< יְשַׁעְיָהוּ 62 >

לְמַ֤עַן צִיֹּון֙ לֹ֣א אֶחֱשֶׁ֔ה וּלְמַ֥עַן יְרוּשָׁלַ֖͏ִם לֹ֣א אֶשְׁקֹ֑וט עַד־יֵצֵ֤א כַנֹּ֙גַהּ֙ צִדְקָ֔הּ וִישׁוּעָתָ֖הּ כְּלַפִּ֥יד יִבְעָֽר׃ 1
सिय्योन के निमित्त मैं चुप न रहूँगा, और यरूशलेम के निमित्त मैं चैन न लूँगा, जब तक कि उसकी धार्मिकता प्रकाश के समान और उसका उद्धार जलती हुई मशाल के समान दिखाई न दे।
וְרָא֤וּ גֹויִם֙ צִדְקֵ֔ךְ וְכָל־מְלָכִ֖ים כְּבֹודֵ֑ךְ וְקֹ֤רָא לָךְ֙ שֵׁ֣ם חָדָ֔שׁ אֲשֶׁ֛ר פִּ֥י יְהוָ֖ה יִקֳּבֶֽנּוּ׃ 2
तब जाति-जाति के लोग तेरी धार्मिकता और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे, और तेरा एक नया नाम रखा जाएगा जो यहोवा के मुख से निकलेगा।
וְהָיִ֛יתְ עֲטֶ֥רֶת תִּפְאֶ֖רֶת בְּיַד־יְהוָ֑ה וּצְנֹוף (וּצְנִ֥יף) מְלוּכָ֖ה בְּכַף־אֱלֹהָֽיִךְ׃ 3
तू यहोवा के हाथ में एक शोभायमान मुकुट और अपने परमेश्वर की हथेली में राजमुकुट ठहरेगी।
לֹֽא־יֵאָמֵר֩ לָ֨ךְ עֹ֜וד עֲזוּבָ֗ה וּלְאַרְצֵךְ֙ לֹא־יֵאָמֵ֥ר עֹוד֙ שְׁמָמָ֔ה כִּ֣י לָ֗ךְ יִקָּרֵא֙ חֶפְצִי־בָ֔הּ וּלְאַרְצֵ֖ךְ בְּעוּלָ֑ה כִּֽי־חָפֵ֤ץ יְהוָה֙ בָּ֔ךְ וְאַרְצֵ֖ךְ תִּבָּעֵֽל׃ 4
तू फिर त्यागी हुई न कहलाएगी, और तेरी भूमि फिर उजड़ी हुई न कहलाएगी; परन्तु तू हेप्सीबा और तेरी भूमि ब्यूला कहलाएगी; क्योंकि यहोवा तुझ से प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागिन होगी।
כִּֽי־יִבְעַ֤ל בָּחוּר֙ בְּתוּלָ֔ה יִבְעָל֖וּךְ בָּנָ֑יִךְ וּמְשֹׂ֤ושׂ חָתָן֙ עַל־כַּלָּ֔ה יָשִׂ֥ישׂ עָלַ֖יִךְ אֱלֹהָֽיִךְ׃ 5
क्योंकि जिस प्रकार जवान पुरुष एक कुमारी को ब्याह लाता है, वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे; और जैसे दूल्हा अपनी दुल्हन के कारण हर्षित होता है, वैसे ही तेरा परमेश्वर तेरे कारण हर्षित होगा।
עַל־חֹומֹתַ֣יִךְ יְרוּשָׁלַ֗͏ִם הִפְקַ֙דְתִּי֙ שֹֽׁמְרִ֔ים כָּל־הַיֹּ֧ום וְכָל־הַלַּ֛יְלָה תָּמִ֖יד לֹ֣א יֶחֱשׁ֑וּ הַמַּזְכִּרִים֙ אֶת־יְהוָ֔ה אַל־דֳּמִ֖י לָכֶֽם׃ 6
हे यरूशलेम, मैंने तेरी शहरपनाह पर पहरुए बैठाए हैं; वे दिन-रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करनेवालों, चुप न रहो,
וְאַֽל־תִּתְּנ֥וּ דֳמִ֖י לֹ֑ו עַד־יְכֹונֵ֞ן וְעַד־יָשִׂ֧ים אֶת־יְרֽוּשָׁלַ֛͏ִם תְּהִלָּ֖ה בָּאָֽרֶץ׃ 7
और जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके उसकी प्रशंसा पृथ्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो।
נִשְׁבַּ֧ע יְהוָ֛ה בִּֽימִינֹ֖ו וּבִזְרֹ֣ועַ עֻזֹּ֑ו אִם־אֶתֵּן֩ אֶת־דְּגָנֵ֨ךְ עֹ֤וד מַֽאֲכָל֙ לְאֹ֣יְבַ֔יִךְ וְאִם־יִשְׁתּ֤וּ בְנֵֽי־נֵכָר֙ תִּֽירֹושֵׁ֔ךְ אֲשֶׁ֥ר יָגַ֖עַתְּ בֹּֽו׃ 8
यहोवा ने अपने दाहिने हाथ की और अपनी बलवन्त भुजा की शपथ खाई है: निश्चय मैं भविष्य में तेरा अन्न अब फिर तेरे शत्रुओं को खाने के लिये न दूँगा, और परदेशियों के पुत्र तेरा नया दाखमधु जिसके लिये तूने परिश्रम किया है, नहीं पीने पाएँगे;
כִּ֤י מְאַסְפָיו֙ יֹאכְלֻ֔הוּ וְהִֽלְל֖וּ אֶת־יְהוָ֑ה וּֽמְקַבְּצָ֥יו יִשְׁתֻּ֖הוּ בְּחַצְרֹ֥ות קָדְשִֽׁי׃ ס 9
केवल वे ही, जिन्होंने उसे खत्ते में रखा हो, उसमें से खाकर यहोवा की स्तुति करेंगे, और जिन्होंने दाखमधु भण्डारों में रखा हो, वे ही उसे मेरे पवित्रस्थान के आँगनों में पीने पाएँगे।
עִבְר֤וּ עִבְרוּ֙ בַּשְּׁעָרִ֔ים פַּנּ֖וּ דֶּ֣רֶךְ הָעָ֑ם סֹ֣לּוּ סֹ֤לּוּ הַֽמְסִלָּה֙ סַקְּל֣וּ מֵאֶ֔בֶן הָרִ֥ימוּ נֵ֖ס עַל־הָעַמִּֽים׃ 10
१०जाओ, फाटकों में से निकल जाओ, प्रजा के लिये मार्ग सुधारो; राजमार्ग सुधारकर ऊँचा करो, उसमें से पत्थर बीन-बीनकर फेंक दो, देश-देश के लोगों के लिये झण्डा खड़ा करो।
הִנֵּ֣ה יְהוָ֗ה הִשְׁמִ֙יעַ֙ אֶל־קְצֵ֣ה הָאָ֔רֶץ אִמְרוּ֙ לְבַת־צִיֹּ֔ון הִנֵּ֥ה יִשְׁעֵ֖ךְ בָּ֑א הִנֵּ֤ה שְׂכָרֹו֙ אִתֹּ֔ו וּפְעֻלָּתֹ֖ו לְפָנָֽיו׃ 11
११देखो, यहोवा ने पृथ्वी की छोर तक इस आज्ञा का प्रचार किया है: सिय्योन की बेटी से कहो, “देख, तेरा उद्धारकर्ता आता है, देख, जो मजदूरी उसको देनी है वह उसके पास है और उसका काम उसके सामने है।”
וְקָרְא֥וּ לָהֶ֛ם עַם־הַקֹּ֖דֶשׁ גְּאוּלֵ֣י יְהוָ֑ה וְלָךְ֙ יִקָּרֵ֣א דְרוּשָׁ֔ה עִ֖יר לֹ֥א נֶעֱזָֽבָה׃ ס 12
१२और लोग उनको पवित्र प्रजा और यहोवा के छुड़ाए हुए कहेंगे; और तेरा नाम ग्रहण की हुई अर्थात् न-त्यागी हुई नगरी पड़ेगा।

< יְשַׁעְיָהוּ 62 >