< יְשַׁעְיָהוּ 52 >

עוּרִ֥י עוּרִ֛י לִבְשִׁ֥י עֻזֵּ֖ךְ צִיֹּ֑ון לִבְשִׁ֣י ׀ בִּגְדֵ֣י תִפְאַרְתֵּ֗ךְ יְרוּשָׁלַ֙͏ִם֙ עִ֣יר הַקֹּ֔דֶשׁ כִּ֣י לֹ֥א יֹוסִ֛יף יָבֹא־בָ֥ךְ עֹ֖וד עָרֵ֥ל וְטָמֵֽא׃ 1
हे ज़ियोन, जागो, और अपना बल पाओ! हे पवित्र नगर येरूशलेम, अपने सुंदर वस्त्र पहन लो. क्योंकि अब न तो खतना-रहित और न ही अशुद्ध व्यक्ति आएंगे.
הִתְנַעֲרִ֧י מֵעָפָ֛ר ק֥וּמִי שְּׁבִ֖י יְרֽוּשָׁלָ֑͏ִם הִתְפַּתְּחוּ (הִֽתְפַּתְּחִי֙) מֹוסְרֵ֣י צַוָּארֵ֔ךְ שְׁבִיָּ֖ה בַּת־צִיֹּֽון׃ ס 2
हे येरूशलेम, तुम जो बंदी हो, अपने ऊपर से धूल झाड़ कर उठ जाओ. ज़ियोन की बंदी पुत्री, अपने गले में पड़ी हुई जंजीर को उतार दो.
כִּֽי־כֹה֙ אָמַ֣ר יְהוָ֔ה חִנָּ֖ם נִמְכַּרְתֶּ֑ם וְלֹ֥א בְכֶ֖סֶף תִּגָּאֵֽלוּ׃ 3
क्योंकि याहवेह यों कहते हैं: “तुम तो बिना किसी मूल्य के बिक गए थे, तथा बिना मूल्य चुकाए छुड़ाए भी जाओगे.”
כִּ֣י כֹ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה מִצְרַ֛יִם יָֽרַד־עַמִּ֥י בָרִֽאשֹׁנָ֖ה לָג֣וּר שָׁ֑ם וְאַשּׁ֖וּר בְּאֶ֥פֶס עֲשָׁקֹֽו׃ 4
क्योंकि प्रभु याहवेह यों कहते हैं: “पहले मेरे लोग मिस्र देश इसलिये गए थे, कि वे वहां परदेशी होकर रहें; अश्शूरियों ने उन्हें बिना कारण दुःख दिये.”
וְעַתָּ֤ה מִי־לִי־ (מַה־לִּי)־פֹה֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה כִּֽי־לֻקַּ֥ח עַמִּ֖י חִנָּ֑ם מֹשְׁלֹו (מֹשְׁלָ֤יו) יְהֵילִ֙ילוּ֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וְתָמִ֥יד כָּל־הַיֹּ֖ום שְׁמִ֥י מִנֹּאָֽץ׃ 5
याहवेह ने कहा है: “बिना किसी कारण मेरे लोग बंधक बना लिए गए, अब मेरे पास क्या रह गया है,” याहवेह यों कहते हैं. “वे जो उन पर शासन कर रहे हैं, उनको सता रहे हैं, वे पूरे दिन मेरे नाम की निंदा करते हैं.
לָכֵ֛ן יֵדַ֥ע עַמִּ֖י שְׁמִ֑י לָכֵן֙ בַּיֹּ֣ום הַה֔וּא כִּֽי־אֲנִי־ה֥וּא הַֽמְדַבֵּ֖ר הִנֵּֽנִי׃ 6
इस कारण अब मेरी प्रजा मेरे नाम को पहचानेगी; और उन्हें यह मालूम हो जाएगा कि मैं ही हूं, कि मैं ही हूं जो यह कह रहा है. हां, मैं यहां हूं.”
מַה־נָּאו֨וּ עַל־הֶהָרִ֜ים רַגְלֵ֣י מְבַשֵּׂ֗ר מַשְׁמִ֧יעַ שָׁלֹ֛ום מְבַשֵּׂ֥ר טֹ֖וב מַשְׁמִ֣יעַ יְשׁוּעָ֑ה אֹמֵ֥ר לְצִיֹּ֖ון מָלַ֥ךְ אֱלֹהָֽיִךְ׃ 7
पर्वतों पर से आते हुए उनके पैर कैसे शुभ हैं, जो शुभ संदेश ला रहे हैं, जो शांति, और भलाई की बात सुनाते हैं, जो उद्धार की घोषणा करते हैं, तथा ज़ियोन से कहते हैं, “राज्य तुम्हारे परमेश्वर का है!”
קֹ֥ול צֹפַ֛יִךְ נָ֥שְׂאוּ קֹ֖ול יַחְדָּ֣ו יְרַנֵּ֑נוּ כִּ֣י עַ֤יִן בְּעַ֙יִן֙ יִרְא֔וּ בְּשׁ֥וּב יְהוָ֖ה צִיֹּֽון׃ 8
सुनो! तुम्हारे पहरा देनेवाले ऊंचे शब्द से पुकार रहे हैं; वे सभी मिलकर जय जयकार कर रहे हैं. क्योंकि वे देखेंगे, कि याहवेह ज़ियोन को वापस बनाएंगे.
פִּצְח֤וּ רַנְּנוּ֙ יַחְדָּ֔ו חָרְבֹ֖ות יְרוּשָׁלָ֑͏ִם כִּֽי־נִחַ֤ם יְהוָה֙ עַמֹּ֔ו גָּאַ֖ל יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃ 9
हे येरूशलेम के उजड़े स्थानो, तुम उच्च स्वर से जय जयकार करो, क्योंकि याहवेह ने अपने लोगों को शांति दी है, उन्होंने येरूशलेम को छुड़ा दिया है.
חָשַׂ֤ף יְהוָה֙ אֶת־זְרֹ֣ועַ קָדְשֹׁ֔ו לְעֵינֵ֖י כָּל־הַגֹּויִ֑ם וְרָאוּ֙ כָּל־אַפְסֵי־אָ֔רֶץ אֵ֖ת יְשׁוּעַ֥ת אֱלֹהֵֽינוּ׃ ס 10
याहवेह ने अपना पवित्र हाथ सभी देशों को दिखा दिया है, कि पृथ्वी के दूर-दूर देश के सब लोग हमारे परमेश्वर के द्वारा किए गये उद्धार को देखेंगे.
ס֤וּרוּ ס֙וּרוּ֙ צְא֣וּ מִשָּׁ֔ם טָמֵ֖א אַל־תִּגָּ֑עוּ צְא֣וּ מִתֹּוכָ֔הּ הִבָּ֕רוּ נֹשְׂאֵ֖י כְּלֵ֥י יְהוָֽה׃ 11
चले जाओ यहां से! किसी भी अशुद्ध वस्तु को हाथ न लगाओ! तुम जो याहवेह के पात्रों को उठानेवाले हो, नगर के बीच से निकलकर बाहर चले जाओ तथा अपने आपको शुद्ध करो.
כִּ֣י לֹ֤א בְחִפָּזֹון֙ תֵּצֵ֔אוּ וּבִמְנוּסָ֖ה לֹ֣א תֵלֵכ֑וּן כִּֽי־הֹלֵ֤ךְ לִפְנֵיכֶם֙ יְהוָ֔ה וּמְאַסִּפְכֶ֖ם אֱלֹהֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ ס 12
फिर भी तुम बाहर जाने में उतावली न करना न ही तुम ऐसे जाना मानो तुम चल रहे हो; क्योंकि याहवेह तुम्हारे आगे-आगे चलेंगे, तथा इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे पीछे भी रक्षा करते चलेंगे.
הִנֵּ֥ה יַשְׂכִּ֖יל עַבְדִּ֑י יָר֧וּם וְנִשָּׂ֛א וְגָבַ֖הּ מְאֹֽד׃ 13
देखों, मेरा सेवक बढ़ता जाएगा; वह ऊंचा महान और अति महान हो जाएगा.
כַּאֲשֶׁ֨ר שָׁמְמ֤וּ עָלֶ֙יךָ֙ רַבִּ֔ים כֵּן־מִשְׁחַ֥ת מֵאִ֖ישׁ מַרְאֵ֑הוּ וְתֹאֲרֹ֖ו מִבְּנֵ֥י אָדָֽם׃ 14
मेरे लोग जिस प्रकार तुम्हें देखकर चकित हुए— क्योंकि उसका रूप व्यक्ति से तथा उसका डीलडौल मनुष्यों से अधिक बिगड़ चुका था—
כֵּ֤ן יַזֶּה֙ גֹּויִ֣ם רַבִּ֔ים עָלָ֛יו יִקְפְּצ֥וּ מְלָכִ֖ים פִּיהֶ֑ם כִּ֠י אֲשֶׁ֨ר לֹֽא־סֻפַּ֤ר לָהֶם֙ רָא֔וּ וַאֲשֶׁ֥ר לֹֽא־שָׁמְע֖וּ הִתְבֹּונָֽנוּ׃ 15
वैसे ही वह बहुत सी जातियों को छिड़केगा, राजा शांत रहेंगे क्योंकि जो बातें नहीं कही गई थी. वे उनके सामने आएंगी, और जो कुछ उन्होंने नहीं सुना था, उन्हें समझ आ जाएगा.

< יְשַׁעְיָהוּ 52 >