्थात् यहूदा के घराने का हाल देखने को आएगा, और लड़ाई में उनको अपना हष्ट-पुष्ट घोड़ा सा बनाएगा।
מִמֶּ֤נּוּ פִנָּה֙ מִמֶּ֣נּוּ יָתֵ֔ד מִמֶּ֖נּוּ קֶ֣שֶׁת מִלְחָמָ֑ה מִמֶּ֛נּוּ יֵצֵ֥א כָל־נֹוגֵ֖שׂ יַחְדָּֽו׃ 4
उसी में से कोने का पत्थर, उसी में से खूँटी, उसी में से युद्ध का धनुष, उसी में से सब प्रधान प्रगट होंगे।
וְהָי֨וּ כְגִבֹּרִ֜ים בֹּוסִ֨ים בְּטִ֤יט חוּצֹות֙ בַּמִּלְחָמָ֔ה וְנִ֨לְחֲמ֔וּ כִּ֥י יְהוָ֖ה עִמָּ֑ם וְהֹבִ֖ישׁוּ רֹכְבֵ֥י סוּסִֽים׃ 5
वे ऐसे वीरों के समान होंगे जो लड़ाई में अपने बैरियों को सड़कों की कीच के समान रौंदते हों; वे लड़ेंगे, क्योंकि यहोवा उनके संग रहेगा, इस कारण वे वीरता से लड़ेंगे और सवारों की आशा टूटेगी।
וְגִבַּרְתִּ֣י ׀ אֶת־בֵּ֣ית יְהוּדָ֗ה וְאֶת־בֵּ֤ית יֹוסֵף֙ אֹושִׁ֔יעַ וְהֹֽושְׁבֹותִים֙ כִּ֣י רִֽחַמְתִּ֔ים וְהָי֖וּ כַּאֲשֶׁ֣ר לֹֽא־זְנַחְתִּ֑ים כִּ֗י אֲנִ֛י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיהֶ֖ם וְאֶעֱנֵֽם׃ 6
“मैं यहूदा के घराने को पराक्रमी करूँगा, और यूसुफ के घराने का उद्धार करूँगा। मुझे उन पर दया आई है, इस कारण मैं उन्हें लौटा लाकर उन्हीं के देश में बसाऊँगा, और वे ऐसे होंगे, मानो मैंने उनको मन से नहीं उतारा; मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ, इसलिए उनकी सुन लूँगा।
וְהָי֤וּ כְגִבֹּור֙ אֶפְרַ֔יִם וְשָׂמַ֥ח לִבָּ֖ם כְּמֹו־יָ֑יִן וּבְנֵיהֶם֙ יִרְא֣וּ וְשָׂמֵ֔חוּ יָגֵ֥ל לִבָּ֖ם בַּיהוָֽה׃ 7
एप्रैमी लोग वीर के समान होंगे, और उनका मन ऐसा आनन्दित होगा जैसे दाखमधु से होता है। यह देखकर उनके बच्चे आनन्द करेंगे और उनका मन यहोवा के कारण मगन होगा।
אֶשְׁרְקָ֥ה לָהֶ֛ם וַאֲקַבְּצֵ֖ם כִּ֣י פְדִיתִ֑ים וְרָב֖וּ כְּמֹ֥ו רָבֽוּ׃ 8
“मैं सीटी बजाकर उनको इकट्ठा करूँगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ानेवाला हूँ, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे।
וְאֶזְרָעֵם֙ בָּֽעַמִּ֔ים וּבַמֶּרְחַקִּ֖ים יִזְכְּר֑וּנִי וְחָי֥וּ אֶת־בְּנֵיהֶ֖ם וָשָֽׁבוּ׃ 9
यद्यपि मैं उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच बिखेर दूँगा तो भी वे दूर-दूर देशों में मुझे स्मरण करेंगे, और अपने बालकों समेत जीवित लौट आएँगे।
וַהֲשִֽׁיבֹותִים֙ מֵאֶ֣רֶץ מִצְרַ֔יִם וּמֵֽאַשּׁ֖וּר אֲקַבְּצֵ֑ם וְאֶל־אֶ֨רֶץ גִּלְעָ֤ד וּלְבָנֹון֙ אֲבִיאֵ֔ם וְלֹ֥א יִמָּצֵ֖א לָהֶֽם׃ 10
१०मैं उन्हें मिस्र देश से लौटा लाऊँगा, और अश्शूर से इकट्ठा करूँगा, और गिलाद और लबानोन के देशों में ले आकर इतना बढ़ाऊँगा कि वहाँ वे समा न सकेंगे।
וְעָבַ֨ר בַּיָּ֜ם צָרָ֗ה וְהִכָּ֤ה בַיָּם֙ גַּלִּ֔ים וְהֹבִ֕ישׁוּ כֹּ֖ל מְצוּלֹ֣ות יְאֹ֑ר וְהוּרַד֙ גְּאֹ֣ון אַשּׁ֔וּר וְשֵׁ֥בֶט מִצְרַ֖יִם יָסֽוּר׃ 11
११वह उस कष्टदायक समुद्र में से होकर उसकी लहरें दबाता हुआ जाएगा और नील नदी का सब गहरा जल सूख जाएगा। अश्शूर का घमण्ड तोड़ा जाएगा और मिस्र का राजदण्ड जाता रहेगा।
וְגִבַּרְתִּים֙ בַּֽיהוָ֔ה וּבִשְׁמֹ֖ו יִתְהַלָּ֑כוּ נְאֻ֖ם יְהוָֽה׃ ס 12
१२मैं उन्हें यहोवा द्वारा पराक्रमी करूँगा, और वे उसके नाम से चले फिरेंगे,” यहोवा की यही वाणी है।

< זְכַרְיָה 10 >