< יִרְמְיָהוּ 50 >

הַדָּבָ֗ר אֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֧ר יְהוָ֛ה אֶל־בָּבֶ֖ל אֶל־אֶ֣רֶץ כַּשְׂדִּ֑ים בְּיַ֖ד יִרְמְיָ֥הוּ הַנָּבִֽיא׃ 1
बाबेल और कसदियों के देश के विषय में यहोवा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा यह वचन कहा:
הַגִּ֨ידוּ בַגֹּויִ֤ם וְהַשְׁמִ֙יעוּ֙ וּֽשְׂאוּ־נֵ֔ס הַשְׁמִ֖יעוּ אַל־תְּכַחֵ֑דוּ אִמְרוּ֩ נִלְכְּדָ֨ה בָבֶ֜ל הֹבִ֥ישׁ בֵּל֙ חַ֣ת מְרֹדָ֔ךְ הֹבִ֣ישׁוּ עֲצַבֶּ֔יהָ חַ֖תּוּ גִּלּוּלֶֽיהָ׃ 2
“जातियों में बताओ, सुनाओ और झण्डा खड़ा करो; सुनाओ, मत छिपाओ कि बाबेल ले लिया गया, बेल का मुँह काला हो गया, मरोदक विस्मित हो गया। बाबेल की प्रतिमाएँ लज्जित हुई और उसकी बेडौल मूरतें विस्मित हो गई।
כִּ֣י עָלָה֩ עָלֶ֨יהָ גֹּ֜וי מִצָּפֹ֗ון הֽוּא־יָשִׁ֤ית אֶת־אַרְצָהּ֙ לְשַׁמָּ֔ה וְלֹֽא־יִהְיֶ֥ה יֹושֵׁ֖ב בָּ֑הּ מֵאָדָ֥ם וְעַד־בְּהֵמָ֖ה נָ֥דוּ הָלָֽכוּ׃ 3
क्योंकि उत्तर दिशा से एक जाति उस पर चढ़ाई करके उसके देश को यहाँ तक उजाड़ कर देगी, कि क्या मनुष्य, क्या पशु, उसमें कोई भी न रहेगा; सब भाग जाएँगे।
בַּיָּמִ֨ים הָהֵ֜מָּה וּבָעֵ֤ת הַהִיא֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה יָבֹ֧אוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל הֵ֥מָּה וּבְנֵֽי־יְהוּדָ֖ה יַחְדָּ֑ו הָלֹ֤וךְ וּבָכֹו֙ יֵלֵ֔כוּ וְאֶת־יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיהֶ֖ם יְבַקֵּֽשׁוּ׃ 4
“यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएली और यहूदा एक संग आएँगे, वे रोते हुए अपने परमेश्वर यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चले आएँगे।
צִיֹּ֣ון יִשְׁאָ֔לוּ דֶּ֖רֶךְ הֵ֣נָּה פְנֵיהֶ֑ם בֹּ֚אוּ וְנִלְו֣וּ אֶל־יְהוָ֔ה בְּרִ֥ית עֹולָ֖ם לֹ֥א תִשָּׁכֵֽחַ׃ ס 5
वे सिय्योन की ओर मुँह किए हुए उसका मार्ग पूछते और आपस में यह कहते आएँगे, ‘आओ हम यहोवा से मेल कर लें, उसके साथ ऐसी वाचा बाँधे जो कभी भूली न जाए, परन्तु सदा स्थिर रहे।’
צֹ֤אן אֹֽבְדֹות֙ הָיָה (הָי֣וּ) עַמִּ֔י רֹעֵיהֶ֣ם הִתְע֔וּם הָרִ֖ים שֹׁובֵבִים (שֹֽׁובְב֑וּם) מֵהַ֤ר אֶל־גִּבְעָה֙ הָלָ֔כוּ שָׁכְח֖וּ רִבְצָֽם׃ 6
“मेरी प्रजा खोई हुई भेड़ें हैं; उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया और पहाड़ों पर भटकाया है; वे पहाड़-पहाड़ और पहाड़ी-पहाड़ी घूमते-घूमते अपने बैठने के स्थान को भूल गई हैं।
כָּל־מֹוצְאֵיהֶ֣ם אֲכָל֔וּם וְצָרֵיהֶ֥ם אָמְר֖וּ לֹ֣א נֶאְשָׁ֑ם תַּ֗חַת אֲשֶׁ֨ר חָטְא֤וּ לַֽיהוָה֙ נְוֵה־צֶ֔דֶק וּמִקְוֵ֥ה אֲבֹֽותֵיהֶ֖ם יְהוָֽה׃ ס 7
जितनों ने उन्हें पाया वे उनको खा गए; और उनके सतानेवालों ने कहा, ‘इसमें हमारा कुछ दोष नहीं, क्योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है जो धर्म का आधार है, और उनके पूर्वजों का आश्रय था।’
נֻ֚דוּ מִתֹּ֣וךְ בָּבֶ֔ל וּמֵאֶ֥רֶץ כַּשְׂדִּ֖ים יָצְאוּ (צֵ֑אוּ) וִהְי֕וּ כְּעַתּוּדִ֖ים לִפְנֵי־צֹֽאן׃ 8
“बाबेल के बीच में से भागो, कसदियों के देश से निकल आओ। जैसे बकरे अपने झुण्ड के अगुए होते हैं, वैसे ही बनो।
כִּ֣י הִנֵּ֣ה אָנֹכִ֡י מֵעִיר֩ וּמַעֲלֶ֨ה עַל־בָּבֶ֜ל קְהַל־גֹּויִ֤ם גְּדֹלִים֙ מֵאֶ֣רֶץ צָפֹ֔ון וְעָ֣רְכוּ לָ֔הּ מִשָּׁ֖ם תִּלָּכֵ֑ד חִצָּיו֙ כְּגִבֹּ֣ור מַשְׁכִּ֔יל לֹ֥א יָשׁ֖וּב רֵיקָֽם׃ 9
क्योंकि देखो, मैं उत्तर के देश से बड़ी जातियों को उभारकर उनकी मण्डली बाबेल पर चढ़ा ले आऊँगा, और वे उसके विरुद्ध पाँति बाँधेंगे; और उसी दिशा से वह ले लिया जाएगा। उनके तीर चतुर वीर के से होंगे; उनमें से कोई अकारथ न जाएगा।
וְהָיְתָ֥ה כַשְׂדִּ֖ים לְשָׁלָ֑ל כָּל־שֹׁלְלֶ֥יהָ יִשְׂבָּ֖עוּ נְאֻם־יְהוָֽה׃ 10
१०कसदियों का देश ऐसा लुटेगा कि सब लूटनेवालों का पेट भर जाएगा, यहोवा की यह वाणी है।
כִּ֤י תִשְׂמְחִי (תִשְׂמְחוּ֙) כִּ֣י תַעֲלְזִי (תַֽעַלְז֔וּ) שֹׁסֵ֖י נַחֲלָתִ֑י כִּ֚י תָפוּשִׁי (תָפ֙וּשׁוּ֙) כְּעֶגְלָ֣ה דָשָׁ֔ה וְתִצְהֲלִי (וְתִצְהֲל֖וּ) כָּאֲבִּרִֽים׃ 11
११“हे मेरे भाग के लूटनेवालों, तुम जो मेरी प्रजा पर आनन्द करते और फुले नहीं समाते हो, और घास चरनेवाली बछिया के समान उछलते और बलवन्त घोड़ों के समान हिनहिनाते हो,
בֹּ֤ושָׁה אִמְּכֶם֙ מְאֹ֔ד חָפְרָ֖ה יֹֽולַדְתְּכֶ֑ם הִנֵּה֙ אַחֲרִ֣ית גֹּויִ֔ם מִדְבָּ֖ר צִיָּ֥ה וַעֲרָבָֽה׃ 12
१२तुम्हारी माता अत्यन्त लज्जित होगी और तुम्हारी जननी का मुँह काला होगा। क्योंकि वह सब जातियों में नीच होगी, वह जंगल और मरु और निर्जल देश हो जाएगी।
מִקֶּ֤צֶף יְהוָה֙ לֹ֣א תֵשֵׁ֔ב וְהָיְתָ֥ה שְׁמָמָ֖ה כֻּלָּ֑הּ כֹּ֚ל עֹבֵ֣ר עַל־בָּבֶ֔ל יִשֹּׁ֥ם וְיִשְׁרֹ֖ק עַל־כָּל־מַכֹּותֶֽיהָ׃ 13
१३यहोवा के क्रोध के कारण, वह देश निर्जन रहेगा, वह उजाड़ ही उजाड़ होगा; जो कोई बाबेल के पास से चलेगा वह चकित होगा, और उसके सब दुःख देखकर ताली बजाएगा।
עִרְכ֨וּ עַל־בָּבֶ֤ל ׀ סָבִיב֙ כָּל־דֹּ֣רְכֵי קֶ֔שֶׁת יְד֣וּ אֵלֶ֔יהָ אַֽל־תַּחְמְל֖וּ אֶל־חֵ֑ץ כִּ֥י לַֽיהוָ֖ה חָטָֽאָה׃ 14
१४हे सब धनुर्धारियो, बाबेल के चारों ओर उसके विरुद्ध पाँति बाँधो; उस पर तीर चलाओ, उन्हें मत रख छोड़ो, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
הָרִ֨יעוּ עָלֶ֤יהָ סָבִיב֙ נָתְנָ֣ה יָדָ֔הּ נָֽפְלוּ֙ אַשְׁוִיֹּתֶיהָ (אָשְׁיֹותֶ֔יהָ) נֶהֶרְס֖וּ חֹֽומֹותֶ֑יהָ כִּי֩ נִקְמַ֨ת יְהוָ֥ה הִיא֙ הִנָּ֣קְמוּ בָ֔הּ כַּאֲשֶׁ֥ר עָשְׂתָ֖ה עֲשׂוּ־לָֽהּ׃ 15
१५चारों ओर से उस पर ललकारो, उसने हार मानी; उसके कोट गिराए गए, उसकी शहरपनाह ढाई गई। क्योंकि यहोवा उससे अपना बदला लेने पर है; इसलिए तुम भी उससे अपना-अपना बदला लो, जैसा उसने किया है, वैसा ही तुम भी उससे करो।
כִּרְת֤וּ זֹורֵ֙עַ֙ מִבָּבֶ֔ל וְתֹפֵ֥שׂ מַגָּ֖ל בְּעֵ֣ת קָצִ֑יר מִפְּנֵי֙ חֶ֣רֶב הַיֹּונָ֔ה אִ֤ישׁ אֶל־עַמֹּו֙ יִפְנ֔וּ וְאִ֥ישׁ לְאַרְצֹ֖ו יָנֻֽסוּ׃ ס 16
१६बाबेल में से बोनेवाले और काटनेवाले दोनों को नाश करो, वे दुःखदाई तलवार के डर के मारे अपने-अपने लोगों की ओर फिरें, और अपने-अपने देश को भाग जाएँ।
שֶׂ֧ה פְזוּרָ֛ה יִשְׂרָאֵ֖ל אֲרָיֹ֣ות הִדִּ֑יחוּ הָרִאשֹׁ֤ון אֲכָלֹו֙ מֶ֣לֶךְ אַשּׁ֔וּר וְזֶ֤ה הָאַחֲרֹון֙ עִצְּמֹ֔ו נְבוּכַדְרֶאצַּ֖ר מֶ֥לֶךְ בָּבֶֽל׃ ס 17
१७“इस्राएल भगाई हुई भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहले तो अश्शूर के राजा ने उसको खा डाला, और तब बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है।
לָכֵ֗ן כֹּֽה־אָמַ֞ר יְהוָ֤ה צְבָאֹות֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הִנְנִ֥י פֹקֵ֛ד אֶל־מֶ֥לֶךְ בָּבֶ֖ל וְאֶל־אַרְצֹ֑ו כַּאֲשֶׁ֥ר פָּקַ֖דְתִּי אֶל־מֶ֥לֶךְ אַשּֽׁוּר׃ 18
१८इस कारण इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है, देखो, जैसे मैंने अश्शूर के राजा को दण्ड दिया था, वैसे ही अब देश समेत बाबेल के राजा को दण्ड दूँगा।
וְשֹׁבַבְתִּ֤י אֶת־יִשְׂרָאֵל֙ אֶל־נָוֵ֔הוּ וְרָעָ֥ה הַכַּרְמֶ֖ל וְהַבָּשָׁ֑ן וּבְהַ֥ר אֶפְרַ֛יִם וְהַגִּלְעָ֖ד תִּשְׂבַּ֥ע נַפְשֹֽׁו׃ 19
१९मैं इस्राएल को उसकी चराई में लौटा लाऊँगा, और वह कर्मेल और बाशान में फिर चरेगा, और एप्रैम के पहाड़ों पर और गिलाद में फिर भर पेट खाने पाएगा।
בַּיָּמִ֣ים הָהֵם֩ וּבָעֵ֨ת הַהִ֜יא נְאֻם־יְהוָ֗ה יְבֻקַּ֞שׁ אֶת־עֲוֹ֤ן יִשְׂרָאֵל֙ וְאֵינֶ֔נּוּ וְאֶת־חַטֹּ֥את יְהוּדָ֖ה וְלֹ֣א תִמָּצֶ֑אינָה כִּ֥י אֶסְלַ֖ח לַאֲשֶׁ֥ר אַשְׁאִֽיר׃ 20
२०यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएल का अधर्म ढूँढ़ने पर भी नहीं मिलेगा, और यहूदा के पाप खोजने पर भी नहीं मिलेंगे; क्योंकि जिन्हें मैं बचाऊँ, उनके पाप भी क्षमा कर दूँगा।
עַל־הָאָ֤רֶץ מְרָתַ֙יִם֙ עֲלֵ֣ה עָלֶ֔יהָ וְאֶל־יֹושְׁבֵ֖י פְּקֹ֑וד חֲרֹ֨ב וְהַחֲרֵ֤ם אַֽחֲרֵיהֶם֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וַעֲשֵׂ֕ה כְּכֹ֖ל אֲשֶׁ֥ר צִוִּיתִֽיךָ׃ ס 21
२१“तू मरातैम देश और पकोद नगर के निवासियों पर चढ़ाई कर। मनुष्यों को तो मार डाल, और धन का सत्यानाश कर; यहोवा की यह वाणी है, और जो-जो आज्ञा मैं तुझे देता हूँ, उन सभी के अनुसार कर।
קֹ֥ול מִלְחָמָ֖ה בָּאָ֑רֶץ וְשֶׁ֖בֶר גָּדֹֽול׃ 22
२२सुनो, उस देश में युद्ध और सत्यानाश का सा शब्द हो रहा है।
אֵ֤יךְ נִגְדַּע֙ וַיִּשָּׁבֵ֔ר פַּטִּ֖ישׁ כָּל־הָאָ֑רֶץ אֵ֣יךְ הָיְתָ֧ה לְשַׁמָּ֛ה בָּבֶ֖ל בַּגֹּויִֽם׃ 23
२३जो हथौड़ा सारी पृथ्वी के लोगों को चूर-चूर करता था, वह कैसा काट डाला गया है! बाबेल सब जातियों के बीच में कैसा उजाड़ हो गया है!
יָקֹ֨שְׁתִּי לָ֤ךְ וְגַם־נִלְכַּדְתְּ֙ בָּבֶ֔ל וְאַ֖תְּ לֹ֣א יָדָ֑עַתְּ נִמְצֵאת֙ וְגַם־נִתְפַּ֔שְׂתְּ כִּ֥י בַֽיהוָ֖ה הִתְגָּרִֽית׃ 24
२४हे बाबेल, मैंने तेरे लिये फंदा लगाया, और तू अनजाने उसमें फँस भी गया; तू ढूँढ़कर पकड़ा गया है, क्योंकि तू यहोवा का विरोध करता था।
פָּתַ֤ח יְהוָה֙ אֶת־אֹ֣וצָרֹ֔ו וַיֹּוצֵ֖א אֶת־כְּלֵ֣י זַעְמֹ֑ו כִּי־מְלָאכָ֣ה הִ֗יא לַֽאדֹנָ֧י יְהוִ֛ה צְבָאֹ֖ות בְּאֶ֥רֶץ כַּשְׂדִּֽים׃ 25
२५प्रभु, सेनाओं के यहोवा ने अपने शस्त्रों का घर खोलकर, अपने क्रोध प्रगट करने का सामान निकाला है; क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा को कसदियों के देश में एक काम करना है।
בֹּֽאוּ־לָ֤הּ מִקֵּץ֙ פִּתְח֣וּ מַאֲבֻסֶ֔יהָ סָלּ֥וּהָ כְמֹו־עֲרֵמִ֖ים וְהַחֲרִימ֑וּהָ אַל־תְּהִי־לָ֖הּ שְׁאֵרִֽית׃ 26
२६पृथ्वी की छोर से आओ, और उसकी बखरियों को खोलो; उसको ढेर ही ढेर बना दो; ऐसा सत्यानाश करो कि उसमें कुछ भी न बचा रहें।
חִרְבוּ֙ כָּל־פָּרֶ֔יהָ יֵרְד֖וּ לַטָּ֑בַח הֹ֣וי עֲלֵיהֶ֔ם כִּֽי־בָ֥א יֹומָ֖ם עֵ֥ת פְּקֻדָּתָֽם׃ ס 27
२७उसके सब बैलों को नाश करो, वे घात होने के स्थान में उतर जाएँ। उन पर हाय! क्योंकि उनके दण्ड पाने का दिन आ पहुँचा है।
קֹ֥ול נָסִ֛ים וּפְלֵטִ֖ים מֵאֶ֣רֶץ בָּבֶ֑ל לְהַגִּ֣יד בְּצִיֹּ֗ון אֶת־נִקְמַת֙ יְהוָ֣ה אֱלֹהֵ֔ינוּ נִקְמַ֖ת הֵיכָלֹֽו׃ 28
२८“सुनो, बाबेल के देश में से भागनेवालों का सा बोल सुनाई पड़ता है जो सिय्योन में यह समाचार देने को दौड़े आते हैं, कि हमारा परमेश्वर यहोवा अपने मन्दिर का बदला ले रहा है।
הַשְׁמִ֣יעוּ אֶל־בָּבֶ֣ל ׀ רַ֠בִּים כָּל־דֹּ֨רְכֵי קֶ֜שֶׁת חֲנ֧וּ עָלֶ֣יהָ סָבִ֗יב אַל־יְהִי־ (לָהּ֙) פְּלֵטָ֔ה שַׁלְּמוּ־לָ֣הּ כְּפָעֳלָ֔הּ כְּכֹ֛ל אֲשֶׁ֥ר עָשְׂתָ֖ה עֲשׂוּ־לָ֑הּ כִּ֧י אֶל־יְהוָ֛ה זָ֖דָה אֶל־קְדֹ֥ושׁ יִשְׂרָאֵֽל׃ 29
२९“सब धनुर्धारियों को बाबेल के विरुद्ध इकट्ठे करो, उसके चारों ओर छावनी डालो, कोई जन भागकर निकलने न पाए। उसके काम का बदला उसे दो, जैसा उसने किया है, ठीक वैसा ही उसके साथ करो; क्योंकि उसने यहोवा इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध अभिमान किया है।
לָכֵ֛ן יִפְּל֥וּ בַחוּרֶ֖יהָ בִּרְחֹבֹתֶ֑יהָ וְכָל־אַנְשֵׁ֨י מִלְחַמְתָּ֥הּ יִדַּ֛מּוּ בַּיֹּ֥ום הַה֖וּא נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס 30
३०इस कारण उसके जवान चौकों में गिराए जाएँगे, और सब योद्धाओं का बोल बन्द हो जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
הִנְנִ֤י אֵלֶ֙יךָ֙ זָדֹ֔ון נְאֻם־אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה צְבָאֹ֑ות כִּ֛י בָּ֥א יֹומְךָ֖ עֵ֥ת פְּקַדְתִּֽיךָ׃ 31
३१“प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे अभिमानी, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; तेरे दण्ड पाने का दिन आ गया है।
וְכָשַׁ֤ל זָדֹון֙ וְנָפַ֔ל וְאֵ֥ין לֹ֖ו מֵקִ֑ים וְהִצַּ֤תִּי אֵשׁ֙ בְּעָרָ֔יו וְאָכְלָ֖ה כָּל־סְבִיבֹתָֽיו׃ ס 32
३२अभिमानी ठोकर खाकर गिरेगा और कोई उसे फिर न उठाएगा; और मैं उसके नगरों में आग लगाऊँगा जिससे उसके चारों ओर सब कुछ भस्म हो जाएगा।
כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָאֹ֔ות עֲשׁוּקִ֛ים בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֥ל וּבְנֵי־יְהוּדָ֖ה יַחְדָּ֑ו וְכָל־שֹֽׁבֵיהֶם֙ הֶחֱזִ֣יקוּ בָ֔ם מֵאֲנ֖וּ שַׁלְּחָֽם׃ 33
३३“सेनाओं का यहोवा यह कहता है, इस्राएल और यहूदा दोनों बराबर पिसे हुए हैं; और जितनों ने उनको बँधुआ किया वे उन्हें पकड़े रहते हैं, और जाने नहीं देते।
גֹּאֲלָ֣ם ׀ חָזָ֗ק יְהוָ֤ה צְבָאֹות֙ שְׁמֹ֔ו רִ֥יב יָרִ֖יב אֶת־רִיבָ֑ם לְמַ֙עַן֙ הִרְגִּ֣יעַ אֶת־הָאָ֔רֶץ וְהִרְגִּ֖יז לְיֹשְׁבֵ֥י בָבֶֽל׃ 34
३४उनका छुड़ानेवाला सामर्थी है; सेनाओं का यहोवा, यही उसका नाम है। वह उनका मुकद्दमा भली भाँति लड़ेगा कि पृथ्वी को चैन दे परन्तु बाबेल के निवासियों को व्याकुल करे।
חֶ֥רֶב עַל־כַּשְׂדִּ֖ים נְאֻם־יְהוָ֑ה וְאֶל־יֹשְׁבֵ֣י בָבֶ֔ל וְאֶל־שָׂרֶ֖יהָ וְאֶל־חֲכָמֶֽיהָ׃ 35
३५“यहोवा की यह वाणी है, कसदियों और बाबेल के हाकिम, पंडित आदि सब निवासियों पर तलवार चलेगी!
חֶ֥רֶב אֶל־הַבַּדִּ֖ים וְנֹאָ֑לוּ חֶ֥רֶב אֶל־גִּבֹּורֶ֖יהָ וָחָֽתּוּ׃ 36
३६बड़ा बोल बोलनेवालों पर तलवार चलेगी, और वे मूर्ख बनेंगे! उसके शूरवीरों पर भी तलवार चलेगी, और वे विस्मित हो जाएँगे!
חֶ֜רֶב אֶל־סוּסָ֣יו וְאֶל־רִכְבֹּ֗ו וְאֶל־כָּל־הָעֶ֛רֶב אֲשֶׁ֥ר בְּתֹוכָ֖הּ וְהָי֣וּ לְנָשִׁ֑ים חֶ֥רֶב אֶל־אֹוצְרֹתֶ֖יהָ וּבֻזָּֽזוּ׃ 37
३७उसके सवारों और रथियों पर और सब मिले जुले लोगों पर भी तलवार चलेगी, और वे स्त्रियाँ बन जाएँगे! उसके भण्डारों पर तलवार चलेगी, और वे लुट जाएँगे!
חֹ֥רֶב אֶל־מֵימֶ֖יהָ וְיָבֵ֑שׁוּ כִּ֣י אֶ֤רֶץ פְּסִלִים֙ הִ֔יא וּבָאֵימִ֖ים יִתְהֹלָֽלוּ׃ 38
३८उसके जलाशयों पर सूखा पड़ेगा, और वे सूख जाएँगे! क्योंकि वह खुदी हुई मूरतों से भरा हुआ देश है, और वे अपनी भयानक प्रतिमाओं पर बावले हैं।
לָכֵ֗ן יֵשְׁב֤וּ צִיִּים֙ אֶת־אִיִּ֔ים וְיָ֥שְׁבוּ בָ֖הּ בְּנֹ֣ות יַֽעֲנָ֑ה וְלֹֽא־תֵשֵׁ֥ב עֹוד֙ לָנֶ֔צַח וְלֹ֥א תִשְׁכֹּ֖ון עַד־דֹּ֥ור וָדֹֽור׃ 39
३९“इसलिए निर्जल देश के जन्तु सियारों के संग मिलकर वहाँ बसेंगे, और शुतुर्मुर्ग उसमें वास करेंगे, और वह फिर सदा तक बसाया न जाएगा, न युग-युग उसमें कोई वास कर सकेगा।
כְּמַהְפֵּכַ֨ת אֱלֹהִ֜ים אֶת־סְדֹ֧ם וְאֶת־עֲמֹרָ֛ה וְאֶת־שְׁכֵנֶ֖יהָ נְאֻם־יְהוָ֑ה לֹֽא־יֵשֵׁ֥ב שָׁם֙ אִ֔ישׁ וְלֹֽא־יָג֥וּר בָּ֖הּ בֶּן־אָדָֽם׃ 40
४०यहोवा की यह वाणी है, कि सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगरों की जैसी दशा उस समय हुई थी जब परमेश्वर ने उनको उलट दिया था, वैसी ही दशा बाबेल की भी होगी, यहाँ तक कि कोई मनुष्य उसमें न रह सकेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।
הִנֵּ֛ה עַ֥ם בָּ֖א מִצָּפֹ֑ון וְגֹ֤וי גָּדֹול֙ וּמְלָכִ֣ים רַבִּ֔ים יֵעֹ֖רוּ מִיַּרְכְּתֵי־אָֽרֶץ׃ 41
४१“सुनो, उत्तर दिशा से एक देश के लोग आते हैं, और पृथ्वी की छोर से एक बड़ी जाति और बहुत से राजा उठकर चढ़ाई करेंगे।
קֶ֣שֶׁת וְכִידֹ֞ן יַחֲזִ֗יקוּ אַכְזָרִ֥י הֵ֙מָּה֙ וְלֹ֣א יְרַחֵ֔מוּ קֹולָם֙ כַּיָּ֣ם יֶהֱמֶ֔ה וְעַל־סוּסִ֖ים יִרְכָּ֑בוּ עָר֗וּךְ כְּאִישׁ֙ לַמִּלְחָמָ֔ה עָלַ֖יִךְ בַּת־בָּבֶֽל׃ 42
४२वे धनुष और बर्छी पकड़े हुए हैं; वे क्रूर और निर्दयी हैं; वे समुद्र के समान गरजेंगे; और घोड़ों पर चढ़े हुए तुझ बाबेल की बेटी के विरुद्ध पाँति बाँधे हुए युद्ध करनेवालों के समान आएँगे।
שָׁמַ֧ע מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֛ל אֶת־שִׁמְעָ֖ם וְרָפ֣וּ יָדָ֑יו צָרָה֙ הֶחֱזִיקַ֔תְהוּ חִ֖יל כַּיֹּולֵדָֽה׃ 43
४३उनका समाचार सुनते ही बाबेल के राजा के हाथ पाँव ढीले पड़ गए, और उसको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठी।
הִ֠נֵּה כְּאַרְיֵ֞ה יַעֲלֶ֨ה מִגְּאֹ֣ון הַיַּרְדֵּן֮ אֶל־נְוֵ֣ה אֵיתָן֒ כִּֽי־אַרְגִּ֤עָה אֲרוּצֵם (אֲרִיצֵם֙) מֵֽעָלֶ֔יהָ וּמִ֥י בָח֖וּר אֵלֶ֣יהָ אֶפְקֹ֑ד כִּ֣י מִ֤י כָמֹ֙ונִי֙ וּמִ֣י יֹועִדֶ֔נִּי וּמִֽי־זֶ֣ה רֹעֶ֔ה אֲשֶׁ֥ר יַעֲמֹ֖ד לְפָנָֽי׃ 44
४४“सुनो, वह सिंह के समान आएगा जो यरदन के आस-पास के घने जंगल से निकलकर दृढ़ भेड़शालाएँ पर चढ़े, परन्तु मैं उनको उसके सामने से झट भगा दूँगा; तब जिसको मैं चुन लूँ, उसी को उन पर अधिकारी ठहराऊँगा। देखो, मेरे तुल्य कौन है? कौन मुझ पर मुकद्दमा चलाएगा? वह चरवाहा कहाँ है जो मेरा सामना कर सकेगा?”
לָכֵ֞ן שִׁמְע֣וּ עֲצַת־יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֤ר יָעַץ֙ אֶל־בָּבֶ֔ל וּמַ֨חְשְׁבֹותָ֔יו אֲשֶׁ֥ר חָשַׁ֖ב אֶל־אֶ֣רֶץ כַּשְׂדִּ֑ים אִם־לֹ֤א יִסְחָבוּם֙ צְעִירֵ֣י הַצֹּ֔אן אִם־לֹ֥א יַשִּׁ֛ים עֲלֵיהֶ֖ם נָוֶֽה׃ 45
४५इसलिए सुनो कि यहोवा ने बाबेल के विरुद्ध क्या युक्ति की है और कसदियों के देश के विरुद्ध कौन सी कल्पना की है: निश्चय वह भेड़-बकरियों के बच्चों को घसीट ले जाएगा, निश्चय वह उनकी चराइयों को भेड़-बकरियों से खाली कर देगा।
מִקֹּול֙ נִתְפְּשָׂ֣ה בָבֶ֔ל נִרְעֲשָׁ֖ה הָאָ֑רֶץ וּזְעָקָ֖ה בַּגֹּויִ֥ם נִשְׁמָֽע׃ ס 46
४६बाबेल के लूट लिए जाने के शब्द से पृथ्वी काँप उठी है, और उसकी चिल्लाहट जातियों में सुनाई पड़ती है।

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