< תְהִלִּים 129 >

שִׁ֗יר הַֽמַּ֫עֲלֹ֥ות רַ֭בַּת צְרָר֣וּנִי מִנְּעוּרַ֑י יֹֽאמַר־נָ֝א יִשְׂרָאֵֽל׃ 1
यात्रा का गीत इस्राएल अब यह कहे, “मेरे बचपन से लोग मुझे बार बार क्लेश देते आए हैं,
רַ֭בַּת צְרָר֣וּנִי מִנְּעוּרָ֑י גַּ֝ם לֹא־יָ֥כְלוּ לִֽי׃ 2
मेरे बचपन से वे मुझ को बार बार क्लेश देते तो आए हैं, परन्तु मुझ पर प्रबल नहीं हुए।
עַל־גַּ֭בִּי חָרְשׁ֣וּ חֹרְשִׁ֑ים הֶ֝אֱרִ֗יכוּ לְמַעֲנֹותָם (לְמַעֲנִיתָֽם)׃ 3
हलवाहों ने मेरी पीठ के ऊपर हल चलाया, और लम्बी-लम्बी रेखाएँ की।”
יְהוָ֥ה צַדִּ֑יק קִ֝צֵּ֗ץ עֲבֹ֣ות רְשָׁעִֽים׃ 4
यहोवा धर्मी है; उसने दुष्टों के फंदों को काट डाला है;
יֵ֭בֹשׁוּ וְיִסֹּ֣גוּ אָחֹ֑ור כֹּ֝֗ל שֹׂנְאֵ֥י צִיֹּֽון׃ 5
जितने सिय्योन से बैर रखते हैं, वे सब लज्जित हों, और पराजित होकर पीछे हट जाए!
יִ֭הְיוּ כַּחֲצִ֣יר גַּגֹּ֑ות שֶׁקַּדְמַ֖ת שָׁלַ֣ף יָבֵֽשׁ׃ 6
वे छत पर की घास के समान हों, जो बढ़ने से पहले सूख जाती है;
שֶׁלֹּ֤א מִלֵּ֖א כַפֹּ֥ו קֹוצֵ֗ר וְחִצְנֹ֥ו מְעַמֵּֽר׃ 7
जिससे कोई लवनेवाला अपनी मुट्ठी नहीं भरता, न पूलियों का कोई बाँधनेवाला अपनी अँकवार भर पाता है,
וְלֹ֤א אָֽמְר֨וּ ׀ הָעֹבְרִ֗ים בִּרְכַּֽת־יְהוָ֥ה אֲלֵיכֶ֑ם בֵּרַ֥כְנוּ אֶ֝תְכֶ֗ם בְּשֵׁ֣ם יְהוָֽה׃ 8
और न आने-जानेवाले यह कहते हैं, “यहोवा की आशीष तुम पर होवे! हम तुम को यहोवा के नाम से आशीर्वाद देते हैं!”

< תְהִלִּים 129 >