< תְהִלִּים 83 >

שִׁ֖יר מִזְמֹ֣ור לְאָסָֽף׃ אֱלֹהִ֥ים אַל־דֳּמִי־לָ֑ךְ אַל־תֶּחֱרַ֖שׁ וְאַל־תִּשְׁקֹ֣ט אֵֽל׃ 1
आसाप का भजन हे परमेश्वर मौन न रह; हे परमेश्वर चुप न रह, और न शान्त रह!
כִּֽי־הִנֵּ֣ה אֹ֭ויְבֶיךָ יֶהֱמָי֑וּן וּ֝מְשַׂנְאֶ֗יךָ נָ֣שְׂאוּ רֹֽאשׁ׃ 2
क्योंकि देख तेरे शत्रु धूम मचा रहे हैं; और तेरे बैरियों ने सिर उठाया है।
עַֽל־עַ֭מְּךָ יַעֲרִ֣ימוּ סֹ֑וד וְ֝יִתְיָעֲצ֗וּ עַל־צְפוּנֶֽיךָ׃ 3
वे चतुराई से तेरी प्रजा की हानि की सम्मति करते, और तेरे रक्षित लोगों के विरुद्ध युक्तियाँ निकालते हैं।
אָמְר֗וּ לְ֭כוּ וְנַכְחִידֵ֣ם מִגֹּ֑וי וְלֹֽא־יִזָּכֵ֖ר שֵֽׁם־יִשְׂרָאֵ֣ל עֹֽוד׃ 4
उन्होंने कहा, “आओ, हम उनका ऐसा नाश करें कि राज्य भी मिट जाए; और इस्राएल का नाम आगे को स्मरण न रहे।”
כִּ֤י נֹועֲצ֣וּ לֵ֣ב יַחְדָּ֑ו עָ֝לֶ֗יךָ בְּרִ֣ית יִכְרֹֽתוּ׃ 5
उन्होंने एक मन होकर युक्ति निकाली है, और तेरे ही विरुद्ध वाचा बाँधी है।
אָהֳלֵ֣י אֱ֭דֹום וְיִשְׁמְעֵאלִ֗ים מֹואָ֥ב וְהַגְרֽ͏ִים׃ 6
ये तो एदोम के तम्बूवाले और इश्माएली, मोआबी और हग्री,
גְּבָ֣ל וְ֭עַמֹּון וַעֲמָלֵ֑ק פְּ֝לֶ֗שֶׁת עִם־יֹ֥שְׁבֵי צֹֽור׃ 7
गबाली, अम्मोनी, अमालेकी, और सोर समेत पलिश्ती हैं।
גַּם־אַ֭שּׁוּר נִלְוָ֣ה עִמָּ֑ם הָ֤י֥וּ זְרֹ֖ועַ לִבְנֵי־לֹ֣וט סֶֽלָה׃ 8
इनके संग अश्शूरी भी मिल गए हैं; उनसे भी लूतवंशियों को सहारा मिला है। (सेला)
עֲשֵֽׂה־לָהֶ֥ם כְּמִדְיָ֑ן כְּֽסִֽיסְרָ֥א כְ֝יָבִ֗ין בְּנַ֣חַל קִישֹֽׁון׃ 9
इनसे ऐसा कर जैसा मिद्यानियों से, और कीशोन नाले में सीसरा और याबीन से किया था,
נִשְׁמְד֥וּ בְֽעֵין־דֹּ֑אר הָ֥יוּ דֹּ֝֗מֶן לָאֲדָמָֽה׃ 10
१०वे एनदोर में नाश हुए, और भूमि के लिये खाद बन गए।
שִׁיתֵ֣מֹו נְ֭דִיבֵמֹו כְּעֹרֵ֣ב וְכִזְאֵ֑ב וּֽכְזֶ֥בַח וּ֝כְצַלְמֻנָּ֗ע כָּל־נְסִיכֵֽמֹו׃ 11
११इनके रईसों को ओरेब और जेब सरीखे, और इनके सब प्रधानों को जेबह और सल्मुन्ना के समान कर दे,
אֲשֶׁ֣ר אָ֭מְרוּ נִ֣ירֲשָׁה לָּ֑נוּ אֵ֝֗ת נְאֹ֣ות אֱלֹהִֽים׃ 12
१२जिन्होंने कहा था, “हम परमेश्वर की चराइयों के अधिकारी आप ही हो जाएँ।”
אֱ‍ֽלֹהַ֗י שִׁיתֵ֥מֹו כַגַּלְגַּ֑ל כְּ֝קַ֗שׁ לִפְנֵי־רֽוּחַ׃ 13
१३हे मेरे परमेश्वर इनको बवंडर की धूलि, या पवन से उड़ाए हुए भूसे के समान कर दे।
כְּאֵ֥שׁ תִּבְעַר־יָ֑עַר וּ֝כְלֶהָבָ֗ה תְּלַהֵ֥ט הָרִֽים׃ 14
१४उस आग के समान जो वन को भस्म करती है, और उस लौ के समान जो पहाड़ों को जला देती है,
כֵּ֭ן תִּרְדְּפֵ֣ם בְּסַעֲרֶ֑ךָ וּבְסוּפָתְךָ֥ תְבַהֲלֵֽם׃ 15
१५तू इन्हें अपनी आँधी से भगा दे, और अपने बवंडर से घबरा दे!
מַלֵּ֣א פְנֵיהֶ֣ם קָלֹ֑ון וִֽיבַקְשׁ֖וּ שִׁמְךָ֣ יְהוָֽה׃ 16
१६इनके मुँह को अति लज्जित कर, कि हे यहोवा ये तेरे नाम को ढूँढ़ें।
יֵבֹ֖שׁוּ וְיִבָּהֲל֥וּ עֲדֵי־עַ֗ד וְֽיַחְפְּר֥וּ וְיֹאבֵֽדוּ׃ 17
१७ये सदा के लिये लज्जित और घबराए रहें, इनके मुँह काले हों, और इनका नाश हो जाए,
וֽ͏ְיֵדְע֗וּ כִּֽי־אַתָּ֬ה שִׁמְךָ֣ יְהוָ֣ה לְבַדֶּ֑ךָ עֶ֝לְיֹ֗ון עַל־כָּל־הָאָֽרֶץ׃ 18
१८जिससे ये जानें कि केवल तू जिसका नाम यहोवा है, सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है।

< תְהִלִּים 83 >