< תְהִלִּים 56 >

לַמְנַצֵּ֤חַ ׀ עַל־יֹ֬ונַת אֵ֣לֶם רְ֭חֹקִים לְדָוִ֣ד מִכְתָּ֑ם בֶּֽאֱחֹ֨ז אֹתֹ֖ו פְלִשְׁתִּ֣ים בְּגַֽת׃ חָנֵּ֣נִי אֱ֭לֹהִים כִּֽי־שְׁאָפַ֣נִי אֱנֹ֑ושׁ כָּל־הַ֝יֹּ֗ום לֹחֵ֥ם יִלְחָצֵֽנִי׃ 1
प्रधान बजानेवाले के लिये योनतेलेखद्दोकीम में दाऊद का मिक्ताम जब पलिश्तियों ने उसको गत नगर में पकड़ा था हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं; वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं।
שָׁאֲפ֣וּ שֹׁ֭ורְרַי כָּל־הַיֹּ֑ום כִּֽי־רַבִּ֨ים לֹחֲמִ֖ים לִ֣י מָרֹֽום׃ 2
मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्योंकि जो लोग अभिमान करके मुझसे लड़ते हैं वे बहुत हैं।
יֹ֥ום אִירָ֑א אֲ֝נִ֗י אֵלֶ֥יךָ אֶבְטָֽח׃ 3
जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूँगा।
בֵּאלֹהִים֮ אֲהַלֵּ֪ל דְּבָ֫רֹ֥ו בֵּאלֹהִ֣ים בָּ֭טַחְתִּי לֹ֣א אִירָ֑א מַה־יַּעֲשֶׂ֖ה בָשָׂ֣ר לִֽי׃ 4
परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा, परमेश्वर पर मैंने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूँगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है?
כָּל־הַ֭יֹּום דְּבָרַ֣י יְעַצֵּ֑בוּ עָלַ֖י כָּל־מַחְשְׁבֹתָ֣ם לָרָֽע׃ 5
वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं; उनकी सारी कल्पनाएँ मेरी ही बुराई करने की होती है।
יָג֤וּרוּ ׀ יַצְפִּינוּ (יִצְפֹּ֗ונוּ) הֵ֭מָּה עֲקֵבַ֣י יִשְׁמֹ֑רוּ כַּ֝אֲשֶׁ֗ר קִוּ֥וּ נַפְשִֽׁי׃ 6
वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानो वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठे हों।
עַל־אָ֥וֶן פַּלֶּט־לָ֑מֹו בְּ֝אַ֗ף עַמִּ֤ים ׀ הֹורֵ֬ד אֱלֹהִֽים׃ 7
क्या वे बुराई करके भी बच जाएँगे? हे परमेश्वर, अपने क्रोध से देश-देश के लोगों को गिरा दे!
נֹדִי֮ סָפַ֪רְתָּ֫ה אָ֥תָּה שִׂ֣ימָה דִמְעָתִ֣י בְנֹאדֶ֑ךָ הֲ֝לֹ֗א בְּסִפְרָתֶֽךָ׃ 8
तू मेरे मारे-मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है?
אָ֥֨ז יָ֘שׁ֤וּבוּ אֹויְבַ֣י אָ֭חֹור בְּיֹ֣ום אֶקְרָ֑א זֶה־יָ֝דַ֗עְתִּי כִּֽי־אֱלֹהִ֥ים לִֽי׃ 9
तब जिस समय मैं पुकारूँगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। यह मैं जानता हूँ, कि परमेश्वर मेरी ओर है।
בֵּֽ֭אלֹהִים אֲהַלֵּ֣ל דָּבָ֑ר בַּ֝יהוָ֗ה אֲהַלֵּ֥ל דָּבָֽר׃ 10
१०परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा, यहोवा की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा।
בֵּֽאלֹהִ֣ים בָּ֭טַחְתִּי לֹ֣א אִירָ֑א מַה־יַּעֲשֶׂ֖ה אָדָ֣ם לִֽי׃ 11
११मैंने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूँगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?
עָלַ֣י אֱלֹהִ֣ים נְדָרֶ֑יךָ אֲשַׁלֵּ֖ם תֹּודֹ֣ת לָֽךְ׃ 12
१२हे परमेश्वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है; मैं तुझको धन्यवाद-बलि चढ़ाऊँगा।
כִּ֤י הִצַּ֪לְתָּ נַפְשִׁ֡י מִמָּוֶת֮ הֲלֹ֥א רַגְלַ֗י מִ֫דֶּ֥חִי לְ֭הִֽתְהַלֵּךְ לִפְנֵ֣י אֱלֹהִ֑ים בְּ֝אֹ֗ור הֽ͏ַחַיִּֽים׃ 13
१३क्योंकि तूने मुझ को मृत्यु से बचाया है; तूने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, ताकि मैं परमेश्वर के सामने जीवितों के उजियाले में चलूँ फिरूँ।

< תְהִלִּים 56 >